हमारे हरि हारिल की लकरी Show हमारे हरि हारिल की लकरी। मन बच क्रम नंदनंद सों उर यह दृढ़ करि पकरी॥ जागत, सोबत, सपने सौंतुख कान्ह-कान्ह जक री। सुनतहि जोग लगत ऐसो अति! ज्यों करुई ककरी॥ सोई व्याधि हमें लै आए देखी सुनी न करी। यह तौ सूर तिन्हैं लै दीजै जिनके मन चकरी॥ गोपियाँ कहती हैं हे उद्धव, हमारे लिए तो श्रीकृष्ण हारिल पक्षी की लकड़ी के समान हैं। जैसे हारिल पक्षी जीते जी अपने चंगुल से उस लकड़ी को नहीं छोड़ता ठीक उसी प्रकार हमारे हृदय ने मनसा, वाचा और कर्मणा श्रीकृष्ण को दृढ़तापूर्वक पकड़ लिया है (यह संकल्प मन, वाणी और कर्म तीनों से है) अतः सोते समय, स्वप्न में तथा प्रत्यक्ष स्थिति में हमारा मन ‘कान्ह’ ‘कान्ह’ की रट लगाया करता है। तुम्हारे योग को सुनने पर हमें ऐसा लगता है जैसे कड़वी ककड़ी। तुम तो हमें वही निर्गुण ब्रह्मोपासना या योग-साधना का रोग देने के लिए यहाँ चले आए। जिसे न कभी देखा और न जिसके बारे में कभी सुना और न कभी इसका अनुभव किया। इस ब्रह्योपासना या योग-साधना का उपदेश तो उसे दीजिए जिसका मन चंचल हो। हम लोगों को इसकी क्या आवश्यकता—हम लोगों का चित्त तो श्रीकृष्ण के प्रेम में पहले ही से दृढतापूर्वक आबद्ध है। स्रोत :
यह पाठ नीचे दिए गये संग्रह में भी शामिल हैAdditional information availableClick on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher. Don’t remind me again OKAY rare Unpublished contentThis ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left. Don’t remind me again OKAY हारिल पक्षी की क्या क्या विशेषताएं बताई गई है?इस पक्षी का आकार 29 सेंटीमीटर से लेकर 33 सेंटीमीटर तक होता है तथा इसका वजन मात्र 225 ग्राम से 260 ग्राम के बीच होता है, यह एक सामाजिक प्राणी है और झुंडो में ही पाए जाते हैं, इनके पंखों का फैलाव 17 से 19 सेंटीमीटर लंबा होता है, इनके शरीर का रंग हल्का पीला हरा होता है जोकि ओलिव के फल से मिलता-जुलता होता है।
हारिल की लकड़ी किसे और क्यों कहा गया है?गोपियाँ कहती हैं हे उद्धव, हमारे लिए तो श्रीकृष्ण हारिल पक्षी की लकड़ी के समान हैं।
हारिल पक्षी क्या खाता है?हरियल शाकाहारी होता है। इसे फल ही पसंद हैं। पीपल के अलावा यह बड़, गूलर, पीपल, अंजीर के पेड़ों के पत्ते ही खाता है। यह बड़ा खाऊ होता है और ठूंस-ठूंसकर पेट भरता है।
हरियल पक्षी कौन सा होता है?हरियाल जिसे अंग्रेजी में Theyellow-footed green pigeon कहते हैं। यह पहली बार भारतीय उपमहाद्वीप में देखने को मिली थी हरियल पक्षी के बारे में कहा जाता है कि यह जमीन पर नहीं बैठता है। हरियाल भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजकीय पक्षी है। यह ट्रेरन फॉनीकॉप्टेरा (Treron phoenicoptera) की प्रजाति की है।
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