रविवार किस भगवान का दिन होता है - ravivaar kis bhagavaan ka din hota hai

सनातन परंपरा में प्रत्येक दिन या तिथि किसी न किसी देवी-देवता की साधना-आराधना के लिए सुनिश्चित है. रविवार के ​दिन किस देवता की पूजा से दूर होंगे दु:ख और किस ग्रह की पूजा (Worship) पूरी होगी आपकी मनोकामना, जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.

रविवार किस भगवान का दिन होता है - ravivaar kis bhagavaan ka din hota hai

रविवार की पूजा का सरल एवं प्रभावी उपाय

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हिंदू (Hindu) धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी या देवता अथवा ग्रह की पूजा विशेष के लिए सुनिश्चित है. मान्यता है कि यदि ​देवी-देवता या फिर ग्रह (Planet) से संबंधित दिन पर उनकी साधना-आराधना की जाए तो साधक पर शीघ्र ही दैवीय कृपा बरसती है. सनातन परंपरा के अनुसार रविवार का दिन न सिर्फ भगवान सूर्य देव (Lord Sun) के लिए बल्कि भय को भगाने वाले भगवान भैरव और दुष्टों का संहार करके सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली देवी दुर्गा (Goddess Durga) की पूजा के लिए भी अत्यंत ही शुभ और फलदायी माना जाता है. आइए रविवार के दिन इनकी पूजा के धार्मिक महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं.

सूर्य की साधना से संवरेगा भाग्य

रविवार का दिन भगवान सूर्य देवता की पूजा के लिए समर्पित है. भगवान सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है. प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले सूर्य देवी की साधना से साधक को सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है. सूर्य देवता की कृपा पाने के लिए रविवार को प्रात:काल स्नान-ध्यान के बाद तांबे के लोटे में शुद्ध जल भर कर उसमें रोली, अक्षत और लाल पुष्प डालकर ॐ घृणि सूर्याय नम: मंत्र जपते हुए उन्हें अर्घ्य देना चाहिए. मान्यता है कि भक्ति-भाव के साथ भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और आदित्य हृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता और सम्मान मिलता है.

भय को भगाते हैं भगवान भैरव

हिंदू धर्म मे भगवान भैरव को देवों के देव महादेव का उग्र रूप माना जाता है. मान्यता है कि पृथ्वी पर जहां-जहां पर देवी के शक्तिपीठ या सिद्धपीठ हैं, वहां पर भगवान भैरव जरूर मौजूद रहते हैं. रविवार के दिन की जाने वाली उनकी पूजा शीघ्र ही फलदायी मानी गई है. मान्यता है कि इस दिन भक्ति भाव से भगवान भैरव की पूजा करने वाले साधक पर वे शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और पलक झपकते उसके सारे कष्ट दूर कर देते हैं. रविवार के दिन भगवान भैरव की पूजा में पुष्प, मौसमी फल, नारियल, पान, मदिरा, सिंदूर, आदि चढ़ाकर उनकी पूजा करने का विधान है. रविवार के दिन जीवन से जुड़ी बड़ी से बड़ी आपदा को दूर करने के लिए रविवार को भगवान भैरव के मंत्र ॐ काल भैरवाय नमः मंत्र का जप करें.

देवी दुर्गा की पूजा से दूर होंगे सारे दु:ख

मान्यता है कि देवी दुर्गा की पूजा के लिए मंगलवार और शुक्रवार की तरह रविवार भी अत्यंत ही शुभ माना जाता है. ऐसे में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए देवी के साधक को रविवार के दिन विशेष रूप से उनकी पूजा करनी चाहिए. रविवार के दिन देवी दुर्गा से मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा में श्रृंगार की वस्तुएं, लाल रंग के वस्त्र, लाल पुष्प, लाल चंदन और लाल रंग के फल अवश्य चढ़ाएं. जीवन से जुड़े सभी प्रकार के दु:ख को दूर करने और मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए देवी के महामंत्र ”सर्व मंगल मागंल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्येत्रयम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते” का जप अवश्य करें.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

रविवार का दिन कौन से देवता का होता है?

रविवार का दिन भगवान सूर्य देवता की पूजा के लिए समर्पित है. भगवान सूर्य को वेदों में जगत की आत्मा और ईश्वर का नेत्र बताया गया है.

भगवान श्री कृष्ण का कौन सा दिन होता है?

श्रीकृष्ण चंद्रवंशी हैं और चंद्रदेव उनके पूर्वज। चंद्रदेव के पुत्र बुध हैं, इसलिए भगवान ने जन्म के लिए बुधवार का दिन चुना।

कौन सा दिन किस देवता का है?

मनीष शर्मा के अनुसार शिवपुराण में सातों दिनों के हिसाब से देवताओं के पूजन का महत्व बताया है। रविवार को सूर्य, सोमवार को चंद्र, मंगलवार को मंगल, बुधवार को बुध, गुरुवार को बृहस्पति, शुक्रवार को शुक्र और शनिवार को शनि का पूजन करना श्रेष्ठ रहता है।

सोमवार को कौन से भगवान का दिन होता है?

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस दिन भगवान नीलकंठ की पूजा की जाती है।