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पित्ताशय शरीर में बहुत जरूरी अंग है। यह लिवर के पीछे वाले हिस्से में होता है और पेट यानी आमाश्य से जुड़ा होता है। यह शरीर में आने वाले फैट को पचाने में मदद करता है। पित्ताशय में सूजन के कई कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में कोलंबिया एशिया अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉ. मंजीता नाथ दास ने बताया। उन्होंने बताया कि पित्ताशय में सूजन को मेडिकली भाषा में कोलीसिस्टाइटिस (Cholecystitis) कहते हैं। यह स्थिति तब आती है जब पित्ताशय में पित्तरस फंसने लग जाता है। इसके फंसने का मुख्य कारण पित्ताशय में पथरी (gallbladder) बन जाना है। पथरी बनने पर पित्ताशय पर दबाव पड़ता है और सूजन हो जाती है। पित्ताशय में सूजन के कई अन्य कारण हैं जो हमें डॉ. मंजीता से जानें। साथ ही यह भी जाना कि इस पित्ताशय की सूजन की समस्या से बाहर कैसे निकल सकते हैं। पित्ताशय में सूजन के कारणपित्ताशय में पथरीपित्ताशय पथरी बनने पर पित्तरस अंदर बाहर होना बंद हो जाते हैं। जिस वजह से पित्ताशय में मौजूद पाचक रस ठोस बन जाते हैं। वे ही ठोस बनकर पत्थर का आकार ले लेते हैं। इस तरह पित्ताशय पर दबाव पड़ता है पित्ताशय में सूजन होने लगती है। इसके अलावा गॉलब्लेडर में किसी तरह का इंफेक्शन भी सूजन का कारण बनता है। पित्ताशय में पथरी के लक्षणों को पहचान कर इस परेशानी से बचा सकता है। वायरल इंफेक्शनडॉ. मंजीता का कहना है कि गॉलब्लेडर में वायरल इंफेक्शन जैसे वायरल हैपेटाइटिस, वायरल डेंगू, चिकनगुनिया, टाइफायड आदि में में पित्ताशय सूजन आती है। इसके अलावा अधिक एंटीबायोटिक दवाओँ के सेवन से भी पित्ताशय में सूजन आती है। इसे भी पढ़ें : पित्ताशय की पथरी (गॉलब्लैडर स्टोन) होने पर क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज, एक्सपर्ट से जानें पूरी डाइट सर्जरीअगर कभी आपने किसी प्रकार की सर्जरी करवाई है तो उस वजह से भी पित्ताशय में सूजन आ सकती है। पित्ताशय में रक्त की आपूर्तिकुछ गंभीर बीमारियों में रक्त वाहिकाओं के खराब होने से पित्ताशय में रक्त ठीक से नहीं पहुंच पाता है। या कहें कि पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है, जिस कारण पित्ताशय में सूजन आ जाती है। पित्ताशय में रक्त की आपूर्ति के अलावा पित्ताशय में ट्यूमर के बनने से भी वहां सूजन हो जाती है। तो वहीं, अगर आपने बहुत तेजी से वजन कम किया है तो ऐसी स्थिति में पित्ताशय के अंदर फ्लुड गाढ़ा हो जाता है और सूजन हो जाती है। इसे भी पढ़ें : क्या है गॉलब्लैडर (पित्ताशय) का मुख्य काम? जानें इस अंग में होने वाली बीमारियों, लक्षणों और इलाज के बारे में पित्ताशय की सूजन को कैसे पहचानें
पित्ताशय में सूजन से बचावऊपर जो कारण बताए गए हैं उन्हीं को पहचानकर सूजन का इलाज किया जाता है। पित्ताशय का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। विकट परिस्थितियों में ऑपरेशन करके गॉलब्लेडर को बाहर निकाल दिया जाता है।
पित्ताशय में सूजन के कई कारण होते हैं। लेकिन सही समय पर लक्षणों की पहचान करके इलाज किया जा सकता है। जो लोग लंबे समय तक पित्ताशय की सूजन को नजरअंदाज करते हैं उन्हें ठीक होने में भी समय लगता है। बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं आदि में पित्ताशय में सूजन का खतरा बढ़ जाता है। Read more articles on Other Diseases पित्ताशय की पथरी को पित्त की पथरी भी कहा जाता है। बदलती जीवनशैली के कारण कई लोग इसका शिकार हो रहे हैं। खासकर, महिलाओं और बुजुर्गों को पित्त की पथरी की सबसे ज्यादा परेशानी करती है। पित्ताशय की पथरी के कारण दर्द, सूजन, संक्रमण और यहां तक कि कैंसर जैसी घातक बीमारी भी हो सकती है। पित्त की थैली में पथरी का तब तक पता नहीं चलता, जब तक कि वो दर्दनाक नहीं हो जाती है। इसलिए, वक्त रहते पित की पथरी का उपचार जरूरी है, वरना यह घातक भी हो सकती है। शुरुआती चरण में दवा के साथ-साथ कुछ घरेलू उपचार भी कारगर साबित हो सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार बताएंगे। साथ ही हम पित्त की पथरी के कारण और पित्ताशय की पथरी के लक्षण से जुड़ी जानकारी भी देंगे। अंत तक जरूर पढ़ें आइए, सबसे पहले जानते है कि पित्ताशय की पथरी क्या है। विषय सूची
लीवर के ठीक नीचे थैली के आकार का एक अंग होता है, उसे ही पित्ताशय कहा जाता है। इस थैली में पित्त (Bile) होता है, जो हरे-पीले रंग का तरल पदार्थ होता है। यह पाचन में मदद करता है। जब इस थैली में जरूरत से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है, तो वो पथरी का रूप ले लेता है। ये पथरी क्रिस्टल बॉल की तरह होती है, जो दाने के आकार से लेकर कंचे के आकार तक बड़ी हो सकती है (1)। पित्त की थैली में पथरी को गाल ब्लैडर स्टोन भी कहा जाता है। इस समस्या के होने पर भारी दर्द हो सकता है, जिसे सहन करना मुश्किल हो सकता है। लेख के अगले भाग में हम पित्त की पथरी के कारण के बारे में बता रहे हैं। पित्त की पथरी के कारण और जोखिम कारक – Causes and Risk Factors of Gallbladder Stone Hindiपित्त की पथरी किस कारण से होती है, इस संबंध में वैज्ञानिक अभी तक एक राय नहीं है। फिर भी ऐसा माना जाता है कि जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल व बिलीरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है और पित्त नमक (Bile Salt) की कमी हो जाती है, तो पित्ताशय की पथरी हो सकती है। यहां हम इसके कुछ अन्य अनुमानित कारण भी बता रहे हैं (2):
अब हम जानेंगे कि पित्ताशय की पथरी के लक्षण किस तरह के दिखाई दे सकते हैं। पित्ताशय की पथरी के लक्षण – Symptoms of Gallbladder Stone in Hindiकुछ मामलों में पित्त की पथरी के लक्षण सालों-साल नजर नहीं आते। इनका पता तब चलता है, जब अचानक से पेट में दर्द शुरू होता है। इसके अलावा भी कई लक्षण हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं (2) :
बने रहें हमारे साथ पित्त की पथरी के लक्षण जानने के बाद अब हम नीचे पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार बताएंगे। पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपाय – Home Remedies for Gallbladder Stone in Hindiअक्सर लोग पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए ऑपरेशन को ही एकमात्र उपाय बताते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। पित्ते की पथरी से छुटकारा दिलाने में कुछ घरेलू उपचार मदद कर सकते हैं। उन असरकारी घरेलू उपचार के बारे में हम नीचे बता रहे हैं। यहां हम स्पष्ट कर दें कि ये घरेलू उपचार कुछ लक्षणों को कम कर सकते हैं या फिर इलाज के असर को बढ़ा सकते हैं। इन्हें संपूर्ण इलाज समझना सही नहीं है। इसलिए, अगर किसी को पित्त की समस्या गंभीर हो, तो उसे तुरंत डॉक्टरी इलाज करवाना चाहिए। 1. सेब का जूससामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: पित्त की पथरी के घरेलू उपाय के तौर पर सेब के रस का सेवन किया जा सकता है। अगर नियमित रूप से इस जूस का सेवन किया जाए, तो मल के द्वारा पित्त की पथरी निकल सकती है, क्योंकि सेब के जूस का सेवन करने से पित्ताशय की पथरी नर्म हो सकती है और मल के द्वारा आसानी से निकल सकती है (3)। फिलहाल, अभी तक इस संबंध में कोई सटीक ठोस प्रमाण नहीं है, लेकिन इसका सेवन किया जा सकता है। 2. नींबू का रससामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: नींबू पानी के सेवन से पित्ताशय की पथरी का इलाज हो सकता है। इस संबंध में हुए एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि नींबू एक तरह का साइट्रस फल है, जिसके उपयोग से पित्त की थैली में मौजूद पथरी को बाहर करने की क्षमता को बढ़ावा मिल सकता है (4)। इसके अलावा, विटामिन-सी पथरी की समस्या को पनपने से रोक सकता है और नींबू को विटामिन-सी का अच्छा स्रोत माना जाता है (5)। लिहाजा कहा जा सकता है कि पित्त की पथरी से निजात दिलाने में नींबू का रस मददगार हो सकता है। 3. डैंडेलियन (Dandelion)सामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार के रूप में डैंडेलायन की जड़ का उपयोग किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, डैंडेलियन में ताराक्सासिन (taraxacin) और ताराक्सासरिन (taraxacerin) पाए जाते हैं, जो पित्ताशय की समस्या के इलाज में सहायक हो सकते हैं (6)। वहीं, डैंडेलियन की जड़ न सिर्फ पाचन शक्ति में सुधार कर सकती हैं, बल्कि इससे पित की पथरी का उपचार भी किया जा सकता है (7)। सावधानी : जिन्हें डायबिटीज की या अन्य कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो वो इस चाय को पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 4. नाशपाती का जूससामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार की बात करें, तो नाशपाती का रस फायदेमंद हो सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिससे पित्त में सूजन से जुड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है। इससे पित्त की पथरी को पनपने से रोका जा सकता है (8)। 5. पिपरमिंटसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: पिपरमिंट को पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज माना जा सकता है। दरअसल, पिपरमिंट में कई औषधीय गुण होते हैं, जो पित्त पथरी को पतला या नर्म कर सकता है । इससे पथरी बाहर निकल सकती है (9)। इस संबंध में अभी और ठोस प्रमाण की जरूरत है, लेकिन पित्ताशय की पथरी से राहत पाने के लिए पिपरमिंट का उपयोग कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है। नोट : पिपरमिंट चाय का ज्यादा सेवन न करें। इसे कितनी मात्रा में लेना है, उस बारे में एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें। 6. हल्दीसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: हल्दी का उपयोग न सिर्फ खाना बनाने के लिए, बल्कि आयुर्वेदिक औषधि के तौर पर भी किया जाता है। हल्दी को लेकर किए गए एक शोध से पता चलता है कि इससे कई रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है, जिनमें से एक पित्ताशय की पथरी भी है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध रिसर्च पेपर से होती है (10)। फिलहाल, हल्दी का कौन-सा गुण इस समस्या में किस तरह काम करता है, इस पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। 7. मिल्क थिसलसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: मिल्क थिसल एक प्रकार की जड़ी-बूटी है। कई वर्षों से लिवर और पित्ताशय की पथरी के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है। इसमें मौजूद मुख्य घटक सिलीमरिन (silymarin) पित्त की पथरी को सिकोड़ता है और किसी भी दर्द से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। होम्योपैथिक दवाइयों में भी इसका उपयोग किया जाता है (11)। इसे पाउडर के रूप में दूध या जूस में मिलाकर भी सेवन किया जा सकता है। अगर जूस में डालने से इसका स्वाद अच्छा नहीं लगता है, तो इस पाउडर को सलाद में भी मिक्स कर सकते हैं। 8. क्रैनबेरी का जूससामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: यह पित्त पथरी और पित्ताशय की थैली की समस्याओं के लिए एक अच्छा उपाय है। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा के कारण पित्ताशय की पथरी हो सकती है। वहीं, क्रैनबेरी रस में मौजूद डाइटरी फाइबर शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। इस प्रकार कोलेस्ट्रॉल पित्त पथरी के खतरे को भी कम कर सकता है। साथ ही यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ावा दे सकता है। अनुमान है कि ऐसा इसमें मौजूद पॉलीफेनोलिक यौगिक के कारण होता है (12)। अभी इस संबंध में कोई पर्याप्त वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, पित्ताशय पथरी में क्रैनबेरी जूस यूज करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 9. नारियल तेलसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: अगर कोई पित्त की पथरी की समस्या से पीड़ित हैं, तो यह उनके लिए अच्छा उपचार हो सकता है। नारियल तेल में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता और इसमें जरूरी फैट होता है, जिस वजह से इसे पचाना आसान हो सकता है। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल नहीं जमता और पित्ताशय की पथरी की समस्या से बचाव हो सकता है (13)। आप नारियल तेल को खाना बनाने के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। फिलहाल, यह अध्ययन जानवरों पर किया गया है। मनुष्यों पर यह कितना कारगर है, इस पर अभी शोध किया जा रहा है। 10. अरंडी का तेलसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: अरंडी तेल के फायदे अनेक हैं। अगर बात करें पित्ताशय की पथरी की, तो अरंडी के तेल का उपयोग पित्त की पथरी को नष्ट करने का काम कर सकता है (14)। फिलहाल, इस पर और शोध किया जा रहा है, ताकि स्पष्ट रूप से पता चल जाए कि इसमें मौजूद कौन-सा गुण मुख्य रूप से काम करता है। 11. ग्रीन टीसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: ग्रीन टी के सेवन से पित की पथरी का उपचार हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन नामक कंपाउंड पित्ताशय के कैंसर या पित्ताशय की पथरी के विकास से जुड़े जोखिम को कम करने का काम कर सकता है (15)। इससे पित्त की पथरी से कुछ हद तक राहत मिल सकती है। 12. कॉफीसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: शोध में यह बात सामने आई है कि दिन में एक कप कॉफी पीने से पित्ताशय की थैली की समस्याओं को कम किया जा सकता है। यह पित्त की पथरी को रोकने में मदद कर सकता है। जो लोग एक दिन में करीब दो कप कॉफी का सेवन करते हैं, उनमें पित्ताशय की पथरी का खतरा 4 प्रतिशत तक कम हो सकता है। वहीं, जो लोग चार से ज्यादा कप कॉफी पीते हैं, उनमें पित्त की पथरी का खतरा 45 प्रतिशत तक कम हो सकता है (16)। अगर किसी को पित्ताशय की पथरी की समस्या है, तो कॉफी उसमें यह असरदार है या नहीं, इसका अभी तक कोई सटीक प्रमाण नहीं है। 13. विटामिन-सीसामग्री:
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध की मानें, तो विटामिन-सी पित्ताशय की पथरी को उत्पन्न होने से रोकने में मदद कर सकता है। इस शोध के अनुसार, विटामिन-सी कोलेस्ट्रॉल की क्रिया को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे पित्त में पथरी नहीं बन पाती है (5)। अगर कोई विटामिन-सी कैप्सूल लेने का सोच रहा है, तो पहले एक बार डॉक्टर से जरूर बात करें। 14. मूलीसामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: जरूरी नहीं कि मूली सभी को पसंद आए, क्योंकि कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती। इसके बावजूद, यह पित्त की पथरी के लिए अच्छा घरेलू उपाय है। मूली, विशेष रूप से काली मूली कोलेस्ट्रॉल से होने वाली पित्त की पथरी के उपचार में मदद कर सकती है (17)। अगर किसी को मूली का जूस नहीं पसंद, तो वो मूली को सलाद की तरह भी खा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि इसका सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करना है। 15. इसबगोल (Psyllium)सामग्री :
उपयोग की विधि:
कैसे है फायदेमंद: पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार के तौर पर इसबगोल का उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में किए गए एक वैज्ञानिक से पता चलता है कि इसबगोल में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पित्त की पथरी को कम करने का काम कर सकता है (18)। इससे पीड़ित को कुछ हद तक राहत मिल सकती हैं। अभी बाकी है जानकारी इस लेख के अगले भाग में हम पित्ताशय की पथरी के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए, इस बारे में बताएंगे। पित्ताशय की पथरी के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए?अगर कोई पित्त की पथरी से ग्रसित है और उनमें ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें (2)।
अब हम पित्ताशय की पथरी का निदान कैसे किया जा सकता है, इस बारे में जानकारी देंगे। पित्ताशय की पथरी का निदान – Diagnosis of Gallbladder Stone in Hindiअगर किसी को पित्ताशय में तेज दर्द हो रहा हो, तो पित्ताशय की पथरी का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकते हैं। नीचे हम कुछ ऐसे ही परीक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जो आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा पित्ताशय की पथरी का पता लगाने के लिए किए जाते हैं (2):
मजेदार है न जानकारी चलिए, अब जानते है पित्ताशय की पथरी का इलाज किस तरह से किया जा सकता है। पित्ताशय की पथरी का इलाज – Treatment of Gallbladder Stone in Hindiपित्त की थैली में स्टोन का इलाज के लिए कई तरह के डॉक्टरी इलाज की सुविधा है, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं (2)।
बने रहें हमारे साथ लेख के अगले भाग में हम पित्ताशय की पथरी में लिए जाने वाले आहार के बारे में बता रहे हैं। पित्ताशय की पथरी में आहार – Diet for Gallbladder Stone in Hindiपित्त की पथरी का इलाज तब और असरदार हो सकता है, जब इस दौरान खान-पान का सही तरीके से ध्यान रखा जाए। लेख के इस भाग में जानिए कि पित्त की पथरी में किन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
नोट: हमेशा याद रखें कि पित्ताशय की पथरी में डाइट अहम है। साथ ही अगर किसी को पित्त की पथरी की समस्या नहीं है, तो इसके खतरे से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। चलिए जानते हैं कि पित्ताशय की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए। पित्ताशय की पथरी में क्या नहीं खाना चाहिए – Foods to avoid in Gallbladder Stone in Hindiकुछ खाद्य पदार्थ के सेवन से पित्ताशय की पथरी और कई अन्य शारीरिक समस्या उत्पन्न कर सकती है, उनमें इस तरह के आहार शामिल हैं:
अभी बाकी है जानकारी आइए, अब जानते हैं पित्ताशय की पथरी से बचाव के उपाय के बारे में। पित्ताशय की पथरी से बचाव के उपाय – Prevention Tips For Gallbladder Stone in Hindiपित्त की पथरी को रोकने के लिए अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है, ताकि इस समस्या को पनपने से रोका जा सके।
पित्ताशय की पथरी से घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि वक्त रहते पित्त की पथरी के लक्षण पर ध्यान देकर उपचार करना जरूरी है। अगर कोई भी इस समस्या से परेशान हैं, तो ऊपर दिए गए पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार की मदद ले सकते हैं। ध्यान रहे कि ऊपर दिए गए पित्त की पथरी के घरेलू उपाय पथरी के शुरुआती लक्षणों के लिए हैं। अगर समस्या ज्यादा हो, तो बिना देर करते हुए डॉक्टर से इलाज करवाएं। इसके अलावा, अगर इस लेख में बताई गई किसी भी सामग्री से एलर्जी है, तो उसका उपयोग न करें और डॉक्टर से सलाह लें। लेख के अंतिम भाग में हम इस समस्या के संबंध में पूछे जाने वाले पाठकों के सवाल लेकर आए हैं। अक्सर पूछे जाने वाले सवालपित्ताशय की पथरी का दर्द कहां होता है ? पित्ताशय की थैली का दर्द पेट के ऊपरी या ऊपरी-दाएं हिस्से में होता है (2)। पित्ताशय की थैली क्या करती है? पित्ताशय की थैली हमारे पाचन प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। यह नाशपाती के आकार की होती है, जो लिवर के पीछे होती है। यह लिवर द्वारा स्रावित कोलेस्ट्रॉल-युक्त पित्त को जमा करती है। पित्त का काम खाद्य पदार्थों से वसा को अवशाेषित करने में शरीर की मदद करना है (22)। क्या पित्ताशय की पथरी लिवर को नुकसान पहुंचा सकती है? जब पित्त नलिकाओं में पित्त पथरी जमा होने लगती है, तो लिवर से पित्ताशय में पित्त का प्रवाह बाधित हो सकता है। नतीजतन, लिवर में अधिक पित्त जमा होने लग सकता है और लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह सिरोसिस का भी कारण बन सकता है। यह ऐसी स्थिति होती है, जिसमें लिवर खराब हो सकता है (23)। पित्त की पथरी के ऑपरेशन के बाद पीठ दर्द से राहत कैसे पाएं? पित्ताशय की थैली की सर्जरी के बाद पीठ में दर्द होना आम है। यह दर्द वक्त के साथ-साथ धीरे-धीरे कम हो सकता है। इस दर्द को कम करने के लिए एक साधारण गर्म सेक का उपयोग कर सकते हैं। अगर दर्द कुछ हफ्तों के बाद भी कम नहीं होता है और बेचैनी पैदा करता है, तो बिना देर करते हुए अपने डॉक्टर से मिलें। यह ऑपरेशन के बाद होने वाली कुछ समस्याओं का संकेत हो सकता है। पित्त की थैली की पथरी यानी गाल ब्लैडर स्टोन का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट हैं? पित्ताशय की पथरी का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन, एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलएंजियोपैन्क्रीआटोग्राफी और कोलेसिंटेग्राफी या गॉलब्लैडर रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन किया जा सकता है। इन टेस्ट के बारे में ऊपर विस्तार से भी बताया गया है (2)। क्या पित्ताशय की पथरी को बाहर निकाल सकते हैं? जी हां, घरेलू या डॉक्टरी इलाज के मदद से पित्ताशय की पथरी को बाहर निकाला जा सकता है। पित्त पथरी को ठीक होने में कितना समय लगता है? पित्त की पथरी को ठीक होने में कई हफ्ते या महीने लग सकते हैं। यह इसे ठीक करने के तरीके पर और प्रत्येक मरीज के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। पित्ताशय की थैली में पथरी होने पर क्या होता है? पित्ताशय की थैली में पथरी होने पर बहुत दर्द हो सकता है (2)। क्या नींबू का रस पित्त पथरी को नष्ट कर सकता है? जी हां, नींबू का रस पित्त पथरी को नष्ट करने में मदद कर सकता है (4)। क्या पीने का पानी पित्त की पथरी को बाहर करने में मदद कर सकता है? जी हां, पीने का पानी कुछ हद तक पित्त की पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इसके लिए पानी का ड्यूरेटिक प्रभाव मदद करता है। क्या बिना सर्जरी के पित्ताशय की पथरी निकल सकती हैं? जी हां, ऊपर बताए गए घरेलू उपचार से पित्ताशय की पथरी निकल सकती है। क्या अदरक पित्त पथरी को भंग कर सकता है? जी हां, अदरक पित्ताशय की थैली से पित्त के उत्पादन और स्राव में सुधार कर पथरी को नष्ट कर सकता है (24)।
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Was this article helpful? पित्त की थैली खराब होने से क्या होता है?पित्ताशय पित्त को छोटी आंत में छोड़ता है। यदि रास्ता ब्लाक हो जाता है तो रस फंस जाता है और पित्ताशय में सूजन का कारण बनता है। अन्य सामान्य कारण ट्यूमर और रक्त वाहिकाओं की समस्याएं हैं। यह दर्दनाक हो सकता है और अगर सही समय पर इलाज नहीं मिला तो यह जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
पित्त की जांच कैसे होती है?पित्ताशय में पथरी की उपस्थिति जानने के लिए सबसे अधिक उपयोग में आने वाली परीक्षण विधि है अल्ट्रासाउंड, हालांकि एमआरआई या इंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (ईयूएस) जैसे जटिल परीक्षण भी किये जा सकते हैं ।
पित्त की थैली का दर्द कहाँ होता है?पित्ताशय की थैली में आमतौर पर अचानक दर्द होता है, जो आपकी सेहत को बिगाड़ सकता है। आप इस दर्द को अपने कंधे के ब्लेड के बीच या फिर दाहिने कंधे के बीच अपनी पीठ के ऊपरी हिस्से या फिर पेट के बीच में महसूस कर सकते हैं। आपको उल्टी भी हो सकती है या मतली हो सकती है। ये दर्द आमतौर पर 20 मिनट से एक घंटे तक रहता है।
पित्ताशय कीचड़ क्या है?पित्त कीचड़ कण ठोस का मिश्रण है जो पित्ताशय की थैली में पित्त से अवक्षेपित होता है। पित्त में इस तरह के तलछट में कोलेस्ट्रॉल क्रिस्टल, कैल्शियम बिलीरुबिनेट वर्णक और अन्य कैल्शियम लवण होते हैं। आमतौर पर ट्रांसएब्डॉमिनल अल्ट्रासोनोग्राफी पर कीचड़ का पता लगाया जाता है।
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