भारत में कनाडा के संविधान से क्या क्या लिया गया है? - bhaarat mein kanaada ke sanvidhaan se kya kya liya gaya hai?

नई दिल्ली:  

भारत का संविधान (Constitution Of India) भारत का सर्वोच्च विधान है. 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान पारित हुआ. 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया. 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जाता है. 26 जनवरी को देश में गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है. भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है. भारत का संविधान (Indian Constitution) दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.

इसमें लगभग 145,000 शब्द हैं, जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सक्रिय संविधान बनाता है. संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) थे. संविधान सभा के सदस्यों ने यह तय किया था कि वह आम सहमति से संविधान का निर्माण करेंगे न कि बहुमत से. डॉ अंवेडकर ने कई देशों के संविधान को पढ़ने के बाद भारत के संविधान को लिखा. आइए जानते हैं कि संविधान से जुड़ी किन-किन चीजों को किन-किन देशों से लिया गया है.

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)

मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया है.

ब्रिटेन (Britain)

भारत के संविधान में ब्रिटेन से संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रिमंडल प्रणाली, परमाधिकार लेख, संसदीय विशेषाधिकार और द्विसदनवाद को लिया गया है.

आयरलैंड (Ireland)

नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा आदि के क्षेत्र में व्यक्तियों को सम्मनित करना आयरलैंड के संविधान से लिया गया है.

ऑस्ट्रेलिया (Australia)

प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, व्यापार-वाणिज्य और संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लेकर भारतीय संविधान में जोड़ा गया है.

जर्मनी (Germany)

जर्मनी के संविधान से आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां, आपातकाल के समय मूल अधिकारों का परिर्वतन जर्मनी से लिया गया है.

साउथ अफ्रीका (South Africa)

संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान, राज्यसभा में सदस्यों का निर्वाचन दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है.

कनाडा (Canada)

संघात्‍मक विशेषताएं, अवशिष्‍ट शक्तियां केंद्र के पास, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति और उच्चतम न्यायालय का परामर्श न्याय निर्णयन जैसी चीजें कनाडा के संविधान से लिया गया है.

सोवियत संघ (Soviet Union)

50 के दशक में रूस सोवियत संघ था. 1991 में सोवियत संघ कई राष्ट्रों में टूट गया. मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान, मूल कर्तव्यों और प्रस्तावना में न्याय (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) का आदर्श सोवियत संघ से लिया गया था.

जापान (Japan)

विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को जापान से लिया गया है.

फ्रांस (France)

गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता, बंधुता के आदर्श का सिद्धांत फ्रांस से लिया गया है.

भारतीय संविधान में कनाडा से क्या लिया?

भारतीय संविधान में अवशिष्ट अधिकार का विचार कनाडा के संविधान से लिया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 248 के अनुसार, संसद के पास कानून बनाने की विशेष शक्ति है जो उन मामलों से संबंधित है जिन्हें समवर्ती सूची और राज्य सूची में शामिल नहीं किया गया है। यह अधिकारों अवशिष्ट अधिकार हैं।

भारतीय संविधान कितने देशों से लिया गया है?

भीमराव अंबेडकर ने विश्व के महत्वपूर्ण 60 देशों के संविधानों का अध्ययन कर भारत का संविधान आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को तैयार किया था। जिस पर संविधान सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।

भारतीय संविधान में अमेरिका से क्या लिया गया है?

मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता को अमेरिका के संविधान से लिया गया

भारतीय संविधान में जापान से क्या लिया गया है?

भारतीय संविधान में 'विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया' (Procedure established by Law) को जापान के संविधान से लिया गया है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।