जी0एस0टी0 एवं केन्द्र एवं राज्यों के वित्तीय सम्बन्ध Show
भारत में सबसे बड़े कराधान सुधारों में से एक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सभी राज्य अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। जीएसटी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक एकल, एकीकृत भारतीय बाजार बनाएगा। जीएसटी एक अप्रैल,2016 से लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार ने लोकसभा में 19 दिसंबर 2014 को वस्तु एवं सेवाकर से संबंधित विधेयक 2014 पेश किया था। संविधान (122वां संशोधन) विधेयक 2014 संविधान में नए अनुच्छेद 246A, 269A,अनुच्छेद 279A को शामिल करेगा और अनुच्छेद 268A को समाप्त कर देगा, जो संविधान में 88वें संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा शामिल किया गया था। यह संविधान संशोधन विधेयक संविधान की सातवीं अनुसूची में दी गयी संघ सूची से प्रविष्टि 92 और 92C और राज्य सूची से प्रविष्टि 52 और 55 समाप्त करेगा। सरकार ने यह विधेयक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष करों की एक जैसी प्रणाली को स्थापित करने के उद्देश्य से पेश किया है। इसके अलावा इस विधेयक के द्वारा अनुच्छेद 248, 249, 250, 268, 269, 270, 271, 286, 366, 368 छठी अनुसूची, संघ सूची की प्रविष्टि 84 और संविधान की सातवीं अनुसूची की राज्य सूची में प्रविष्टि 54 और 62 को संशोधित करने का भी प्रावधान है। जीएसटी की नई प्रणाली से राज्यों को राजस्व का किसी प्रकार का घाटा नहीं होगा। वास्तव में इससे राज्यों का राजस्व पहले से ज्यादा बढ़ेगा। इसे संसद से दो तिहाई बहुमत से पास कराना होगा। कम से कम इसका 15 राज्यों की विधानसभाओं से पास होना जरूरी होगा। अनुच्छेद 246A: प्रत्येक राज्य के विधानमंडल वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधित कानून को बना सकते हैं, बशर्ते कि वो कानून संसद द्वारा अनुच्छेद 246A(2) के तहत पारित किए गए किसी भी अधिनियम की अवहेलना नहीं करता हो। अनुच्छेद 246A(2): केवल संसद के पास यह अधिकार होगा की वह माल की आपूर्ति या सेवाओं के अन्तर्राज्यीय व्यापार या वाणिज्य के विषय में वस्तु कर एवं सेवाकर संबंधित कानून को बना सकती है। अनुच्छेद 269A: अन्तर्राज्यीय व्यापार के सन्दर्भ में माल की आपूर्ति और सेवाओं पर जो जीएसटी लगाया जायेगा, उसको केवल केंद्र सरकार द्वारा ही एकत्र किया जायेगा। हालांकि जीएसटी परिषद की सिफारिश पर विधि द्वारा तय किए गए ढंग से संघ और राज्यों के बीच इसे विभाजित किया जाएगा। अनुच्छेद 279A: यह विधेयक भारत के राष्ट्रपति को 122 संविधान संशोधन अधिनियम 2014 के प्रारंभ होने के 60 दिनों के अंदर जीएसटी परिषद का गठन करने का अधिकार देता है। dainikbhaskar.com के लिए सत्यव्रत त्रिपाठी। आगे की स्लाइड्स में पढ़िए, विधेयक के मुख्य प्रावधान... ३० जून २०१७ की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण करते हुए वस्तु एवं सेवा कर ( संक्षेप मे: वसेक या जीएसटी अंग्रेज़ी: GST, अंग्रेज़ी: Goods and Services Tax) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।[1] [2] इसके लागू होने से केन्द्र सरकार एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू हो गयी है।[3] इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था।[4] वस्तु एवं सेवा कर, वस्तु एवं सेवा कर परिषद द्वारा संचालित है। भारत के वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को निम्न दरों पर लगाया जाता है, 0%, 5%, 12%, 18% और,28% (5 TYPES) । मोटे कीमती और अर्ध कीमती पत्थरों पर 0.25% की एक विशेष दर तथा सोने पर 3% की दर है। कर की प्रकृति[संपादित करें]जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जायेंगे।[5][6][7] चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि अनेकों करों के स्थान पर अब यह एक ही कर लागू किया जा रहा है।[8] GST पंजीकरण प्रक्रिया[संपादित करें]आप सरकारी पोर्टल के माध्यम से जीएसटी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं,[9] या आप जीएसटी सेवा केंद्र में पंजीकरण कर सकते हैं।[10] संभावित लाभ[संपादित करें]वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस व्यवस्था से निम्न लाभ संभावित हैं[5][11][12]: व्यापार और उद्योग के लिए[संपादित करें]
केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए[संपादित करें]
उपभोक्ताओं के लिए[संपादित करें]
समिति[संपादित करें]इसका सुझाव विजय केलकर समिति (2002) ने दिया था। यह कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा निर्धारित किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त (निर्मला सीतारमण) मंत्री हैं। असीम दास गुप्ता समिति ने स्वरूप दिया राज्य सभा मे असम में सबसे पहले स्वीकारकर कानून बना दिया। दरें[संपादित करें]जीएसटी काउंसिल ने पाँच तरह के कर निर्धारित किये हैं, ये 0,5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत | हालांकि बहुत सी चीजों को जीएसटी से छूट दी गई है उन वस्तुओं पर कोई भी कर नहीं लगेगा या जीएसटी नहीं लगेगा जबकि लग्जरी एवं महंगे सामान पर जीएसटी के अलावा सेस भी लगेगा। सरकार के अनुसार इसमें से 81 प्रतिशत चीजें जीएसटी की 18 प्रतिशत की श्रेणी तक आएंगी | आदर्श स्थिति में इस व्यवस्था में समस्त कर एक ही दर पर लगाए जाने चाहिएँ, किन्तु भारत में राज्य व केन्द्र तथा एक ही वस्तु या सेवा पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न दरें आदि होने से प्रारम्भ में ४ दरें निर्धारित की गईं ताकि वर्तमान राजस्व में अधिक अंतर न पड़े। ये चार दरें 5%, 12%, 18% तथा 28% हैं।[12] आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दूध, लस्सी, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज, छपी पुस्तकें, समाचार पत्र, चूड़ियाँ और हैंडलूम आदि वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। [13]40लाख से कम की वार्षिक बिक्री वाले व्यापारियों को इस कर व्यवस्था से छूट दी गई है। [13] प्राप्तियाँ[संपादित करें]
वापसी[संपादित करें]लगभग ३८ लाख नए करदाता जीएसटी में पञ्जीकृत हुए हैं। इस प्रकार कुल करदाताओं की संख्या १ करोड़ पार कर गयी है (६४ लाख करदाता पहले से पंजीकृत थे)[20]
सन्दर्भ[संपादित करें]
https://web.archive.org/web/20190729080404/https://www.paisabazaar.com/tax/gst-rates/ इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
जीएसटी कौन सा कर है?उत्तर: जीएसटी समूचे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है, जो भारत को एक एकीकृत सामान्य बाजार बनाएगा । जीएसटी विनिर्माता से उपभोक्ता तक माल और सेवाओं की आपूर्ति पर एकल कर है।
जीएसटी कितने प्रकार के होते हैं?जीएसटी टैक्स प्रणाली के अनुसार, 4 अलग-अलग टाइप्स ऑफ़ जीएसटी हैं:. एकीकृत माल और सेवा टैक्स (IGST). राज्य वस्तु एवं सेवा टैक्स (एसजीएसटी). केंद्रीय माल और सेवा टैक्स (सीजीएसटी). केंद्र शासित प्रदेश माल और सेवा टैक्स (UTGST). जीएसटी संविधान में कौन सा अनुच्छेद?संविधान 7 Page 17 का अनुच्छेद 246ए केंद्र और राज्यों को कर लगाने और जी.एस.टी.
GST कब लगता है?GST सिस्टम में, टैक्स की वसूली तब होती है, जब कोई सामान (goods) या सेवा (service) को बेचा जाता है। वस्तु या सेवा की अंतिम कीमत में उस पर निर्धारित GST टैक्स भी शामिल होता है। वस्तु या सेवा की सप्लाई देने वाला (seller), इसे सप्लाई लेने वाले (Consumer) से वसूलता है। बाद में इसे सरकार के खाते मे जमा कर देता है।
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