राष्ट्र के निर्माण में आप क्या योगदान कर सकते हैं? - raashtr ke nirmaan mein aap kya yogadaan kar sakate hain?

हम सभी नए साल के रिसोल्यूशन बनाने का तो सोचते हैं लेकिन क्या आपने कभी इंडिपेंडेंस डे और रिपब्लिक डे पर देश के लिए कुछ करने का सोचा है? आपको लगता होगा आप अकेले क्या कर सकते हैं, लेकिन सच तो यह है कि आपमें से हर एक अगर कुछ बेसिक बातों को आदत में शामिल कर लें तो राष्ट्र निर्माण में बेहतरीन योगदान दे सकता है। आइए आपको कुछ छोटी-छोटी ज़रूरी बातें बताती हूं जिससे आप भी अपने देश का मान बढ़ा सकते है।

1.जब आप अपने देश से बाहर विदेश यात्रा पर जाते हैं, तब आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहें होते हैं। विदेशी आपके व्यवहार से आपके देश की सभ्यता और संस्कार का आकलन करेंगे। उस समय आप एक जिम्मेदार भारतीय रहते हुए ऐसी कोई हरकत न करें जिससे आपके देश का सर झुके।

2.जब कोई विदेशी हमारे देश में आता है तो कभी उनके साथ दुर्व्यवहार न करें। उसकी हर संभव सहायता करें, जिससे वो हमारे देश से अच्छी यादें ले जा सके। हमेशा याद रखें हम भारतीयों की विचारधारा है- अतिथी देवो भव: अपने स्वागत सत्कार से विदेशियों को इस बात का एहसास करा दीजिये।

3.जहां तक संभव हो भारत में बनाए प्रोडक्ट्स का यूज़ करें, जिससे खर्च हुआ पैसा हमारे देश में ही रहे और देश के लोगों को काम मिलता रहे। इसलिए "गो फॉर देसी" प्रोडक्ट्स।

4.आपका देश भी तो आपका घर ही है, इसलिए कूड़ा कचरा यहां-वहां न फेंके और पर्यावरण को प्रदूषित ना करें।

5.ट्रैफिक व अन्य क़ानूनी नियमों का पालन करें।

6.अपने घर और बाहर, हर महिला और बड़े बुजुर्गों को सम्मान दे।

7.अपनी संस्कृति और परंपरा को जीवित रखें, अपनी मातृभाषा के अलावा, अपनी राज्य की भाषा भी सीखें। विदेशी भाषा सीखना अच्छा है, लेकिन हमारी स्वदेशी भाषाओं को भी बोलें, जैसे हिंदी में बात करने में छोटा न महसूस करें और संस्कृत भाषा की तरह अन्य भाषाओं को विलुप्त न होने दें।

8.सभी परिधान पहनें लेकिन अपने पारंपरिक परिधान, साड़ी और धोती को पहनने में शर्म ना महसूस करें। उन्हें गर्व के साथ समय समय पर पहनें।

9.अपने राष्ट्रिय पशु, पक्षी, खेल, राष्ट्रय गान और तिरंगे का सम्मान करें। जब आप अपने देश का सम्मान करेंगे तभी दूसरे लोग आपके देश का सम्मान करेंगे।

Rashtra Nirman Me Vidhyarthiyo Ka Yogdan Par Nibandh: राष्ट्र निर्माण का अर्थ बॉर्डर पर खड़ी आर्मी या देश में बैठे सांसद से नहीं होता। उनकी अहम भूमिका होती है देश या राष्ट्र का निर्माण लोगों से होता है और उनकी की मदद से देश का निर्माण होता है, जो छोटे-मोटे काम करके देश के व्यापार को बढ़ावा देते है और देश की जीडीपी में अपना योगदान देते है।

हम यहां पर राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान से सम्बंधित सभी जानकारी का वर्णन किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

राष्ट्र के निर्माण में आप क्या योगदान कर सकते हैं? - raashtr ke nirmaan mein aap kya yogadaan kar sakate hain?
Image :Rashtra Nirman Me Vidhyarthiyo Ka Yogdan Par Nibandh

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  • राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध | Rashtra Nirman Me Vidhyarthiyo Ka Yogdan Par Nibandh
  • राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध (250 शब्द)
  • राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध (850 शब्द)
  • अंतिम शब्द

राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध (250 शब्द)

राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थी की एक अहम भूमिका होती है क्योंकि विद्यार्थी अपने ज्ञान का इस्तेमाल रोजगार के व्यवसाय के लिए करता है, जिससे देश आगे बढ़ता है। जितना अच्छा व्यवसाय और रोजगार एक विद्यार्थी कर पाएगा देश में उतनी ही प्रगति हो पाएगी। एक विद्यार्थी का राष्ट्र निर्माण में भूमिका उसके ज्ञान से पता चलता है।

अगर किसी देश के अधिकतर विद्यार्थी ज्ञानी है, तो वे अपने ज्ञान का इस्तेमाल किसी ने विकास रोजगार या व्यवसाय में करेंगे जिससे देश को अनेक उपलब्धियां मिलेगी। आज ज्ञान की आवश्यकता हर किसी को है क्योंकि हमारा देश किसी राजा के नहीं प्रजा के आधीन हो चुका है। इस वजह से सरकार ने शिक्षा का स्तर को सुधारने के लिए विभिन्न प्रकार के नीति और नियम बनाए हैं।

एक विद्यार्थी के लिए विद्याआम भूमिका निभाती है। विद्या हमें विभिन्न प्रकार के विषम परिस्थिति में सही फैसला लेना अनुशासन और व्यक्तित्व को बढ़िया बनाने का ज्ञान देती है, जिससे एक राष्ट्र को सही दिशा मिल सके और राष्ट्र को अच्छी तरह की हो।

एक अच्छे देश का निर्माण तभी हो सकता है जब सरकार अच्छी नीतियों को लेकर आए और सरकार अच्छी नीतियों को तभी ला सकती है जब वहां के लोग जागरूक होंगे और उस नीति को समझने की ताकत रखते होंगे।

किसी नीति के लाभ और हानि को हम शिक्षा के आधार पर समझ सकते है और शिक्षा ग्रहण करने का काम एक विद्यार्थी का होता है इसी वजह से राष्ट्र निर्माण का भार एक विद्यार्थी के कंधों पर आता है। आपको इस बात की समझ होनी चाहिए कि देश के लिए क्या सही है और क्या गलत है इसका फैसला के आधार पर कर सकते है ।

राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध (850 शब्द)

प्रस्तावना

किसी भी राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थी की अहम भूमिका होती है, इस बात को हम विद्यार्थी शब्द से ही समझ सकते है। विद्यार्थी उस व्यक्ति को कहते है जो विद्या ग्रहण करने का काम करता है विद्या अर्थात शिक्षा। शिक्षा ही वह ताकत है, जिसकी मदद से एक व्यक्ति विषम परिस्थिति में सही फैसला लेना सीख पाता है। साथ ही अनुशासन और व्यवहार के बारे में सीख पाता है।

आखिर समझदारी कहीं बिकती नहीं है, इस समझदारी का आधार शिक्षा ही होता है हमारे पास जितनी अधिक शिक्षा हो कि हम इतने विभिन्न प्रकार के चीजों को समझ पाएंगे और उनके बारे में बात कर पाएंगे जिससे ना केवल हमारा व्यक्तित्व बल्कि हमारा भविष्य भी निखरेगा। 

राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों की भूमिका

सरकार इस बात को समझती है इस वजह से शिक्षा को अहम भूमिका दिया जा रहा है। एक शिक्षित व्यक्ति देश के विकास में अहम भूमिका निभाता है क्योंकि एक शिक्षित व्यक्ति ही देश के विभिन्न परिस्थितियों में सही फैसले लेने में मदद कर सकता है साथ ही उसके द्वारा की गई नौकरी और व्यवसाय सफल होती है जिसका फायदा भी देश को होता है।

हम अपने देश के इतिहास और वर्तमान परिस्थिति को देख कर भी इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि एक विद्यार्थी का देश निर्माण में कितनी अहम भूमिका होती है। आज हमारे देश का जो संविधान है उसे कुछ शिक्षित लोगों के द्वारा लिखा गया तभी जाकर आज सभी व्यक्तियों को उनका अधिकार मिल पा रहा है।

देश में कुछ भी गलत होता है तो उसके लिए कानून व्यवस्था बनाई गई, जो एक शिक्षित व्यक्ति के द्वारा किया गया तभी जाकर देश से चल पा रहा है। इस बात से हम समझ सकते हैं कि शिक्षा कितनी आवश्यक है और जो व्यक्ति शिक्षा को ग्रहण करेगा वह विद्यार्थी की श्रेणी में आ जाता है। इस वजह से इतिहास से लेकर वर्तमान और आने वाले भविष्य तक एक अच्छा विद्यार्थी अच्छे देश को निर्माण करने का श्रेय ले सकता है। 

देश निर्माण में विद्यार्थी की भूमिका

शिक्षा ग्रहण करने से एक व्यक्ति या समझ पाता है कि देश के प्रति उसके क्या कर्तव्य है और उसके क्या अधिकार है, जिसकी वजह से वह देश को आगे बढ़ाने में मदद करता है। 

जब एक विद्यार्थी विद्या ग्रहण करता है और खुद को इतना सजग बनाता है कि वह देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझ सके और उसे सफलतापूर्वक पूरा कर सके, तो इस सफर में उसका कर्तव्य होता है कि वह इतनी शिक्षा ग्रहण करें कि वह अपने अधिकार को समझ सके। साथ ही इसके बारे में समाज में जागरूकता फैला सके। शिक्षा के जरिए इतनी समझदारी पा सके कि ना केवल अपने जीवन बल्कि समाज में हो रहे हो प्रथाओं को बंद करने में सरकार की मदद भी कर सके। 

एक विद्यार्थी का कर्तव्य यहीं खत्म नहीं होता, ऐसा माना जाता है कि जब तक शिक्षा का लाभ है व्यक्ति को और देश को ना हो तब तक वह शिक्षा व्यर्थ है। इस वजह से एक विद्यार्थी का यह भी कर्तव्य होता है कि वह अच्छा व्यवसाय या नौकरी करें, जिससे उसके परिवार को अच्छी सुविधा मिल सके ताकि उसके बाद वह समाज के लिए कुछ अच्छा करें और एक यह अंततः देश को आगे बढ़ाने में उसकी भूमिका होगी। 

विद्यार्थी जीवन किस प्रकार देश को समर्थन करता है

विद्यार्थी का जीवन काफी मुसीबतों से भरा होता है। उसे अपने जीवन में शिक्षा को ग्रहण करना होता है ताकि वह विभिन्न प्रकार के नजरिए को उत्पन्न कर सके और उसके जीवन में आने वाली परेशानियों को वह एक अलग नजरिए से देख सके। एक विद्यार्थी जीवन देश को तब समर्थन देता है, जब उसके ज्ञान की वजह से वह कोई अच्छा व्यवसाय या नौकरी कर पाता है क्योंकि इसका टैक्स देश को जाता है।

इसके अलावा एक विद्यार्थी देश को तब समर्थन देता है, जब वह अपने परिवार के लिए सभी प्रकार की सुविधाओं को लेकर आता है और परिवार की कुशलता के बात अपने आसपास के समाज के बारे में सोचता है और समाज में हो रहे कुप्रभाव को बंद करता है या विभिन्न प्रकार के बदलाव को लाता है। 

आखिर हमारे आस पास जो भी प्रगति हुई है, वह एक शिक्षित व्यक्ति के द्वारा की गई है।उसने अपने जीवन में शिक्षा को पाया और लोगों की समस्या का समाधान ढूंढा तब जाकर हमें आज विभिन्न प्रकार के अविष्कार देखने को मिले।

कुछ शिक्षित व्यक्तियों को अपने अधिकार की समझ हुई और उन्होंने इसकी जागरूकता देशभर में फैलाई पर आज हमारा देश आजाद होकर अपना स्वयं का कानून बना पा रहा है। यह सब एक शिक्षित व्यक्ति की वजह से हुई, जो एक विद्यार्थी जीवन जीकर अपनी विद्या को ग्रहण कर पाया। 

निष्कर्ष 

विद्यार्थी जीवन हमें अनुशासन सिखाता है। एक नया नजरिया सिखाता है। साथ ही कड़ी मेहनत करके किस प्रकार किसी चीज को पाया जाता है यह बताता है, जिसका इस्तेमाल हम अपने जीवन में करके ना केवल देश को बल्कि अपने जीवन को भी सफल बना पाते हैं। राष्ट्र की रक्षा करना और उनकी उन्नति में योगदान देना हर विद्याथियों का कर्त्तव्य है।

अंतिम शब्द

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा शेयर किया गया यह  राष्ट्र निर्माण में विद्यार्थियों का योगदान पर निबंध (Rashtra Nirman Me Vidhyarthiyo Ka Yogdan Par Nibandh) आपको पसंद आया होगा। यदि आपको इससे जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही कमेंट में यह भी बताएं कि आपको यह निबंध कैसा लगा।

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राष्ट्र निर्माण में युवाओं का क्या योगदान है?

उपरोक्त विषय में मुख्यतः दो शब्दों का प्रयोग होता है। पहला "युवा शक्ति" दूसरा "राष्ट्र निर्माण" । अतः पहले यह समझ लेना समीचीन होगा कि युवा शक्ति व राष्ट्र निर्माण से हमारा क्या तात्पर्य है ।

मैं अपने देश के विकास में कैसे योगदान देंगे?

देश के विकास में हम अपना योगदान दें.......... - हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं।

राष्ट्र निर्माण कैसे करें?

उस समय आप एक जिम्मेदार भारतीय रहते हुए ऐसी कोई हरकत न करें जिससे आपके देश का सर झुके। 2. जब कोई विदेशी हमारे देश में आता है तो कभी उनके साथ दुर्व्यवहार न करें। उसकी हर संभव सहायता करें, जिससे वो हमारे देश से अच्छी यादें ले जा सके।

एक विद्यार्थी देश के लिए क्या योगदान दे सकता है?

विद्यार्थी जीवन में ही वह अपने कर्तव्यों को पूरा करने की प्रेरणा प्राप्त करता है। विद्यार्थी जीवन में जिन विचारधाराओं का विकास होता है। आगे चलकर व्यक्ति उन्हीं विचारों का समर्थक होता है। इसलिए विद्यार्थी जीवन प्रत्येक पहलू की दृष्टि से किसी भी राष्ट्र के भविष्य निर्माण में युगांतकारी भूमिका निभाता है ।