माउजर बंदूक 315 price

Naveen Kumar Pandey | Navbharat TimesUpdated: Jul 11, 2017, 8:45 AM

गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स से शॉटगन, राइफल और बुलेट सस्ती हो गई हैं। इससे देशभर में हथियारों के डीलर्स...

माउजर बंदूक 315 price
सांकेतिक तस्वीर।

माधवी सैली, नई दिल्ली
गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स से शॉटगन, राइफल और बुलेट सस्ती हो गई हैं। इससे देशभर में हथियारों के डीलर्स और उनके हाई-प्रोफाइल कस्टमर्स को फायदा होगा। मुंबई में हथियारों के डीलर और रिटेलर हनीफ बंदूकवाला ने बताया, 'बड़े बिजनस हाउस, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग और उद्योगपति पूछताछ कर रहे हैं। हम ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज की ओर से नए कीमतों की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं।'

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हथियार सस्ते होने से सिक्यॉरिटी एजेंसियों और बैंकों जैसे अन्य ग्राहकों को भी फायदा होगा। इसके अलावा बड़े किसान भी जानवरों को दूर भगाने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करते हैं।
बंदूकवाला जैसे डीलर्स को हथियार सस्ते होने से फायदा हो सकता है, लेकिन डीलर्स को हथियारों के एक बड़े मार्केट उत्तर प्रदेश में बंदूकें बेचने में एक समस्या है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चार वर्ष पहले राज्य में नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी थी क्योंकि यह पता चला था कि राज्य पुलिस के पास मौजूद 2.15 लाख बंदूकों से कहीं अधिक संख्या में हथियारों के निजी लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में उस समय 11 लाख से अधिक हथियारों के लाइसेंस थे। कोर्ट ने कहा था कि राज्य एक ज्वालामुखी पर बैठा है। आर्म्स और एम्युनिशन इंडस्ट्री के लिए उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र बड़े मार्केट हैं। यह इंडस्ट्री सालाना 2 पर्सेंट की दर से बढ़ रही है।

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ऑल इंडिया आर्म्स डीलर्स असोसिएशन के चेयरमैन चरण पाल सिंह घई ने बताया, 'GST के बाद राइफल और बंदूकें 9 पर्सेंट तक सस्ती हो जाएंगी, जबकि रिवॉल्वर और पिस्टल के दाम बढ़ेंगे।' बंदूकवाला ने कहा कि देश के मार्केट में 90 पर्सेंट हिस्सेदारी राइफल और अन्य शॉटगन की है। उनका कहना था कि कस्टमर्स आमतौर पर भारतीय बंदूकें खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि वे नई उपलब्ध होती हैं। विदेशी हथियार आमतौर पर 10-20 वर्ष पुराने होते हैं।

घई ने बताया कि 12-बोर गन की कॉस्ट पहले लगभग 20,000 रुपये की थी, जो अब करीब 18,000 रुपये में बिकेगी। 315 बोर राइफल की कीमत पहले 60,000 रुपये तक थी, जो अब घटकर लगभग 55,000 रुपये पर आ जाएगी। सरकार ने GST के तहत पिस्टल, रिवॉल्वर को 28 पर्सेंट टैक्स स्लैब में रखा है, जबकि गन और राइफल 18 पर्सेंट के स्लैब में हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली में बिंद्रा आर्मरी के मालिक हरजीत बिंद्रा ने बताया कि राज्य के ग्रामीण इलाकों में किसान हथियारों के बड़े खरीदार हैं क्योंकि इन इलाकों में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है।

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Web Title : Hindi News from Navbharat Times, TIL Network

315 कट्टा की कितनी कीमत है?

मुंगेर, बुरहानपुर से आते हैं हथियार -एक हजार रुपए कीमत में 12 बोर का कट्‌टा व 1500 रुपए में 315 बोर का कट्‌टा तथा तीन से पांच हजार रुपए कीमत में कंट्रीमेड पिस्टल व रिवाल्वर उपलब्ध होती हैं।

315 बोर राइफल की मारक क्षमता कितनी होती है?

ये कारतूस 8 मिलीमीटर चौड़े और 50 मिलीमीटर लंबे होते हैं. इनका वजन करीब 40 ग्राम होता है. इसका प्रयोग लाइसेंसी राइफल में होता है, जिसकी 300 मारक क्षमता करीब 300 मीटर तक होती है या फिर इसका इस्तेमाल अवैध देशी कट्टों में सबसे ज्यादा होता है, ऐसे कट्टों की मारक क्षमता 30 मीटर से ज्यादा नहीं होती है. .

राइफल का दाम क्या है?

राइफल, पिस्टल और शॉटगन.. किसकी कितनी कीमत होती है? शूटिंग में इस्तेमाल होने वाले राइफल की कीमत 2.5 लाख रुपये से शुरू होती है. 10 लाख और उससे ज्यादा कीमत के भी राइफल आते हैं. ​बात करें पिस्टल की, तो इसकी कीमत करीब 4 से 5 लाख रुपये तक होती है.

रिवाल्वर की कीमत क्या होती है?

ओवरऑल 177.6 एमएम की लेंथ व . 32 कैलिबर वाली यह नई रिवाल्वर दो मॉडलों में लॉन्च हुई है जिसे अंतरराष्ट्रीय रिवाल्वर 'वेब्ले स्काट' का कॉम्पटीटर बताया जा रहा है। इसकी कीमत डीलरों के लिए 71 हजार रुपए रखी गई है, जिसमें 28 फीसदी जीएसटी अलग से लगेगा। शनिवार से इसकी बुकिंग शुरू हो गई।