भारत में क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होता है? - bhaarat mein kredit kaard dhaarak kee mrtyu hone par kya hota hai?

Aapni News, New Delhi

इस पोस्ट में हम आपको यह बताने जा रहे है कि अगर किसी किसान ने किसान क्रेडिट कार्ड बनवा रखा है और उस किसान की मौत हो जाती है तो ऐसी स्थिति में उसके वंशजों की क्या जिम्मेवारी बनती है और उस पर बैंक का क्या अधिकार है?

किसान क्रेडिट कार्ड योजना का मुख्य कारण किसानों को फसलों से होने वाले नुकसान से बचाना और साथ ही किसानां की आय में वृद्धि करना और फसलों को बेहतर बनाता है। क्या आपने कभी सोचा है की अगर कोई किसान लोन लेता है और उस किसान की मृत्यु हो जाती है तो किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होगा और किसान को दिए गये लोन को बैंक वापस कैसे लेगा और कैसे वसूल करेगा। किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने के बाद आवेदक को दिए गये लोन का क्या होता है? और बैंक अपना पैसा कैसे वापस वसूल करता है? इस पोस्ट में हम आपको किसान क्रेडिट कार्ड योजनाए के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे है।

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किसान क्रेडिट कार्ड धारक को मिलने वाले लोन की लिमिट व नियम के बारे में जानें पूरी डिटेल

किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना अब पहले से काफी ज्यादा आसान हो चुका है। पीएम किसान योजना से जुड़े लाखों किसानों ने अब तक केसीसी कार्ड बनवा लिया है। आपको बता दें कि किसानों को इस कार्ड की मदद से 3 लाख तक का ऋण आसानी से मिल सकता है, जिससे उन्हें खेती-किसानी के कार्यों को करने में काफी सहायता मिल जाती है।


केंद्र सरकार द्वारा पशुपालन, मछली पालन या कृषि कार्यों से जुड़े लोगों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना की सुविधा मिल रही है, जिसके कारण किसानों को 3 लाख रुपये तक का लोन अपने नजदीकी बैंक से लोन लेने का अधिकार दिया गया है। इस कर्ज पर सरकार द्वारा किसानों को सालाना ब्याज दर पर छूट भी दी जाती है।


किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होगा? पढ़िये पुरी जानकारी

अगर किसान की किसी कारण से मृत्यु हो जाती है तो उसके बाद उनके उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी होती है कि वह उस लोन को समय पर चुकाए। अगर कोई आवेदक लोन चुकाने में असमर्थ है तो उस स्थिती में बैंक 3 तरह से एक्शन लेता है। बैंक किस तरह से एक्शन लेता है उसके बारे में आगे बताया गया है पढिये पूरी जानकारी

किसान क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु होने पर क्या होगा?

सिबिल विभाग को सूचना देना

किसी भी ग्राहक को लोन किस प्रकार से दिया जाता है उसके बारे में जानकारी सबसे पहले सिबिल को होती है। सिबिल एक विभाग होता है उसमें सभी तरह के लोन और क्रेडिट कार्ड के रिकॉर्ड का ब्यौरा होता है।   


अगर कोई ग्राहक या आवेदक के वंशज लोन नही भरते हैं तो उस स्थिति में बैंक सबसे पहले उसकी जानकारी सिबिल विभाग को देता है। उसके बाद सिबिल विभाग एक नोट बना के उसमे डाल देता है। इसके बाद कोई भी बैंक आपको लोन और क्रेडिट कार्ड नही देता है।

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बैंक सबसे पहले आपकी पूरी डिटेल को सिबिल रिपोर्ट में भेजता है। उसके बाद बैंक उस ग्राहक से या अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उस स्थिति में उसके वंशज से संपर्क करता है और वह उनसे  ैमजजसमउमदज करने का आप्शन देता है।

बैंक कोशिश करता है कि ग्राहक उसे लोन का पैसा वापस समय पर देदे और बैंक व ग्राहकों को भी ज्यादा नुकसान ना हो। और बैंक व ग्राहक दोनों का समय भी बचे। बैंक यह कोशिश करता है की वो ग्राहक से जितना पैसा वापस ले सकते है उतना ही सही है।

अगर कोई ग्राहक उसके बाद भी पैसा वापिस नही देता है तो उस स्थिति में बैंक 3 रास्ते को अपना लेंता है। वह 3 रास्ता थोडा अलग है और बैंक इसमें कानूनी सहायता लेता है।

अगर कोई ग्राहक या उसका वंशज पैसा वापिस नही चुकाता है तो उस स्थिति में बैंक अंत में कानूनी प्रक्रिया का सहारा लेता है और उस प्रॉपर्टी या जमीन को जिस पर किसान ने लोन लिया है उसको नीलाम करता है।

बैंक ने अगर एक बार प्रॉपर्टी को नीलाम करने का प्रोसेस करना शुरू कर दिया तो उसके बाद वो प्रॉपर्टी नीलाम होकर ही रहती है। उस प्रॉपर्टी से जितने भी पैसे आते है प्रॉपर्टी की नीलामी के बाद भी अगर बैंक का पैसा पूरा नही होता है तो वो दूसरी चीज़ों को भी नीलाम करता है जैसे अन्य प्रॉपर्टी या सोना या जेवरात इत्यादि देकर भी पैसा वापिस वसूल किया जाता है।

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किसान क्रेडिट कार्ड क्या होता है? जानिए पूरी डिटेल

केसीसी, एक तरह से बैंक द्वारा दिया जाने वाला ही क्रेडिट कार्ड होता है, लेकिन इसके पीछे भारत सरकार की योजना भी काम करती है। आपको ये जानकर काफी अच्छा लगेगा कि किसान क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले तीन लाख तक के लोन पर महज 4 प्रतिशत के आस पास ब्याज चुकाना पड़ता है। जबकि ऐसे अगर आप बैंक से लोन लेने जायेंगे तो 14 से 16 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर ही लोन मिलता है।

केसीसी से छोटे किसानों को मिल रहा लाभ, जाने पूंरी डिटेल

छोटे किसानों के लिए यह योजना भी बहुत लाभदायक हो रही है। इसके कारण सरकार एक तरह से किसानों को आर्थिक सुविधा देती है। इस योजना के तहत पीएम किसान योजना का लाभ उठाने वाले सभी किसान क्रेडिट कार्ड बनवा सकते हैं। जिसकी लिमिट 3 लाख रुपये तक की होती है।

किसान क्रेडिट कार्ड लोन की मदद से कृषि और खेती के दौरान जरूरत पड़ने वाली चीजों को जैसे बीज, उर्वरक इत्यादि खरीद सकते है। इसके बाद इस राशि को बैंक को वापस समय पर चुकाना पड़ता है।  

किसान क्रेडिट लोन किस तरह का लोन होता है?

वह भले ही एक सरकारी योजना हो परन्तु योजना के साथ ही यह एक प्रकार का लोन भी है। यह लोन आपको बैंक की तरफ से दिया जाता है। इस योजना का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। किसान क्रेडिट कार्ड एक तरह से सुरक्षित लोन है।

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सुरक्षित लोन क्या होता है? जानिए पूरी डिटेल  

सुरक्षित लोन वो होता है जिसको लेने के बदले में आवेदक किसी भी तरह की कोई गारंटी या अपनी कोई चीज़ जैसे प्रॉपर्टी गिरवी रखनी पड़ती है। अगर कोई आवेदक किसान क्रेडिट कार्ड लेता है तो उसके इसके बदले में अपने जमीन गिरवी रखनी पड़ती है। इस तरह के लोन को बैंक आसानी से रिकवर कर देता है वहीं इस प्रकार से लोन में कोई समस्या नही आती ।

आवेदक क्या ध्यान रखे?

अगर कोई किसान लोन लेता है तो उसके बाद उसको एक ही सलाह ही जाती है की उस लोन को वापस समय पर चुकाने का प्रयास करें। अगर समय पर लोन चुकता नहीं करते है तो इसके कारण आपको ही नुकसान होता है। एक तो इससे बैंक में आपकी स्थिति ख़राब हो सकती है और भविष्य में आपको किसी भी तरह का लोन नही दिया जाता है। दूसरा की आपकी प्रॉपर्टी पर भी खतरा रहता है।

क्या होगा अगर क्रेडिट कार्ड धारक की मृत्यु हो गई?

साथियों, जान लीजिए कि यदि किसी क्रेडिट कार्ड होल्डर ने अपने क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया है और इसे चुकाए बगैर उसकी मृत्यु हो जाती है तो क्रेडिट कार्ड की बकाया रकम मृतक के उत्तराधिकारी को चुकानी होगी। इसमें कोई रियायत नहीं होती‌।

अगर किसी की मृत्यु हो जाए तो उनके लोन का क्या होता है किसे देने होते हैं बाकी पैसे?

लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद इसके भुगतान की जिम्मेदारी को-एप्लिकेंट की ही होती है. इसके अलावा कई बैंकों में लोन लेते वक्त ही एक इंश्योरेंस करवा दिया जाता है और अगर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो बैंक इंश्योरेंस के माध्यम से इसे वसूल लेता है.

मरने के बाद पर्सनल लोन का क्या होता है?

वही उस व्यक्ति के मरने के बाद उसके दायित्वों का भी उत्तराधिकारी माना जाता है। अब आप समझ गए होंगे कि अगर कोई व्यक्ति personal loan प्राप्त करता है और उसकी अचानक दुर्घटना या किसी बीमारी या किसी भी कारणवश मौत हो जाए तो उसके loan को चुकाने की responsibility उस व्यक्ति के उत्तराधिकार पर होता है।

लोन माफ कैसे करें?

अगर आप सत्यापन में एक किसान पाए जाते हैं, तभी आपका लोन माफी को मंजूरी मिलता है, इसी योजना को लोन माफी योजना कहा जाता है। इससे आपको साफ पता चल गया होगा कि लोन केवल सीमांत और किसानों का ही माफ किया जाता है। वह भी इसकी घोषणा जब राज्य सरकार या केंद्र सरकार की ओर से की जाती है, तभी लोन माफ किया जाता है।

बैंक का लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है?

बैंक की तरफ से लोन लेने वाले को लोन को चुकाने के लिए काफी समय दिया जाता है. लेकिन अगर लोन लेने वाला व्यक्ति फिर भी कर्ज नहीं चुका पाता है, तो बैंक उसे रिमाइंडर और नोटिस भेजता है. इसके बाद भी अगर ऋण लेने वाला व्‍यक्ति लोन का भुगतान नहीं करता, तब बैंक उसकी प्रॉपर्टी को कब्‍जे में लेता है और इसके बाद नीलामी करता है.

1 एकड़ जमीन पर कितना लोन मिल सकता है?

सरकार किसानों को एक एकड़ जमीन पर 30,000 तक का लोन देता है , लेकिन इसके लिए किसान के पास किसान क्रेडिट कार्ड होना आवश्यक है। क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सरकार 50,000 से लेकर 3,00,000 तक का लोन देते हैं , यानि एक अकड़ जमीन पर 30000 और 10 बीघे जमीन पर 3 लाख लोन ले सकते हैं।