वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Mon, 05 Sep 2022 09:26 AM IST सार
ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच फाइनल की रेस। - फोटो : Amar Ujala विस्तारब्रिटेन की सत्तासीन कंजर्वेटिव पार्टी दो महीने की लंबी प्रक्रिया के बाद आज तय कर लेगी कि संसद के निचले सदन- हाउस ऑफ कॉमन्स में उसका नेता और देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। पीएम पद की इस रेस में आखिर तक सिर्फ दो ही चेहरे बचे हैं- पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक और मौजूदा विदेश मंत्री लिज ट्रस। आज शाम 6 बजे कंजर्वेटिव पार्टी की चुनावी कमेटी के नेता एलान कर देंगे कि इन दोनों में कंजर्वेटिव पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किसे अपने पहली पसंद बताया है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लंदन Published by: जयदेव सिंह Updated Wed, 07 Sep 2022 11:20 AM IST सारब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद को लेकर ये चुनाव क्यों हो रहे हैं? प्रधानमंत्री पद के दावेदार दोनों नेता कौन हैं? इस चुनाव में कुल कितने उम्मीदवार मैदान में थे? प्रधानमंत्री चुनने की पूरी प्रक्रिया कैसे संपन्न हुई? आगे क्या होगा? आइये जानते हैं रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और
Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| ऋषि सुनक क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन सकते हैं? जानिए किसकी दावेदारी मज़बूत16 जुलाई 2022
इमेज स्रोत, Getty Images इमेज कैप्शन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की रेस के आखिरी पांच उम्मीदवार कंज़र्वेटिव सांसदों ने पार्टी के नेता और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री को चुनना शुरू कर दिया है. टोरी सांसदों के दूसरे मतदान के बाद पाँच उम्मीदवार प्रधानमंत्री की रेस में बने हुए हैं. अगला मतदान सोमवार को होना है. बोरिस जॉनसन कैबिनेट वित्त मंत्री रहे ऋषि सुनक दूसरे दौर की वोटिंग में भी 101 वोट के साथ सबसे आगे चल रहे हैं. पहले दौर की वोटिंग में उन्हें 88 वोट मिले थे. वहीं पेनी मोर्डेंट, लिज़ ट्रस और केमी बडेनोच को भी बुधवार की वोटिंग में ज़्यादा वोट मिले हैं जबकि टॉम टुगेंडहट को पाँच वोट का नुकसान हुआ है. वे 37 वोट से 32 पर आ गए हैं. कौन हैं, वोपाँच उम्मीदवार जो रेस में बने हुए हैं? इमेज स्रोत, Reuters इमेज कैप्शन, ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक ऋषि सुनक पहले नंबर पर बने हुए हैं. वे भारत के विख्यात उद्योगपति और इंफ़ोसिस कंपनी के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के दामाद हैं. उन्होंने अक्षता मूर्ति से साल 2009 शादी की थी. ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट में वित्त मंत्री थे. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने का वादा किया है. 2015 से सुनक यॉर्कशर के रिचमंड से कंज़र्वेटिव सांसद चुने गए थे. वो नॉर्दलर्टन शहर के बाहर कर्बी सिग्स्टन में रहते हैं. उनके पिता एक डॉक्टर थे और माँ फ़ार्मासिस्ट थीं. भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन आए थे. 1980 में सुनक का जन्म हैंपशर के साउथहैम्टन में हुआ था और उनकी पढ़ाई ख़ास प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई. इसके बाद वो ऑक्सफ़ोर्ड पढ़ाई के लिए गए, जहाँ उन्होंने दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. ब्रिटेन के महत्वाकांक्षी राजनेताओं के लिए ये सबसे आज़माया हुआ और विश्वसनीय रास्ता है. उन्होंने स्टैनफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई भी की. राजनीति में दाख़िल होने से पहले उन्होंने इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया और एक निवेश फ़र्म को भी स्थापित किया. ऋषि और अक्षता की दो बेटियां हैं. सुनक ने यूरोपियन यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार किया और उनके संसदीय क्षेत्र में यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में 55 फ़ीसदी लोगों ने मतदान किया था. इमेज स्रोत, Getty Images इमेज कैप्शन, ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक जुलाई 2019 में जॉनसन को सुनक ने वित्त मंत्रालय सौंपा था. इससे पहले वो जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक आवास, समुदाय और स्थानीय सरकार मंत्रालय में संसदीय अवर सचिव थे. ऋषि सुनक कह चुके हैं कि उनकी एशियाई पहचान उनके लिए मायने रखती है. उन्होंने कहा था, "मैं पहली पीढ़ी का आप्रवासी हूँ. मेरे परिजन यहाँ आए थे, तो आपको उस पीढ़ी के लोग मिले हैं जो यहाँ पैदा हुए, उनके परिजन यहाँ पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी ज़िंदगी बनाने आए थे." अपनी पत्नी के कर मामलों पर विवाद और लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगने से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची. ऋषि सुनक, बोरिस जॉनसन कैबिनेट छोड़ने वाले सबसे पहले कैबिनेट मंत्रियों में से एक थे. द गार्डियन न्यूज़ वेबसाइट पर छपे एक लेख के मुताबिक़ पिछले महीने के विश्वास मत में बोरिस जॉनसन का समर्थन करने वाले टोरी सांसदों की संख्या की सटीक भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के नाम को लेकर बयान दिया है. लिवरपूल विश्वविद्यालय में ब्रिटिश राजनीति पढ़ाने वाले जोनाथन टोंगे ने कहा कि मुझे लगता है कि ऋषि सुनक अगले प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने कहा कि ये चुनाव 51/49 का रहेगा, क्योंकि लिज़ ट्रस को भी पार्टी से सदस्यों का अच्छा ख़ासा समर्थन हासिल है.
इमेज स्रोत, EPA इमेज कैप्शन, पेनी मोर्डेंट, मिनिस्टर ऑफ स्टेट पेनी मोर्डेंट दूसरे नंबर पर हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री बनने पर ईंधन पर वैट कटौती और बढ़ती महंगाई के हिसाब से मध्यम आय वाले लोगों की आयकर सीमा बढ़ाने का वादा किया है. उन्होंने साल 2019 में ब्रिटेन की पहली महिला रक्षा मंत्री का इतिहास रचा था. डेविड कैमरन सरकार में उनके पास आर्म्ड फोर्सेस मंत्री का ज़िम्मा था. पेनी मोर्डेंट का समर्थन करने वालों में एंड्रिया लेडसम और डेविड डेविस शामिल हैं. कंजर्वेटिव पार्टी की यूथ विंग की प्रमुख बनने वाली पेनी मोर्डेंट 2010 में पोर्ट्समाउथ नॉर्थ के लिए सांसद बनी थीं.
इमेज स्रोत, Reuters इमेज कैप्शन, ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज़ ट्रस लिज़ ट्रस तीसरे नंबर पर बनी हुई हैं. कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में सबसे अधिक समय लिज़ ट्रस ने बिताया है. प्रधानमंत्री की रेस में उन्होंने तत्काल कर कटौती, राष्ट्रीय बीमा में वृद्धि को वापस लेने की घोषणा की थी. लिज़ ट्रस को बोरिस जॉनसन के वफ़ादार संस्कृति सचिव नादिन डोरिस और जैकब रिस-मोग, सुएला ब्रेवरमैन सहित अन्य लोगों का समर्थन हासिल हैं. वर्तमान में लिज ट्रस ब्रिटेन की विदेश मंत्री हैं. लिज़ ट्रस विदेश मंत्री बनने वाली दूसरी महिला हैं, जिन्हें ईरान से नाजनीन जगारी-रैटक्लिफ की रिहाई करवाने का श्रेय दिया जाता है. वे पहली बार साल 2010 में दक्षिण पश्चिम नॉरफ़ॉक के सांसद के रूप में चुनी गई थी. साल 2014 में कंजर्वेटिव कॉन्फ्रेंस में पनीर के आयात करने पर भाषण देने के लिए उनका मज़ाक उड़ाया गया था.
इमेज स्रोत, BBC इमेज कैप्शन, ब्रिटेन की पूर्व लेवलिंग अप मंत्री केमी बडेनोच केमी बडेनोचचौथे नंबर पर हैं, जो पूर्व में लेवलिंग अप मंत्री रही हैं. केमी सॉफ्टवेयर इंजीनियर रही हैं. उन्होंने अपना बचपन अमेरिका और नाइजीरिया में बिताया है. शुरू में केमी ने बैंकिंग में काम किया और बाद में स्पेक्टेटर पत्रिका के निदेशक का पद भी संभाला. 2017 में सेफ्रॉन वाल्डेन के लिए सांसद बनने से पहले केमी लंदन असेंबली के लिए चुनी गई थीं. केमी लेवलिंग अप मंत्री से पहले इक्वेलिटी मंत्री भी रही हैं. बोरिस जॉनसन का साथ छोड़ने वालों में केमी का नाम भी शामिल था. इमेज स्रोत, Reuters इमेज कैप्शन, सांसद टॉम टुगेंडहट टॉम टुगेंडहटपांचवे नंबर पर हैं. टॉम टुगेंडहट सांसद हैं. उनके पास मंत्री के तौर पर सबसे अधिक अनुभव है. वे कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. ऋषि सुनक की तुलना में टॉम टुगेंडहट ने सरकार में अधिक समय बताया है लेकिन वे लंबे समय तक कैबिनेट में नहीं रहे. टॉम टुगेंडहट ने प्रधानमंत्री बनने पर राष्ट्रीय बीमा और ईंधन शुल्क में कटौती करने और दक्षिण पूर्व के बाहर निवेश बढ़ाने का वादा किया है. उन्होंने ईरान और अफगानिस्तान में टेरिटोरियल आर्मी के अफसर के रूप में अपनी सेवा दी है. सालों से इनके प्रधानमंत्री बनने को लेकर चर्चा होती रही है. इन्हें पूर्व कैबिनेट मंत्री डेमियन ग्रीन, जेक बेरी और रहमान चिश्ती का समर्थन हासिल है. टॉम टुगेंडहट साल 2015 में कैंट में टोनब्रिज से सांसद चुने गए थे और जनवरी 2020 से कॉमन्स फॉरेन अफेयर्स सेलेक्ट कमेटी के अध्यक्ष हैं.
कैसे चुना जाता है ब्रिटेन का प्रधानमंत्रीउम्मीदवार को प्रधानमंत्री की रेस में क़दम रखने के लिए कम से कम 20 सांसदों के समर्थन की ज़रूरत थी जो पिछले मुक़ाबले की तुलना में अधिक है. नामांकन के बाद पहले मतदान की वोटिंग होती है, जिसमें 30 से कम वोट मिलने वाला उम्मीदवार रेस से बाहर हो जाता है. पहले वोटिंग में जीतने वाले उम्मीदवार दूसरी वोटिंग में हिस्सा लेते हैं. इसमें जिस उम्मीदवार को सबसे कम वोट मिलते हैं वो बाहर हो जाता है. इसके बाद कई दौर का मतदान होता है. टोरी सांसदों के वोटों का सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक सिर्फ़ दो उम्मीदवार प्रधानमंत्री की रेस में नहीं रह जाते हैं. आख़िर में कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य पोस्टल वोट डालते हैं और पार्टी के नेता का चुनाव करते हैं. विजयी उम्मीदवार पार्टी नेता के साथ साथ प्रधानमंत्री का पद भी संभालता है. यानी जो उम्मीदवार कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के तौर पर चुना जाएगा वही ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री होगा. समर्थन ना मिलने पर रेस से बाहरपूर्व स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद और विदेश कार्यालय मंत्री रहमान चिश्ती और परिवहन मंत्री ग्रांट शाप्स शुरू में ही बाहर हो गए. उन्हें 20 सांसदों का समर्थन नहीं मिला जिसके चलते वे पहली वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए. इसके बाद बुधवार को हुई पहली वोटिंग में पूर्व विदेश मंत्री जेरेमी हंट और चांसलर नादिम ज़हावी को कम से कम टोरी सांसदों से 30 वोट नहीं मिले जिसके चलते वे दोनों बाहर हो गए. वहीं गुरुवार को हुई दूसरी वोटिंग में अटॉर्नी जनरल सुएला ब्रेवरमैन को सबसे कम वोट मिले जिसके चलते वे भी बाहर हो गईं. अहम तारीखें- 12 जुलाई - उम्मीदवारों के लिए नामांकन बंद - प्रत्येक को 20 सांसदों के समर्थन की जरूरत थी. 13 जुलाई - पहले दौर का मतदान - 30 से कम मतों वाले उम्मीदवार रेस से बाहर हो गए हैं. 14 जुलाई - दूसरे दौर का मतदान - सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार रेस से बाहर हो गए हैं 18-21 जुलाई - दो उम्मीदवारों के रहने तक लगातार मतदान होगा जुलाई/अगस्त - देश भर में अंतिम दो उम्मीदवारों के लिए पार्टी के सदस्य वोट करेंगे 5 सितंबर - नए पीएम की घोषणा
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितना होता है?एक यूके सरकार पांच साल की अवधि के लिए चुने जाते हैं।
ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री कौन थे?क्लिमेण्ट रिचर्ड एट्ली - विकिपीडिया
क्या इंग्लैंड और ब्रिटेन एक ही है?कुछ लोग पूरे देश को संबोधित करने के लिए इंग्लैंड या ब्रिटेन कहते हैं लेकिन यह सही नहीं है। यूनाइटेड किंगडम के मुख्य रूप से चार प्रशासनिक क्षेत्र है:- स्कॉटलैंड, वेल्स, इंग्लैंड और आयरलैंड। इस देश का आधिकारिक नाम 'यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन एंड नॉर्दर्न आयरलैंड' है।
1857 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कौन थे?1857 के विद्रोह के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री पामर्स्टन था। विस्टन चर्चिल दूसरे विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन का प्रधानमंत्री था। 11 मई 1857 का विद्रोह भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम माना जाता है।
|