शनिवार को कहीं जाना चाहिए कि नहीं - shanivaar ko kaheen jaana chaahie ki nahin

हिंदी न्यूज़ धर्मShaniwar Upay: आज शनिवार को इन 5 राशियों के जातक भूलकर भी न करें ये काम, शनिदेव हो सकते हैं नाराज

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। कहते हैं कि जिस व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा दृष्टि होती है, उसे जीवन में किसी चीज का अभाव नहीं होता है। जानें शनिवार को क्या नहीं करना चाहिए-

शनिवार को कहीं जाना चाहिए कि नहीं - shanivaar ko kaheen jaana chaahie ki nahin

Saumya Tiwariलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 28 May 2022 10:12 AM

Saturday Upay: शास्त्रों के अनुसार, शनिवार का दिन भगवान शनि और काल भैरव की पूजा की जाती है। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से शनि की साढ़े साती व शनि ढैय्या से मुक्ति मिलती है। संकटों से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव की उपासना करना लाभकारी होता है। मान्यता है कि शनिदेव अच्छे कर्म करने वाले जातक को शुभ परिणाम व बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को दंडित करते हैं। माना जाता है कि कुंडली में शनि की स्थिति जितनी मजबूत होती है, व्यक्ति को उतना ही सुख मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, शनिवार के दिन कुछ ऐसे काम भी हैं, जिन्हें करने से शनिदेव रुष्ठ हो सकते हैं। जानिए शनिवार के दिन किन कामों से बचना चाहिए-

इन राशियों के जातक रखें ध्यान-

वर्तमान में शनि कुंभ राशि में संचार कर रहे हैं। शनि के कुंभ राशि में आने से मीन, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है। जबकि कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या चल रही है। ऐसे में इन पांच राशियों के जातकों शनिवार को शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए।

शनिवार के दिन न करें ये काम- शनिवार के दिन तिल या सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पितृदोष लगता है। शास्त्रों के अनुसार, शनिवार के दिन सरसों के तेल या तिल के तेल का दान करना शनिवार को शुभ माना जाता है।

महिलाएं न धोएं बाल- शनिवार के दिन महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, शनिवार के दिन बाल धोने से शनि ग्रह का बुरा असर पड़ता है।

 जून में शनि चलेंगे उल्टी चाल, इन राशि वालों के लिए समय भारी

लोहे से संबंधित चीजें न खरीदें- शनिवार के दिन लोहे से संबंधित चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। मान्यता है कि शनिदेव का अस्त्र लोहा है। ऐसे में शनिवार के दिन लोहा खरीदने से शनिदेव का बुरा प्रभाव पड़ता है। इस दिन लोहे की चीजें खरीदनी नहीं बल्कि दान करना चाहिए।

नमक न खरीदें- वास्तु शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन नमक नहीं खरीदना चाहिए. माना जाता है कि नमक खरीदने से कर्ज बढ़ता है।

मांस मदिरा का सेवन- शनिवार के दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इस मांस-मदिरा का सेवन करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं।

जानें कब और कैसे हुआ था शनिदेव का जन्म, पढ़ें शनि जयंती की कथा

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

शनिवार को कहीं जाना चाहिए कि नहीं - shanivaar ko kaheen jaana chaahie ki nahin

किसी भी तरह की यात्रा के प्रारंभ में ही हमें जान लेना चाहिए कि कौन-सी दिशा शुभ है और कौन-सी अशुभ। पूर्व दिशा : इस

किसी भी तरह की यात्रा के प्रारंभ में ही हमें जान लेना चाहिए कि कौन-सी दिशा शुभ है और कौन-सी अशुभ।

पूर्व दिशा : इस दिशा में सोमवार और शनिवार को दिशा शूल दोष होता है। इन दिनों में पूर्व दिशा में यात्रा करना अशुभ होता है।

पश्चिम दिशा : इस दिशा में रविवार तथा शुक्रवार को दिशा शूल दोष होता है। यह अशुभ होता है।

और ये भी पढ़े

  • शनिवार को कहीं जाना चाहिए कि नहीं - shanivaar ko kaheen jaana chaahie ki nahin

    मासिक दुर्गाष्टमी: आज इन राशियों के शत्रुओं को मिलेगी हार

  • शनिवार को कहीं जाना चाहिए कि नहीं - shanivaar ko kaheen jaana chaahie ki nahin

    Tarot Card Rashifal (1st November, 2022):  टैरो कार्ड्स से करें अपने भविष्य के दर्शन

  • शनिवार को कहीं जाना चाहिए कि नहीं - shanivaar ko kaheen jaana chaahie ki nahin

    लव राशिफल 1 नवंबर- मिले हम इस तरह की दौड़ जाएं नस-नस में बिजलियां

दक्षिण दिशा :  इस दिशा में वीरवार को यात्रा करना ठीक नहीं होता।

उत्तर दिशा : मंगल और बुधवार के दिन उत्तर दिशा में यात्रा करना अमंगलकारी होता है।

ऐसे में यात्रा करना जरूरी हो तो उसका भी ज्योतिष में निदान दिया गया है। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार प्रतिदिन दिशा शूल का प्रभाव दिन में 12 बजे तक ही रहता है। 12 बजे के बाद दिशा शूल दोष का प्रभाव कम हो जाता है। जैसे उत्तर दिशा में मंगल और बुधवार को दिशा शूल दोष है और यात्रा करना भी जरूरी है तो यात्रा प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में प्रारंभ कर देनी चाहिए तथा प्रारंभ करने से पूर्व कुछ खा अवश्य लेना चाहिए।


यात्रा विधि : यात्रा प्रारंभ करने से पहले दाहिने पैर को सर्व प्रथम उठाकर यात्रा दिशा में 32 कदम चल कर यात्रा करने के साधन (वाहन) में बैठकर तिल, घी, तांबे का पात्र दान करना चाहिए। 

यात्रा के दौरान ठहरने का नियम
शाास्त्रानुसार यात्रा के समय 3 से 5 दिन तक ही कहीं भी रुकना चाहिए।

यात्रा के समय त्याज्य वस्तु
दुग्धं त्याज्यं पूर्वमेव त्रिरात्रं क्षौरं त्याज्यं पंचरात्रंच
क्षौदतैलम् वासरेकिस्मन् वमिश्चत्याज्यम् पूर्वम्
त्यानप्र मिपालेन नूनम।

यात्रा प्रारंभ करने से तीन दिन पहले दूध व यात्रा के दिन में शहद, तेल छोड़ देने चाहिएं।


यात्रा पूर्व शुभ शकुन
यात्रा प्रारंभ करते ही हमें ब्राह्मण, घोड़ा, हाथी, फल, अन्न, दूध, दही, गौ, सरसों, कमल, श्वेत व, मयूर, जलपूर्ण कलश, मिट्टी, कन्या, रत्न, पगड़ी, सफेद बैल, संतान सहित स्त्री, मछली, पालकी, वेदध्वनि आदि सामने नजर आएं तो ये सब शुभ संकेत देने वाले होते हैं। 

यात्रा पूर्व अशुभ शकुन
यात्रा प्रारंभ करते ही हड्डी, सांप, नमक, आग, जली हुई लकड़ी, सादी सूखी लकड़ी, शत्रु, रोगी मनुष्य, खुले केश वाला मनुष्य, अंगहीन मनुष्य, छींक, काला कपड़ा आदि सामने हो तो यात्रा रोक देनी चाहिए और पांच या 10 मिनट रुक कर यात्रा पुन: प्रारंभ  करनी चाहिए। लंबी यात्राओं के दौरान प्रतिदिन सायंकाल हनुमान जी के मंत्रों का स्मरण, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। 


इससे आपकी यात्रा अधिक सुखद और आसान हो जाती है। चारधाम या तीन धाम आदि यात्राएं लंबी होती हैं। इन यात्राओं से पूर्व हमारे घर के निकट हनुमान मंदिर हो या भैरव मंदिर हो तो दोनों में से किसी एक मंदिर पर चोला जरूर चढ़ाना चाहिए।
 

शनिवार को कौन सी दिशा में नहीं जाना चाहिए?

ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने पर दिशाशूल लगता है। दिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए

कौन से वार को यात्रा नहीं करनी चाहिए?

दिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार को दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है।

शनिवार को क्या खाकर यात्रा करना चाहिए?

मंगलवार के दिन गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल के सेवन करके यात्रा शुरू करनी चाहिए. गुरुवार को दही और शुक्रवार को जौ खाकर या दूध पीकर यात्रा पर निकलना अच्छा रहता है. शनिवार के दिन उड़द या अदरक खाकर यात्रा पर निकलें. इसके अलावा रविवार के दिन घी या दलिया का सेवन कर यात्रा करनी चाहिए.

बृहस्पतिवार को कौन सी दिशा में नहीं जाना चाहिए?

बुधवार और शनिवार को उत्तर-पूर्व कोण में दिशा शूल होता है। गुरुवार को दक्षिण दिशा में दिशा शूल माना जाता है। इसलिए गुरुवार को दक्षिण दिशा की तरफ जाने से बचें। अगर फिर भी जरूरी हो तो उपाय के तौर पर दही खाकर घर से बाहर जाएं।