शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से क्या फल मिलता है? - shivaling par ganne ka ras chadhaane se kya phal milata hai?

मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य घनश्याम रतूड़ी ने शनिवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर रूद्राभिषेक की महिमा तथा फल के बारे बताते हुए कहा कि भू-लोक वासियों को दुखी व पीड़ित देखकर द्रवित सनकादि ऋषियों ने मानव के कल्याण के लिए त्रिशूलधारी शिव के पास जाकर उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना की। भोलेनाथ ने कलिकाल में अल्प परिश्रम, अल्प धन तथा अल्प समय में सभी कष्टों के निवारण के लिए रूद्राभिषेक का महत्व बताया। महाशिवरात्रि पर गन्ने के रस से शिव की पूजा से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

उन्होंने कहा कि श्रद्धापूर्वक रूद्राभिषेक के प्रभाव से निर्धन भी कुबेर के समान धनवान, मुर्ख बृहस्पति के समान प्रवक्ता, बंदी बंधन मुक्त, भयभीत प्राणी निर्भय और रोगी रोग मुक्त हो जाता हैं। मानव के सभी असंभव कार्य शिवजी की कृपा से संभव हो जाते हैं। महाशिवरात्रि पर रूद्राभिषेक करने वाले मानव के सभी मनोरथ पूरे हो जाते हैं व मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। कल्याण चाहने वाले मानव को मन, वाणी व कर्म से पवित्र होकर भगवान शिव का रूद्राभिषेक करना चाहिए। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से रूद्राभिषेक करने पर उसका फल भी विभिन्न मिलते हैं।

रतूड़ी ने कहा कि शिव शंकर की इत्र, व गुलाब जल से पूजा करने पर सुंदर वर मिलता हैं, जल से रूद्राभिषेक करने से सुवृष्टि होती हैं। दूध से पुत्र प्राप्ति, दही से पशु धन लाभ, गन्ने के रस से लक्ष्मी की प्राप्ति, धृत व मधु से अर्थ व सभी कामनाओं की पूर्ति, तेल धारा से रोग नाश, तीर्थ के जल से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।

हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। ये महीना भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति भोलेनाथ की आराधना पूरी श्रद्धा से करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। सावन के महीने में लोग भोले भंडारी को प्रसन्न करने के लिए घरों और मंदिरों में कई अनुष्ठान का आयोजन करते हैं जिसमें रुद्राभिषेक का खास महत्व है। रुद्राभिषेक अलग-अलग संकल्प के साथ किया जाता है। रुद्राभिषेक करने के अलावा लोग मंदिरों में शिवलिंग पर दूध भी चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है भोलेनाथ को दूध के साथ गन्ने का रस चढ़ाना भी अच्छा होता है। शिव जी को गन्ने का रस बहुत पसंद है। इसका इस्तेमाल रुद्राभिषेक में भी किया जाता है। इसलिए अगर आप रोजाना इससे शिवलिंग पर चढ़ाएं तो आपको रुद्राभिषेक जैसा ही फल मिलेगा।

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शिव पुराण में कहा गया है कि रुद्राभिषेक वैसे तो प्रत्येक कष्ट को हर लेता है और इसको करवाने से आपके जीवन में सुख आता है। लेकिन रुद्राभिषेक करवाते समय द्रव का विशेष ध्यान रखना चाहिए शिव पुराण के अनुसार आप जिस भी उद्देश्य से रुद्राभिषेक करवा रहे हैं आपको उसी द्रव के साथ रुद्राभिषेक करवाना चाहिए। वही हर एक चीज के अभिषेक का अलग महत्व है।

रुद्राभिषेक करने से लाभ

  • गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन में बढ़ोतरी होती है।
  • शिवलिंग का जलाभिषेक करने से बारिश होती है।
  • कुश घास की पत्तियों से युक्त जल से रुद्राभिषेक करें। ऐसा करने से रोगों से मुक्त मिलती है।
  • शहद से रुद्राभिषेक करने पर पापों का नाश होता है।
  • घी से रुद्राभिषेक करने पर वंश वृद्धि होती है।
  • तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करने से मोक्ष मिलता है।
  • रोगों से छुटकारा पाने के लिए इत्र का भी इस्तेमाल होता है।
  • दूध से रुद्राभिषेक करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।
  • जय या फिर गंगाजल से रुद्राभिषेक करने से बुखार कम होता है।
  • सरसों के तेल से रुद्राभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है।
  • चीनी से मिले दूध से रुद्राभिषेक करने पर बुद्धि तेज होती है।

     शिवशंकर की पूजा –

    सावन के माह में देवों के देव महादेव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। इस दौरान पूजन की शुरूआत महादेव के अभिषेक के साथ की जाती है। अभिषेक में महादेव को जल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, गंगाजल, गन्ना रस आदि से स्नान कराया जाता है। अभिषेक के बाद बेलपत्र, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, नीलकमल, जंवाफूल कनेर, राई फूल आदि से शिवजी को प्रसन्न किया जाता है। इसके साथ की भोग के रूप में धतूरा, भाँग और श्रीफल महादेव को चढ़ाया जाता है।

    शिवलिंग पर अक्सर जल और बिल्वपत्र तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ अर्पित किया जाता है। शिवजी का कई प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। सभी तरह के अभिषेक का अलग-अलग फल दिया गया है। शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है? जानिए-

    जलेन वृष्टिमाप्नोति व्याधिशांत्यै कुशोदकै।

    दध्ना च पशुकामाय श्रिया इक्षुरसेन वै।।

    मध्वाज्येन धनार्थी स्यान्मुमुक्षुस्तीर्थवारिणा।

    पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।

    बन्ध्या वा काकबंध्या वा मृतवत्सा यांगना।

    जवरप्रकोपशांत्यर्थम् जलधारा शिवप्रिया।।

    घृतधारा शिवे कार्या यावन्मन्त्रसहस्त्रकम्।

    तदा वंशस्यविस्तारो जायते नात्र संशय:।।

    प्रमेह रोग शांत्यर्थम् प्राप्नुयात मान्सेप्सितम।

    केवलं दुग्धधारा च वदा कार्या विशेषत:।।

    शर्करा मिश्रिता तत्र यदा बुद्धिर्जडा भवेत्।

    श्रेष्ठा बुद्धिर्भवेत्तस्य कृपया शङ्करस्य च!!

    सार्षपेनैव तैलेन शत्रुनाशो भवेदिह!

    पापक्षयार्थी मधुना निर्व्याधि: सर्पिषा तथा।।

    जीवनार्थी तू पयसा श्रीकामीक्षुरसेन वै।

    पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा।।

    महलिंगाभिषेकेन सुप्रीत: शंकरो मुदा।

    कुर्याद्विधानं रुद्राणां यजुर्वेद्विनिर्मितम्।

    - जल से रुद्राभिषेक करने पर वृष्टि होती है।

    - कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है।

    - दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है।

    - गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

    - मधुयुक्त जल से अभिषेक करने पर धनवृद्धि होती है।

    - तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    - इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोग नष्ट होते हैं।

    - दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी। प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

    - गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है।

    - दूध-शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है।

    - घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है।

    - सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रुओं का नाश होता है।

    - शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं।

    1. शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।

    2. तिल चढ़ाने से समस्त पापों का नाश होता है।

    3. शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से लंबे समय से चली रही परेशानी दूर होती है।

    4. शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है।

    5. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से परिवार के किसी सदस्य का तेज बुखार कम हो जाने की मान्यता है।

    6. शिवलिंग पर दूध में चीनी मिलाकर चढ़ाने से बच्चों का मस्तिष्क तेज होता है।

    7. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।

    8. शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से मनुष्य को भौतिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

    9. शिवलिंग पर शहद अर्पित करना करने से टीबी या मधुमेह की समस्या में राहत मिलती है।

    10. शिवलिंग पर गाय के दूध से बना शुद्ध देसी घी चढ़ाने से शारीरिक दुर्बलता से मुक्ति मिलती है।

    11. शिवलिंग पर आंकड़े के फूल चढ़ाने से सांसारिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

    गन्ने का रस शिवलिंग पर चढ़ाने से क्या होता है?

    एक मान्यता है कि शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा बरसती है और भक्त की गरीबी दूर होती है।

    गन्ने के रस से अभिषेक करने से क्या लाभ होता है?

    रुद्राभिषेक करने से लाभ.
    गन्ने के रस से अभिषेक करने पर धन में बढ़ोतरी होती है।.
    शिवलिंग का जलाभिषेक करने से बारिश होती है।.
    कुश घास की पत्तियों से युक्त जल से रुद्राभिषेक करें। ... .
    शहद से रुद्राभिषेक करने पर पापों का नाश होता है।.
    घी से रुद्राभिषेक करने पर वंश वृद्धि होती है।.
    तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करने से मोक्ष मिलता है।.

    शिवलिंग पर कौन सा फल चढ़ाना चाहिए?

    मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा धतूरे के फल और फूलों के बिना अधूरी है। शिवलिंग पर धतूरे का फल और फूल चढ़ाने से मनुष्य को दुखों से छुटकारा मिलता है।

    शिवलिंग पर चीनी चढ़ाने से क्या लाभ होता है?

    शिवलिंग पर चीनी चढ़ाना भी शुभ माना गया है. कहते हैं कि शिवलिंग पर चीनी अर्पित करने से घर में कभी यश, वैभव और कीर्ति की कमी नहीं होती. केसर से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शास्त्रों के अनुसार लाल केसर से शिवजी को तिलक करने से जीवन में सौम्यता आती है.