पित्त रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए? - pitt rogee ko kya nahin khaana chaahie?

Foods For Pitta Dosha: पित्त एक ऐसा रोग है, जिससे पीड़ित होने पर एक या दो नहीं बल्कि 40 से ज्यादा रोग हो सकते हैं। बहुत जल्दी गुस्सा आना, ज्यादा पसीना आना, जल्दी थकान होना, ये सब पित्त दोष के लक्षण हैं। पित्त दोष ज्यादा मसालेदार खाना खाने, तनाव लेने से या बिना भूख के ही कुछ भी खा लेने और गर्म तासीर वाली चीजों के सेवन से अधिक होता है। हालांकि, खान-पान में सुधार करने से पित्त दोष की समस्या से राहत पाई जा सकती है। तो चलिए हम आपको बताते हैं पित्त दोष के निवारण के लिए डाइट में किन चीजों को शामिल करें और किन चीजों को इग्नोर करें-

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पित्त दोष में क्या खाएं?

इन फलों का करें सेवन
पित्त दोष में गर्म तासीर वाले फलों के सेवन से परहेज करना चाहिए। इस समस्या से राहत पाने के लिए सेब, अनार, ताजे अंजीर, आम, खरबूजा, अमरूद और संतरे का सेवन कर सकते हैं।

सब्ज़ियां
जिन लोगों को पित्त की समस्या होती है, वो ब्रोकली, खीरा, हरी शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जी, गोभी, हरी बींस, मशरूम, लौकी और भिंडी से बनी सब्जियों को डाइट में शामिल कर सकते हैं। पर ध्यान रखें कि सब्जी मसालेदार न हो।

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अनाज
पित्त की समस्या से राहत पाने के लिए अनाज का सेवन भी फायदेमंद होता है। अनाजों में जौ, गेहूं, ओट्स, सफेद बासमाती चावल को शामिल किया जा सकता है। वहीं, दालों में मूंग की दाल इस रोग में फायदेमंद होती है।

हर्बल टी का सेवन
पित्त की समस्या से निजात पाने के लिए चाय-कॉफी का सेवन हानिकारक होता है। दरअसल, पित्त की समस्या होने पर बदहजमी की शिकायत बनी रहती है। ऐसे में चाय-कॉफी का सेवन पित्त को बढ़ाने का काम करता है। चाय-कॉफी की जगह हर्बल या ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है।

घी का करें सेवन
पित्त को शांत करने के लिए गाय का देसी घी काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा खाने में नारियल का तेल, सूरजमुखी का तेल और जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।

(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

आज हम आपको ऐसे कुछ दालों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें पित्त प्रकृति के लोगों को नहीं खाना चाहिए। रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानें इसके बारे में- 

पित्त क्या होता है? (What is Pitta in Ayurveda)

आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्मांड पांच तत्वों से बना है। इसमें वायुन, जल, अग्नि, आकाश और पृथ्वी शामिल हैं। ये तत्व शरीर के प्रकार वात, पित्त और कफ बनाते हैं। वैसे तो ये तीनों प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में मौजूद होता है, लेकिन इनमें से एक प्रधान (What is Pitta in Ayurveda) होता है। इसे ही व्यक्ति की प्रकृति माना जाता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में अग्नि बढ़ जाती है, तो इस स्थिति को पित्त दोष (What is Pitta Dosha) कहा जाता है।

पित्त दोष के लक्षण (Pitta Dosha Symptoms)

शरीर से तेज दुर्गंध, जल्दी गुस्सा आना, पेट से जुड़ी समस्याएं रहना किसी भी व्यक्ति में पित्त दोष के लक्षणों (Pitta Prakriti Meaning) को दिखाता है। जिन लोगों की पित्त प्रकृति होती है, उन्हें अक्सर कब्ज, एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। जानें पित्त दोष के लक्षण (Pitta Dosha Symptoms)-

  • अपच और कब्ज
  • एसिडिटी
  • उत्साह में कमी
  • जल्दी गुस्सा आना
  • त्वचा पर रैशेज
  • रूखी त्वचा
  • स्किन पर रेडनेस

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पित्त प्रकृति के लोग न खाएं ये दाल (Pulses to Avoid in Pitta Dosha)

पित्त प्रधान वाले लोगों को अपने आहार में बहुत गर्म तासीर वाली दाल को शामिल करने से बचना चाहिए। गर्म तासीर की दाल खाने से शरीर में पाचक अग्नि कमजोर पड़ जाती है, इससे खाया हुआ भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। पित्त प्रकृति के लोग इन दालों (Pitta Dosha Foods to Avoid) को खाने से बचें।

पित्त रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए? - pitt rogee ko kya nahin khaana chaahie?
 

1. राजमा से करें परहेज (Rajma Side Effects in Hindi)

पित्त प्रकृति के लोगों को राजमा खाने से बचना चाहिए। राजमा की तासीर बहुत गर्म होती है, इससे शरीर में अग्नि बढ़ सकती है। पित्त प्रकृति के लोगों में पहले से ही पेट से संबंधित दिक्कतें रहती हैं, राजमा पेट की परेशानियों (Rajma ke Nuksan) को बढ़ाता है। राजमा पाचन तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर सकता है। पित्त प्रकृति वाले लोगों को राजमा खाने से पेट में दर्द (Stomach Pain in Hindi) और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

2. छोले खाने से बचें (Chickpeas Side Effects)

छोले भले ही प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, लेकिन पित्त प्रकृति के लोगों को छोले खाने से बचना चाहिए। छोले (Chickpeas Side Effects) खाने से अपच, एसिडिटी और पेट में दर्द की समस्या पैदा हो सकती है। इसके साथ ही छोले की तासीर भी गर्म होती है, जिससे पित्त प्रकृति वाले लोगों के शरीर में गर्मी बढ़ सकती है। छोले को काबुली चना या सफेद चना भी कहा जाता है।

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3. कुल्थी की दाल (Kulthi ki Daal)

कुल्थी की दाल को पहाड़ों में गहत की दाल भी कहा जाता है। गहत की दाल (Kulthi ki Daal ke Fayde) पोषक तत्वों से भरपूर होती है, इससे शरीर को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन जिन लोगों के शरीर की पित्त प्रकृति है, उन्हें कुल्थी की दाल खाने से परहेज करना चाहिए। कुल्थी की दाल की तासीर बहुत गर्म होती है, इसलिए इसे अक्सर सर्दियों में खाया जाता है। पित्त प्रकृति में कुल्थी की दाल खाने से पित्त दोष बढ़ सकता है। 

4. भट्ट की दाल (Bhat ki Dal)

उत्तराखंड में अक्सर लोग भट्ट की दाल खाना पसंद करते हैं। भट्ट की दाल को कई तरीकों से खाया जा सकता है। भट्ट के दाल (Bhat ki Dal in Hindi) की तासीर बहुत गर्म होती है, इसलिए गर्मियों में इसे खाने से बचना चाहिए। पित्त प्रकृति के लोगों को भट्ट की दाल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। भट्ट की दाल शरीर में पित्त को असंतुलित कर सकती है। पित्त दोष के लक्षण पैदा कर सकती है। वात और कफ प्रकृति वाले भट्ट की दाल का सेवन कर सकते हैं। सर्दियों में भट्ट दाल खाना फायदेमंद होता है।

अगर आपके शरीर की प्रकृति भी पित्त है, तो आपको राजमा, छोले, कुल्थी और भट्ट की दाल खाने से परहेज करना चाहिए। खासकर गर्मियों में इन दालों को बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। ये दाल खाकर आपके शरीर में पित्त असंतुलित हो सकता है। 

पित्त को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?

पित्त को संतुलित करने के लिए क्या खाएं :.
घी का सेवन सबसे ज्यादा ज़रुरी है।.
गोभी, खीरा, गाजर, आलू, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।.
सभी तरह की दालों का सेवन करें।.
एलोवेरा जूस, अंकुरित अनाज, सलाद और दलिया का सेवन करें।.

पित्त क्या खाने से बढ़ता है?

खट्टी चीजें शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ाती हैं. आपको संतरा, मौसंमी, कीवी और चकोतरा जैसे फल नहीं खाने चाहिए. इसकी जगह आप तरबूज, खीरा और सेब खा सकते हैं. 4- चाय- कॉफी- पित्त वाले लोगों को कैफीन युक्त खाने से बचना चाहिए.

पित्त की समस्या होने पर क्या खाना चाहिए?

1 नारियल नारियल पित्त को शांत करता है। ... .
2 तरबूज यह चमकदार गुलाबी और खीरे के परिवार से जुड़ा रसीला फल सिंधु घाटी सभ्यता के समय से उपजाया जा रहा है। ... .
3 खीरा ... .
4 नींबू ... .
5 अंकुरित मूँग दाल ... .
6 छाछ ... .
7 अलसी के बीज ... .

पित्त को शांत कैसे करें?

पित्त दोष को बैलेंस करने के लिए आयुर्वेदिक औषधि और डाइट.
एसिडिटी की समस्या है तो लहसुन को छोटे-छोटे टुकड़ों में करके घी से फ्राई करके इसका सेवन करें.
हल्दी मेथी और सौंठ का पाउडर दरदरा पानी पिएं। ... .
एलोवेरा , लौकी का जूस, व्हीटग्रास पित्त के लिए सबसे बेस्ट.
अवपतिकर चूर्ण और मुक्ताशुक्ति पाउडर का करें सेवन.