राज्य में देवी-देवताओं की गाथाओं को कपड़े पर बने चित्रों के माध्यम से बांचने की कला फड़ कहलाती है। फड़ चित्रांकन का प्रधान केन्द्र शाहपुरा (भीलवाड़ा) है, जोकि फड़ चित्रकला के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है, यहां की छीपा जाति के जोशी फड़ में सिद्धहस्त है। लोक देवी-देवता के जीवन को कपड़े पर चित्रित करना चित्रांकन कहलाता है। फड़ चित्रण में फड़ के केन्द्रीय भाग में मुख्य देवता का चित्र अंकित किया जाता है। सम्बंधित देवी-देवता के जन्म, शिक्षा, विवाह, युद्ध, तथा मृत्यु को चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाता है। फड़ का मुख्य पात्र लाल एवं हरे रंग की पोशाक से दर्शाया जाता है। भोपा तथा भोपी इस फड़ का वाचन सम्बंधित वाद्य यंत्र साथ करते है। विभिन्न फड़ निम्न प्रकार है :- Show
माण्डणामाण्डणे :- मांगलिक अवसरों पर विभिन्न रंगो के माध्यम से घर-आँगन उकेरी गई कलात्मक आकृतियां माण्डणे कहलाती है। इन मांडणे को गुजरात में 'सातियाँ', बंगाल में 'अल्पना', महाराष्ट्र में 'रंगोली', भोजपुरी अंचल में 'थापा', उत्तर प्रदेश में 'चौक पूरना या सोन', केरल में 'अतापु', बिहार में 'अहपन', तमिलनाडु में 'कोलम', ब्रज एवं बुंदेलखंड में 'साँझा' कहलाते है। कुछ विशेष मांडणे निम्न प्रकार है:-
काष्ठ कला
राजस्थान की अन्य प्रमुख लोक कलाएँ
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आज की इस पोस्ट में राजस्थान की प्रमुख लोक कलाएं एवं हस्तकलाएं ( पर एक विस्तृत लेख लिखा गया है। इसमें आप सभी के सवाल राजस्थान की लोक कला व हस्तकला, राजस्थान की प्रमुख हस्तकला, राजस्थान की काष्ठ कला, तारकशी कला राजस्थान, राजस्थान की लोक कलाएं एवं हस्त कलाएं Trick PDF Download आदि से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है। Tags : rajasthan ki hastkala, rajasthan ke pramukh lok kala, rajasthan ki pramukh hastkala, folk art of rajasthan in hindi, lok kala pdf download, rajasthan ki pramukh hastkala trick pdf download in Hindi. राजस्थान की लोक कलाएं कौन कौन सी है?राजस्थान की प्रमुख लोक कलाएँ latest current affairs 2022. राजस्थान की लोक कलाएँ. फड़ (पड़) चित्रण शाहपुरा (भीलवाड़ा) पाबूजी की फड़ देवनारायण की फड़ रामदेव जी की फड़ रामदला – कृष्णदला की फड़ भैंसासुर की फड़ ... . काष्ठ कलाकृतियाँ कठपुतली प्रसिद्ध कठपुतली खेल भारत में चार प्रकार की कठपुतलियों का प्रचलन हैं गोदना मेहंदी पथवारी. लोक कला कितने प्रकार के होते हैं?भारत की लोक चित्रकला. मधुबनी चित्रकला. पट्टचित्र कला. पिथोरा चित्रकला. कलमकारी चित्रकला. कालीघाट चित्रकला. फर्श चित्रकला (पट चित्रकला). वर्ली चित्रकला. थांका चित्रकला. राजस्थान की इस लोक कला को क्या कहते हैं *?मांडना राजस्थान , मालवा और निमाड़ क्षेत्र की लोक कला है। इसे विशेष अवसरों पर महिलाएँ ज़मीन अथवा दीवार पर बनाती हैं। मांडना, मंडन शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है सज्जा।
लोक कला का क्या नाम है?कलमकारी, कांगड़ा, गोंड, चित्तर, तंजावुर, थंगक, पातचित्र, पिछवई, पिथोरा चित्रकला, फड़, बाटिक, मधुबनी, यमुनाघाट तथा वरली आदि भारत की प्रमुख लोक कलाएँ हैं।
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