(1) जैसलमेर (2) बाड़मेर (3) जोधपुर (4) बीकानेर (5) गंगानगर (6) हनुमानगढ़ (7) नागौर (8) जालौर (9) चूरू (10) सीकर (11) झुंझुनूँ (12) पाली का पश्चिमी भाग। Show
(A) रेतीला शुष्क मैदान (B) राजस्थान बाँगर (अर्द्ध शुष्क राजस्थान) (A) रेतीला शुष्क मैदान : रेतीला शुष्क प्रदेश को दो भागों में बांटा गया है- 1. पश्चिमी रेतीला मैदान 2. शुष्क मरूस्थली1. बालूका स्तूप मुक्त प्रदेश – यह प्रदेश जैसलमेर में रामगढ़ से पोकरण के बीच स्थित है। अवसादी चट्टानों का बाहुल्य लाठी सीरिज क्षेत्र (भूगर्भीय जल पट्टी) एवं आकलवुड फॉसिल पार्क (जीवाश्म अवशेष हेतु प्रसिद्ध) इस प्रदेश में है। 1. प. राजस्थान के रेतीले मैदान का 41.5 % क्षेत्र बालूका स्तूप मुक्त प्रदेश है। 2. शुष्क मरूस्थली – यह प्रदेश 25 सेमी. वर्षा रेखा द्वारा अर्द्ध शुष्क राजस्थान से विभाजित है। मरूस्थल में पायी जाने वाली भौतिक विशेषताएँ :- क. बालुका स्तूप ख. रण ग. खड़ीन क. बालुका स्तूप – बालुका स्तूपों के प्रकार – अ) बरखान-सर्वाधिक गतिशील अर्द्धचन्द्राकार स्तूप जिनसे सर्वाधिक हानि होती है। सर्वाधिक-शेखावाटी क्षेत्र में लेकिन पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर में अधिक है। ब) अनुदैर्घ्य-पवनों की दिशा में समानांतर बनने वाले स्तूप। सर्वाधिक-जैसलमेर में। स) अनुप्रस्थ-पवनों की दिशा में समकोण बनने वाले स्तूप। सर्वाधिक-बाड़मेर में। तारा बालुका स्तूप:- माहनगढ़, पोकरण (जैसलमेर), सूरतगढ़।
ख. रन –
ग. खड़ीन –
(B) राजस्थान बाँगर (अर्द्ध शुष्क राजस्थान) : राजस्थान बाँगर को भी चार लघु प्रदेशों में बांटा गया है- 1. घग्घर क्षेत्र-हनुमानगढ़, गंगानगर का क्षेत्र।
2. आन्तरिक जल प्रवाह-शेखावाटी क्षेत्र। (सीकर, चुरू, झुझुंनू व उत्तरी नागौर)
3. नागौरी उच्च प्रदेश।
4. गोंडवाड़- या लूनी बेसिन प्रदेश।
विशेष तथ्य :-
1. इर्ग – रेतीला मरुस्थल। 2. हम्माद-पथरीला मरुस्थल। 3. रैग-मिश्रित मरुस्थल।
2. मध्यवर्ती अरावली पर्वतीय प्रदेश
– राजस्थान में अरावली शृंखला सिरोही से खेतड़ी (झुंझुनूँ) के उत्तर पूर्व की ओर फैली हुई है।
1. आबू पर्वत खंड 2. मेवाड़ पहाड़ियां 3. मेरवाड़ पहाड़ियां 4. उत्तरी-पूर्वी पहाड़ियां या शेखावाटी पहाड़ियां।
– दूसरी सबसे ऊँची चोटी-सेर (माउण्ट आबू, सिरोही-1597 मीटर)। – तीसरी सबसे ऊँची चोटी-दिलवाड़ा (सिरोही-1442 मीटर)। – चौथी सबसे ऊँची चोटी-जरगा (उदयपुर-1431 मीटर)।
– उत्तरी अरावली क्षेत्र में, जयपुर, अलवर तथा शेखावटी क्षेत्र की पहाड़ियाँ आती है। – भैंराच (अलवर) व उत्तरी अरावली की अन्य प्रमुख चोटियाँ हैं।
दर्रे या नाल
1. जीलवा की नाल (पगल्या नाल) – यह मारवाड़ से मेवाड़ को जोड़ता है। 2. सोमेश्वर की नाल – यह देसूरी (पाली) से उत्तर की ओर स्थित है। 3. हाथीगुड़ा की नाल – यह देसूरी (पाली) से दक्षिण की ओर स्थित है। 4. बर (पाली) दर्रे से होकर मध्यकाल में जोधपुर से आगरा का रास्ता व अब राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-14 ब्यावर से कांडला) गुजरता है। 5. अरावली पर्वतमाला में स्थित अन्य दर्रे-दिवेर, कच्छवाली, सरूपाघाट।
पठार1. उड़िया पठार राज्य का सबसे ऊँचा पठार है, जो गुरु शिखर से 160 मीटर नीचे स्थित है। अतः उड़िया पठार की ऊँचाई 1722 – 160 = 1562 मीटर है। 2. आबू का पठार – यह राजस्थान का दूसरा ऊँचा पठार है। 3. भोंराठ का पठार – उदयपुर के उत्तर-पश्चिम में गोगुन्दा व कुंभलगढ़ के मध्य स्थित अरावली पर्वत शृंखला का क्षेत्र भोंराठ का पठार कहलाता है। औसत ऊंचाई- 1225 मीटर। -भोराट पठार के पूर्व में दक्षिणी सिरे का पर्वत स्कन्ध अरब सागर व बंगाल की खाड़ी के बीच एक जल विभाजक का कार्य करता है। 4. मेसा पठार – इस पर चित्तौड़गढ़ का किला स्थित है। 620 मी. ऊंचा 5. लसाड़िया का पठार – उदयपुर में जयसमंद से आगे उत्तर पूर्व की ओर विच्छेदित व कटाफटा पठार। 6. उपरमाल पठार – चित्तौड़गढ़ के भैंसरोड़गढ़ से बिजोलिया भीलवाड़ा के बीच का पठारी भाग तक। 7. भोमट का पठार – मेवाड़ (उदयपुर) के दक्षिण पश्चिम भाग में। अरावली पर्वतीय प्रदेश से सम्बन्धित शब्दावलियाँ –
अन्य पहाड़ियां – छप्पन की पहाड़िया – बाड़मेर
3. पूर्वी मैदान क्षेत्र
– बांसवाड़ा, डूँगरपुर, व प्रतापगढ़ के बीच माही बेसिन में 56 ग्राम समूहों (56 नदी-नालों का प्रवाह क्षेत्र) का क्षेत्र होने के कारण यह छप्पन का मैदान या ‘छप्पन बेसिन’ कहलाता है।
4. दक्षिणी पूर्वी पठार
अन्य रोचक महत्वपूर्ण तथ्य :-1. राजस्थान के अजमेर जिले में मानव बसावट/संरचना का घनत्व अधिकतम है। 2. जैसलमेर जिमे में 700 पूर्वी देशान्तर रेखा गुजरती है। 3. धरियन – जैसलमेर में स्थानांतरित बालूका स्तूप। 4. खेड़ाऊ – अकाल पड़ने पर मवेशियों को लेकर अन्य प्रदेशों की ओर चारे-पानी की खोज में जाने वाला व्यक्ति। 5. अरावली पर्वतमाला का सर्वाधिक विस्तार उदयपुर में तथा न्यूनतम विस्तार अजमेर में है। 6. हर्ष एवं मालखेत की पहाड़ियां – सीकर 7. वृहत् सीमान्त भ्रंश – यह बूंदी-सवाई माधोपुर की पहाड़ियों के सहारे फैला है। 8. हम्मादा – चट्टानी मरूस्थल। रेग – पथरीला मरूस्थल। इर्ग – रैतीला मरूस्थल 9. मावठ – पश्चिमी विक्षोभों (भूमध्यसागरीय चक्रवातों) से होने वाली शीतकालीन वर्षा। यह वर्षा रबी की फसलों के लिए लाभकारी होती है। राजस्थान में इसे ‘गोल्डन ड्रॉप्स’ के नाम से जाना जाता है। राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में कौन से जिले आते हैं?पश्चिमी रेगिस्तान का विस्तार बाड़मेर, जैसलमेर, बिकानेर, जोधपुर, पाली, जालोर, नागौर,सीकर, चुरू झूझूनु, हनुमानगढ़ व गंगानगर 12 जिलों में है। काजरी के डा.
राजस्थान का पूर्वी छोर कौन सा है?👉पूर्वी बिंदु या छोर-
➯राजस्थान का सबसे पूर्वी बिंदु या छोर धौलपुर जिले की राजाखेड़ा तहसील के सिलाना/ सिलाॅन गांव (78°17') में है।
राजस्थान का सबसे पश्चिमी जिला कौन सा है?सबसे पश्चिमी जिला: जैसलमेर। सबसे उत्तरी जिला: गंगानगर। सबसे दक्षिणी जिला: बांसवाड़ा।
राजस्थान का सबसे मध्य गांव कौन सा है?राजस्थानका सेंटर प्वाइंट (केंद्र बिंदु) लाम्पोलाई गांव है। यह मेड़तासिटी से 15 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे-89 पर आया हुआ है। राजस्थान की स्थापना (30 मार्च, 1949) के 67 साल बाद भी इस सेंटर को वो कोई पहचान नहीं मिल पाई, जिसका वो हकदार था। उधर, महाराष्ट्र में स्थित है नागपुर शहर।
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