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पित्त का उत्पादन लिवर में होता है, उत्पादन के बाद यह बाइल डक्ट के माध्यम से पित्ताशय में इकट्ठा होता है। खाना पचाने के लिए बाइल जूस पित्ताशय से निकलकर छोटी आंत में जाता है। लेकिन जब पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता है और पित्त में कोलेस्ट्रॉल या बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तब ये पदार्थ इकट्ठा होकर एक कठोर पदार्थ में तब्दील हो जाते हैं। इसी कठोर पदार्थ को पित्ताशय की पथरी कहते हैं। इसके दो प्रकार होते हैं: –
यह एक दर्दनाक परिस्थिति है। इसे लाइलाज छोड़ने पर बाइल डक्ट ब्लॉक हो सकता है और फिर इन्फेक्शन, कैंसर, पीलिया आदि जैसी कई गंभीर परिस्थितियां जन्म ले सकती हैं। इन जटिलताओं से बचने के लिए और पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने के लिए डॉक्टर ऑपरेशन की मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग कर देने की सलाह देते हैं। नोट: पित्ताशय को शरीर से अलग कर देना ही पित्त की पथरी का सफल इलाज है।
पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन की जरूरत कब पड़ती है?नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाईजेस्टिव एंड किडनी डिजीजेज (1) में कथित वाक्य के अनुसार – हर किसी को ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। बहुत से लोग साइलेंट गालस्टोन से पीड़ित होते हैं, इसलिए उन्हें इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। साइलेंट गाल स्टोन से पित्ताशय, पैंक्रियाज और लीवर के कार्यप्रणाली पर कोई बाधा नहीं आती है, इसलिए इसके उपचार की कोई आवश्यकता नहीं होती है। पढ़ें- पित्ताशय की पथरी के कारण, लक्षण और निदान कोलेस्ट्रॉल गालस्टोन को ठीक करने के लिए कुछ नॉन-सर्जिकल उपचार किए जा सकते हैं। लेकिन यदि व्यक्ति पिगमेंट गालस्टोन से पीड़ित है तो पित्त की थैली में स्टोन का ऑपरेशन करना अनिवार्य हो जाता है। ऑपरेशन के लिए कैसे तैयार हों?ऑपरेशन से पहले डॉक्टर रोगी के स्वास्थ्य का अच्छी तरह से मूल्यांकन करेंगे, यदि वह सर्जरी के लिए फिट है तो कुछ इंस्ट्रक्शन दिए जाएंगे। हर रोगी के लिए अलग-अलग इंस्ट्रक्शन होंगे। हालांकि,सर्जरी के लिए तैयार होने के लिए कुछ आम निर्देश हैं, जो इस प्रकार से हैं-
पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है ?- प्रकार और प्रक्रिया – Gallstone Surgery In Hindiपित्ताशय की पथरी की सर्जरी दो तरह से की जा सकती है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (पित्त की थैली का ऑपरेशन दूरबीन द्वारा)यह पित्ताशय की पथरी का उपचार करने के लिए एक एडवांस और नई विधि है, जिसमें डॉक्टर आधा इंच के 3 से 4 छोटे कट की मदद से पित्ताशय को शरीर से अलग कर देते हैं। आमतौर पर सर्जन इसी प्रक्रिया का चयन करते हैं, क्योंकि ओपन सर्जरी की तुलना में इसमें बहुत छोटा कट होता है और घाव छोटा होने के कारण मरीज अगले दो दिन में अपनी सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकता है। पित्ताशय की पथरी का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करने में बहुत कम समय लगता है, वहीं जल्दी रिकवरी होने के कारण मरीज को रिकवरी के समय कोई परेशानी नहीं होती है। पढ़ें – पित्ताशय की पथरी के दौरान आहार प्रक्रिया:
पूरी प्रक्रिया 20 से 30 मिनट में खत्म हो जाएगी। 24 घंटे के भीतर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ओपन सर्जरीयह पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन करने की पुरानी तकनीक है, जिसमें एक बड़ा चीरा लगाया जाता है और पित्ताशय को अलग करने के लिए लेप्रोस्कोप या अन्य इमेजिंग उपकरण का उपयोग नहीं करते हैं। रोगी को सर्जरी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक अस्पताल में रुकना पड़ता है। वहीं चीरे का आकार बड़ा होने की वजह से रिकवरी में 3 से 4 सप्ताह तक का समय लग जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर पित्ताशय की पथरी का इलाज करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं। हालांकि, निम्नलिखित परिस्थितियों में डॉक्टर ओपन सर्जरी का चयन कर सकते हैं-
प्रक्रिया:
ऑपरेशन करने में एक से डेढ़ घंटे तक का समय लग सकता है। इसके बाद रोगी को तकरीबन एक सप्ताह तक हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ती है। पित्ताशय की पथरी का ऑपरेशन के बाद क्या होता है?पित्ताशय अलग होने के बाद पित्त सीधा आंत में जाएगा। इसलिए कुछ दिनों तक व्यक्ति को दिन में एक से अधिक बार मल त्याग करने की इच्छा हो सकती है, साथ ही मल जरूरत से अधिक कोमल हो सकता है। हालांकि, यदि यह समस्या अधिक दिनों तक रहती है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। सर्जरी के बाद देखभाल
डॉक्टर से कब बात करेंनिम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर तुरंत ही अपने चिकित्सक से बात करें-
पित्ताशय में पथरी होने पर रोजमर्रा के दर्द और असहजता से परेशान हैं तो इलाज कराने के लिए प्रिस्टीन केयर एक अच्छा विकल्प है। हमारे पास अनुभवी डॉक्टर है जो निदान करने के बाद पित्त की पथरी का उचित इलाज बताते हैं। कई बार इसके लिए सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती है, ऐसी परिस्थिति में डॉक्टर उचित उपचार और दवाइयाँ देते हैं। लेकिन कई मामलों में पित्ताशय की पथरी से छुटकारा पाने के लिए ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है, ऐसी स्थिति में हमारे डॉक्टर लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया का चयन करते हैं। हमसे पित्त की पथरी का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन करवाने के निम्न फायदे हैं-
यदि आप एक अनुभवी सर्जन से पित्त की पथरी का लेप्रोस्कोपिक करवाना चाहते है और इलाज के बाद की जटिलताओं से बचना चाहते हैं तो आज ही हमें फोन करें या अपॉइंटमेंट बुक करें।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें| पित्त की थैली का ऑपरेशन कितने दिन में ठीक होता है?रोगी को सर्जरी के बाद कम से कम एक सप्ताह तक अस्पताल में रुकना पड़ता है। वहीं चीरे का आकार बड़ा होने की वजह से रिकवरी में 3 से 4 सप्ताह तक का समय लग जाता है। यही कारण है कि डॉक्टर पित्ताशय की पथरी का इलाज करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं।
पित्त की थैली के ऑपरेशन के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए?1. पित्त की थैली के ऑपरेशन के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए? ऑपरेशन के बाद डॉक्टर पर निर्भर करता है। आमतौर पर डॉक्टर लगभग छह सप्ताह के बाद सलाह देते हैं।
पित्ताशय में पथरी का ऑपरेशन कैसे होता है?पित्त की पथरी का उपचार आमतौर पर शल्यचिकित्सा द्वारा किया जाता है जिसमें पित्ताशय को शरीर से निकाल दिया जाता है (कोलेसीस्टेक्टॉमी)। यह एक लेप्रोस्कोपिक या कीहोल सर्जरी है जिसमें पेट में छोटे छेद के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की जाती है। पित्त की पथरी को खत्म करने के लिए आमतौर पर अन्य कोई उपचार प्रभावी नहीं होता है।
पित्त की पथरी कितनी खतरनाक होती है?पित्ताशय की पथरी की गंभीरता को इस बात से समझ सकते हैं कि इसके कारण दर्द, सूजन, संक्रमण तो होते ही हैं साथ ही, कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का खतरा भी बना रहता है। पित्त की थैली में स्टोन का पता तब चलता है जब यह दर्दनाक बन जाता है। उचित समय पर इसका उपचार करवाना बहुत जरूरी है, वरना यह अधिक घातक हो सकता है।
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