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फोटो पत्रकारिता हिंदी में। आज हम जानेगे की फोटो पत्रकारिता की परिभाषा (What
is PhotoJournalism in Hindi), फोटो पत्रकारिता का इतिहास क्या है? (What is the History of PhotoJournalism in Hindi), फोटो पत्रकारिता क्या है? (What is PhotoJournalism in Hindi), फोटो पत्रकारिता की अर्थ एवं परिभाषा क्या हैं? (What is the Meaning and Definition of
PhotoJournalism)। फोटो पत्रकारिता का स्वरूप एवं उदेश्य क्या है? (What is the Nature and Purpose of PhotoJournalism) जानिए हिंदी में। फोटो पत्रकारिता का इतिहास (History of PhotoJournalism in Hindi)फोटो पत्रकारिता का इतिहास–चित्रों के माध्यम से किसी घटना को प्रमाणित करने का इतिहास उतना ही पुराना हैं। जितना की आदिमानव का गुफाओ में चित्र बनाना, जिसका वह शिकार किया करते थे। गुफाओ में बने चित्र उस कल के चित्रमय समाचारों के समान हैं।
लकड़ी के टप्पों का प्रचालन (Operation of Wood Clippers)-
दि पैनी मैगजीन (The Penny Magazine)-
दि इलस्ट्रेटिड लंदन न्यूज (The Illustrated London News)-
भारत में फोटो पत्रकारिता का इतिहास (History of PhotoJournalism in India)
फोटो पत्रकारिता का अर्थ (Meaning of Photojournalism in Hindi)फोटो पत्रकारिता में फोटो के प्रयोग से पत्रकारिता का स्वरूप ही बदल गया हैं। फोटो पत्रकारिता में फोटो चित्रों की भाषा हैं। सबसे प्रभावी चित्र वही मन जाता हैं जो बिना किसी अन्य भाषा के सहारे अपनी पूरी बात स्वंय कह सके। संचार क्या है? (What is Communication in Hindi) – जाने हिंदी में। यहाँ पढ़ें फोटो पत्रकारिता का परिभाषा (Definition of Photojournalism in Hindi)डॉ. बद्रीनाथ कपूर के अनुसारपत्रकारिता पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार लेख आदि को सम्पादित करता हैं। लेकिन उस खबर में फोटो न लगे तो वो अधूरी सी लगती हैं फोटो उस घटना को और प्रभावी बना देता हैं। ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश के अनुसारफोटो पत्रकार के व्यवसाय का प्रमुख साधन हैं – पत्रकारिता जिसमें लेखन, खबर इकठा करने के साथ-साथ खबर या घटना का फोटो भी लेना। कर्ल. जी. मुलर के अनुसारपत्रकारिता तत्कालिक घटनाओ का सूक्ष्म विश्लेषण पर आधारित ज्ञान का कार्य हैं। ऐसा कार्य जिसमें आवश्यक तथ्यों को प्राप्त करके उसकी महत्ता के अनुसार ही फोटो के साथ तात्कालिक घट्नाओ को बुद्धिमता से जनजीवन के सन्मुख प्रस्तुत करना पड़ता हैं। चैम्बर तथा न्यू वेब्सटर्ज शब्दकोश के अनुसारप्रकाशन, सम्पादन, लेखन एवं प्रसारण युक्त समाचार माध्यम का व्यवसाय ही पत्रकारिता हैं। फोटो पत्रकारिता अभिवयक्ति की एक मनोरम कला हैं। इसका कम घटनों को बिना कोई भाषा के पाठको के दिमाग पर छाप छोड़ना। महात्मा गाँधी के अनुसारपत्रकारिता का एक उदेश्य जनता की इच्छाओं-विचारों को समझना और उन्हें व्यक्त करना हैं। दूसरा उद्देश्य अनपढ़ लोगो तक घटना को समझाना। और वह हैं फोटो पत्रकारिता द्वारा समझाना। महादेवी वर्मा के अनुसारपत्रकारिता एक रचनाशील विधा हैं। इसके बिना समाज को बदलना असम्भव हैं। पत्रकारिता को और प्रभावशाली फोटो पत्रकारिता ने बना दिया हैं। डॉ. हरिमोहन के अनुसारपत्रकारिता शब्द का प्रयोग करते ही हमारे मांस पटल पर मुद्रित अक्षरों से भरे समाचार-पत्र आ जाते है। लेकिन पत्रकारिता को और गंभीर फोटो पत्रकारिता बना दिया हैं। फोटो पत्रकारिता का स्वरूप एवं उद्देश्य (Nature and Purpose of Photojournalism in Hindi)इन्हें भी पढ़े- कैमरा क्या है? (What is Camera in Hindi) – जानिए हिंदी में। पत्रकारिता समाज की दर्पण होती हैं। इस दर्पण को और गंभीर रूप से प्रभावशाली फोटो पत्रकारिता ने बना दिया हैं। समाज में जो घटित हुआ या जो घटित होगा उन सब का वर्णन-विवरण पत्र-पत्रिकाओ में किसी न किसी रूप में अवश्य होता हैं। पत्रकार घटनाओ को और भी बेहतर तरीके से समझाने के लिए चित्र (फोटो) का प्रयोग करते हैं। फोटो पत्रकारिता का स्वरूप एवं उद्देश्य निम्नलिखित हैं।समाज की गतिविधियों का दर्पणपत्रकारिता समाजिक जीवन की सत-असत, दृश्य-अदृश्य, और शुभ-अशुभ छवियों को दिखने वाला दर्पण हैं। समाज में फैली हुई कुरीतियों, अंधविश्वासों जैसी बुराइयों को दूर करने में लगे हुए हैं। पत्रकारिता समाज में जो कुछ भी घटित होता हैं। चाहे वह देश, धर्म, राजनीती, साहित्य आदि। किसी भी अंग का क्यों न हो, उसका विश्लेष्ण करती र समाज को सही-गलत न फर्क दिखाती हैं। पत्रकारिता में लिखाकर लोगो तक बाते पहुचाई जाती हैं अब आधुनिक युग में फोटो द्वारा भीना कुछ लिखे हुए लोगो के दिल और दिमाग दोनों पर कब्ज़ा कर रहे हैं। समाज का दिशा-दर्शनपत्रकारिता समाज की दिशा-दर्शक और नियामक (नियम पर चलाने वाला) हैं। यह बुराइयों को दूर करने का प्रयास करती हैं और समाज को सही दिशा की ओर बदने के लिए प्रेरित करती हैं। एक स्वास्थ समाज निर्माण न स्वस्थ पत्रकारिता का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता हैं। स्वस्थ पत्रकारिता ही को सही दिशा दे सकती हैं। मानवीय गुणों के विकास में सहायकपत्रकारिता मानवीय गुणों को विकसित करती हुई उसी की सूक्ष्म दृष्टि पर पड़े हुए आवरण को चीरकर ज्ञानलोक में ले जाती हैं। हर मनुष्य साहसी, स्पष्टवादी होने की आकांक्षा रखता हैं। कहने की आवश्यकता नही की इन गुणों का विकास पत्रकारिता के माध्यम से सहज रूप में ही हो जाता हैं। क्योंकि एक पत्रकार जो कुछ भी कहता हैं वह निर्भीक व डंके की चोट पर कहता हैं। मनुष्य समाचार पत्रों अपने सहज स्वभाव को पढ़कर उत्तेजित हो उठता हैं। इससे मनुष्य में साहस का संचार और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता हैं। समाजिक जागृती का परिचायकपत्रकारिता समाज का प्रतिबिम्ब हैं। वह समाज में जागृति लाने का माध्यम भी हैं। जैसे – समाचार-पत्रों, रेडियो, टी.वी., इंटरनेट इन सभी माध्यमों द्वारा पाठकों, श्रोताओं, दर्शकों को जागृति पैदा करती हैं। विविधात्मक और व्यापकपत्रकारिता का क्षेत्र ने केवल विविधात्मक नही बल्कि व्यापक भी हैं। आज पत्रकारिता के क्षेत्र में इतनी विविधता आ गयी हैं की उसे सिमित परिधि में नही रखा जा सकता हैं। पत्रकारिता अब सिर्फ रोचक जानकारी, राजनीती तक ही सिमित नहीं हैं बल्कि साहित्य, फिल्म, खेलकूद, व्यवसाय, विज्ञान, धर्म तथा अब तो ग्रामीण क्षेत्रो में भी प्रवेश चुकी हैं। मनोरंजनपत्रकारिता ज्ञान, सूचना, के साथ-साथ मनोरंजन का भी साधन हैं। मनोरंज मनुष्य के लिए उतना ही आवश्यक हैं जितना की भोजन। उदहारण – फ़िल्मी दुनिया के समाचार, नाटक, हलकी फुल्की रचनाएं, मनोरंजन समाचार, चुटकुले आदि। सम्प्रेषण का माध्यम21वी सदी का युग विज्ञानं और प्रौद्योगिकी का युग हैं। विज्ञानं ने पूरी दुनिया को एक ही सूत्र में बांध दिया हैं। विज्ञानं ने रेडियो, टेलीविजन, और इंटरनेट आदि ऐसे माध्यम दिये हैं जिससे साडी दुनिया का समाचार पलक झपकते ही मिल जाते हैं। समाज में घटने वाली घटनाएं चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में, राजनीती के क्षेत्र में, आर्थिक क्षेत्र में, या साहित्यक क्षेत्र में हो सभी के सम्प्रेषण का कार्य करती हैं। ज्ञान-विज्ञानपत्रकारिता ज्ञान-विज्ञानं का विश्वसनीय सूचना माध्यम हैं। यह समाज को विज्ञानं, कृषि, सिनेमा, खेलकूद, साहित्य, कला, संस्कृति, राजनीति, अपराध आदि विविध विषयों से सम्प्रेषित करती हैं। फोटो पत्रकारिता का आवश्यकता एवं महत्व (Need and Importance of Photojournalism in Hindi)हर व्यक्ति अपनी जिज्ञासा को पूरा करना चाहता हैं। हर व्यक्ति की जिज्ञासा की पूर्ति पत्रकारिता करती हैं। जैसे – समाजशास्त्री को सामाजिक व्यवस्था के बारे में जानकारी देती हैं, साहित्यकारों को साहित्यिक जानकारियां देती हैं और व्यापारियों को आर्थिक जानकारियाँ देती हैं। जिस प्रकार किसी पौधे के जीवन के लिए पानी, खाद और वायु की आवश्यकता होती ठीक उसी प्रकार व्यक्ति और समाज के विकास के लिए पत्रकारिता की आवश्यकता हैं। पौराणिक युग में जो स्थान और महत्त्व नारद मुनि का था, वही स्थान और महत्व आज के समय में पत्रकारिता का हैं। उस समय नारद मुनि ही ख़बरों को देवताओं को दिया करते थे। आज वही काम पत्रकारिता करती हैं। पत्रकारिता एक प्रकार से सूचना देने वाला “मौसमी पक्षी” होता हैं। अगर एक दिन समाचार पत्र के न आने पर पूरा समाज व्याकुल हो जाता हैं। प्रजातांत्रिक देशों में तो समाचार-पत्रों को लोकसभा का स्थाई अधिवेशन कहा गया हैं। यानि चौथा स्तंभ मन गया हैं। श्री विधालंकार ने पत्रकारिता को “5वा वेद” माना हैं। पत्रकारिता समाज का अविभाज्य अंग हैं। पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा ही आधुनिक समाज सामूहिक जानकारी और दृष्टिकोण का निर्माण करते हैं और अपने लिए भविष्य का मार्ग चुनते हैं। पत्रकारिता ज्ञान के प्रकाशक मनोरंजन की दात्री, घटनाओं की विस्तृत विवरण करने वाली, धार्मिक, राजनितिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्क्रतिक और साहित्यिक परिस्थितियों की व्याख्याता और व्यापक भूमिका पर प्रतिबद्ध करने वाला अनिवार्य साधन हैं। इस प्रकार सामान्य पाठक के ज्ञानवर्द्धन, रुचि, वास्तु स्थिति के चित्रण, जनमत निर्माण में पत्रकारिता का विशेष महत्व हैं। फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र व प्रकार – (Fields & Types of Photojournalism)फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र व प्रकार इस प्रकार हैं –
फोटो पत्रकार के गुण ( Qualities of Photojournalist in Hindi)
इन्हें भी देखें –
फ़ोटो पत्रकारिता से आप क्या समझते है?किसी अखबार के लिए फोटो खींचना ही फोटो पत्रकारिता है। इसमे खास बात यह है कि बहुत सारी घटनाएं या दृश्य ऐसे होते हैं कि यदि उसकी फोटो सही तरीके से खीची जाय तो फोटो अपने आप मे ही खबर बन जाती है । यह फोटो के माध्यम से किसी लेख को पूरा किया जाता है। बांकी इसका महत्व आज बहुत ज्यादा बढ़ गया है।
पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं?पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है, जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, जानकारी एकत्रित करके पहुँचाना, सम्पादित करना और सम्यक प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। आज के युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं; जैसे - अखबार, पत्रिकायें, रेडियो, दूरदर्शन, वेब-पत्रकारिता आदि।
फोटो फीचर क्या होता है?फोटो फीचर फोटाग्राफों की सहायता से किसी विषय पर प्रस्तुत कथा, विवरण का निबंध है । 2. फोटो संपादक वह व्यक्ति है जो किसी समाचार पत्र या पत्रिका में फोटो खण्ड का प्रभारी होता है ।
पत्रकारिता का उद्देश्य क्या है?पत्रकारिता का उद्देश्य
पत्रकारिता का कार्य है सूचना देना, घटना के पीछे छिपे कारणों की - तालाश करना, घटना के प्रति लोगों को जागृत करना, घटना के पक्ष या विपक्ष में लोगों को जागरूक करना, जनता की रूचि निर्माण करना और उन्हें दिशा देना।
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