पशु प्रजातियों के विलुप्त होने के कारण क्या है - pashu prajaatiyon ke vilupt hone ke kaaran kya hai

अनुकूल वातावरण नहीं मिलने से विलुप्त हो रहे हैं पशु पक्षी

Author: JagranPublish Date: Thu, 11 May 2017 06:26 PM (IST)Updated Date: Thu, 11 May 2017 06:26 PM (IST)

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी: अनुकूल वातावरण नहीं मिल पाने के कारण पशु और पक्षी दोनों की ही बहुत सी

जागरण संवाददाता, रेवाड़ी:

अनुकूल वातावरण नहीं मिल पाने के कारण पशु और पक्षी दोनों की ही बहुत सी प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है। जल, जंगल और जमीन सभी का संतुलन बिगड़ा है, जिसका प्रभाव न सिर्फ जलवायु बल्कि जीवों पर भी पड़ा है। जंगल व हरियाली सिमट गई है और कंकरीट के मकान फैलते जा रहे हैं, गांवों के जोहड़ों में पानी नहीं रहा, जिससे प¨रदे और पशु प्यास से ही दम तोड़ रहे हैं। प्राकृतिक आवास का तेजी से सिमटना ही पशु-पक्षियों के विलुप्त होने का सबसे बड़ा कारण है।

पिछले चार दशक के दौरान आए परिवर्तन के कारण पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। वन्य जीवों के विलुप्त होने के बावजूद मानव अपनी जीवनशैली को बदलने के लिए तैयार नहीं है। विभिन्न पक्षियों के अस्तित्व पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पक्षियों का प्राकृतिक आवास उजड़ता जा रहा है। बढ़ते शहरीकरण और उद्योगीकरण के कारण पेड़ पौधे लगातार कम होते जा रहे हैं।

सूख चुके हैं जोहड़ व तालाब

गांवों स्थित जोहड़ व तालाब पर्याप्त पानी न होने तथा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने के कारण सूख चुके है। जलीय पक्षियों का प्राकृतिक आवास भी सुरक्षित नहीं है। जोहड़ व तालाबों का पानी सूखने के कारण जंगली जानवरों को पानी की उपलब्धता नहीं हो पाती। जंगली जानवरों का शिकार भी इनकी संख्या को घटा रहा है। चार दशक पूर्व गीदड़ व लकड़बग्घा का दिखाई देना आम था, परंतु स्थानीय स्तर पर अरावली पर्वत श्रंखला को छोड़ कर अन्य स्थानों से गायब हो चुके है। जिला में अरावली पर्वत श्रृंखला खंड खोल में स्थित है और खंड खोल को डार्क जोन घोषित किया जा चुका है। पर्वत श्रंखला में रहने वाले जानवरों को भी पानी उपलब्ध नहीं हो पाता। पानी की तलाश में आबादी के नजदीक पहुंचने वाले लकड़बग्घा की वाहनों व ट्रेन की चपेट में आने से मौत की घटनाएं भी सामने आ चुकी है।

गायब हो रहे पक्षी

बढ़ते संसाधन भी पक्षियों के गायब होने का कारण बनते जा रहे है। पक्षियों का शिकार व अवैध व्यापार किया जा रहा है। लोग सजावट व मनोरंजन के लिए तोते व रंग-बिरंगी गोरैया जैसे पक्षियों को ¨पजरों में कैद कर रहे है। पक्षी विभिन्न रसायनों व जहरीले पदार्थों के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं। ऐसे पदार्थ भोजन या फिर त्वचा के माध्यम से पक्षियों के अंदर पहुंच कर उनकी मौत का कारण बनते हैं। डीडीटी, विभिन्न कीटनाशक और खरपतवार खत्म करने वाले रसायन पक्षियों के लिए बहुत खतरनाक सिद्ध हो रहे हैं। मोर जैसे पक्षी कीटनाशकों की वजह से काल के गाल में समां रहे हैं। गांवों में बिछाई जा रही खुली बिजली लाइनें भी मोर पक्षी के लिए काल बने हुए है। गांवों में करंट की चपेट में आने से मोर की मौत होना आम बात हो चुकी है। जिला से गिद्ध पूरी तरह से गायब हो चुके है। गिद्ध मरे हुए पशुओं का मांस पर निर्भर रहते है। पशुओं में बड़े पैमाने पर डाइक्लोफेनेक दवा के इस्तेमाल गिद्ध के विलुप्त होने का बड़ा कारण रहा है।अवैध शिकार के कारण काला तीतर भी विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुका है। किसानों द्वार फसल के अवशेषों में लगाई जा रही आग पक्षियों के आशियाने छीन रही है।

Edited By: Jagran

पशु प्रजातियों के विलुप्त होने के क्या कारण है?

Answer: पशु-पक्षियों जीव जंतुओं के विलुप्त होने का मुख्य कारण है रहने के स्थान जंगल आदि का नष्ट होना ने पर्याप्त भोजन ना मिलना और उनका शिकार होना।

विलुप्त जानवरों को बचाने के लिए हम क्या कर सकते हैं?

जैव विविधता को बचाने के लिए दुनिया भर में योजनाएं बनाना आदि अंतर्राष्ट्रीय संधि में शामिल है। इस संधि को कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी (सीबीडी) कहते हैं। इसके तहत 2020 के बाद जैव विविधता को बचाने के लिए इसके द्वारा अपनाई जाने वाली रणनीति को एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में प्रस्तावित किया गया है।

विलुप्त प्रजाति है क्या है?

Solution : विलुप्त प्रजाति-यह वैसी प्रजाति है जो जंगलों या अभ्यारण्य में सामान्यतः नहीं पाई जाती है। जैसे डूडो प्रजाति। <br> संकटग्रस्त प्रजाति-यह वैसी प्रजाति है जिनकी संख्या इतनी कम हो गई हो। कि विलुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

विलुप्त जानवर कौन सा है?

देश में विलुप्त हो रही 15 प्रजातियां.
उत्तरी भारतीय नदियों का कछुआ ... .
लाल ताज और सिर वाला कछुआ ... .
संकरे सिर और नर्म कवच वाला भारतीय कछुआ ... .
बेडडोम टोड ... .
हैमरहेड शार्क ... .
घाट वार्ट मेंढक ... .
ऊंचाई पर रहने वाला कस्तूरी मृग ... .
एशियाई बड़ा नर्म खोल वाला कछुआ.