सरल आवर्त गति में अधिकतम विस्थापन को क्या कहते हैं - saral aavart gati mein adhikatam visthaapan ko kya kahate hain

सरल आवर्त गति में अधिकतम विस्थापन को क्या कहते हैं - saral aavart gati mein adhikatam visthaapan ko kya kahate hain

घर्षणरहित फर्श पर स्प्रिंग से जुड़े द्रव्यमान की गति 'सरल आवर्त गति' है।

भौतिकी में सरल आवर्त गति (simple harmonic motion / SHM) उस गति को कहते हैं जिसमें वस्तु जिस बल के अन्तर्गत गति करती है उसकी दिशा सदा विस्थापन के विपरीत एवं परिमाण विस्थापन के समानुपाती होता है। उदाहरण - किसी स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान की गति, किसी सरल लोलक की गति, किसी घर्षणरहित क्षैतिज तल पर किसी स्प्रिंग से बंधे द्रव्यमान की गति आदि।

विशेषताएँ[संपादित करें]

सरल आवर्त गति में अधिकतम विस्थापन को क्या कहते हैं - saral aavart gati mein adhikatam visthaapan ko kya kahate hain

  • सरल आवर्त गति एक आवर्ती गति (periodic motion) है।
  • वस्तु एक माध्य स्थिति के दोनो तरफ दोलन करती है।
  • प्रत्येक दोलन समान होता है; अर्थात आवर्तकाल, आवृत्ति, आयाम सभी समान होते हैं।
  • वस्तु पर कोई बल कार्य नहीँ करता।
  • इसका त्वरण शून्य होता है।
  • वेग अधिकतम होता है।

यदि माध्य स्थिति को शून्य विस्थापन माना जाय तो वस्तु का विस्थापन x किसी समय t पर निम्नलिखित समीकरण से व्यक्त किया जा सकता है-

जहाँ A आयाम (amplitude), f अवृत्ति (frequency) और φ कला है।

सरल आवर्त गति में गतिमान पिण्ड की आवृत्ति सम्बन्धित निकाय के मूल गुणों (intrinsic properties) पर निर्भर करता है (प्राय: पिण्ड का द्रव्यमान एवं बल नियतांक पर) जबकि आयाम एवं कला आरम्भिक दशाओं (initial conditions) पर निर्भर करती है।

महत्व[संपादित करें]

विभिन्न प्रकार की गतियों (जैसे किसी स्प्रिंग से लटके द्रव्यमान का कम्पन) को सरल आवर्त गति के रूप में मॉडल किया जा सकता है। अन्य बहुत सी घटनाओं को सरल आवर्त गति के रूप में सरलीकृत किया जा सकता है। सरल आवर्त गति एक आधार देती है जिसके सहारे इससे भी अधिक जटिल गतियों को फुरिअर विश्लेषण की सहायता से निरूपित किया जा सके।

सरल आवर्त गति का विश्लेषण[संपादित करें]

एकविमीय सरल आवर्त गति के लिये गति का समीकरण न्यूटन के द्वितीय नियम तथा हुक के नियम की सहायता से निकाला जा सकता है। यह समीकरण द्वितीय कोटि वाला, नियत गुणाकों वाला, साधारण अवकल समीकरण है।

जहाँ

  • m पिण्ड का द्रव्यमान
  • x मध्यमान स्थिति के सापेक्ष विस्थापन
  • k स्प्रिंग नियतांक

अतः,

उपरोक्त अवकल समीकरण को हल करने पर इसका हल एक साईन वेव फलन मिलता है जो निम्नलिखित है-

where

इस हल में, c1 और c2 दो नियतांक हैं जिनके मान तंत्र की आरम्भिक स्थिति से निर्धारित होंगे। इसके अलावा मध्यमान स्थिति को ही मूल बिन्दु (ओरिजिन) मान लिया गया है। इन दोनों नियतांकों का भौतिक अर्थ भी है: A आयाम है और ω = 2πf कोणीय आवृत्ति (angular frequency) है तथा φ कला है।


डिफरेंशियल कैलकुलस की तकनीकों का उपयोग करके इस समीकरण से वेग तथा त्वरण का मान निकाला जा सकता है:

त्वरण का मान विस्थापन के फलन के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है:

चूंकि ω = 2πf,

और T = 1/f जहाँ T आवर्तकाल है,

इन समीकरणों को देखने से स्पष्ट है कि आवृत्ति और आवर्तकाल पिण्ड के आरम्भिक कला तथा आयाम पर निर्भर नहीं हैं।

सरल आवर्त गति में ऊर्जा[संपादित करें]

सरल आवर्त गति में तंत्र की कुल यांत्रिक ऊर्जा सदैव नियत रहती है।

समय t पर तंत्र की गतिज ऊर्जा K का मान

तथा, स्थितिज ऊर्जा का मान

इस प्रकार कुल यंत्रिक ऊर्जा का मान

जो x या t से स्वतंत्र है, अर्थात् इन पर निर्भर नहीं करता।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • तरंग
  • सरल आवर्ती दोलक (harmonic oscillator)
  • लोलक

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • Simple Harmonic Motion from HyperPhysics
  • easy java simulation on simple harmonic applet SHM by lookang inquiry learning easy java simulation on simple harmonic applet SHM by lookang inquiry learning
  • Java simulation of spring-mass oscillator

सरल आवर्त गति के अधिकतम विस्थापन को क्या कहते हैं?

सरल आवर्त गति करते कण का अधिकतम विस्थापन कि स्थिति में त्वरण होता है -

सरल आवर्त गति करते हुए कण का अधिकतम विस्थापन को स्थिति के वेग कितना होगा?

a` <br> कण का वेग शून्य, अधिकमत विस्थापित स्थिति `(y=+-a)` पर होगा

सरल आवर्त गति में क्या स्थिर रहता है?

V = ω A 2 − y 2 , जहाँ V = वेग, ω = कोणीय वेग, A = आयाम और y = विस्थापन। उपरोक्त चर्चा से, हम कह सकते हैं कि समय अवधि वह है जो एक सरल आवर्त गति में स्थिर रहती है।

सरल आवर्त गति में विस्थापन और वे काले की कला में कितना अंतर होता है?

सरल आवर्त गति में विस्थापन व त्वरण के मध्य कालान्तर का मान 180^@ होता है।