रुपए ने जब कागज का रूप लिया तो क्या लाभ है? - rupe ne jab kaagaj ka roop liya to kya laabh hai?

दुनियाभर में आर्थिक मंदी के संकेत देखने को मिल रहे हैं। लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। इन सबके बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया भी नीचे गिर रहा है। जिसे लेकर समूचा विपक्ष सरकार को घेर रहा है। भारतीय रुपया हर एक भारतीय की जरूरत है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कुछ शहरों डिजिटल रुपया भी लॉन्च किया है। 

भारत में करेंसी के रुप में नोट और सिक्कों दोनों का प्रचलन है। वर्तमान में भारत में क्रय-विक्रय के लिए 10 रुपये, 20 रुपए, 50 रुपये, 100 रुपये, 200 रुपये, 500 रुपये और 2000 रुपये के नोट के अलावा 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये, और 20 रुपये के सिक्के का इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि भारतीय मुद्रा रुपया के इतिहास के बारे में और यह कहां और कैसे छपता है?

शेरशाह ने शुरु किया था रुपया का प्रचलन

भारत में रुपया शब्‍द का प्रयोग सबसे पहले शेर शाह सूरी ने अपने शासन (1540-1545) के दौरान किया था। नोटों को छापने का काम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सिक्कों को ढालने का काम भारत सरकार करती है। सबसे पहले वाटर मार्क वाला नोट 1861 में देश में छपा था। भारतीय करेंसी रुपए पर हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 15 भाषाओं का इस्तेमाल होता है। इसके अलावा भारत सहित आठ देशों की करेंसी को रुपया कहा जाता है।

किस चीज से बनता है भारतीय करेंसी 

भारतीय करेंसी रुपया के लिए आरबीआई द्वारा कॉटन से बने कागज और विशेष तरह की स्‍याही का प्रयोग होता है। इसमें कुछ कागज का प्रोडक्‍शन महाराष्‍ट्र के करेंसी नोट प्रेस और अधिकांश मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद पेपर मिल में होता है। भारती नोट का कागज इसके अलावा दुनिया के चार अन्‍य देशों में तैयार होता है। नोट छापने के लिए जिस ऑफसेट स्‍याही का प्रयोग होता है, उसको मध्यप्रदेश के देवास बैंकनोट प्रेस में बनाया जाता है। वहीं, नोट पर जो उभरी हुई छपाई नजर आती है उसकी स्याही सिक्किम में स्थित स्विस फर्म की यूनिट सिक्पा में तैयार की जाती है।

दुनिया के 4 फर्म में तैयार होता है नोट का कागज​

भारतीय करेंसी रुपए की छपाई के लिए कागज मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद के अलावा दुनिया के चार अन्‍य देश से भी मगांए जाते हैं। 1. फ्रांस की अर्जो विगिज 2. अमेरिका पोर्टल 3. स्‍वीडन का गेन 4. पेपर फैब्रिक्‍स ल्‍युसेंटल। इन जगहों पर छपते हैं भारतीय करेंसी नोट देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है। जिसमें नोट प्रेस देवास (मध्य प्रदेश), नासिक (महाराष्ट्र), सालबोनी (पश्चिम बंगाल) और मैसूर (कर्नाटक) में हैं। देवास नोट प्रेस में साल में 265 करोड़ रुपए के नोट छपते हैं। जिसमें 20, 50, 100, 500, रूपए के नोट छापे जाते हैं। मध्‍यप्रदेश के देवास में ही नोटों में प्रयोग होने वाली स्याही का प्रोडक्‍शन होता है। मध्यप्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्योरिटी पेपर मिल है। नोट छपाई के पेपर होशंगाबाद और विदेश से आते हैं। 1000 रुपए के नोट मैसूर में छपते हैं।

इस तरह होती नोटों की छपाई

भारतीय करेंसी रुपए छापने की प्रक्रिया नोट छापने से पहले विदेश और होशंगाबाद से आई पेपर शीट को एक खास मशीन सायमंटन में डाली जाती है। इसके बाद एक अन्य मशीन जिसे इंटाब्यू कहा जाता है उससे कलर किया जाता है। इसके बाद पेपर शीट पर नोट छप जाते हैं। इस प्रक्रिया के बाद अच्‍छे और खराब नोट की छटनी की जाती है। एक पेपर शीट में करीब 32 से 48 नोट होते हैं। नोट छाटने के बाद उस पर चमकीली स्याही से संख्या मुद्रित की जाती है।

आरबीआई क्‍या करती है कटे-फटे नोटों का?

जब कोई नोट पुराना हो जाता है या फिर से मार्केट में सर्कुलेशन में लाने योग्य नहीं रहता है तो उसे बैंकों के जरिए जमा कर लिया जाता है। इन नोटों को फिर से मार्केट में नहीं भेजकर आरबीआई इसे नष्‍ट कर देती है। पहले इन नोटों को जला दिया जाता था। लेकिन, पर्यावरण को होने वाले नुकसान को ध्‍यान में रखते हुए आरबीआई इन नोटों को विदेश से आयात की गई मशीन से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देती है, जिसे गलाकर ईंट बनाया जाता है, जिसका इस्‍तेमाल कई कामों में होता है।

इसे सुनेंरोकेंकागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता है। कोई भी पौधा या पदार्थ, जिसमें सेल्यूलोस अच्छी मात्रा में हो, कागज बनाने के लिए उपयुक्त हो सकता है। रुई लगभग शुद्ध सेल्यूलोस है, किंतु कागज बनाने में इसका उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि यह महँगी होती है और मुख्य रूप से कपड़ा बनाने के काम में आती है।

कागज का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंकागज मुख्य रूप से लिखने और छपाई के लिए प्रयुक्त होता है। यह वस्तुओं की पैकेजिंग करने के काम भी आता है। मानव सभ्यता के विकास में कागज का बहुत बड़ा योगदान है। गीले तन्तुओं (फाइबर्स्) को दबाकर एवं तत्पश्चात सुखाकर कागज बनाया जाता है।

कागज के अधिक से अधिक उपयोग वाले कार्यों की सूची बनाएं इसे कैसे कम किया जा सकता है इस पर अपने सुझाव लिखिए?

उन कार्यों की सूची जिनके द्वारा आप कागज़ की बचत कर सकते हैं निम्न प्रकार से हैं :

  1. उपयोग किए गए कागज को इकट्ठा करें और इसे पुन: चक्रण करें।
  2. लिखने के लिए कागज के दोनों भाग का उपयोग करें।
  3. कागज के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाएं।
  4. कागज का समझदारी से उपयोग करें।

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कागज का क्या क्या चीज बनता है?

इसे सुनेंरोकेंकागज़ से विभिन्न प्रकार की उपयोगी वस्तुएँ जैसे किताबें ,कापियाँ, कलेंडर, बैग, पतंग, डायरी आदि बनाए जाते हैं। आज कागज का निर्माण मुख्यतः घास, बाँस, लकड़ी, पुराने कपड़ों, गन्ने की खोई से हो रहा हैं।

कागज कौन चीज से बनता है?

इसे सुनेंरोकेंकागज (Kagaj) को बनाने के लिए मुख्य रूप से सेल्यूलोस (Cellulose) का इस्तेमाल किया जाता है जो की पेड़ के लकड़ियों में मौजूद रहता है, सेल्यूलोस चिपचिपा पदार्थ होता है जो की अक्सर पेड़ पौधों में पाया जाता है. सेल्यूलोस के रेसों को जोड़कर कागज की पतली परत का निर्माण किया जाता है.

कागज किसका बना होता है?

इसे सुनेंरोकेंआजकल कागज बनाने के लिए निम्नलिखित वस्तुओं का उपयोग मुख्य रूप से होता है : चिथड़े, कागज की रद्दी, बाँस, विभिन्न पेड़ों की लकड़ी, जैसे स्प्रूस और चीड़, तथा विविध घासें जैसे सबई और एस्पार्टो। भारत में बाँस और सबई घास का उपयोग कागज बनाने में मुख्य रूप से होता है।

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कागज के उपयोग को कैसे कम किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंबेकार कागज की रिसाइक्लिंग की प्रक्रिया में अक्सर पुराने कागज को तोड़ने के लिए पानी और रसायन मिलाए जाते हैं। फिर इसे काटा और गरम किया जाता है जिससे यह सेल्यूलोज में बदल जाता है। इससे मिलने वाले मिश्रण को लुगदी या घोल कहा जाता है। इस स्तर पर गोंद अथवा प्लास्टिक तथा अन्य अशुद्धियाँ दूर करने के लिए इसे छाना जाता है।

रुपए ने जब कागज का रूप लिया तो क्या लाभ हुए?`?

इसे सुनेंरोकेंरुपए के कागज के रूप लेने से वस्तुओं का विनिमय बहुत आसान हो गया। रुपए से पहले मुद्रा धातु के रूप में होती थी, जो कागज की अपेक्षा भारी होती थी, इसलिए अधिक मूल्य की धातु की मुद्रा ले जाने में बेहद कठिनाई होती थी। रुपए के कागज के रूप लेने से मुद्रा का वजन हल्का हो गया, जिससे मुद्रा को ले जाना आसान हो गया।

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कागज का एरोप्लेन कैसे बनाते हैं?

चरण

  1. लेटर साइज पेपर की एक शीट को लंबाई में आधा मोड़ें: प्रिन्टर पेपर की एक ऐसी शीट लें, जो रेक्टेंगल आयताकार हो और इसे एक सपाट सतह पर रखें।
  2. सबसे ऊपरी कोनों को सेंटर क्रीज़ की ओर ले आएँ: जब कागज फिर से सपाट हो जाए, तब किसी एक ऊपरी कोने को लें और एक ट्राएंगल बनाने के लिए इसे आपके द्वारा अभी बनाई हुई क्रीज की ओर मोड़ें।

हमें कागज की बचत क्यों करना चाहिए उन कार्यों की सूची बनाइए जिनके द्वारा आप कागज की बचत कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपौधे एवं जन्तुओ का संरक्षण हमें कागज़ की बचत वनों को बचाने के लिए करनी चाहिए। लगभग 1 टन कागज़ बनाने के लिए 17 वृक्षों की आवश्यकता होती है। कागज़ की बचत से वनों के साथ-साथ हानिकारक रासायनिक पदार्थ, जल तथा ऊर्जा, जो इसको बनाने में प्रयुक्त होते हैं, की भी बचत होती है। (i) पुन: चक्रण जो की लगभग 5-7 बार संभव है।

रुपए ने जब कागज़ का रूप लिया तो क्या लाभ हुए?

रुपए के कागज के रूप लेने से वस्तुओं का विनिमय बहुत आसान हो गया। रुपए से पहले मुद्रा धातु के रूप में होती थी, जो कागज की अपेक्षा भारी होती थी, इसलिए अधिक मूल्य की धातु की मुद्रा ले जाने में बेहद कठिनाई होती थी। रुपए के कागज के रूप लेने से मुद्रा का वजन हल्का हो गया, जिससे मुद्रा को ले जाना आसान हो गया।

यदि रुपए का प्रचलन नहीं होता और रुपए को कागज पर नहीं छापा जाता तो क्या होता है?

उत्तर : यदि रुपए का प्रचलन न होता तो बाजार में वस्तुओं के खरीदने और बेचने में बड़ी कठिनाई होती। वस्तु के बदले वस्तु खरीदने में वस्तु को भार रूप में इधर से उधर लाना और ले जाना पड़ता। साथ ही, व्यापारी द्वारा बदले में ली जाने वाली वस्तु का उचित मूल्य नहीं दिया जाता

कागज का उपयोग कहाँ कहाँ होता है?

Explanation:.
सफाई, फिल्टर पेपर,.
वॉलपेपर, बुक एंड पेपर,.
कंजर्वेशन पेपर, लैमिनेटेड वर्कटॉप्स,.
टॉयलेट टिश्यू, करेंसी और.
सिक्योरिटी पेपर.