शूलपाणि का पर्यायवाचीशूलपाणि का पर्यायवाची क्या है? Show
शिव, महादेव। जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन शब्दों को ‘पर्यायवाची शब्द’ अथवा ‘समानार्थी शब्द’ कहते हैं। हिन्दी एक समृद्ध भाषा है, यही कारण है कि हिन्दी में प्रत्येक शब्द के लिए एक से अधिक शब्द उपलब्ध हैं। ध्यान दें – प्रत्येक शब्द की महत्ता विषय के अनुसार होती है। एक ही शब्द के पर्यायवाची समय और विषय के अनुसार अलग-अलग अर्थ प्रकट कर सकते हैं। शूलपाणि शब्द के पर्यायवाची अथवा समानार्थी शब्दों के अर्थ जानने के लिए शब्दों पर क्लिक करें; वर्णक्रमानुसार शब्दों की सूची – विज्ञापनों को व्यक्तिगत बनाने और वेब यातायात के आंकड़े प्राप्त करने के लिए Educalingo कुकीज़ का उपयोग किया जाता है। हम अपने सोशल मीडिया, विज्ञापन और एनालिटिक्स भागीदारों के साथ भी साइट के उपयोग के बारे में जानकारी साझा करते हैं। "शूलपाणि" शब्दकोश में हिन्दी का अर्थशूलपाणि का उच्चारणहिन्दी में शूलपाणि का क्या अर्थ होता है?हिन्दीशब्दकोश में शूलपाणि की परिभाषाशूलपाणि संज्ञा पुं० [सं०] हाथ में शूल धारण करनेवाले, शिव । महादेव । शब्द जिसकी शूलपाणि के साथ तुकबंदी हैहिन्दी में शूलपाणि के पर्यायवाची और विलोम«शूलपाणि» शब्द का 25 भाषाओं में अनुवादका अनुवाद शूलपाणिहमारे हिन्दी बहुभाषी अनुवादक के साथ शूलपाणि का 25 भाषाओं में अनुवाद ढूंढ़ें।. इस अनुभाग में प्रस्तुत हिन्दी इस अनुभाग में प्रस्तुत शूलपाणि अनुवाद स्वचालित सांख्यिकीय अनुवाद के माध्यम से प्राप्त किए गए हैं; जहां आवश्यक अनुवाद इकाई हिन्दी में «शूलपाणि» शब्द है। अनुवादक हिन्दी - चीनीSulpani 1,325 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - स्पैनिशSulpani 570 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - अंग्रेज़ीSulpani 510 मिलियन बोलने वाले लोग हिन्दीशूलपाणि 380 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - अरबीSulpani 280 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - रूसीSulpani 278 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - पुर्तगालीSulpani 270 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - बांग्लाSulpani 260 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - फ़्रेंचSulpani 220 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - मलयSulpani 190 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - जर्मनSulpani 180 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - जापानीSulpani 130 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - कोरियनSulpani 85 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - जैवेनीज़Sulpani 85 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - वियतनामीSulpani 80 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - तमिलSulpani 75 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - मराठीSulpani 75 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - तुर्कSulpani 70 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - इटैलियनSulpani 65 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - पोलिशSulpani 50 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - यूक्रेनियनSulpani 40 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - रोमेनियनSulpani 30 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - ग्रीकSulpani 15 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - अफ़्रीकांसSulpani 14 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - स्वीडिशSulpani 10 मिलियन बोलने वाले लोग अनुवादक हिन्दी - नॉर्वेजियनSulpani 5 मिलियन बोलने वाले लोग शूलपाणि के उपयोग का रुझान«शूलपाणि» पद के उपयोग की प्रवृत्तियांऊपर दर्शाया गया नक्शा अलग-अलग देशों में «शूलपाणि» पद के उपयोग की आवृत्ति प्रदान करता है। हिन्दी साहित्य, उद्धरणों और समाचारों में शूलपाणि के बारे में उपयोग के उदाहरणहिन्दी किताबें जो «शूलपाणि» से संबंधित हैंनिम्नलिखित ग्रंथसूची चयनों में शूलपाणि का उपयोग पता करें। शूलपाणि aसे संबंधित किताबें और हिन्दी साहित्य में उसके उपयोग का संदर्भ प्रदान करने वाले उनके संक्षिप्त सार।. 1 Jainadharma aura Bihāra - Page 169 दृश्य में महावीर शूलपाणि यक्ष के आयतन में बैठे हैं। जैन परम्परा में उल्लेख है कि महावीर संध्या समय अस्थिग्राम पहुंचे और नगर के बाहर शूलपापि1 यक्ष के आयतन में ही रुक गये। लोगों ने ... 2 Jaya vardhamāna: nāṭaka अस्थिक ग्राम के एक चैत्य में शूलपाणि नामक एक यक्ष रहता था 1 उस चैत्य में वह किसी को नहीं ठहरने देता था : एक बार एक मुनि वहाँ ठहरने के लिए पहुँचे । शूलपाणि ने उनके शरीर के टुकडे-टुकडे ... 3 Tīrthankara Bhagawān Mahāvīra Illustrated इस से शूलपाणि क्रुद्ध हो गया, मन ही मन बोला कि–सभीने आग्रहपूर्वक निषेध किया, फिर भी अपनी शक्ति पर निर्भर रहनेवाला यह कितना ढीठ-वृष्ट मनुष्य है? यह तो मेरे समक्ष चुनौती है। अब मैं ... Gokuladāsa Kāpaḍiyā, 1974 4 Anuttara Yogī Tīrthaṅkara Mahāvīra - Volume 2 यह शूलपाणि यक्ष का मन्दिर है । कोई भी मनुष्य यहाँ राविवास करे, तो वह सवेरे जीवित नहीं निकलता है । यक्ष का कोपभाजन हो कर वह मौत के वाट उतार दिया जाता है । . . "भले, हब आपके आवास के लिए ... Vīrendrakumāra Jaina, 1993 5 Himācala Pradeśa: aitihāsika aura sāṃskṛtika adhyayana - Page 68 क्या शूलिशग्राम और शूलपाणि बन्दर से यह संभावना नहीं उत्पन्न होती कि शूलिशगाम के दानकर्ता शूलिक राजा ही हों ? (लिक अनुमाना: हूणों से पहले किन्तु शक, कुषाण और पलवल के पश्चात् ... Padmacandra Kāśyapa, 1981 6 Mahābhāratakālīna samāja ३ राजा सगर ने निकी, शूलपाणि, व्यम्बक तथा बल के नाम से उमापति की आराधना की थी 1इन्द्र ने अवुन को महादेव की उपासना का उपदेश देते हुए कहा था-वह भूतेश शिव, ऋक्ष एवं शूलधर है ।"५ अतीत ... Sukhamaẏa Bhaṭṭācārya, 1966 7 Śrīvishṇusahasranāmacintanikā: mūla śloka, Hindī anuvāda, ... म्हणोनि शूलपाणि जपताहे वारंवार। 'हे भगवन् विट्ठल, त्रिवार तुम्हारा नाम ही एक सार है। इस लिए शूलपाणि शंकर उसी का जाप करता रहता है'। उस आदिनाथ से गुरुशिष्य परंपरा से चले आये इस ... Kundara Baḷavanta Divāṇa, 2007 8 Pitrbhaktitarangini : Pam. ... एकोपवासेहुंच्छी पणा: : श्रीपद" शुद्रबीपरें ब्राह्मप्यादिनिषेधवैयशयत्दिति शूलपाणि: है ज्ञान, (हिशम, र अभ्यासे प्रेयविचत्तावृत्ति: 1: : सकू-त: शुद्रोडिअटामान्नभीजने ब्राह्म' ... 9 Bhagavāna Mahāvīra kā ahiṃsā darśana संगम देव की तरह शूलपाणि यज्ञ ने भी भगवान महावीर को बहुत कष्ट दिये थे : जिसे सुनने मात्र से आत्मा करिपत होती है : भगवान विहार करते-करते अस्थि ग्राम में पहुंचे और शूलपाणि यज्ञ के ... 10 Nigaṇṭha jñātaputta: Śramaṇa Bhagvāna Mahāvīra kī jīvanī ग्रामवासियों का विस्वास था कि वह बैल ही मर कर वहाँ शूलपाणि यक्ष के रूप में उत्पन्न हुआ और उसी के कोप से गाँव उजड़ गया । अतएव उन्होंने उस शूलपाणि यक्ष को तुम् करने के लिए वहाँ पर ... «शूलपाणि» पद को शामिल करने वाली समाचार सामग्रियांइसका पता लगाएं कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रेस ने निम्नलिखित समाचार सामग्रियों के बारे में क्या चर्चा की है और इस संदर्भ में शूलपाणि पद का कैसे उपयोग किया है। भगवान शिव हमेशा क्यों रखते थे त्रिशूल त्रिशूल धारण करने से ही भगवान शिव, शूलपाणि यानी त्रिशूल धारण करने वाले देवता के रूप में भी वंदनीय है। भगवान शिव के त्रिशूल रखने के पीछे धार्मिक दर्शन है कि त्रिशूल घातक और अचूक हथियार तो है, किंतु सांसारिक नजरिए से यह कल्याणकारी है, ... «Patrika, मई 14» वासंतिक नवरात्र बहुविध महिमा शूलपाणि और रघुनंदन नामक निबंधकारों ने वाचस्पति मिश्र की रचना 'कृत्य चिंतामणि' का हवाला देकर लिखा है कि 'ब्रह्मïवैवर्त पुराण' में उल्लिखित है कि चैत्र शुक्लाष्टमी एवं नवमी को पहले-पहल राजा-सुरथ ने देवी जी की अर्चा की थी; फिर रावण का वध ... «Dainiktribune, मार्च 12» संदर्भ « EDUCALINGO. शूलपाणि [ऑनलाइन] उपलब्ध <https://educalingo.com/hi/dic-hi/sulapani>. सितंबर 2022 ».
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