दल-बदल विरोधी कानून में परिवर्तन की आवश्यकता
प्रिलिम्स के लियेदल-बदल विरोधी कानून, गैर-सरकारी विधेयक, दसवीं अनुसूची Show
मेन्स के लियेदल-बदल विरोधी कानून तथा हाल ही में प्रस्तावित परिवर्तन, गैर-सरकारी सदस्य चर्चा में क्यों?गोवा विधानसभा में विपक्ष के नेता दल-बदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान हेतु केंद्र सरकार को सिफारिश करने के लिये एक गैर-सरकारी सदस्य के प्रस्ताव को पेश करने के लिये तैयार हैं। प्रमुख बिंदुदल-बदल विरोधी कानून के बारे में :
दल-बदल विरोधी कानून से संबंधित मुद्दे:
प्रस्तावित परिवर्तन:
आगे की राह:
स्रोत- इंडियन एक्सप्रेसदल बदल क्या है इस पर नियंत्रण लगाने के लिए भारतीय संविधान में कौन संविधान संशोधन किया गया है?पर यदि किसी पार्टी के एक साथ दो तिहाई सांसद या विधायक (पहले ये संख्या एक तिहाई थी)(2/3) पार्टी छोड़ते हैं तो उन पर ये कानून लागू नहीं होगा पर उन्हें अपना स्वतन्त्र दल बनाने की अनुमति नहीं है वो किसी दूसरे दल में शामिल हो सकते हैं।
भारतीय संसद द्वारा दल बदल विरोधी कानून कौन से संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा बनाया गया है?दल-बदल विरोधी विधेयक 1985 में संसद में पारित किया गया था लेकिन,यह 18 मार्च 1985 को लागू हुआ। दल-बदल विरोधी कानून का प्रावधान भारतीय संविधान की 10 वीं अनुसूची में दिया गया है और इसे 52वें संशोधन अधिनियम द्वारा सम्मिलित किया गया है।
भारत में दल बदल विरोधी कानून कब बना?भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री (1984-1989) राजीव गांधी ने दलबदल की बुराइयों को दूर करने के लिए एक विधेयक की परिकल्पना की थी। भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची को व्यापक रूप से 'दलबदल विरोधी कानून' के रूप में वर्णित किया गया था, जिसे 1985 में भारतीय संविधान के 52वें संशोधन द्वारा पेश किया गया था।
भारत के संविधान के निम्नलिखित में से कौन सी एक अनुसूची में दल बदल विरोधी कानून विषयक प्रावधान है?दल-बदल विरोधी कानून भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में निहित है।
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