रात में मोबाइल चलाने से क्या होता है? - raat mein mobail chalaane se kya hota hai?

आज के इस आधुनिक युग में बहुत सारी ऐसी चीजें बन गई है जिनके बिना हमारा जीवन अधुरा लगता है जिनके इस्तेमाल से हमारी दिनचर्या के कई ऐसे काम संपादित होते है जो बहुत ही सरलता से हो जाते है इन्हीं गैजेट्स में से एक है मोबाइल. मोबाइल हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि ये हमारे घंटों के काम को मिनटों में कर सकता हैं। अँधेरे.

रात में मोबाइल चलाने से क्या होता है? - raat mein mobail chalaane se kya hota hai?

हम दूर बैठे किसी अपनों से, रिश्तेदारों से, दोस्त से या चाहे जो भी ऐसे व्यक्ति है जो हमारे बिज़नस से जुड़े होते है उनसे हम चंद सेकंड में पलक झपकते ही बात कर सकते है अपने विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

जिससे हमें हमारे व्यापार में तो कामयाबी मिलती ही है साथ ही साथ हमारे रिश्तों में भी प्यार बना रहता है कहने का मतलब यह है की मोबाइल हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया हैं। जो हमारे रिश्तों से लेकर हमारे व्यवसाय तक को सभांल रहा हैं।

मोबाइल ने अपने आप में अपडेट होकर स्मार्टफोन का रुप ले लिया है जो पहले वाले मोबाइल से काफी सुविधाजनक हो गया है और इसमें कई सारे ऐसे फीचर है जो हमारे काम को और भी आसान बना रहे हैं।

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इसके इस्तेमाल से हम अपने बहुत सारे काम आसान तो कर रहे है साथ ही साथ इसके गलत उपयोग से हम अपने स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल रहे हैं।

जैसे की रात (अँधेरे) में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना. रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है आईये जानते है की अँधेरे में मोबाइल का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए।

  • 1 Andhere Me Mobile Ka Istemal Kyo Nahi Karna Chahiye अँधेरे
    • 1.1 Andhere Me Phone Ka Istemal Karne Se Nuksan
    • 1.2 निष्कर्ष

Andhere Me Mobile Ka Istemal Kyo Nahi Karna Chahiye अँधेरे

बहुत सी बार ऐसा होता है की हम अपने काम की धुन में या टाइमपास (खेलने के लिए) करने के लिए मोबाइल का अँधेरे में ही इस्तेमाल करने लग जाते है अगर आप भी रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है तो मैं आपको बता दूँ की ये आपकी आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं।

शोध के मुताबिक अगर कोई स्मार्टफोन यूजर रात में बिस्तर पर लेटकर 30 मिनट तक अपनी आंखें फोन की screen पर जमाये रखता है तो वो अंधेपन का शिकार हो सकता है इस विषय में एक्सपर्ट्स डॉक्टर का कहना है की यदि आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल रात में यानि अँधेरे में करते है तो उसकी screen brightness बहुत कम रखें या डार्क बना लें. ऐसा करके आप अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकते है।

Andhere Me Phone Ka Istemal Karne Se Nuksan

अँधेरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से शरीर में मेलाटोनिन का लेवल कम हो जाता है इसकी कमी के कारण प्रतिरोधक क्षमता में कमी, तनाव, थकान साथ ही याददाश्त कमजोर होने की समस्या हो सकती है।

अगर आप रात में यानि अँधेरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल 30 मिनट से ज्यादा कर रहे है तो आपकी आंखें सूखने लगती है जिसकी वजह से retina पर बुरा असर पड़ता है साथ ही साथ दिमाग पर भी इसका बुरा असता पड़ता हैं।

इसलिए हमें कभी भी रात में, अँधेरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जिस तरह पढ़ाई करने के लिए रोशनी की जरुरत पड़ती हैं उसी तरह अगर आप स्मार्टफोन में कोई काम कर रहे है या कुछ भी ऐसा कर रहे है और मोबाइल की screen आपकी आंखों के संपर्क में आ रही है तो अपने आस-पास लाइट अवश्य रखें मतलब जब भी आप रात में स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना चाहो तो लाइट जलाये रखें।

आजकल गेमिंग ऐप्स की वजह से बच्चों में स्मार्टफोन का क्रेज बहुत तेजी से बढ़ रहा है पर अगर आप अपने बच्चों को अंधेपन का शिकार होने से बचाना चाहते है तो जहां तक हो सके अपने बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखें. साथ ही आप भी जरुरत पड़ने पर ही स्मार्टफोन का इस्तेमाल करें और अँधेरे में तो बिलकुल भी ना करें।

निष्कर्ष

अब आपको पता चल गया होगा की हमें अँधेरे में स्मार्टफोन का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए और अँधेरे में मोबाइल का इस्तेमाल करने से क्या नुकसान हो सकता हैं इसलिए अँधेरे में फोन का इस्तेमाल करने से बचें ताकि आप अपनी आंखों को सुरक्षित रख सको।

आशा करता हूं अब आप अँधेरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे साथ ही अपने भाई या अपने दोस्तों को रात में यानि अँधेरे में मोबाइल का उपयोग करने से रोकें।

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मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

जी हां, अंधेरे में मोबाइल यूज करने से हो सकती है ये घातक बीमारियां..

आंखों की रोशनी...
रात में सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करने से आपकी आंखों के रेटीना पर बुरा असर पड़ता है। इससे आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है।

आंखों में रेडनेस...
रात को ज्यादा देर तक मोबाइल चलाने से इसकी रोशनी आंखों में रेडनेस की समस्या पैदा कर देती है।

डार्क सर्कल...
अगर आप देर रात तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है और इससे आपकी आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स की प्रॉबलम्स हो सकती है.

नींद में कमी...
रात को सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करने से बॉली में मेलाटोनिन हॉर्मोन का लेवल कम हो जाता है। इसके कारण नींद देर से आने की समस्या होने लगती है।

स्ट्रेस बढऩा...
देर रात तक मोबाइल चलाने से मेलाटोनिन हॉर्मोन का लेवल कम होता है, जिसकी वजह से आपका स्ट्रेस बढऩे लगता है।

ब्रेन पर पड़ता है बुरा असर...
अगर आप देर रात तक मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपकी मेमोरी को कमजोर कर सकता है, साथ ही ये ब्रेन ट्यूमर का खतरा भी हो सकता है।

थकान...
रात में ज्यादा देर तक मोबाइल चलाने से आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है और इसलिए आपको थकान महसूस होती है।

ग्लूकोमा...
देर रात तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से ब्रेन तक सिग्नल से जाने वाली ऑप्टिक तंत्रिका पर बुरा असर पड़ता है। इससे ग्लूकोमा (काले मोतिया) का खतरा बढ़ जाता है।

मसल्स पर असर...
रात को अंधेरे में लंबे समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से आपकी आंखों की फोकसिंग मसल्स पर बुरा असर पड़ता है। इससे किसी भी चीज पर फोकस करने में काफी प्रॉब्लम होती है।

1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?

एक व्यक्ति को एक दिन में लगभग 1 से 2 घंटे फ़ोन का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मोबाइल चलाने से हमारे आखों और मानशिक में काफी तनाव पड़ता है।

ज्यादा मोबाइल देखने से कौन सी बीमारी होती है?

देर तक फोन के इस्तेमाल की आदत से परेशानी हाल ही में एक शोध आया है जो कहता है कि ज्यादा फोन चलाने से अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर (एडीएचडी) के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। जामा पत्रिका में ये शोध प्रकाशित हुआ है। एडीएचडी के लक्षण लगभग 10 प्रतिशत अधिक होने का जोखिम दिखाई देता है।

रात को फोन देखने से क्या होता है?

अगर आप रात को लंबे समय तक फोन यूज करते हैं, तो आपको डार्क सर्कल की समस्या हो सकता है। दरअसल, देर रात तक मोबाइल चलाने से आंखों पर स्ट्रेस पड़ता है, इससे आंखों के नीचे के क्षेत्र में डार्क सर्कल्स की समस्या होने लगती है।

सोते समय मोबाइल कितनी दूरी पर रखना चाहिए?

घर में रखे माइक्रोओवन, मोबाइल फोन, वाई-फाई कनेक्शन से भी रेडिएशन का खतरा बना रहता है। कम से कम इनका इस्तेमाल करते हैं। वाई-फाई के राउटर को सोने, बैठने या पढ़ने की जगह से कम से कम 5 सेंटीमीटर की दूरी पर ही लगाएं। रात को सोते वक्त मोबाइल फोन को एयरोप्लेन मोड में रखकर ही सोएं।