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पीरियड मिस होना क्या है?पीरियड्स मिस होना कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी या समस्या की ओर एक इशारा हो सकता है। आमतौर पर पीरियड नहीं आने का सबसे बड़ा कारण गर्भावस्था यानी प्रेगनेंसी होती है। तनाव भी पीरियड मिस होने (Irregular Periods in Hindi) का एक मुख्य कारण कारण हो सकता है। आमतौर पर पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है जो हर महीने इतने दिन के अंतर पर चलता रहता है। जब पीरियड का समय एक महीने में लंबा और दूसरे महीने में छोटा होता है तो उसे अनियमित पीरियड माना जाता है। पीरियड समय पर लाने यानी उसे नियमित करने के उपाय मौजूद हैं। पीरियड लेट आने के क्या कारण हो सकते हैं (Period Miss Hone Ke Karan)पीरियड मिस होने या लेट आने के अनेक कारण होते हैं। अगर आप गर्भधारण का प्लान नहीं बना रही हैं और उसके बाद भी आपके पीरियड्स में अनियमितता है तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं:-
तनाव एक महिला के शरीर को कई तरह से प्रभावित करता है जिससे पीरियड्स में अनियमितता भी शामिल है। तनाव के कारण महिला के शरीर में GnRH हार्मोन की मात्रा कम होती है जिसके कारण ओवुलेशन नहीं होता है या पीरियड्स नहीं आते हैं।
डेली रूटीन में बदलाव जैसे कि नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर जाना, या घर में किसी की शादी या कोई फंक्शन के दौरान सोने, जागने, खाने-पीने की रूटीन में बदलाव आने के कारण भी पीरियड्स देर से आ सकते हैं।
कुछ मामलों में ब्रेअस्फीडिंग के दौरान महिलाओं को समय पर पीरियड्स नहीं आते हैं। लेकिन जैसे ही वह ब्रेअस्फीडिंग बंद करती हैं उनके पीरियड्स दोबारा नियमित हो जाते हैं।
किसी लंबी बीमारी या अचानक से हुई सर्दी, खांसी या बुखार के कारण पीरियड्स में देरी हो सकती है। हालांकि, यह कुछ समय के लिए होता है। जैसे ही यह समस्या दूर होती है पीरियड फिर से नियमित हो जाते हैं।
बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करने से पीरियड साइकिल में बदलाव आता है जिसके परिणामस्वरूप पीरियड्स देर से आने लगते हैं। इन सबके अलावा भी पीरियड लेट आने के दूसरे कारण हो सकते हैं जैसे कि:-
पीरियड्स न होने के नुकसानपीरियड्स न होने के अनेक नुकसान हो सकते हैं। हालांकि, उपचार की मदद से इनसे बचा जा सकता है। पीरियड्स न आने पर निम्न नुकसान हो सकते हैं:-
अगर आपके पीरियड्स लेट आते हैं तो आपको तुरंत एक अनुभवी स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता है। अनियमित पीरियड्स को नॉर्मल करने के घरेलू उपचारपीरियड लेट आना या अनियमित पीरियड को नॉर्मल करना आसान है। कुछ खास घरेलू उपाय मौजूद हैं जिनकी मदद से पीरियड मिस होने या पीरियड लेट आने की समस्या को दूर किया जा सकता है। अनियमित पीरियड को नार्मल करने के लिए निम्न घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं:-
इन सबके अलावा, कच्चा पपीता का सेवन भी अनियमित माहवारी में फायदेमंद होता है। इसलिए इसका भी सेवन किया जा सकता है। इस बात का खास ध्यान रखें कि पीरियड को नॉर्मल करने की नियत से किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की राय लेना आवश्यक है। माहवारी न होने की समस्या से बचने के उपायमाहवारी न होने की समस्या से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली और खानपान पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। अपने जीवन और डाइट में सकारात्मक बदलाव लाकर आप अपने पीरियड्स को अनियमित होने से रोक सकती हैं। पीरियड्स लेट आने से बचने के लिए आप निम्न बातों का पालन कर सकती हैं:-
किसी तरह की समस्या होने पर खुद ही उसका निवारण ढूंढने के बजाय विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें। तुरंत पीरियड लाने के लिए क्या करे?पीरियड्स जल्दी लाने के उपाय - Periods Jaldi Lane Ke Liye Gharelu Upay in Hindi. विटामिन सी की सहायता से ... . गर्म पानी का पैक लेकर ... . संभोग से भी पीरियड्स को जल्दी ला सकते हैं ... . अदरक की चाय की सहायता से ... . पपीते की मदद से ... . तनाव से दूर रहकर ... . कुछ मसाले भी हैं मददगार. पीरियड कितने दिन आगे पीछे हो सकता है?सामान्य तौर पर मेस्ट्रअल साइकल 21 से 35 दिन की होती है। सबका साइकल अलग-अलग हो सकता है। किसी को 28 दिन, किसो को 30 तो किसी को 35 दिन पर भी हो सकता है। अगर आपका साइकल 28 दिन का है और 29 या 30 दिन तक आपको पीरियड नहीं हुआ तो आप इसे लेट मान सकती हैं लेकिन इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है।
1 दिन में पीरियड्स कैसे लाएं?विशेषज्ञ का कहना है कि अजमोद की मदद से पीरियड्स को जल्दी लाया जा सकता है। अजमोद में अच्छी मात्रा में विटामिन सी होता है। विटामिन सी यूटेरस पर दबाव डालता है जिससे पीरियड्स जल्दी आते हैं। अगर आपके पीरियड्स समय पर नहीं आ रहे हैं या आप पीरियड्स को जल्दी लाना चाहती हैं तो अजमोद का इस्तेमाल आपके लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
पीरियड late हो गया है तो क्या करें?माहवारी न होने की समस्या से बचने के उपाय. सोने और जागने का समय तय करें. संतुलित खाना खाएं. पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं. अपनी डेली रूटीन को फॉलो करें. फास्ट फूड और कोल्ड ड्रिंक्स से बचें. शराब और सिगरेट आदि का सेवन न करें. रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम करें. अपने वजन को फिट रखें. |