सातवीं शताब्दी में भारत आने वाला विदेशी यात्री कौन था? - saataveen shataabdee mein bhaarat aane vaala videshee yaatree kaun tha?

भारत आने वाले विदेशी यात्री का विवरण –

भारत आने वाले विदेशी यात्री का विवरण निम्न प्रकार है – निर्याकस, मेगस्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग, अलबरूनी। मुख्य रुप से भारत आने वाले यात्रियों में यूनानी यात्री, चीनी यात्री और मुस्लिम यात्री थे।

इनके द्वारा लिखी गई पुस्तकेंं तत्कालीन इतिहास के स्रोत के रूप प्रयुक्त होती है।

सातवीं शताब्दी में भारत आने वाला विदेशी यात्री कौन था? - saataveen shataabdee mein bhaarat aane vaala videshee yaatree kaun tha?
विदेशी यात्री

  A. भारत आने वाले यूनानी यात्री –

भारत आने वाले विदेशी यात्री में यूनानी यात्री प्रमुख है। इन्हे हम तीन भागो मे बाँट कर अध्ययन करेंगे ।

1. सिंकदर से पहले के भारत आये लेखक –

क. हेरोडोटस

हेरोडोटस को इतिहास का पिता कहा जाता है। इन्होने हिस्टोरिका नामक पुस्तक की रचना की।

ख. टेसियस –

            यह ईरानी सम्राट जेरेक्सस का वैद्य था। इसने सिकन्दर के पूर्व के भारतीय समाज के संगठन रीति रिवाज, रहन-सहन इत्यादि का वर्णन किया।

2. सिंकदर के साथ भारत आये लेखक –

क. निर्याकस

ख. आनेसिक्रिटस

ग. अरिस्टोबुलस

ये तीनों लेखक के भारत पर आक्रमण के समय  आये थे।

3. सिकंदर के बाद भारत आये लेखक –

क. मेगस्थनीज

यह सेल्यूकस का राजदूत था जो कि चन्द्रगुप्त मौर्य के शासनकाल मे भारत आया था। इसकी पुस्तक का नाम इण्डिका है।

ख. डाइमेकस –

सीरिया के एण्टियोकस का राजदूत था जो कि अशोक के शासन मे आया।

ग. डायनोसियस –

यह भी सीरिया के एण्टियोकस का राजदूत था जो कि अशोक के शासन में आया।

  B. भारत आने वाले चीनी यात्री –

भारत आने वाले विदेशी यात्री में चीनी यात्री भी प्रमुख थे।

क. फाह्यान –

भारत मे 399-414 ईस्वी तक।  फाह्यान भारत आने वाला पहला चीनी यात्री था, जिसने चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य के समय भारत की यात्रा की थी।

इसने 15 वर्षो तक बौद्ध ग्रन्थों का अध्ययन किया। इसने चांडालोंं की सामाजिक स्थिति का वर्णन किया।

ख. शुंग युन – यह 512-13 ईस्वी मे भारत आया। इसने बंगाल व बिहार की तत्कालीन राजनीतिक, आर्थिक व धार्मिक स्थितियों का वर्णन किया है।

ग. ह्वेनसांग – 629-643 ईस्वी तक। यह हर्षवर्धन के समय भारत आया। इसने 13 साल भारत मे निवास करते हुए नालंदा विश्वविद्यालय मे अध्ययन किया।

कुछ समय हर्ष के दरबार में रहा। इसने हर्ष को शिलादित्य की उपाधि से विभूषित किया। इसकी पुस्तक सि-यू-की है।

घ. इत्सिंग – यह 671-695 ईस्वी तक। यह चीनी बौद्ध यात्री जो नालन्दा विश्वविद्यालय मे अध्ययनरत रहा तथा त्रिपिटको की 400 प्रतियाँ अपने साथ ले गया।

च. माल्वेन लिन – 7 वीं शताब्दी मे भारत आया। इसने  हर्षवर्धन की पूर्वी भारत के आक्रमण अभियान का वर्णन किया है।

छ. चाउ-जू-कुआँ

यह 1125-1254 ईस्वी तक भारत मे रहा। इसकी रचना चू-फान-ची मे 13 वीं शताब्दी के चीनी – अरबी व्यापार पर प्रकाश डाला है।

  C. भारत आने वाले मुस्लिम यात्री –

भारत आने वाले विदेशी यात्री मे मुस्लिम यात्री भी प्रमुख थे। ये 9 वीं शताब्दी मे भारत आये।

क. इने खुर्दादब – 

यह 864 ईस्वी मे भारत आया। इसकी रचना किताबुल – मसालिक – बल – ममालिक है।

जिसमे 9 वीं शताब्दी के समय के राजनीतिक , सामाजिक दशा, संचार मार्गों व राज्यों का वर्णन किया है।

ख. सुलेमान –

9वीं शताब्दी मे भारत आया। इसकी पुस्तक सिलसिला उत्ततवारीख है।

इसने राजपूत राज्यों का वर्णन किया है। इसने बंगाल के प्रसिद्ध मखमल की प्रसंशा की है । इसने फारस की खाडी़ से भारत होकर चीन की यात्रा की।

ग. अल मसूदी – 

यह 957 ईस्वी मे भारत आया। यह बगदाद का रहने वाला था।

इसने इराक, भारत, एशिया माइनर, सूडान, चीन, अरमेनिया, तिब्बत देेशों का  भ्रमण किया। इसकी पुस्तक महरूल जहान है।

घ. अलबरूनी

यह 1024-1030 ईस्वी मे भारत आया। यह महमूद गजनवी के सोमनाथ आक्रमण के समय भारत आया।

महान गणित एवं ज्योतिषविद था। जिसने 4 जातियों का उल्लेख करते हुए शूद्रो की सबसे वृहद् वर्णन किया है। इसकी पुस्तकं तहकीकाक-ए-हिंद, किताबुुल-हिंंद है।

     ***भारत आने वाले विदेशी यात्री***

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1. इण्डिका के लेखक कौन है –

क. मेगस्थनीज               ख. अलबरूनी

ग. इत्सिंग                      घ. टेसियस

Ans : मेगस्थनीज.

2. सि-यू-की पुस्तक के लेखक कौन है –

क. फाह्यान                     ख. ह्वेनसांग

ग. माल्वेन लिन                घ. इत्सिंग

Ans : ह्वेनसांग

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सातवीं शताब्दी ईस्वी में भारत आने वाला विदेशी यात्री कौन था?

ह्वेनसांग 7वीं सदी में भारत आया और उसने बुद्ध के जीवन से जुड़े सभी पवित्र स्थलों का भ्रमण किया और उपमहाद्वीप के पूर्व एवं पश्चिम से लगे इलाकों की यात्रा की. 5. ह्वेनसांग (Hiuen Tsang) ने बौद्ध धर्मग्रंथों का संस्कृत से चीनी अनुवाद किया और चीन में बौद्ध चेतना मत की स्थापना की.

भारत आने वाले प्रथम विदेशी यात्री का नाम क्या है?

Fa-Hien एक विदेशी दूत है जो चंद्रगुप्त द्वितीय के समय भारत का दौरा किया, जिसे विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है। वह एक चीनी तीर्थयात्री था। फा-हियान भारत जाने वाले पहले चीनी तीर्थयात्री थे।

पाटलिपुत्र आने वाले विदेशी यात्री कौन कौन थे?

यूरोपियों यात्रियों में राल्च फिच, एडवर्ड टेरी मैनरीक, जॉन मार्शल, पीटर मुण्डी मचुकी, टैबेमियर, बॉरी और विशप हेवर ने अपने यात्रा वृतान्त में बिहार के सम्बन्ध में वर्णन किया है। मेगस्थनीज, डायमेक्स तथा डायोनिसियस आदि को यूनानी शासकों द्वारा पाटलिपुत्र के मौर्य दरबार में भेजे गये थे

प्राचीन भारत में कौन कौन से विदेशी यात्री आए थे?

भारत आने वाले विदेशी यात्रियों की सूची | List of foreign travelers visiting India.