संविदा शिक्षक भर्ती नियम 2011 PDF - sanvida shikshak bhartee niyam 2011 pdf

2011 में हुई थी परीक्षा
43 हजार

पद हैं संविदा शाला शिक्षक के

15 हजार

पद हैं वर्दी परीक्षा ग्रुप के प्रदेश में

12 हजार

पदों पर विभिन्न विभागों में होनी है भर्ती

वर्ष 2011 में मप्र में संविदा शिक्षक परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा के दो साल बाद तक भर्ती प्रक्रिया चलती रही। आगामी परीक्षा वर्ष 2014 में होना थी, लेकिन आज तक यह परीक्षा आयोजित नहीं की जा सकी है। इस कारण हजारों आवेदक तो इस भर्ती के लिए ओवरएज भी हो गए हैं। पहले यह परीक्षा ऑफलाइन होती थी, इस कारण एक ही दिन में परीक्षा प्रदेशभर में आयोजित की जा सकती थी, लेकिन अब ऑनलाइन होने के कारण 12 से 14 लाख आवेदकों की परीक्षा एक साथ नहीं हो सकेगी। इस कारण परीक्षा के लिए एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा।

इंदौर/ग्वालियर डीबी स्टार

प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड ने वर्ष 2017 के कैलेंडर में मौजूद संविदा शिक्षक वर्ग एक, दो व तीन परीक्षा अगले साल कराने का निर्णय लिया है। संविदा वर्ग एक के 11 हजार, दो के 15 हजार व वर्ग तीन के 18 हजार पद अब ठीक चुनाव से पहले भरे जाएंगे।

इसके अलावा आबकारी, पुलिस व परिवहन अारक्षक के 15 हजार पद की परीक्षा चुनाव से पहले ही कराई जाएंगी। डीबी स्टार ने इस मामले में बोर्ड के अफसरों से बात की, तो उन्होंने बताया कि संविदा शिक्षक परीक्षा जाे जून, अगस्त व सितंबर में होनी थी, वह वर्ष 2018 के प्रारंभ में शुरू की जाएंगी। अभी प्रदेश के 20 से अधिक विभागों में 70 हजार से अधिक विभिन्न पदों के लिए परीक्षा आयोजित की जाना है।

चुनाव में वोट बैंक बढ़ाने

के लिए शासन ने टाली भर्ती
चुनाव के कारण बढ़ा रहे हैं डेट
विधानसभा चुनाव मेंं लाभ लेने के चक्कर में सरकार युवाओं के साथ अन्याय कर रही है। पीईबी के कैलेंडर में संविदा शिक्षक भर्ती की डेट देखकर आवेदकों ने तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन कुछ समय पहले यह डेट हटा ली गई।  पवन कुमार रजक, आवेदक, संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा

परीक्षा में अभी समय लगेगा
स्कूल शिक्षा विभाग ने संविदा शिक्षक परीक्षा का प्रस्ताव तो भेज दिया था, लेकिन रूल बुक नहीं भेजी। इस कारण इन परीक्षाओं की डेट वेबसाइट से हटा ली हैं। अब यह परीक्षा अगले साल आयोजित की जाएंगी। अन्य विभागों की परीक्षाएं भी बाद में होंगी।  एके भदौरिया, परीक्षा नियंत्रक, प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड

भोपाल। जहां एक ओर संविदा शिक्षक भर्ती घोटाला प्रकाश में आया है वहीं दूसरी ओर कुछ अभ्यर्थियों ने स्वयं को योग्य बताते हुए अपने साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नियमानुसार वे पात्र हैं परंतु मध्यप्रदेश में सिर्फ उनके लिए नियम बदल दिए गए।

हम यहां ऐसे पात्र अभ्यर्थियों द्वारा भोपाल समाचार को भेजे गए शिकायती ईमेल को यथावत प्रकाशित कर रहे हैं। आप भी पढ़िए क्या मामला है यह:—

प्रति,

श्रीमान् मुख्यमंत्री महोदय,

म.प्र. शासन, भोपाल

विषय-संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 एवं वर्ग-3 में योग्य प्रशिक्षित अभ्याथिर्याे को गलत तरीके से बाहर किये जाने वावत्।

महोदय,

उपरोक्त विषयांतर्गत निवेदन है कि सभी योग्य पात्र अभ्याथिर्याे को प्रथम चरण की भर्ती के दौरान गलत नियमों का हवाला देकर हम लोगों का भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया, जबकि भारत सरकार के राजपत्र 29 अगस्त 2011 को मध्य प्रदेश को अति पिछड़े राज्य में मानते हुये न्यूनतम योग्यता हायर सेकेण्डरी एवं स्नातक में पर 45 प्रतिशत बी.एड. और डीएड भर्ती करने के लिये छूट दी गयी थी किन्तु आपके प्रशासनिक अधिकारियों की गलत नीतियों एवं धोखाधड़ी के कारण हम सभी 45 प्रतिशत योग्य अभ्याथियों भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गये जबकि 2008 तक न्यूनतम योग्यता 45 प्रतिशत पर ही भर्ती किया गया था।

आज भारत के सभी राज्यों एवं सीटीईटी, यूपीटीईटी, सीटीईटी, यूटीईटी 45 प्रतिशत बी.एड. और डी.एड. पर ही भर्ती किया जाता रहा है।

महोदय हम लोग मार्च से लेकर आचार संहिता के लगने तक आप से एवं लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल एवं पूर्व शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस से कई बार निवेदन किया किन्तु हमेशा निराशा ही हाथ लगी, तो भी लोक शिक्षण संचालनालय के संबंधित अधिकारी श्री एस.के. धोटे प्रभारी संविदा शिक्षक भर्ती ने गलत नियम बनावाकर हम लोग बाहर कर दिया।

जबकि कभी हम अभ्याथिर्यों हाईकोट से मदद लेनी चाहिये तो लोक शिक्षण संचालनालय ने कई लोगों को गुमराह करते हुये हम लोगों की मदद नहीं लेनी दी, कोर्ट में झूठा प्रतिवेदन देकर की भारत सरकार ने अभी मध्यप्रदेश को 45 प्रतिशत वालों की भर्ती करने की अनुमति प्रदान नहीं की जबकि केन्द्र सरकार वर्ष 2011 में ही मध्य प्रदेश को अति पिछड़ा राज्य मानते हुये यह झूठ दे चुकी है।

अतः श्रीमान् आपसे नम्र निवेदन है कि हम सभी पात्र न्यूनतम हायर सेकेण्डरी एवं स्नातक में 45 प्रतिशत डी.एड. एव बी.एड. की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का कष्ट करें।

धोखाधड़ी जालसाजी के मुख्य बिन्दु-

1-    भारत के राजपत्र 2 अगस्त 2011 का गजट नोटीफिकेशन में बिना किसी परमीशन के मनमाना संशोधन किया गया जिसमें विकलांग एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. का आरक्षण हटाया गया एवं स्नातक द्विवर्षीय डिप्लोमा वाले नियम को हटाकर 2002 विनिमय वाली तलवार को लटकाया गया जिससे हजारो पात्र डिग्रीधारों अभ्यार्थियों को बेरोजगार एवं दर-दर की ठोकरे खाने की छोड दिया गया।

2-    जो भर्ती प्रथम काउंसलिंग द्वारा हो सकती थी उस भर्ती के दो चरण बनाये गये। प्रथम चरण और द्वितीय चरण सिर्फ भ्रष्टाचार षणयंत्र कारी चरण चलाया गया क्योंकि इसमें वे सभी अपात्र उम्मीदवार जो की भ्रष्ट मंत्री बड़े-बड़े अफसरों नेताओं के द्वारा गलत तरीके से पास करवाये गये थे, उनको नियुक्ति दिलाने तक ढेंका लिया गया था, सबसे अंदर की बात बताऊ तो ये थी कि 2011 में व्यापम में अयोग्य उम्मीदवारों को पास करवाने को ठेंका तो था ही परन्तु उन्हें लगा की वे उम्मीदवार तो प्रशिक्षित नहीं है तब उन्हें डी.एड./बी.एड. दो वर्षो मंे कराया गया और भर्ती को लगातार इतना लेट किया गया जिससे सिफारश और लाखों रूपये जो उम्मीदवार मंत्रियों, अधिकारियों को खिला चुके थे, उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो सके और टीचर बन सके।

प्रमाण के तौर पर 2011 संविदा शाला शिक्षक व्यायम ने आॅनलाईन आवेदन मांगे गये थे जिसमें भर्ती के नियमों में से एक नियम यह था कि वो ही अभ्यर्थी संविदा शाला शिक्षक बनने के योग्य है जो 2011 की स्थिति में डी.एड., बी.एड. प्रशिक्षित हो। पर इस नियम को तोड़कर 2013 में पास डी.एड., बी.एड. वाले उम्मीदवार इसलिये ही भर्ती किये गये।

3-    जब कोई गजट नोटिफिकेशन में बदलाव किया जाता है, तो नियम बनाते समय सभी लोगों की आम राय आपत्ति मांगी जाती है जो कि नहीं मांगी गई और राजमत्र मंे मनमाना संशोधन किया गया।

4-    भर्ती में एस.सी.,एस.टी.,ओ.बी.सी. को कोर्ट से राहत 5 प्रतिशत की दी गई तब लोक शिक्षण संचालनालय भर्ती प्रभारी एस.बी. धोटे एवं शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस की मिली भगत एवं लापरवाही से आरक्षण वाले पद निरंक रखे गये ताकि कोई एस.सी.,एस.टी.,ओ.बी.सी. गलती से नियुक्ति न पा सके जबकि म.प्र. मध्यप्रदेश लेवल पर हजारों की संख्या मंे पद रिक्त थे जिन्हें जानबूझकर लोड/मंजूर नहीं किया गया जो आज भी खाली पड़े है।

5-    दिनांक 07-2012 लगातार आठ महीनांे से हजारों अभ्याथिर्यों ने विरोध प्रदर्शन किया गया परन्तु इसकी आवाज मुख्यमंत्री के कानां तक न पहुंचे। उसके लिये डी.पी.आई. के आला अफसरांे ने प्रलोभन कहा गया कि तुम्हारी नियुक्ति तो हम सभी करने वाले थे, परन्तु मुख्यमंत्री महोदय ने इसकी परमीशन नहीं दी।

अतः म.प्र. के सभी जिलांे के गरीब योग्य इंटर, स्नातक 45 प्रतिशत डी.एड., बी.एड., वाले अभ्याथिर्यों के साथ जो अन्याय हुआ है उसका बदला न्याय के देवता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को भ्रष्ट सरकारी उच्च पद पर आसीन अफसरों को दण्ड देकर हायर सेकेण्डरी, स्नातक 45 प्रतिशत पास ट्रेेंड अभ्याथिर्यों की नियुक्ति दिला कर भर्ती कराने की कृपा करें।

नाम- फिरोज खांन, रामेश्वर रजक, जयप्रकाश दुबे 9630908517 (टी.), राजू शर्मा 07566893493 (छतरपुर), बलवीर (मुरैना) 9039065102, दिनेश  वैरागी (गुना) आदि।

दिनांक- 19.12.2013