Solution : वन एवं वन्य जीवों का महत्त्व-वन तथा वन्य जीवों के महत्त्व को निम्न बिन्दुओं से स्पष्ट किया जा सकता है Show
वन एवं वन्य जीव संरक्षण निबंध वन्य जीवन का महत्व वन्य जीव संवर्धन वन्य जीव संरक्षण निबंध मराठी वन्य जीव संरक्षण पर निबंध हिंदी में वन्य जीव संरक्षण पर कविता वन्य जीव संरक्षण और जलवायु परिवर्तन पर निबंध Question Tags: vigyan 1 Answers 0 Vote Up Vote Down Sunil Kumar Staff answered 3 years ago वन-जिस विशाल भू-भाग में अनेक प्रकार के वृक्ष अधिक मात्रा में उगते हैं, वन कहलाता है। वन्य-जीवन-वनों में पाए जाने वाले पेड़-पौधे और जंतुओं को सामूहिक रूप से वन्य-जीवन कहते हैं। इस शीर्षक का सीधा अर्थ है, वो सारे प्रयास जो वनो एवम वन्य जीवों को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिय किए जाते है। वन और वन्यजीवन, यह प्रकृती, ही हमारे असतित्व की नींव है। इनका नष्ट एवम विलुप्त होना हमारे लिए खतरे का संकेत है। संरक्षण के प्रयासो द्वारा पेड़, पौधो, पक्षियों की प्रजातीयां सुरक्षित रहती है एवम फलति फूलती है, जो हमारे पर्यावरण के लिए बहुत लाभदायक है। जंगली जानवरों की प्रजातीयां भी सुरक्षित रहे तो यह भी अति उपयोगी है। वन और वन्य जीवन संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Forest and Wildlife in Hindiवन और वन्य जीवन के संरक्षण से हमें क्या लाभ है? What are the Benefits of Conservation of Forest and Wildlife?चूंकी मनुष्य प्रलोभी है, हर कार्य में अपना स्वार्थ देखता है, वन्यजीवन संरक्षण के बारे में भी जब सोचते है तो यही सवाल हमारे मन मे आते है। पानी, हवा, मिट्टि – तीनो ही पर्यावरण के अभिन्न अंग है। पानी जिसे हम पीते है और अनगिनत कार्यों में इस्तेमाल करते है, जिसके बिना हमारे जीवन की कल्पना करना भी संभव नही है। हवा, जिसमें घुला होता है पेड़ो द्वारा निर्मित ऑक्सिजन, जिससे हमारी साँसे चलती है। मिट्टि, वो उपजाऊ मिट्टि जिसमें हम तरह तरह के अनाज, दाले, फल, सब्ज़ीयाँ आदी उगाते है, इन सभी से हमारे शरीर को पोषण मिलता है, स्वास्थ बना रहता है और नित नए व्यंजनो का स्वाद चखते है। वन और वन्य जीवन सुरक्षित रहे तो ये सभी संसाधन हमें पर्याप्त मात्रा में मिलते रहेंगे और हम अपना जीवन व्यापन कर पाऐंगे। सोचिये के अगर इन संसाधनो का नष्टीकरण हुआ तो क्या हालात सामने आ सकते है। पर्यावरण में ही प्रकृती की सच्चि सुंदरता है – हरे हरे लहलहाते बाग़, भिन्न भिन्न प्रकार के पशु पक्षियों की प्रजातीयाँ जो मन मोहती है – यही तो वास्तविक लालित्य है। अगर यही नही बचा तो हमारे पास क्या शेष रह जाऐगा, सूखी बेजान बंजर ज़मीन और ख़राब आबोहवा, मनुष्य द्वारा बनाई गई वस्तुऐ तो सब कृत्रिम है, उनमें वो आँखो को ठंडक देने वाला रंग रूप कहाँ !! वन और वन्य जीवन के संरक्षण की आवश्यकता क्यों? Why Conservation of Forest and Wildlifeवन्यजीवन का नष्टिकरण हम अपने ही हाथों से बिना सोचे समझे भावहीन होकर किए जा रहे है। जंगलो की अंधाधुंध कटाई की जाती है, ताकि हमारी “बहुमुल्य इमारते” खड़ी हो सके। जानवरों का अवैध शिकार तथा माँस खाल कि तस्करी करके मनुष्य अपनी जेंबे तो भर लेता है, पर हृद्य तो खाली ही रहता है। पशुओ के मुलायम रुए से बने वस्त्र बहुत आर्कषित करते है, चाहे इसके लिए किसी बेज़ूबान की जान ही क्यों न लेनी पड़े, इस बात से मनुष्य को कोई फर्क नहीं पड़ता। मनुषय यह नहीं सोचता के इनमें भी जान है, इनको भी कष्ट होता है, बस आँखे मूंद के अपना स्वार्थ पूरा करने में लगा है। इन सभी दुर्भाग्यपूर्ण स्थितीयों पर रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा कई कड़े कदम उठाए जा चुके है। भारत सरकार ने सन 1972 में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम दिया ताकी वन्यजीवों का संरक्षण हो सके तथा उनके अवैध शिकार एवम खाल माँस का व्यापार रोका जा सके। सन 2003 ई. में कानून को संशोधित करके भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 में बदल दिया गया। यह कानून पशु, पक्षि, पौधो की प्रजातीयों के अवैध शिकार एवम व्यापार को रोकने का भरपूर प्रयास करता है। यह कानून जम्मु और कशमीर के क्षेत्र को छोड़कर पूरे भारतवर्ष में लागू होता है। अधिनियम के अनुसार गैरकानूनी शिकार एवम व्यापार एक दण्डनीय अपराध है। विलुप्त होती हुई प्रजातीयों को भी सुरक्षा देने का प्रावधान है। अवैध कार्यकलाप वन विभाग में मौजूदा भ्रष्टाचार को दर्शाते है, अगर निपुणता से कार्य करे तो यह सब संभव ही न हो। सरकार द्वारा कई राज्यों में राष्ट्रीय उद्दान एवम वन्यजीव अभ्यारण स्थापित किए जा चुके है, जो कि सुचारू रूप से आज भी कार्यरत है, लक्ष्य एक ही था और है – वनो और वन्यजीवन को सुरक्षित करना, बचाए रखना। इन समस्याओं को कम करने के लिए सरकार के साथ साथ बहुत सारे गैरसरकारी विभाग भी बढ़ चढ़कर आगे आते है। वन्यजीवन पारीतंत्र का संतुलन बनाए रखता है जिससे प्रकृति में स्थिरता बनी रहती है। वन्यजीवन संरक्षण का एक लक्ष्य यह भी है कि आगे आने वाली पीढीयां भी प्रकृती का आनंद ले सके एवम वन्यजीवों की उपयोगिता, उनके महत्व को समझे। वन एवम वन्यजीवन का खतरे में होना एक चिंता का विषय है, और अभी भी अगर मन को नही झकझोरा, तो शायद बहुत देर हो जाएगी। वन और वन्यजीवन के विनाश से पड़ने वाले प्रभाव Impact of the destruction of forests and wildlifeदेखा जाए तो, आज के मौजूदा दौर में प्रकृती में जितने भी विनाशकारी बदलाव आए, वे सभी मनुष्य की ही देन है। वन्यजीवन के खतरे में होने से हम मनुष्यों एवम अन्य जीवों को क्या हानी है, हमें क्या नुकसान झेलने पड़ सकते है?
एक वन की जब कल्पना करते है, तो मन सोचकर ही प्रसन्न हो जाता है। वो हरा भरा वातावरण, चिड़ियों का चहकना, पशु पक्षियों का डालीयों पर झूलना, मधुमक्खियों तथा तितलीयों का अंबार। वन बाहरी रूप से जितने शांत मालूम पड़ते है, असल में उतने ही जीवंत होते है। वनों एवम वन्यजीवन की महत्वता को देखते हूए, इसके रख रखाव और संरक्षण को अत्यधिक प्राथमिकता देनी चाहिए। यह तथ्य भी स्पष्ट होना चाहिए के वन्यजीवन संरक्षण किसी एक के प्रयासो से संभव नही है, सभी की कड़ी मेहनत से ही अच्छे परिणाम आएंगे। केवल सरकार के सक्रिय होने से कुछ नही होगा, हमें देश का नागरिक होने के नाते अपना कर्तव्य समझना होगा। आज हम विज्ञान के क्षेत्र में इतना आगे बढ़ चुके है, तकनीकी रूप से इतने सक्षम है, क्या हम अपनी बुद्धिमता को पर्यावरण को सुरक्षित करने हेतू उपयोग नही कर सकते। पर्यावरण, जिसके दम पर हमारा जीवन है, अगर उसको ही अपने हाथो से नष्ट करेंगे तो फिर अंत तो दुर्भाग्यपूर्ण ही होगा। वन जीवन से आप क्या समझते हैं?वन्य-जीवन-वनों में पाए जाने वाले पेड़-पौधे और जंतुओं को सामूहिक रूप से वन्य-जीवन कहते हैं।
भारतीय वन्य जीवन क्या है?➡ भारत में प्राणियों की लगभग 75,000 प्रजातियां पायी जाती है । ➡ उनमे 350 स्तनधारी ,1,313 पक्षी , 408 सरीसृप , 197 उभयचर , 2,546 मछलियां , 50,000 कीट , 4,000 मोलस्क तथा अन्य बिना रीढ़ वाले प्राणी है । यह विश्व का कुल 13% है । ➡ स्तनधारी जानवरों में हाथी सबसे अधिक महत्वपूर्ण है ।
वन्य जीवन से हमें क्या प्राप्त होता है?<br> (ii) वन्य प्राणियों से हमें अनेक बहुमूल्य पदार्थ जैसे - कस्तूरी, खाल, ऊन, सींग, फर, मधु, दाँत, वसा आदि प्राप्त होते हैं । <br> (iii) वन्य प्राणी पर्यावरण संतुलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
जंगल में कौन कौन से जीव पाए जाते हैं?चीतल, सांभर, स्लॉथ बीयर,नीलगाउ, चिंकारा, जंगली सूअर, लोमड़ी, जंगली बिल्ली, जंगली कुत्तों आदि. सर्प और पक्षियों की एक किस्म भी देखा जाता है।
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