सबसे महंगा धातु कौन सा है - sabase mahanga dhaatu kaun sa hai

दुनियाभर में कई ऐसे मेटल हैं, जो काफी महंगे होते हैं। इनमें हीरा, सोना, प्लैटिनम जैसी धातुओं के बारे में हम जानते भी हैं। लेकिन क्या आप किसी ऐसे मेटल के बारे में जानते हैं, जिसके 1 ग्राम की कीमत 3,12,500 अरब रुपए (3125 खरब रुपए) से ज्यादा है। इस कीमत में आप दुनिया के कई छोटे देशों को खरीद सकते हैं। जानिए किस काम आता है ये मेटल...

नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मेटल है। 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख डॉलर रुपए तक लग जाते हैं। जहां ये बनता है, वहां पर विश्व की सबसे बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है। इतना ही नहीं नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए एक पुख्ता सुरक्षा घेरा है। कुछ खास लोगों के अलावा एंटीमैटर तक कोई भी नहीं पहुंच सकता है। दिलचस्प है कि एंटीमैटर का इस्तेमाल अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों पर जाने वाले विमानों में ईंधन की तरह किया जा सकता है। बता दें कि दुनियाभर के कई छोटे देशों का एरिया आधा किलोमीटर से लेकर सौ किलोमीटर के बीच में है। ऐसे में इन देशों को आराम से इतने पैसों में खरीदा जा सकता है।

आगे की स्लाइड में क्लिक कर जानिए दुनिया के 14 अन्य सबसे महंगे मेटल्स के बारे में...

सबसे महंगा धातु कौन सा है - sabase mahanga dhaatu kaun sa hai

ये धातु विशेष रूप से रूस और दक्षिण अफ्रीका में पाई जाती है (फोटो- News18)

सोने (Gold) वो धातु है जिसके पीछे पूरी दुनिया पागल है, फिर पैलेडियम (Palladium) उससे ज्यादा कीमती (costly) कैसे हो गया.

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 20, 2020, 20:33 IST

    भारतीय समाज (Indian Society) में सोने (Gold) का बहुत महत्व होता है. सोमवार को ही घरेलू बाजार (Domestic Market) में सोने की कीमतें रिकॉर्ड 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 50,437 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गई हैं. इस लिहाज से एक महीने में गोल्ड 5763 रुपये प्रति दस ग्राम तक सस्ता हो गया है. ऐसे में उन लोगों को थोड़ी राहत मिली है जो आने वाले त्योहारों और शादियों (Weddings) के मौसम के लिए सोने की खरीददारी करने के लिए प्लान बना रहे थे. सोना जहां एक महंगी धातु (Costly Metal) होने के चलते भारतीय समाज में प्रतिष्ठा का प्रतीक होता है तो वह घरेलू अर्थव्यवस्था (Economy) के लिए भी एक जरूरी तत्व होता है. लेकिन सोना महंगा होने के बाद भी दुनिया की इस सबसे महंगी धातु से कम दाम का ही है. दुनिया की यह सबसे महंगी धातु है पैलेडियम (Palladium).

    हम आपको बता रहे हैं कि पैलेडियम (Palladium) है क्या, और क्या हैं उसकी खासियतें (characteristics), जो इसके इतना महंगा होने का कारण बनती हैं. सोने (Gold) वो धातु है जिसके पीछे पूरी दुनिया पागल है, फिर पैलेडियम उससे ज्यादा कीमती (costly) कैसे हो गया-

    ये धातु चांदी की तरह दिखती है. लेकिन इसमें चमक प्लेटिनम की तरह होती है. पैलेडियम को करेंसी कोड भी दिए गए हैं. यह ऐसी चौथी धातु है जिसे करेंसी कोड दिया गया है. ये धातु रूस और दक्षिण अफ्रीका में विशेष रूप से पाई जाती है.

    पैलेडियम के अलावा प्लैटिनम, सोना और चांदी को भी यह कोड दिया गया है. इसे प्लैटिनम ग्रुप की छह धातुओं के साथ रखा जाता है. इसके अलावा इस ग्रुप में रुथेनियम, रोडियम, ओसमियम, इरिडियम और प्लेटिनम हैं.

    पैलेडियम का दामों में 1998 से अब तक 500% से ज्यादा का उछाल आया है. इससे आगे सिर्फ रोडियम है, जिसका दाम 4000% बढ़ा है.

    इसे दुनिया की 4 सबसे कीमती धातुओं की श्रेणी में रखा जाता है. 2019 की शुरुआत से 2020 की शुरुआत के बीच इसके दामों में 63% का उछाल आया था. जबकि इस बीच सोना सिर्फ 17% महंगा हुआ था.

    वर्तमान में इसका दाम 1 लाख 66 हजार प्रति औंस (28 ग्राम से कुछ अधिक) से भी ज्यादा है, जबकि वर्तमान में सोने के एक औंस का दाम 1 लाख 39 हजार ही है.

    पैलेडियम की कीमत तेजी से बढ़ने के पीछे का कारण इसकी बढ़ती हुई मांग को माना जाता है. इसकी मांग बढ़ने की वजह पूरी दुनिया में सरकारों का गाड़ियों में प्रदूषण नियमों को सख्त करना रहा है. विशेष रूप से चीन में इसकी मांग बढ़ी है. ऑटो इंडस्ट्री में इस धातु की मांग बहुत ज्यादा है.

    तकरीब 85 प्रतिशत पैलेडियम का इस्तेमाल कारों के एक्जास्टस में होता है. ये जहरीले प्रदूषणकारी तत्वों कम नुकसानदायक बनाने में मदद करता है.

    पैलेडियम, पेट्रोल और हाइब्रिड गाड़ियों के एक्जास्ट्स में इस्तेमाल होने वाले कैटेलिस्ट बनाने के लिए होता है. इसके अलावा इसे इलेक्ट्रॉनिक्स, डेंटिस्ट्री, जुलरी में भी इस्तेमाल किया जाता है.

    दुनियाभर में सप्लाई होने वाले पैलेडियम के 40 प्रतिशत हिस्से का उत्पादन दक्षिण अफ्रीका में होता है.

    दरअसल पैलेडियम का उत्पादन बहुत कम है और इसकी मांग तेजी से बढ़ी है. रूस और दक्षिणी अफ्रीकी देशों पर इसके उत्पादन का बहुत दबाव है. धातु की तेजी से बढ़ती कीमतों ने उत्पादक देशों को भी हैरान किया है.

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    Tags: Chhattisgarh traditional ornament, Economy, Gold, Gold business, Wedding, White gold

    FIRST PUBLISHED : October 20, 2020, 20:33 IST

    हिंदी न्यूज़ये हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे मेटल

    आपको जानकर यह हैरानी होगी की सोना दुनिया की सबसे कीमती धातुओं में शामिल नहीं है। विश्व में कुछ ऐसे भी मेटल्स हैं जो सोने-चांदी और हीरे से कई गुना महंगे हैं आइये जानते है दुनिया के पांच सबसे महंगे...

    सबसे महंगा धातु कौन सा है - sabase mahanga dhaatu kaun sa hai

    लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 04 Sep 2015 02:05 PM

    आपको जानकर यह हैरानी होगी की सोना दुनिया की सबसे कीमती धातुओं में शामिल नहीं है। विश्व में कुछ ऐसे भी मेटल्स हैं जो सोने-चांदी और हीरे से कई गुना महंगे हैं आइये जानते है दुनिया के पांच सबसे महंगे मेटल्स के बारे में।

    1. एंटीमैटर-कीमत 393.75 लाख करोड़ रुपए प्रति ग्राम
    एक ग्राम एंटीमैटर यूनिट को बेचकर विश्व के 100 छोटे देशों को खरीदे जा सकते हैं। एक ग्राम एंटीमैटर की कीमत 393.75 लाख करोड़ रुपए है। नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मटीरियल है।

    एंटीमैटर के एक ग्राम की कीमत 6.25 लाख करोड़ डॉलर है, यानी 393.75 लाख करोड़ रुपए है। एंटीमैटर दरअसल एक पदार्थ के ही समान है, लेकिन उसके एटम के भीतर की हर चीज उलटी है। एटम में सामान्य तौर पर पॉजिटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और नेगेटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं, लेकिन एंटीमैटर एटम में नेगेटिव चार्ज वाले न्यूक्लियस और पॉजिटिव चार्ज वाले इलैक्ट्रोंस होते हैं। ये एक तरह का ईधन है, जिसे अंतरिक्षयान और विमानों इसका प्रयोग किया जाता है।

    2. कैलिफोरियम (Californium) कीमत- 170.91 करोड़ रुपए प्रति ग्राम
    एंटीमैटर के बाद दूसरे स्थान पर कैलिफोरियम है। इसकी कीमत करीब 170.91 करोड़ रुपए प्रति ग्राम है। इसकी खोज 1950 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुई थी। इसका इस्तेमाल न्यूक्लियर रिएक्टर में किया जाता है। ये एक टारगेट मटीरियल भी है, जो ट्रांसकैलिफोरियम धातु के उत्पादन में इस्तेमाल होता है। कैलिफोरियम-252 का इस्तेमाल सरवाईकल कैंसर के इलाज में भी होता है।

    3. हीरा- कीमत 34.81 लाख रुपए प्रति ग्राम
    हीरा पृथ्वी का एक दुर्लभ रत्न है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से आभूषणों में किया जाता है। एक आकलन के अनुसार, कुछ हीरे 3.2 अरब साल पुराने हैं। इनकी कीमत 34.81 लाख रुपए प्रति ग्राम है। हमेशा हीरे की पहचान गहनों से होती है। यह रत्न अपनी चमक और खूबसूरत डिजाइन के लिए लोकप्रिय है।

    4. ट्रिटियम- कीमत 18.9 लाख रुपए प्रति ग्राम
    ट्रिटियम हीरे के बाद दुनिया की चौथी सबसे महंगी वस्तुओं में से एक है। एक ग्राम ट्रिटियम की कीमत 18.9 लाख रुपए है। इसका इस्तेमाल मुख्यतः महंगी घड़ियों के निर्माण, दवा और रेडियो थेरपी में किया जाता है।

    5. टैफिट स्टोन- कीमत 12.6 लाख रुपए प्रति ग्राम
    टैफिट स्टोन की पहचान एक रत्न के रूप में की गई है। यह दुर्लभ रत्न लाल और बैंगनी रंग का होता है। इस पत्थर की कीमत 12.6 लाख रुपए प्रति ग्राम है। ये हीरे के मुकाबले काफी मुलायम होता है। इसीलिए इसका इस्तेमाल सिर्फ एक रत्न के रूप में किया जाता है।

    सबसे महंगा धातु कौन सा है - sabase mahanga dhaatu kaun sa hai

    विश्व के सबसे महंगी धातु कौन सी है?

    नासा के मुताबिक, एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मेटल है। 1 मिलीग्राम एंटीमैटर बनाने में 250 लाख डॉलर रुपए तक लग जाते हैं। जहां ये बनता है, वहां पर विश्व की सबसे बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है।

    भारत का सबसे महंगा धातु कौन सा है?

    वैसे देखा जाए तो भारतीय लोगों को सोने और चांदी में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट रहता है। लेकिन बात की जाए भारत में सबसे महंगी धातु की तो वह है रोडियम धातु। रोडियम दुनिया की और भारत की सबसे महंगी धातु है। यह धातु बहुत ही दुर्लभ है।

    पृथ्वी पर पाए जाने वाली सबसे महंगा धातु कौन है?

    एंटीमैटर धरती का सबसे महंगा मटीरियल है। एंटीमैटर के एक ग्राम की कीमत 6.25 लाख करोड़ डॉलर है, यानी 393.75 लाख करोड़ रुपए है।

    सोने से भी महंगी धातु कौन सी है?

    दुनिया की सबसे महंगी धातु कैलिफोर्नियम होती है । शायद यह नाम आपने पहली बार सुना होगा , क्योंकि यह दुनिया की रेयरेस्ट यानी बहुत ही कम मात्रा में पाई जाने वाली धातुओं में से एक है । यह धातु सबसे पहले कैलिफोर्निया में पाई गई थी इस लिए इसे कैलिफोर्नियम नाम दिया गया था ।