सम्मिलित क्षेत्र– 8 दस्यु प्रभावित जिले- बूंदी, कोटा ,झालावाड़ ,बारा, करौली, सवाई माधोपुर ,भरतपुर व धौलपुर उद्देश्य- सम्मिलित क्षेत्र में कंदरा सुधार कार्यक्रम वह बीहडों के फैलाव को रोकने तथा बीहड़ क्षेत्रों की खोई हुई उत्पादन क्षमता को वापस प्राप्त करना Show वित्त पोषण – केंद्र सरकार द्वारा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम, मगरा,डांग क्षेत्र, मेवात क्षेत्र, सीमावर्ती क्षेत्र विकास कार्यक्रम (chetriya vikash karyakram, magra, dang chetra, simavarti chetra vikash karyakram) मरू विकास कार्यक्रम,maru vikas karyakramसम्मिलित क्षेत्र– 1977-78 में 11 जिलों में प्रारंभ यह कार्यक्रम वर्तमान में राजस्थान के 16 जिलों – बाड़मेर ,अजमेर, चूरू, बीकानेर ,जयपुर ,जालौर , हनुमानगढ़ ,जैसलमेर ,जोधपुर झुंझुनू ,राजसमंद, नागौर ,पाली, सीकर ,उदयपुर ,सिरोही के 85 विकास खंडों में प्रारंभ किया गया उद्देश्य – मरुस्थलीयकरण की प्रक्रिया को रोकना प्रभावित क्षेत्रों में परिस्थितियां संतुलन बनाए रखना और उन क्षेत्रों में भूमि की उत्पादकता को जल संसाधनों में वर्दी करना वित्त पोषण – केंद्र 75% व राजस्थान 25% ! मरू प्रसार रोक योजना (मरूकरण संधाती)( सी .डी .पी) सम्मिलित क्षेत्र– राजस्थान के 10 मरुस्थलीय जिले- चूरू, बाड़मेर ,बीकानेर ,जालौर , जोधपुर, जैसलमेर ,झुंझुनू ,पाली, नागौर एवं सीकर वित्त -पोषण– मरू विकास कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा पोषित है सहरिया एवं कथौड़ी जनजाति रोजगार योजना (sahriya avam kathodhi janjati rojagar yojana) सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम,sukha sabhavit chetra karyakarmसम्मिलित क्षेत्र– राजस्थान के 11 जिलों यता – डूंगरपुर , अजमेर ,बांसवाड़ा, उदयपुर, बारा, कोटा ,झालवाड़ा, टोंक ,सवाई माधोपुर ,करौली एवं भरतपुर के 32 विकासखण्डों में लागू वित्त पोषण – केंद्र 75% में राजस्थान 25% हमारी बेटी एक्सप्रेस, मुख्यमंत्री बीपीएल जीवन रक्षा कोष योजना (mukhyamantri bi.pi.al jivan raksha kosh yojana, hamari beti axpress) मरू गोचर योजना,maru gochar yojanaप्रारंभ – 2003 – 4 सम्मिलित क्षेत्र – 10 मरू जिले – चूरू, बीकानेर, बाड़मेर, नागौर ,पाली ,जोधपुर ,झुंझुनू , जैसलमेर ,जालौर एवं सीकर उद्देश्य– योजना में सम्मिलित मरुस्थलीय जिले में पारंपरिक जल स्रोत की बहाली तथा सुखा रक्षण के अन्य प्रभावी उपाय करना वास्तव में नियोजन की आवश्यकता 1947 में स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय से ही महसूस की जाने लगी थी। परिणामस्वरूप सोवियत संस् जैसे समाजवादी देश से प्रेरणा प्राप्त कर पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की गयी। भारत में नियोजन की व्यूह रचना द्वितीय पंचवर्षीय योजना से प्रारम्भ मानी जाती है। प्रो. पी.सी. महालनोबिस का विकास मॉडल भारत में लागू करना स्वीकार किया था। प्रश्न 17.
प्रश्न 18.
उपर्युक्त दो उद्देश्यों के अलावा अन्य निम्नलिखित उद्देश्य रखे गए –
मॉडल:
वित्त व्यवस्था:
घाटे की वित्त व्यवस्था से मूल्यों में वृद्धि हुई। केन्द्र में सरकार के परिवर्तित हो जाने के कारण पांचवीं योजना समय से एक वर्ष पूर्व 1978 में ही समाप्त कर दी गयी। प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रमुख जनजातीय क्षेत्र: परियोजनाओं का उद्देश्य:
इन क्षेत्रों के लिए जो उपयोजनाएँ बनाई जाती हैं, उनमें कृषि एवं बागवानी, पशुपालन, वानिकी, लघु एवं ग्राम उद्योग, विपणन में सुधार आदि शामिल हैं। इनमें शिक्षा को प्राथमिकता के साथ शुद्ध पेयजल, पर्याप्त आवास, चिकित्सा एवं पोषाहार आदि मूलभूत सुविधाओं को भी शामिल किया जाता है। RBSE Class 12 Geography Chapter 21 निबन्धात्मक प्रश्नप्रश्न 21.
प्राथमिकता:
परिणाम एवं सम्भावनाएँ: प्रश्न 22. उदाहरणार्थ: अन्तर्घादेशिक असमानताओं से सम्बन्धित अध्ययन:
मोनी महोदय (1999) ने 1991 के आंकड़ों के आधार पर 38 चरों की सहायता से जनपदीय स्तर पर देश के विकास के स्तर को मानचित्रित करने का प्रयास किया हैं। इसमें ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गयी है जिसमें विगत बीस वर्षों से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। सरकारी स्तर पर पिछड़े क्षेत्रों की पहचान एवं उनकी समस्याओं के अध्ययन के लिए निग्न समितियों एवं आयोगों का गठन किया गया है –
आर्थिक पिछड़ेपन के कारण:
राज्य स्तर पर भी विकास में काफी विषमता देखने को मिलती है। इसके लिए प्रति व्यक्ति आय, नगरीकरण, साक्षरता, निर्धनता प्रतिशत, बेरोजगारी, बुनियादी सेवाओं, चिकित्सा, शस्य गहनता, सिंचाई आदि चरों की सहायता से अध्ययन किया जाता है। प्रश्न 23.
मरु विकास कार्यक्रम कृषि आयोग की सिफारिशों पर 1977-78 में प्रारम्भ किया गया था। इसे देश के 7 राज्यों के 40 जिलों के 235 विकास खण्डों में लागू किया गया है। इन राज्यों में आन्ध्रप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक एवं राजस्थान सम्मिलित हैं। राजस्थान के 16 जिलों के 85 विकास खण्डों में यह कार्यक्रम चल रहा है। इसमें खर्च का सारा भाग केन्द्र सरकार वहन करती है। 1995 में इस कार्यक्रम को ‘जलसंभर विकास कार्यक्रम में सम्मिलित कर लिया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य:
मरुस्थलीकरण को रोकने के उपाय:
इसी प्रकार लद्दाख़ व अन्य शीत प्रधान मरुक्षेत्रों के लिए सिंचित कृषि एवं पशुपालन पर बल दिया गया है। पर्वतीय विकास कार्यक्रम:
प्रथम श्रेणी में उत्तर: पर्वतीय क्षेत्रों के विकास कार्यक्रम: प्रश्न 24. इस योजना में गरीबी अनुपात को 10 प्रतिशत से कम करना, आधारभूत संरचना क्षेत्र में विनियोग को जीडीपी के 9 प्रतिशत तक लाने का प्रयास करना तथा आधारकार्ड पर आधारित बैंकिंग व्यवस्था से सभी सब्सिडी आधारित योजनाओं को प्रत्यक्ष कैश ट्रान्सफर योजना से सम्बन्धित करना है। 12वीं पंचवर्षीय योजना वार्षिक विकास दर के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्यों से सहयोग की अपेक्षा प्रधानमन्त्री द्वारा की गयी है। 11वीं पंचवर्षीय योजना में थोक मूल्य सूचकांक में औसत वार्षिक वृद्धि लगभग 6.0% अनुमानित थी जो बारहवीं पंचवर्षीय योजना में 4.5 से 5.0% तक सीमित रखने का लक्ष्य है। योजनावधि में केन्द्र सरकार का औसत वार्षिक राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.25% तक सीमित रखने का लक्ष्य इस योजना व दृष्टिपत्र में निर्धारित किया गया है। RBSE Class 12 Geography Chapter 21 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरRBSE Class 12 Geography Chapter 21 बहुचयनात्मक प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न निम्नलिखित में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए – (क) स्तम्भ (अ)(पंचवर्षीय योजना)स्तम्भ (ब) (कार्यक्रम)(i) द्वितीय(अ) आरडीपी(ii) पंचम(ब) जे आर वाई(iii) छठी(स) मरनेगा(iv) सातवीं(द) आदर्श ग्राम कार्यक्रम(v) दसवीं(य) ग्रामीण विकास(vi) ग्यारहवीं(र) भिलाई इस्पात कारखाने की स्थापना(vii) बारहवीं(ल) डीएनपी-1 उत्तर: RBSE Class 12 Geography Chapter 21 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23.
प्रश्न 24. प्रश्न 25.
प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29.
प्रश्न 30. प्रश्न 31.
प्रश्न 32. प्रश्न 33. प्रश्न 34. प्रश्न 35.
प्रश्न 36. प्रश्न 37.
प्रश्न 38. प्रश्न 39.
प्रश्न 40. प्रश्न 41. प्रश्न 42.
प्रश्न 43. प्रश्न 44. प्रश्न 45.
प्रश्न 46. प्रश्न 47.
प्रश्न 48.
प्रश्न 49. प्रश्न 50. प्रश्न 51. प्रश्न 52.
प्रश्न 53. प्रश्न 54.
प्रश्न 55. प्रश्न 56. प्रश्न 57. प्रश्न 58. प्रश्न 59. प्रश्न 60. प्रश्न 61.
प्रश्न 62.
RBSE Class 12 Geography Chapter 21 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
प्रश्न 7.
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
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प्रश्न 16.
प्रश्न 17.
प्रश्न 18.
प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. RBSE Class 12 Geography Chapter 21 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
RBSE Class 12 Geography Chapter 21 निबंधात्मक प्रश्नप्रश्न 1. प्रश्न 2. 1. पर्वतीय क्षेत्रों के विकास कार्यक्रमों में बागवानी, बागाने कृषि, पशुपालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, वानिकी, मृदा संरक्षण एवं ग्रामीण उद्योग पर बल दिया जाता है। इसमें कार्यक्रमों के पैकेज एवं सहकारिता को बढ़ावा दिया जाता है। 2. बागानी कार्यक्रम में बागाती कृषि: 3. कुछ पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानान्तरणशील कृषि होती है। इसे स्थायी कृषि में बदलने एवं स्थानान्तरणशील कृषकों को पुनर्वासित करने के कार्यक्रम बनाए गए हैं। 4. चरागाहों की उपलब्धता वाले पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालन कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। 5. पर्वतीय क्षेत्र कुछ विशिष्ट उद्योगों के लिए उपयुक्त हैं। प्रदूषण रहित पर्यावरण, शीत जलवायु, उच्च दक्षता आदि की आवश्यकता वाले इलेक्ट्रानिक, घड़ी निर्माण, औषधि निर्माण, आप्टिकल, ग्लास निर्माण, आदि के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में उपयुक्त पर्यावरण उपलब्ध है। कुटीर उद्योग तथा पर्यटन उद्योग पर्वतीय क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हैं। अतएव इनके लिए योजनाएँ बनानी चाहिए। 6. पर्वतीय क्षेत्र विशेषकर हिमालय क्षेत्र, जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ औषधीय पौधों-फलों, फूलों व वन्य जीवों की अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। अतएव यहाँ की मूल्यवान पादप एवं प्राणि सम्पदा को संरक्षण एवं परिवर्द्धन हेतु जैव आरक्षित क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों एवं जीव केन्द्रों को स्थापित करने की जरूरत है। 7. पर्वतीय क्षेत्रों के वैज्ञानिक नियोजन हेतु संसाधनों – मृदा, खनिज, वनस्पति, जल आदि के बारे में विधिवत जानकारी आवश्यक है जिसके लिए दूर संवेदी तकनीकी, हवाई छायाचित्र और धरातलीय सर्वेक्षण का सहारा लिया जा सकता है। यहाँ क्षेत्रीय, उपक्षेत्रीय एवं सूक्ष्म स्तर पर अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक योजनाओं का निर्माण किया जाना चाहिए जिसमें पर्यावरण सुरक्षा और जनता की सहभागिता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। राजस्थान में मरू विकास कार्यक्रम कब लागू हुआ?मरु विकास कार्यक्रम
1977-78 ई. में केन्द्र सरकार की 100% सहायता से प्रारम्भ किया गया कार्यक्रम।
मरुभूमि विकास कार्यक्रम की शुरुआत कब हुई?मरुभूमि का विकास कार्यक्रम (Dryland Development Programme):
मरुभूमि विकास कार्यक्रम (DDP) वर्ष 1997-98 में राजस्थान, गुजरात और हरियाणा के उष्ण मरुभूमि इलाकों तथा जम्मू- कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के शीत मरुभूमि क्षेत्रों, दोनों ही में चाल किया गया था।
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