रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन (अर्थ समिट) Show
रियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन (अर्थ समिट)पृथ्वी सम्मेलन की पृष्ठभूमि 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित हुए ‘मानवीय पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन’ में ही तैयार हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 1983 में नार्वे के प्रधानमंत्री ग्रो हार्लेम ब्रटलैण्ड की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था जिसका कार्य था। रियो+20पृष्ठभूमि
वर्ष 2000 के बाद विकास की समीक्षा
पृथ्वी सम्मेलन के दौरान निम्न विचारणीय विषय विद्यमान थे
पृथ्वी सम्मेलन के दौरान 2 दस्तावेजों (एजेंडा-21 और रियो घोषणा) को प्रस्तुत किया गया तथा इसमें तीन महत्वपूर्ण कन्वेंशन ( यूएनएफसीसीसी, जैव विविधता और मरुस्थलीकरण पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन) को जन्म दिया. एजेंडा-21एजेंडा- 21 पर्यावरण एवं विकास के संदर्भ में एक अन्तर्राष्ट्रीय दस्तावेज है जिसे सम्मेलन में उपस्थित 182 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। यद्यपि एजेंडा-21 सदस्य राष्ट्रों पर बाध्यकारी नहीं है फिर भी राष्ट्रों से यह अपेक्षा की गई कि अपनी भावी विकास की नीतियां एजेंडा-21 की नीतियों के अनुरूप निर्माण करेंगे। एजेंडा-21 पारिस्थितिकी एवं आर्थिक विकास के संदर्भ में संतुलन स्थापित करते हुए निम्न विषयों पर बल प्रदान करता है -
एजेंडा-21 में निहित घोषणाओं के अनुपालन हेतु 1993 में एक आयोग का गठन किया गया जिसे सतत् विकास पर आयोग कहा गया। इस आयोग ने मई, 1993 से कार्य करना शुरू कर दिया। रियो घोषणा या पृथ्वी चार्टररियो घोषणा या पृथ्वी चार्टर को अपनाया जाना पृथ्वी शिखर सम्मेलन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। रियो सम्मेलन के दौरान धनी विकसित देशों यानी उत्तरी गोलार्ध और गरीब एवं विकासशील देशों के पर्यावरण के मुद्दे पर मतभेद भी सामने आए। गौरतलब है कि विकसित एवं विकासशील देशों के लिए पर्यावरण को लेकर अपनाए जाने वाली नीतियों में मतभेद थे विकसित देश जहां ग्लोबल वार्मिंग और ओजोन परत में छिद्र को वरीयता प्रदान करते थे वही विकासशील देश आर्थिक विकास एवं पर्यावरण के मध्य सामंजस्य स्थापित करने हेतु ज्यादा प्रयत्नशील थे। रियो घोषणापत्र 27 सिद्धांतों पर आधारित थी जिसके दो प्रमुख विषय थे-
रियो सम्मेलन क्या है in Hindi?पर्यावरण एवं विकास पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन को ही 'पृथ्वी सम्मेलन' या 'रियो सम्मेलन' के नाम से जाना जाता है। यह शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी रिओ डि जेनेरियों में 3 जून 1992 से 14 जून 1992 तक चला जिसमें 182 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
रियो अर्थ सम्मेलन का उद्देश्य क्या है?रियो 'अर्थ समिट' का प्राथमिक उद्देश्य पर्यावरण और विकास के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई के लिये एक व्यापक एजेंडा और एक नया खाका तैयार करना था जो इक्कीसवीं सदी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और विकास नीति को निर्देशित करने में मदद करेगा।
रियो सम्मेलन कब हुआ था?जनेरू 3 जून से 14 जून 1992 तक शीत युद्ध के बाद विकास के मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक साथ सहयोग करने के लिए सदस्य राज्यों की प्रतिक्रिया के रूप में पृथ्वी शिखर सम्मेलन बनाया गया था।
रियो सम्मेलन के परिणाम क्या है?इस सम्मेलन ने पर्यावरण के संरक्षण के लिए सभी देशों की साझी जिम्मेवारी परन्तु अलग - अलग भूमिका के सिद्धांत को अपनाया। यह स्वीकार किया गया की इस संधि को स्वीकार करने वाले देश पर्यावरण के संरक्षण में अपनी क्षमता के आधार पर योगदान करेंगे।
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