छतरपुर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।[1][2] विवरण[संपादित करें]विश्व प्रसिद्ध खजुराहो का मंदिर छतरपुर जिले में ही हैं। छतरपुर की पूर्वी सीमा के पास से सिंघाड़ी नदी बहती है। आरंभ में पन्ना सरदारों द्वारा शासित इस नगर पर 18वीं शताब्दी में कुंवर सोने शाह परमार का अधिकार हो गया। यह चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है और वृक्षों, तालाबों तथा नदियों की बहुतायत के कारण अत्यंत दर्शनीय स्थल है। राव सागर, प्रताप सागर और किशोर सागर यहाँ के तीन महत्त्वपूर्ण तालाब हैं। छतरपुर पहले एक देशी राज्य था जो अब एक जिला हैं। इसमें मुख्यत: मैदानी भाग था। जिले की समुद्रतट से औसत ऊँचाई ६०० फुट है। केन यहाँ की प्रमुख नदी है। उर्मिल और कुतुरी उसकी सहायता नदियाँ हैं। यहाँ पुरातत्व की दृष्टि से महत्व के स्थानों में खजुराहो, १८वीं सदी की इमारतें, छतरपुर से १० मील पश्चिम स्थित राजगढ़ के पास एक किले के अवशेष एवं चंदेल द्वारा निर्मित अनेक तालाब हैं। राई, तिल, जौ, मूंगफली, चना, गेहूँ तथा पिपरमिंट यहाँ के मुख्य कृषि उत्पाद हैं। छतरपुर नगर छतरपुर जिले का प्रधान कार्यालय है। यह सागर-कानपुर नेशनल हाईवे और झांसी-खजुराहो फोरलेन पर स्थित है। पहले नगर तीन ओर से दीवारों से घिरा था। नगर के केंद्र में राजमहल तथा अन्य कई अच्छे मकान हैं। यहाँ महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, श्री कृष्णा विश्वविद्यालय, स्नातकोत्तर गर्ल्स डिग्री कालेज तथा अनेक स्कूल हैं। ताँबे के बर्तन, लकड़ी के सामान तथा साबुन निर्माण यहाँ के उद्योगों में प्रमुख हैं। समुद्र की सतह से ऊँचाई १,००० फुट है। नगर के कई तालाबों में रानी तलैया प्रमुख हैं।[3] इतिहास[संपादित करें]छतरपुर की स्थापना 1785 में हुई थी और इसका नाम बुंदेला राजपूत छत्रसाल के नाम पर रखा गया है, जो बुंदेलखंड की आजादी के संस्थापक हैं। उनके वंशजों द्वारा राज्य पर 1785 तक शासन किया गया था। उसके बाद राजपूतों के परमार वंश ने छतरपुर पर अधिकार कर लिया था। ब्रिटिश राज द्वारा 1806 में कुंवर सोने सिंह परवार को राज्य की प्रत्याभूति दी गई थी। 1854 में छतरपुर ब्रिटिश सरकार के व्यपगत का सिद्धान्त के तहत प्रत्यक्ष उत्तराधिकारी के लिए पतित हो गया, लेकिन अनुग्रह के विशेष कार्य के रूप में जगत राज को सम्मानित किया गया था। परमार राजाओं ने 1,118 वर्ग मील (2,900 किमी) के क्षेत्र के साथ एक रियासत पर शासन किया, और 1901 में यहाँ 156,139 की आबादी थी, इस वक्त यह मध्य भारत की बुंदेलखंड एजेंसी का हिस्सा था। इस राज्य में नौगांव का ब्रिटिश छावनी भी था। इस प्रांत में शासन करने वाले राजाओं के नाम निम्न हैं:-
1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद छतरपुर बुंदेलखंड के बाकी हिस्सों के साथ मिलकर, भारतीय राज्य विंध्य प्रदेश का हिस्सा बन गया। बाद में विंध्य प्रदेश को 1956 में मध्य प्रदेश राज्य में मिला दिया गया।[4][5] भौगोलिक स्थिति[संपादित करें]छतरपुर 24.9 ° N 79.6 ° E पर स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 305 मीटर (1,000 फीट) है। यह मध्य प्रदेश की सुदूर उत्तर-पूर्व सीमा पर स्थित है, जो उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है। यह उत्तर प्रदेश में झांसी से 133 किमी और मध्य प्रदेश में ग्वालियर से 233 किमी दूर है।[6] छतरपुर का परिदृश्य दिवाली के वक्त छतरपुर कृषि और खनिज[संपादित करें]यह नगर एक प्रमुख सड़क जंक्शन है और कृषि उत्पादों तथा कपड़ों का व्यापारिक केंद्र है।[7] उद्योग और व्यापार[संपादित करें]इसके आसपास का क्षेत्र धसान तथा केन नदियों के बीच का उपजाऊ मैदान है, जिसके दक्षिण में कहीं-कहीं 450 मीटर तक ऊँची वनाच्छादित पहाड़ियाँ हैं। यहाँ की पुरानी औद्योगिक गतिविधियों में चीनी और नमक का बाज़ार, टाट-पट्टी निर्माण, छोटे पैमाने पर उत्पादित काग़ज, साबुन, पीतल, लोहे के बर्तन और अपरिष्कृत छुरी-कांटे का निर्माण शामिल है। आधुनिक उद्योगों में इनके अलावा क़ालीन, दरी, कंबल, कांसे के बर्तन तथा सोने-चांदी के आभूषण व लकड़ी पर नक़्क़ाशी, प्रलाक्षाकर्म, लाख की वस्तुएं, मोटे सूती वस्त्र ‘गंज़ी’ की बुनाई और कपड़ों पर छपाई का काम शामिल है। जनसंख्या[संपादित करें]2011 की जनगणना के अनुसार छतरपुर नगर की कुल जनसंख्या और ज़िले की कुल जनसंख्या 17,62,852 है। पुरुष जनसंख्या 9,35,870 तथा महिला जनसंख्या 8,26,951 है ! परिवहन[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
छतरपुर का पुराना नाम क्या है?इतिहास छतरपुर की स्थापना 1785 में हुई थी और इसका नाम बुंदेल राजपूत नेता छत्रसाल के नाम पर रखा गया है, जो बुंदेलखंड की आजादी के संस्थापक हैं। उनके वंशजों द्वारा राज्य पर 1785 तक शासन किया गया था। उसके बाद राजपूतों के परवार वंश ने छतरपुर पर अधिकार कर लिया था।
Chhatarpur की स्थापना कब हुई?छतरपुर मध्य प्रदेश राज्य की उत्तर पूर्वी सीमा में स्थित है। यह 1956 में अस्तित्व में आया। छतरपुर 24.06 'से 25.20' उत्तरी अक्षांश और 78.59 'से 80.26' पूर्वी देशांतर में स्थित है। इसमें 8687 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है।
छतरपुर कौन से संभाग में आता है?सागर संभाग के टीकमगढ़-छतरपुर सहित पांचों जिले सूखाग्रस्त घोषित
छतरपुर जिले के कलेक्टर का नाम क्या है?छतरपुर में नए कलेक्टर की नियुक्ति:संदीप जी आर बने छतरपुर के नए कलेक्टर, शीलेन्द्र सिंह का भोपाल ट्रांसफर, जबलपुर में निगम आयुक्त रह चुके हैं संदीप
|