Show तुलना करने वाली अलंकार को क्या कहते हैं?उपमा अलंकार
उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाती हैं, तो वहाँ पर उपमा अलंकार होताका प्रयोग किया जाता है।
अलंकार को कितने वर्गों में बांटा जा सकता है?भारतीय साहित्य में अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिशयोक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं। इसके अलावा अन्य अलंकार भी हैं। उपमा आदि के लिए अलंकार शब्द का संकुचित अर्थ में प्रयोग किया गया है।
अलंकार के दो भेद कौन से हैं?अलंकार के भेद
(1) शब्दालंकार– ये वर्णगत, वाक्यगत या शब्दगत होते हैं; जैसे-अनुप्रास, यमक, श्लेष आदि। (2) अर्थालंकार– अर्थालंकार की निर्भरता शब्द पर न होकर शब्द के अर्थ पर आधारित होती है। मुख्यतः उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, दृष्टांत, मानवीकरण आदि मुख्य अर्थालंकार हैं।
उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण क्या है?उत्प्रेक्षा अलंकार के उदाहरण
ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण। इस उदाहरण में कनक का अर्थ धतुरा है। कवि कहता है कि वह धतूरे को ऐसे ले चला मानो कोई भिक्षु सोना ले जा रहा हो। इसमें 'ज्यों' शब्द का इस्तेमाल हो रहा है एवं कनक–उपमेय में स्वर्ण–उपमान के होने कि कल्पना हो रही है।
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