नवरात्रि में क्यों नहीं खाते हैं प्याज और लहसुन? - navaraatri mein kyon nahin khaate hain pyaaj aur lahasun?

नई दिल्ली: शरदीय नवरात्रि के शुभ त्योहार की शुरुआत 7 अक्टूबर से हो चुकी है जो 15 अक्टूबर को विजयादशमी (दशहरा) तक चलेगा. इस वक्त देशभर के मंदिरों के साथ ही घरों में भी कलश स्थापना करके लोग माता रानी की पूजा अर्चना में लगे हैं. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान जो लोग व्रत करते हैं वो तो सिर्फ फलाहार या व्रत वाले अनाज का ही सेवन करते हैं. लेकिन जो लोग व्रत नहीं करते हैं वे भी इन 9 दिनों में सात्विक भोजन ही करते हैं और मांसाहार तो दूर भोजन में प्याज लहसुन तक खाना मना होता है. आखिर इसका कारण क्या है, इस बारे में यहां जानें.

भोजन को 3 श्रेणी में बांटा जाता है

हिंदू परंपरा के अनुसार, किसी भी तरह के व्रत या पूजा पाठ में प्याज लहसुन खाना मना होता है. इसके पीछे क्या कारण है ये जानने से पहले हम आपको बता दें कि आयुर्वेद में भोजन यानी खाद्य पदार्थों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है-

1.  सात्विक: मन की शांति, संयम और पवित्रता जैसे गुण
2. राजसिक: जुनून और खुशी जैसे गुण
3. तामसिक: अंहकार, क्रोध, जुनून और विनाश जैसे गुण

प्याज और लहसुन खाना क्यों गलत?

प्याज और लहसुन को तामसिक प्रवृत्ति के भोजन के तौर पर रखा गया है. शास्त्रों के अनुसार, प्याज और लहसुन जैसी सब्जियां जुनून, उत्तजेना और अज्ञानता को बढ़ावा देती हैं, जिससे अध्यात्मक के मार्ग पर चलने में बाधा आती है. इसलिए नवरात्रि के 9 दिनों में जो लोग व्रत नहीं भी कर रहे हैं उन्हें भी राजसिक और तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए और केवल सात्विक भोजन ही करना चाहिए. 

प्याज खाकर शरीर हो जाता है सुस्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान देवी की उपासन करने के लिए भक्त को आध्यात्मिक ऊर्जा की जरूरत होती है. लेकिन प्याज और लहसुन जैसी चीजें खाने के बाद शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे मन में कई प्रकार की इच्छाओं का जन्म होता है और व्यक्ति पूजा पाठ के रास्ते से भटक सकता है. इसके अलावा व्रत के समय दिन में सोना भी मना है, लेकिन प्याज लहसुन जैसी चीजें खाने के बाद शरीर में सुस्ती आती है. यही कारण है नवरात्रि के 9 दिनों में प्याज और लहसुन नहीं खाया जाता है.

क्या है इससे जुड़ी पौराणिक कथा?

प्याज और लहसुन न खाने के पीछे सबसे प्रसिद्ध पौराणिक कथा राहु केतु से जुड़ी है. समुद्र मंथन से निकले अमृत को, मोहिनी रूप धरे विष्णु भगवान जब देवताओं में बांट रहे थे तभी दो राक्षस राहु और केतू भी वहीं आकर बैठ गए. भगवान ने उन्हें भी देवता समझकर अमृत की बूंदे दे दीं, लेकिन तभी उन्हें सूर्य व चंद्रमा ने बताया कि यह दोनों राक्षस हैं. भगवान विष्णु ने तुरंत उन दोनों के सिर धड़ से अलग कर दिए. इस समय तक अमृत उनके गले से नीचे नहीं उतर पाया था और चूंकि उनके शरीरों में अमृत नहीं पहुंचा था, वो उसी समय जमीन पर गिरकर नष्ट हो गए. लेकिन राहू और केतु के मुख में अमृत पहुंच चुका था इसलिए दोनों राक्षसो के मुख अमर हो गए.

प्याज और लहसुन को मानते हैं अपवित्र

भगवान विष्णु द्वारा राहू और केतू के सिर काटे जाने पर उनके कटे सिरों से अमृत की कुछ बूंदे जमीन पर गिर गईं जिनसे प्याज और लहसुन उपजे. चूंकि यह दोनों सब्जियां अमृत की बूंदों से उपजी हैं. इसलिए यह बीमारियों और रोगाणुओं को नष्ट करने में अमृत समान होती हैं. लेकिन चूंकि राक्षसों के मुख से होकर गिरी हैं इसलिए इनमें तेज गंध होती है और इन्हें अपवित्र माना जाता है. कभी भी भगवान के भोग में इस्तमाल नहीं किया जाता. कहा जाता है कि जो भी प्याज और लहसुन खाता है उनका शरीर राक्षसों के शरीर की भांति मजबूत तो हो जाता है लेकिन साथ ही उनकी बुद्धि और सोच-विचार भी दूषित हो जाते हैं.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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नवरात्रि में लहसुन और प्याज क्यों नहीं खाना चाहिए?

लहसुन-प्याज में पाए जाते हैं तामसिक गुण नवरात्रि के व्रत मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अहम माने जाते हैं। इसलिए नवरात्रि के नौ दिनों में लहसुन प्याज का सेवन वर्जित होता है, क्योंकि यह तामसिक प्रकृति के भोज्य पदार्थ होते हैं। इनके सेवन से अज्ञानता और वासना में वृद्धि होती है।

नवरात्रि में प्याज खा सकते हैं क्या?

नवरात्रि के दौरान जो लोग व्रत करते हैं वो तो सिर्फ फलाहार या व्रत वाले अनाज का ही सेवन करते हैं. लेकिन जो लोग व्रत नहीं करते हैं वे भी इन 9 दिनों में सात्विक भोजन ही करते हैं और मांसाहार तो दूर भोजन में प्याज लहसुन तक खाना मना होता है.

प्याज से व्रत टूटता है क्या?

शारदीय नवरात्र के दिनों में व्रत के खाने में प्याज और लहसुन का सख्ती से परहेज किया जाता है. इन्हें तामसिक और राजसिक भोजन माना गया है. वैसे हिंदू और जैन धर्म में आमतौर पर प्याज और लहसुन से दूर रहने की सलाह दी जाती है.

नवरात्रि में प्याज की अनुमति क्यों नहीं है?

प्याज और लहसुन की प्रकृति तामसिक मानी जाती है और कहा जाता है कि यह शरीर में शारीरिक ऊर्जा का संचार करता है. प्याज भी शरीर में गर्मी पैदा करता है और इसलिए नवरात्रि के उपवास के दौरान इसकी अनुमति नहीं है.