गतिविधि निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते हैं इसे कैसे दूर किया जा सकता है - gatividhi nirdhanata ka mukhy kaaran aap kya maanate hain ise kaise door kiya ja sakata hai

विषयसूची

  • 1 गतिविधि निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते हैं इसे कैसे दूर किया जा सकता है?
  • 2 निर्धनता क्या है इसके दुष्प्रभाव निर्धनता को कैसे दूर किया जा सकता है निर्धनता निवारण में शिक्षा का योगदान?
  • 3 निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते है?
  • 4 निर्धनता के दुष्प्रभाव क्या है?

गतिविधि निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते हैं इसे कैसे दूर किया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंअतः निर्धनता, निर्धन तथा धनी दोनों के लिए विश्व को बदलने का एक आह्वान है ताकि अधिक से अधिक लोगों को पेटभर भोजन नसीब हो सके, सिर छुपाने को बेहतर जगह मिल सके, चिकित्सा व शिक्षा की सुविधाएँ प्राप्त हो सके, हिंसा से उनका बचाव हो सके तथा अपने समाज के घटनाक्रम में उनकी आवाज की भी सुनवाई हो सके।

निर्धनता क्या है इसके दुष्प्रभाव निर्धनता को कैसे दूर किया जा सकता है निर्धनता निवारण में शिक्षा का योगदान?

इसे सुनेंरोकेंशक्ति से अधिक दहेज देने वालों के परिवार बहुत निर्धन हो जाते है । निर्धनता और अशिक्षा का भी परस्पर सम्बन्ध है । अशिक्षा से निर्धनता बढ़ती है क्योंकि अशिक्षित व्यक्ति की धन कमाने की सामर्थ्य बहुत कम रहती है । दूसरी ओर बहुत से लोग निर्धनता के Page 3 कारण अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पाते और अशिक्षित रह जाते हैं ।

भारत में निर्धनता के क्या कारण हैं निर्धनता दूर करने के उपाय क्या?

इसे सुनेंरोकेंजनसंख्या के अत्यधिक बढ़ जाने से सबकी आवश्यकताओं की भली प्रकार पूर्ति नहीं हो पाती और देश में निर्धनता फैलती है । यातायात के साधनों का अभाव आदि उद्योग और व्यापार की उन्नति में बाधक जितने भी कारक हैं उन सभी से निर्धनता बढ़ती है । अतः निर्धनता स्वयं निर्धनता बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है ।

निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते है?

इसे सुनेंरोकेंवास्तव में निर्धनता का कारण आय का कम होना ही नहीं बल्कि खर्च का आय से अधिक होना भी है । बहुत से लोग ऐसे भी है जिनकी फजूल खर्ची इतनी अधिक बड़ी होती है कि पर्याप्त पैसा आने पर भी वे निर्धन के निर्धन बने रहते हैं । भारतवर्ष में गांव वालों की निर्धनता का एक बड़ा कारण उनका असन्तुलित व्यय भी है ।

निर्धनता के दुष्प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनिर्धनता की स्थिति में परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे पर अविश्वास करने लगते हैं। घर में कलह का वातावरण बना रहता हैं और कभी-कभी परिवार अनैतिकता का भी केन्द्र बन जाता है। ऐसी स्थिति में सदस्यों में पारस्परिक प्रेम समाप्त हो जाता है और सभी लोग अपने-अपने स्वार्थों को पूरा करने में लग जाते हैं।

निर्धनता के दुष्प्रभाव से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंनिर्धनता और बेरोजगारी की समस्याओं ने वर्तमान में कई लोगों को आत्महत्या करने के लिए विवश कर दिया है। भारत में परंपरागत साधनों का उचित प्रयोग न किए जाने से यहाँ पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता है। पर्याप्त उत्पादन न होने के कारण बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो जाती है जो निर्धनता या गरीबी का प्रमुख कारण रही है।

गतिविधि निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते हैं इसे कैसे दूर किया जा सकता है क्या आपके पास इस समस्या का?

इस स्थिति में कोई व्यक्ति अक्षम है या नहीं, यह उस व्यक्ति की परिस्थिति से मुकाबला कर पाने की उस व्यक्ति की अपनी योग्यता / क्षमता पर निर्भर करता है । अतः यह स्पष्ट हो जाता है कि कोई क्षति अथवा अपंगता व्यक्ति को कुछ क्षेत्रों में अक्षम बना सकती है परन्तु अन्य क्षेत्रों में वह उस क्षति या अपंगता के कारण अक्षम नहीं होता ।

गतिविधि निर्धनता का मुख्य कारण आप क्या मानते हैं?

जनसंख्या के अत्यधिक बढ़ जाने से सबकी आवश्यकताओं की भली प्रकार पूर्ति नहीं हो पाती और देश में निर्धनता फैलती है । यातायात के साधनों का अभाव आदि उद्योग और व्यापार की उन्नति में बाधक जितने भी कारक हैं उन सभी से निर्धनता बढ़ती है । अतः निर्धनता स्वयं निर्धनता बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है ।

निर्धनता का मुख्य कारण क्या है इसे कैसे दूर किया जा सकता है?

भारत निर्धनता दूर करने के उपाय आय एवं धन के वितरण को समानताओं को कम किया जाए। जनसंख्या की वृद्धि को नियंत्रित करने के प्रयास किए जाएं। इस संबंध में परिवार कल्याण कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए भरसक प्रयास किए जाएं। कृषि उत्पादकता को बढ़ाने के लिए यथासंभव प्रयास किए जाएं।

निर्धनता को कैसे दूर किया जा सकता है?

साथ ही निर्धन वर्गों को समाज की मुख्यधारा का अंग बना सभी के लिए एक न्यूनतम जीवन स्तर सुनिश्चित कराने का ध्येय लेकर ही सारे विकास कार्यक्रमों की रचना की गई है। निर्धनता के स्थान स्थान पर तथा समय-समय पर अलग-अलग स्वरूप हैं। इनकी अनेक प्रकार से व्याख्या की गई है।