पेंशनभोगी की मौत के बाद परिवार पेंशन नियम हिंदी में uttar pradesh - penshanabhogee kee maut ke baad parivaar penshan niyam hindee mein uttar pradaish

Family Pension : केंद्र सरकार (central government) के द्वारा देश में कई परिवारों को फैमिली पेंशन दी जाती है. नौकरी से रिटायरमेंट के बाद सरकार द्वारा कर्मचारी को पेंशन दी जाती है, व्यक्ति के मृत्यु के बाद उसके परिवार को फैमिली पेंशन (Family Pension) दी जाती है. परिवार को पेंशन किस आधार पर मिलेगी ये डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर (Department of Pension & Pensioners' Welfare) के द्वारा बनाए गए नियमों में बताया गया है.   

सरकार का क्या है कहना


जितेन्द्र सिंह का कहना है कि फैमली पेंशन में नॉमिनेशन के प्रावधान को जरूरी बनाया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों के बच्चों को बिना रुकावट पेंशन दी जा सके. मानसिक विकारों से जूझते बच्चे कोर्ट से आसानी से गार्डियनशिप सर्टिफिकेट सर्टिफिकेट के सकें. मृत्यु के बाद गार्डियनशिप सर्टिफिकेट को लेकर फॅमिली पेंशन देने से मना नहीं कर सकते.

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बिना सर्टिफिकेट भी देना होगी पेंशन 


अगर मानसिक विकार से पीड़ित बच्चों को कोर्ट से गार्डियनशिप सर्टिफिकेट के बिना पेंशन देने से मना नहीं किया जा सकता. बैंक अगर ऐसा करते पाए गए तो यह सेंट्रल सिविल सर्विस (पेंशन) रूल्स, 2021 के वैधानिक प्रावधनों के खिलाफ होगा.

परिवार में किन्हें मिलता है आश्रित पेंशन


1. मृतक की पत्नी को पेंशन मिलती है
2. 25 साल से कम अविवाहित बेटा और विवाहित/विधवा/तलाकशुदा बेटी (उम्र की कोई सीमा नहीं) जो कि मृतक पर आश्रित रहे हों
3. दिव्यांग बच्चा जो अपनी जीविका कमाने के योग्य नहीं है, और उम्र शादी की सीमा नहीं है
4. मृतक पर आश्रित माता-पिता 
5. मृतक पर आश्रित भाई-बहन 

कितने समय तक पेंशन पाने योग्य 


1. मृतक की पत्नी- लाइफ टाइम 
2. अविवाहित बेटा- 25 साल की उम्र तक और उसकी शादी न होने तक. बेटी (विवाहित/विधवा/तलाकशुदा) कमाना न शुरू कर दें या मृत्यु तक
3. दिव्यांग बच्चा- आजीवन या फिर जब तक कमाना शुरू न कर दें 
4. आश्रित भाई-बहन जब तक कमाने न लगें

बेटी के लिए क्या हैं नियम 


अक्सर बेटी को पेंशन मिलने के मामलों में कंफ्यूजन देखा जाता है. ज्यादातर सवाल उठता है कि क्या विवाहित बेटी पेंशन क्लेम कर सकती है? अगर हां तो पेंशन की अवधि क्या रहेगी. पेंशन विभाग के मुताबिक बेटी को यह फायदा शादी होने तक मिलता है. वहीं अगर बेटी तलाकशुदा हो या विधवा हो तो यह लाभ उसे दूसरी शादी तक या रोजगार मिलने तक मिलता है.

पेंशनर की मृत्यु के बाद पत्नी को कितना पेंशन मिलेगा?

स्कीम के तहत सर्विस एम्प्लोयी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी को मासिक विधवा पेंशन के तहत 1000 रूपये पेंशन का लाभ प्रतिमाह दिया जाता है। कर्मचारी द्वारा पेंशन के किसी नॉमिनी का चयन ना किए जाने पर उसके माता-पिता को पेंशन प्रदान की जाती है।

पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद कितनी पारिवारिक पेंशन?

ब़ढी हुयी दर - यदि कर्मचारी की मृत्यु 07 साल की निरंतर सेवा के उपरांत हो जाता है , तो उक्त कर्मचारी को दिया जाने वाला पारिवारिक पेंशन की दर उसके द्वारा प्राप्त अन्तिम परिलब्धियों का 50% होता है इस प्रकार स्वीकार्य राशि कर्मचारीकी मृत्यु की तिथि के अगले दिन से 07 वर्ष की अवधि या मृत कर्मचारी के 67 वर्ष की उम्र पूर्ण ...

फैमिली पेंशन का क्या नियम है?

अब तक क्या था नियम अगर कर्मचारी कहीं लापता हो जाए तो इसी रूल के तहत उसके परिवार को लाभ दिया जाता था. लेकिन 28 अप्रैल 2022 को इससे जुड़ा एक नया नियम जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत कवर हो, अगर वह लापता होता है तो उसके घरवालों को फैमिली पेंशन का लाभ दिया जाएगा.

क्या पत्नी की मृत्यु के बाद पति को पेंशन मिल सकती है?

पेंशन का कानून यह कहता है की जब भी किसी सेवारत पति या पत्नी की मृत्यु हो जाती है, तब उसकी पत्नी या पति पारिवारिक पेंशन के हकदार होते है।