वर्तमान में सीडीएस कौन है 2022? - vartamaan mein seedeees kaun hai 2022?

जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन के नौ महीने बाद बुधवार को भारतीय सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को दूसरे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया गया. सेना में 40 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले अनिल चौहान पिछले साल ही सेवानिवृत हुए थे. वह सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे.

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जनरल चौहान अपने 40 वर्षों से अधिक के करियर में अनेक कमांड, स्टाफ और सहायक पदों पर रहे हैं और जम्मू-कश्मीर व उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी उन्हें व्यापक अनुभव रहा है.

जनरल चौहान भारत के पहले सीडीएस, पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे. जनरल रावत की पिछले साल 8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी.

दूसरे सीडीएस भी गोरखा राइफल्स से

18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन प्रदान किया गया था. वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. मेजर जनरल के रैंक में उन्होंने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी. बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में, उन्होंने उत्तर-पूर्व में एक कोर की कमान संभाली. जनरल चौहान सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और मई 2021 में सेवा से अपनी सेवानिवृत्ति तक पदभार संभाला.

जनरल चौहान की चुनौतियां

जनरल चौहान के सामने कई अहम चुनौतियां हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकरण को पूरा करना होगा. उन्हें पांच थिएटर कमान बनाने के काम को भी आगे ले जाना होगा. तीसरी बड़ी चुनौती सेना में निजी भागीदारी और स्वदेशी रक्षा खरीद बढ़ाना है. चौथी और सबसे महत्वपूर्ण चुनौती हाल ही में लॉन्च हुई अग्निपथ योजना को सफल बनाना है जिसका खासा विरोध देश में देखने को मिला था. उन्हें सीमा पर चीनी और पाकिस्तानी गतिरोध से भी निपटना होगा.

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देश के नए सीडीएस चौहान पहले लेफ्टिनेंट जनरल हैं जो अब तीनों सेनाओं के प्रमुख के ऊपर होंगे. अनुभव और वरिष्ठता के हिसाब से वे मौजूदा तीनों सेना प्रमुखों से सीनियर हैं.

रक्षा मंत्रालय के बयान के मुताबिक जनरल चौहान महानिदेशक, मिलिट्री ऑपरेशन्स के प्रभार समेत महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों पर भी रहे हैं. इससे पहले उन्होंने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया है. सेना से रिटायर होने के बाद भी, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा. सेना में विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जा चुका है.

India Gets New CDS: देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की मौत के नौ महीने बाद सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (Lt General Anil Chauhan) को देश का नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बना दिया. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान वर्तमान में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में मिलिट्री एडवाइजर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे. 

आइये आपको बताते हैं कि आखिर देश के सीडीएस पद के क्या विशेषाधिकार होते हैं, इस पद की जरूरत क्यों पड़ी. हम ये भी बताएंगे कि देश के सीडीएस को क्या सुविधाएं और भत्ते मिलते हैं.

देश में क्यों पड़ी सीडीएस की जरूरत?
देश में पहली बार इस पद की जरूरत 1999 के कारगिल युद्ध के बाद पड़ी थी. के सुब्रमण्यम कमेटी ने 1999 में भारत सरकार को सिफारिश की थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक ऐसा पद होना चाहिए जो रक्षा मामलों में समय रहते अपेक्षाकृत सही और प्रभावी फैसले ले सके.  इस कमेटी की सिफारिश की आधार पर 2001 कुछ मंत्रियों के समूह ने सीडीएस पद बनाने की आधिकारिक सिफारिश की थी. 

इस सिफारिश के बावजूद कई प्रशासनिक और राजनीतिक वजहों के कारण ऐसा नहीं किया जा सका. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में सरकार के कई विभागों में अहम प्रशासनिक सुधारों को मंजूरी दी. इन सुधारों में एक पद सीडीएस का भी था. 15 अगस्त 2019 में लाल किले से पीएम मोदी ने इस पद के गठन की आधिकारिक घोषणा की 24 दिसंबर 2019 को कैबिनेट ने इस पद के लिए जरूरी मंजूरी दे दी और जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस बने.

क्या होते हैं विशेषाधिकार?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए रक्षा मंत्रालय के अधीन एक नया विभाग बनाया गया है. इस नवनिर्मित विभाग का नाम डिफेंस मिलिट्री डिपार्टमेंट (DMA) है और यह रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है. इस विभाग में कुल 160 विभिन्न रैंक के रक्षा अधिकारियों को अटैच किया गया है. ये जानकारी 03 फरवरी 2020 को संसद के सत्र के दौरान रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में डॉ टी सुब्बारामी रेड्डी को लिखित जवाब में दी थी. उनके विशेषाधिकार निम्नलिखित हैं. 

  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बाकी तीन (थल, वायु और जल सेना) जनरलों में से प्रथम यानी फर्स्ट अमंग इक्वल  (First Among Equal) होगा. उनके पास जरूरत पड़ने पर अपनी अलग एक थिएटर कमांड बनाने का अधिकार होगा.  
  • उनके पास तीनों सेनाओं (थल, वायु और जल सेना) साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित सभी एजेंसियों को सीधे आदेश देने का अधिकार होगा.  
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में रक्षा मंत्री और रक्षा योजना समिति की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद का सदस्य होगा.
  • तीनों सेवाओं के बुनियादी ढांचे, उसकी तकनीक क्षमताओं और अन्य सभी तरह की ऑपरेशनल तैयारियों के बेहतर उपयोग के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. 
  • उनका मुख्य काम सभी रक्षा विभागों के लिए संयुक्त योजना और उनकी आवश्यकताओं के एकीकरण के माध्यम से तीनों सेवाओं के लिए खरीद, प्रशिक्षण और स्टाफिंग में संयुक्तता को बढ़ावा देना होगा.

कितनी होती है सैलरी?
सीडीएस (CDS) को दी जाने वाली सैलरी और भत्ते बाकी तीन सैन्य प्रमुखों को दी जाने वाली सैलरी, भत्ते और सुविधाओं के समान ही होती है. उनका प्रोटोकॉल भी बाकी प्रमुखों के बराबर ही है. गौरतलब है कि देश के सैन्य प्रमुखों को 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह तनख्वाह के साथ अन्य भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं. 

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भारत के नए सीडीएस कौन है 2022?

देश को आज यानी 30 सितंबर 2022 को दूसरा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) मिल गया. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान पदभार ग्रहण कर लिया है.

नया सीडीएस कौन बना है?

लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है. वो बिपिन रावत की जगह लेंगे और देश के दूसरे सीडीएस होंगे. बता दें कि पिछली साल दिसंबर में एक हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से यह पद खाली था.