टोकरी बनाने के लिए किस प्रकार की खपच्चियों की जरूरत होती है उन्हें कैसे तैयार किया जाता है? - tokaree banaane ke lie kis prakaar kee khapachchiyon kee jaroorat hotee hai unhen kaise taiyaar kiya jaata hai?

Students can prepare for their exams by studying NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 17 साँस-साँस में बाँस was designed by our team of subject expert teachers.

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत के किन राज्यों में बाँस सबसे अधिक होता है?
उत्तर:
भारत के उत्तरी पूर्वी राज्यों में बाँस सबसे अधिक पैदा होता है। नागालैंड के लोग तो बाँस से विभिन्न वस्तुएँ बनाने में उस्ताद हैं।

प्रश्न 2.
जादूगर चंग की चंगलनवा की कब्र के साथ क्या किस्सा जुड़ा है।
उत्तर:
एक जादूगर थे चंग की चंगलनवा। अपने जीवन में उन्होंने कई बड़े-बड़े करतब दिखलाए। जब मरने को हुए तो लोगों से बोले, “मुझे दफनाए जाने के छठे दिन मेरी कब्र खोदकर देखोगे तो कुछ नया-सा पाओगे।” कहा जाता है कहे मुताबिक मौत के छठे दिन उनकी कब्र खोदी गई और उसमें से निकले बाँस की टोकरियों के कई सारे डिज़ाइन। लोगों ने उन्हें देखा, पहले उनकी नकल की और फिर नई डिज़ायनें भी बनाई।

प्रश्न 3.
बाँस से क्या क्या चीज़ों का निर्माण होता है?
उत्तर:
बाँस के द्वारा इलियानुमा टोकरियाँ, चटाइयाँ, टोपियाँ, बरतन, बैलगाड़ियाँ, फर्नीचर, सजावटी सामान, जाल, मकान, पुल और भी न जाने कितनी चीजें बनाई जाती हैं।

प्रश्न 4.
बाँस की वस्तुएँ बनाने के लिए लोग जंगल से किस प्रकार के बाँस इकट्ठा करते हैं?
उत्तर:
बाँस की वस्तुएँ बनाने के लिए लोग एक साल से तीन साल तक के बाँस को काटते हैं। इस अवधि का बाँस थोड़ा नरम होता है। अधिक उम्र के बाँस सख्त होते हैं और जल्दी टूट जाते हैं। जुलाई से अक्टूबर के बीच घमासान बारिश के समय लोग बाँस इकट्ठा करते हैं। यह समय खाली होता है।

प्रश्न 5.
बाँस की खपच्चियाँ कैसी होती हैं व किस प्रकार तैयार की जाती हैं?
उत्तर:
बाँस की खपच्चियाँ आधा इंच तक चौड़ी होती हैं। इससे अधिक चौड़ी खपच्चियाँ किसी काम की नहीं होती। खपच्चियों को चीरकर उन्हें चिकना किया जाता है तभी उनसे टोकरी बनाई जाती है।

प्रश्न 6.
खपच्चियों को किस प्रकार से रंगा जाता है?
उत्तर:
खपच्चियों की रंगाई गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों आदि के रस से रंगी जाती हैं। काले रंग के लिए खपच्चियों को आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।

प्रश्न 7.
बाँस की खपच्चियों से बुनाई किस प्रकार की जाती है?
उत्तर:
बाँस की बुनाई वैसे ही होती है जैसे कोई और बुनाई। पहले खपच्चियों को आड़ा-तिरछा रखा जाता है। फिर बाने को बारी-बारी से ताने के ऊपर-नीचे किया जाता है। इससे चेक का डिज़ाइन बनता है। पलंग की निवाड़ की बुनाई की तरह। टोकरी के सिरे पर खपच्चियों को या तो चोटी की तरह गूंथ लिया जाता है या फिर कटे सिरों को नीचे की ओर मोड़कर फंसा दिया जाता है।

टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को क्या बनाना बहुत जरूरी है?

टोकरी बनाने से पहले खपच्चियों को चिकना बनाना बहुत ज़रूरी है। यहाँ फिर दाओ काम आता है। खपच्ची बाएँ हाथ में होती है दाओ दाएँ हाथ में। दाओ का धारदार सिरा खपच्ची को दबाए रहता है जबकि तर्जनी दाओ के एकदम नीचे होती है।

टोकरी बनाने के लिए कैसे बाँसों को चुना जाता है?

खपच्चियों की लंबाई पहले से ही तय कर ली जाती है। मसलन, आसन जैसी छोटी चीजें बनाने के लिए बाँस को हरेक गठान से काटा जाता है। लेकिन टोकरी बनाने के लिए हो सकता है कि दो, तीन या चार गठानों वाली लंबी खपच्चियाँ काटी जाएँ।

बाँस की चीजें बनाने के लिए एक से तीन साल का बाँस क्यों काटा जाता है *?

बूढ़े बाँस सख्त होते हैं। एक से तीन वर्ष की उम्र वाले बाँस लचीले होते हैं। ऐसे बाँस खपच्चियाँ बनाने के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। प्रश्न 4.

खपच्चियों को काले रंग में रंगने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है?

Solution. खपच्चियों को गुड़हल के फूलों व इमली की पत्तियों आदि के रस से रंगा जाता है। काले रंग के लिए खपच्चियों को आम की छाल में लपेटकर मिट्टी में दबाकर रखा जाता है।