पुत्र प्राप्ति के लिए कौन सा ग्रह मजबूत होना चाहिए?यदि पुरुष की कुंडली हो तो सूर्य, शुक्र एवं बृहस्पति के स्फुट को जोड़कर जो योगफल आए यदि वह विषम राशि और विषम नवमांश भी हो तो ऐसे जातक में पुत्रोत्पादन शक्ति बहुत अच्छी होती है परंतु इसके विपरीत होने पर फल उत्तम नही होता है।
पुत्र के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?जानिए कौन से ग्रह संताप प्राप्ति में सहायक सिद्ध होते हैं। कुंडली में पंचम भाव संतान सुख का स्थान है। बृहस्पति संतान का नैसर्गिक कारक है। ऐसे में पंचम भाव और बृहस्पति पर ही संतान प्राप्ति के लिए विचार किया जाता है।
पुत्र योग कब बनता है?पुत्र प्राप्ति का समय जानना : लग्नेश, पंचमेश के राशि अंकों को जोडऩे से जो राशि अंक बने उस पर जब गुरु ग्रह आए तो पुत्रोत्पत्ति का समय बनता है।
कुंडली में संतान का घर कौन सा होता है?यदि कुंडली के एकादश भाव में बुध, शुक्र अथवा बली चंद्रमा शुभ स्थिति में हो और वह पंचम भाव को पूर्ण दृष्टि से देखें तो उत्तम संतान सुख होता है। यदि कुंडली के पंचम भाव में केतु विराजमान हो तो भी संतान सुख मिल सकता है। यदि कुंडली के नवम भाव में बृहस्पति अथवा शुक्र ग्रह पंचमेश के साथ विराजमान हों तो अच्छी संतान मिलती है।
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