अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को किस तरह सुरक्षित रखा? Show
Solutionअंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को निम्नलिखित प्रकार से सुरक्षित रखा था-
Concept: हम भारत की ऐतिहासिक घटनाओं को कैसे जानते हैं Is there an error in this question or solution? APPEARS INचेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। मातीचा प्रश्न सरकारी दस्तावेज को हम कैसे और कहां-कहां सुरक्षित रख सकते हैं एक तो हम अपने मेल आईडी में चाहे जीमेल आईडी को yahoo.com आईडी हो live.com आईडी hotmail.com आईडी हो कोई भी मेरा अपना डॉक्यूमेंट दूसरा है कंप्यूटर में कॉपी करके अपने दोस्तों को एक-एक हर जगह थे पार्सल दे दीजिए ताकि उनको दे देना उनको भी कुछ अकाउंट हो तो उसमें भी रख सकते डॉक्यूमेंट करके ओके और बाकी तो ऑनलाइन बहुत सारे जहां भी हो सकता है Romanized Version विषयसूची सरकारी दस्तावेजों को हम कैसे और कहां कहां सुरक्षित रख सकते हैं?अभ्यास-प्रश्नोत्तर
सरकारी दस्तावेज कौन से हैं?ह्वाइट पेपर (श्वेत पत्र) – भारत व ब्रिटेन की विशेष विषय पर सरकारी दस्तावेजों से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि आप लोग क्या सोचते हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer: सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है कि आम लोग क्या सोचते हैं। गलत, (ग) अंग्रेज़ों को लगता था कि सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्त्वपूर्ण होते हैं। अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को कैसे सुरक्षित रखा? इसे सुनेंरोकेंअंग्रेज़ों नें दस्तावेज़ों को संग्रहालय और अभिलेखागार बनाकर सुरक्षित रखा। ब्रिटिश सरकार की सरकारी रिपोर्ट को क्या कहते हैं?इसे सुनेंरोकेंApex Academy – ब्रिटिश सरकार की सरकारी रिपोर्ट को क्या… | Facebook. दस्तावेज कैसे बनाएं आंसर?Explanation:
जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को कितने समय में बांटा है? इसे सुनेंरोकेंएक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनैतिक दार्शनिक जेम्स मिल, ने 1817 में “ब्रिटिश भारतीय इतिहास” का एक विशाल तीन खंड प्रकाशित किया था। इसमें उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन अवधियों में विभाजित किया – हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश। ह्वाइट पेपर (श्वेत पत्र) – भारत व ब्रिटेन की विशेष विषय पर अंग्रेज़ों ने सरकारी दस्तावेज़ों को किस तरह सुरक्षित रखा?अंग्रेज़ों का मानना था कि आधिकारिक दस्तावेजों को संरक्षित करके यह उनके लिए आसान होगा या अतीत में किए गए फैसले के बारे में जानना होगा। ब्रिटिश के अनुसार, अभिलेखों में दस्तावेजों के रूप में बोलने से लेखन अधिक महत्वपूर्ण था और संग्रहालयों को पढ़ने के लिए या बहस के लिए आवश्यक होने के बाद बहुत देर बाद संदर्भ में उपयोग किया जा सकता है। अंग्रेज़ों नें दस्तावेज़ों को संग्रहालय और अभिलेखागार बनाकर सुरक्षित रखा। 1307 Views जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को जिस तरह काल खंडों में बाँटा है, उसमे क्या समस्याएँ है? एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनैतिक दार्शनिक जेम्स मिल, ने 1817 में 'ब्रिटिश भारतीय इतिहास' का एक विशाल तीन खंड प्रकाशित किया था। इसमें उन्होंने भारतीय इतिहास को तीन अवधियों में विभाजित किया - हिंदू, मुस्लिम और ब्रिटिश। इतिहास की किसी भी अवधि को 'हिंदू' या 'मुस्लिम' के रूप में संदर्भित करना मुश्किल है क्योंकि इन कालों के दौरान एक साथ विभिन्न धर्मों की मौजूदगी थी। किसी भी युग को उस समय के शासकों के धर्म के माध्यम से एक उम्र को चिह्नित करने के लिए भी उचित नहीं है। यह भी मूल्य-उल्लेख है कि प्राचीन भारत के शासकों ने भी उसी विश्वास का हिस्सा नहीं किया। 2925 Views सही और गलत बताएँ A. जेम्स मिल ने भारतीय इतिहास को हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, तीन काल खंडों में बाँट दिया था | 4329 Views सही और गलत बताएँ A. अंग्रेजों को लगता था की सही तरह शासन चलाने के लिए सर्वेक्षण महत्वपूर्ण होते हैं। 723 Views सही और गलत बताएँ A. सरकारी दस्तावेज़ों से हमें ये समझने में मदद मिलती है की आप लोग क्या सोचते हैं | 737 Views सरकारी दस्तावेज कहाँ सुरक्षित रखे जाते थे?अंग्रेज़ों नें दस्तावेज़ों को संग्रहालय और अभिलेखागार बनाकर सुरक्षित रखा।
3 अंग्रेज सरकारी दस्तावेजों को क्यों सुरक्षित रखते थे?अंग्रेजों ने सरकारी दस्तावेजों को निम्न तरह सुरक्षित रखा :
अंग्रेजों का मानना था कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पत्रों को संभाल कर रखना आवश्यक है। इसलिए उन्होंने सभी सरकारी संस्थानों में अभिलेख कक्ष भी बनवा दिए। सभी सरकारी संस्थानों जैसे तहसील, कलेक्ट्रेट , सचिवालय , कचहरी में अपने रिकॉर्ड रूम होते थे ।
महत्वपूर्ण दस्तावेजों को बचाकर रखने के लिए क्या होता है?डिजीलॉकर आपको अपने सभी दस्तावेजों को एक सुरक्षित तरीके से स्टोर करने में मदद करता है, और यह जारीकर्ता से अनुरोधकर्ता तक अनुमति आधारित शेयरिंग को भी सक्षम बनाता है। डिजिलॉकर, डिजिटल इंडिया पहल को आगे बढ़ाने की दिशा में भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए कई पहलों में से एक है।
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