अयोध्या चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग की नवीनतम जानकारी

अयोध्या। केंद्र सरकार ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग का दर्जा देने की घोषणा की थी। नितिन गडकरी अपने अयोध्या दौरे में इसका एलान किया था। सर्वे के बाद अब इसकी दो डीपीआर को सरकार से मंजूरी मिल गई है।

परिक्रमा पथ के निर्माण पर 4200 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। पांच जिलों से गुजरने वाले परिक्रमा पथ के इर्द-गिर्द कई ऋषि मुनियों की जन्म व तपोस्थली होंगी।

84 कोसी परिक्रमा मार्ग बन जाने से अयोध्या में रामलला के दर्शन के साथ ही विश्वस्तरीय धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विश्व पर्यटन नगरी के रूप में विकसित हो रही अयोध्या में श्रद्धालुओं की आमद लगातार बढ़ रही है लेकिन रामलला के दर्शन के बाद अब तक कुछ ऐसा विकसित नहीं हो पा रहा है जहां श्रद्धालु रुककर धार्मिक पर्यटन का आनंद ले सकें।
इसलिए भी परिक्रमा पथ पर विशेष जोर है। 84 कोसी परिक्रमा पथ बनने से धार्मिक पर्यटक रामायण कालीन विभिन्न धार्मिक स्थलों के साथ ऋषि मुनियों की तपोस्थली तक पहुंचकर अतीत से रू-ब-रू हो सकेंगे और आशीर्वाद ले सकेंगे।
सड़क परिवहन और राजमार्ग परिवहन मंत्रालय भारत सरकार ने इसके सर्वे का काम पूरा करा लिया है। पथ के निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग और एनएच डिवीजन बस्ती को सौंपी गई है।

समीक्षा के लिए भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का नाम एनएच-227बी प्रस्तावित किया गया है। परंपरागत रूट के लैंड स्कैपिंग और सर्वे के बाद इसकी कुल लंबाई 235.6 किमी. पायी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक परिक्रमा पथ के लिए 45 मीटर जमीन की जरूरत होगी। इसकी एक ओर की चौड़ाई 22.5 मीटर होगी। सड़क टू लेन की होगी। एक लेन सड़क 10 मीटर पक्की होगी।
इसके बाद पटरी बनाई जाएगी। परिक्रमा पथ के निर्माण पर कुल 4183 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। परिक्रमा पथ का निर्माण छह चरणों में पूरा होगा। डीपीआर पैकेज एक और डीपीआर पैकेज-तीन को मंत्रालय से स्वीकृति मिल गई है।
इसका टेंडर कराए जाने की तैयारी है। मार्ग का निर्माण छह चरणों में पूरा होगा। पहले और तीसरे चरण की डीपीआर भी तैयार है। अब इसका टेंडर कराया जा रहा है। इसके साथ ही जमीन की अभिलेखीय कार्रवाई भी शुरू की गई है।
84 कोसी परिक्रमा बस्ती जिले के मखौड़ा धाम से शुरू होती है। यात्रा यहां से आगे अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए अंबेडकरनगर फिर अयोध्या इसके बाद सरयू पार गोंडा जिले से होते हुए फिर बस्ती के मखौड़ा धाम पहुंचती है।
बस्ती में पुत्र कामेष्टि यज्ञ स्थल मखौड़ा धाम, राम रेखा, अयोध्या में ऋषि ऋंगी, भगवान सूर्य का मंदिर सूर्य कुंड, भरत की तपोस्थली नंदी ग्राम, दुग्धेश्वर महादेव सीताकुंड, ऋषि यमदग्नि की तपोस्थली, ऋषि आस्तिक और गौतम की तपोस्थली।
गोंडा जिले में ऋषि अगस्त्य, तुंदिल, नरहरिदास, बाबा तुलसीदास, ऋषि अष्टावक्र, पाराशर व शौनक के साथ कई अन्य की ऋषि-मुनियों की जन्म व तपोस्थली है।
सरयू के उत्तर व दक्षिण के पांच जिलों से गुजरने वाली 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर दो पुल भी बनाए जाएंगे। हालांकि कहा जा रहा है कि अभी मंजूर हुईं दो डीपीआर में इसे शामिल नहीं किया गया है।
लेकिन कहा जा रहा है कि मूर्तिहन घाट शुजागंज के पास और ऋंगी ऋषि आश्रम शेरवाघाट के पास पुल बनेगा। इन्हीं दोनों स्थानों पर परिक्रमा सरयू को पार करती है।
84 कोसी परिक्रमा पथ के निर्माण का काम शुरू हो गया है। मंत्रालय से टेंडर कराए जाने की प्रक्रिया जारी है। कोशिश है कि परिक्रमा पथ किसी गांव से होकर न जाए, आबादी के बाहर से निकले लेकिन रामायण कालीन धर्मस्थल और ऋषि मुनियों के स्थल भी वहां से दूर न हों। मार्ग पर ठहराव स्थल बने, दोनों पटरी पर पैदल चलने के लिए कच्ची सड़कें और छायादार वृक्ष हों। ऋषि मुनियों की तपोस्थलियों तक जाने के लिए लिंक मार्ग बने। सरयू पर दो पुल बनाए जाएंगे।- लल्लू सिंह, सांसद, फैजाबाद

84 कोसी परिक्रमा मार्ग का निर्माण कब से शुरू होगा?

परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाली सरयू नदी पर दो भव्य पुलों का निर्माण भी किया जाएगा। अयोध्या। रामनगरी की ऐतिहासिक 84 कोसी परिक्रमा 17 अप्रैल से शुरू हो रही है। करीब 25 दिनों तक चलने वाली यह परिक्रमा पांच जिलों के 107 गांवों से होकर गुजरती है।

चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग का शिलान्यास कब होगा?

UP Assembly Elections 2022 केंद्रीय भूतल सड़क जलमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी छह जनवरी को मखौड़ा धाम में चौरासी कोसी परिक्रमा का शिलान्यास करेंगे। 252 क‍िलोमीटर लंबी यह सड़क करीब साढे छ हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी।

84 कोसी परिक्रमा मार्ग की चौड़ाई क्या होगी?

पूरा प्रोजेक्ट 4000 करोड़ का है और 235 किलोमीटर पूरा मार्ग है. हम ऐसा मार्ग बनाएंगे कि साधु संतों को परिक्रमा करने में दिक्कत न हो. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के दोनों तरफ 5 मीटर चौड़ा परिक्रमा पथ होगा जिसपर हरी घास होगी.

2022 में परिक्रमा कब है?

इस वर्ष चौरासी कोस की परिक्रमा 17 अप्रैल 2022 को आरंभ होगी, जिसमें हिस्सा लेना के लिए 16 अप्रैल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के तिथि पर कारसेवक पुरम अयोध्या से साधु संतों की टोली मखौड़ा मखभूमि (Makhbhumi) के लिए प्रस्थान करेगी और वैशाख कृष्ण प्रतिपदा तदनुसार 17 अप्रैल 2022 दिन रविवार को सुबह 6:00 बजे मखभूमि मखौड़ा से 84 कोसी ...