मंगलसूत्र नहीं पहनने से क्या होता है? - mangalasootr nahin pahanane se kya hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • ई-पेपर

मंगलसूत्र नहीं पहनने से क्या होता है? - mangalasootr nahin pahanane se kya hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • Jeevan mantra
  • Dharm
  • Benefits Of Mangalsutra

सिर्फ पति को ही नहीं, पत्नी को भी गुरु-शनि के दोषों और बुरी नजर से बचाता है मंगलसूत्र

रिलिजन डेस्क। हर विवाहित महिला के लिए के लिए गले में मंगलसूत्र बांधना अनिवार्य परंपरा है। इसके बिना स्त्री का पूरा श्रृंगार नहीं हो सकता है। मंगलसूत्र को पति के भाग्य और आयु से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता है कि पत्नी के गले में बंधा मंगलसूत्र पति को बुरे समय से बचाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मंगलसूत्र सिर्फ पति ही नहीं, बल्कि पत्नी को भी ग्रह दोषों से और बुरी नजर से बचाता है। जानिए मंगलसूत्र से जुड़ी 5 ऐसी बातें, जिनका ध्यान महिलाओं को रखना चाहिए...
पहली बात : ज्योतिष में गुरु ग्रह को वैवाहिक जीवन का कारक माना जाता है। इस ग्रह की शुभ-अशुभ स्थिति से पति-पत्नी के जीवन में बदलाव हो सकते हैं। साथ ही, शनि ग्रह की स्थिति भी महत्व रखती है। सोना गुरु की धातु है, काले मोती शनि से संबंधित है। मंगलसूत्र सोने के पेंडल और काले मोतियों से मिलकर बना होता है। इसे गले में पहनने से गुरु और शनि के दोष दूर होते हैं।
दूसरी बात : कभी भी किसी अन्य महिला से मांगकर मंगलसूत्र नहीं पहनना चाहिए। साथ ही, अपना मंगलसूत्र किसी को देना नहीं चाहिए। ये वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
तीसरी बात : काले मोती महिला को बुरी नजर से बचाते हैं। इसीलिए मंगलसूत्र को छिपाना नहीं चाहिए।

चौथी बात : मंगलसूत्र को कभी भी उतारना नहीं चाहिए। अगर किसी वजह से इसे उतारना पड़े तो गले में कम से कम एक काला धागा जरूर बांधना चाहिए।
पांचवीं बात : काफी महिलाएं लाल मोतियों वाला मंगलसूत्र धारण करती हैं। लाला मोती वाला मंगलसूत्र पहनने से मंगल ग्रह के दोषों को दूर किया जा सकता है।

मंगलसूत्र पहनने से क्या होता है?

मंगलसूत्र को विवाह का प्रतीक चिन्ह और सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए विवाह के बाद सुहागन स्त्रियां इसे श्रद्धापूर्वक गले में धारण करती हैं। महिलाएं इसे अपने से अलग तभी करती हैं जब पति इस दुनिया में न हो या दोनों के बीच संबंध समाप्त हो जाए। मंगलसूत्र धारण करने का यह नियम परंपरागत तौर पर सदियों से चला आ रहा है।

मंगलसूत्र टूटने से क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंहर स्त्री को मंगलसूत्र विवाह पर पति द्वारा पहनाया जाता है जिसे वह स्त्री पति की मृत्यु पर ही उतार कर पति को अर्पित करती है। उसके पूर्व किसी भी परिस्थिति में मंगलसूत्र को उतारना मना है। इसका खोना या टूटना अपशकुन माना गया है।

मंगलसूत्र क्यों पहनती हैं महिलाएं?

विवाहित महिलाएं इसलिए पहनती हैं मंगलसूत्र * ऐसा माना जाता है कि विवाहित स्त्री के मंगलसूत्र में इतनी शक्ति होती है कि इससे सुहागन स्त्री के पति पर आने वाली विपत्तियां दूर होती हैं. * मंगलसूत्र को प्रेम का प्रतीक माना जाता है, पति-पत्नी में उम्रभर प्रेम बना रहे इसलिए दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाया जाता है.

मंगलसूत्र कब खरीदना चाहिए?

सबसे जरूरी यह है कि मंगलसूत्र स्वयं पत्नी या पति द्वारा खरीदा हुआ होना चाहिए, किसी तीसरे के द्वारा नहीं। साथ मंगलवार के दिन मंगलसूत्र नहीं खरीदना चाहिए। इसे अपशगुन माना गया है। सुहागिन महिला द्वारा मंगलसूत्र पहनने से पहले इसे माता पार्वती को अर्पित करना चाहिए