इसे सुनेंरोकें(ख) अपरदन द्वारा बने मैदान : पृथ्वी के धरातल पर निरन्तर अपरदन की प्रक्रिया चलती रहती है, जिससे दीर्घकाल में पर्वत तथा पठार नदी, पवन और हिमानी जैसे कारकों द्वारा घिस कर मैदानों में परिणत हो जाते हैं। इस प्रकार बने मैदान पूर्णतः समतल नहीं होते। कठोर शैलों के टीले बीच-बीच में खड़े रहते हैं। Show
मैदान का निर्माण कैसे होता है?इसे सुनेंरोकेंसामान्यतः सागर तल से 150 मीटर तक ऊँचे तथा समतल विस्तीर्ण भूखंड मैदान कहलाते हैं। इसी प्रकार कुछ मैदान सागर तल से सैकड़ों मीटर ऊँचे भी हो सकते हैं किंतु वे समीपवर्ती पठार अथवा पर्वत से नीचे होते हैं। मैदानों का निर्माण भूमि के अपरदन तथा अवसादों के निक्षेपण दोनों प्रकार से होता है। पढ़ना: पुलिस कस्टडी रिमांड क्या होता है? पठार और मैदान में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंअथवा धरातल का विशिष्ट स्थल रूप जो अपने आस पास की जमींन से पर्याप्त ऊँचा होता है, और जिसका ऊपरी भाग चौड़ा और सपाट हो पठार कहलाता है। जबकि मैदान ,500 फ़ीट से कम ऊँचाई वाले भू-पृष्ठ के समतल भाग को कहा जाता है। धरातल पर मिलने वाले अपेक्षाकृत समतल और निम्न भू-भाग को मैदान कहा जाता है। पृथ्वी के स्थलरूप कौन कौन से हैं?इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 1: पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप कौन-कौन से है? उत्तर: पृथ्वी के प्रमुख स्थलरूप पर्वत, पठार और मैदान हैं। धरातल कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंनदियों के अलावा कुछ मैदानों का निर्माण वायु, ज्वालामुखी और हिमानी द्वारा भी होता है। अति मंद ढल वाली लगभग सपाट या लहरिया निम्न भूमि को मैदान कहते हैं। बनावट के आधार पर मैदानों का वर्गीकरण निम्न प्रकार है- (क) संरचनात्मक मैदान, (ख) अपरदन द्वारा बने मैदान, (ग) निक्षेपण द्वारा बने मैदान । पर्वत पठार और मैदान के दोहन से इस पर क्या प्रभाव पड़ा है? पढ़ना: कैल्शियम टेस्ट क्या होता है? इसे सुनेंरोकें(iii) पर्वत, पठार और मैदान के दोहन से इस पर क्या प्रभाव पड़ा है? मैदानी क्षेत्रों में परिवहन, जल, समतल भूमि होने के कारण कल-कारखाने बन रहे हैं जिससे आबादी काफी घनी हो गई है। कारखानों के लिए खनिजों की उपलब्धता पठारों से है। इसलिए पठारों का दोहन हो रहा है जिससे प्राकृतिक सुंदरता घटी हैं, प्रदूषण बढ़ा है। अपरदनात्मक मैदानों का निर्माण कैसे होता है?इसे सुनेंरोकेंजब प्रवाहित जल या नदी अपने अपवाह क्षेत्र के उच्च भूमि को काट-छांट कर नीचे कर देती है और लगभग समतल एवं विस्तृत मैदान का विकास देती है तो इसे ही “समप्राय मैदान” कहा जाता है। इन मैदानों छोटे-मोटे पहाड़ी टीलों को ”मोनाडनाक” कहा जाता है। इसे नदी द्वारा निर्मित अपरदनात्मक मैदान भी कहा जाता है। मैदान कितने प्रकार के होते हैं विभिन्न प्रकार के मैदान का वर्णन करें?इसे सुनेंरोकेंनदी, हिमानी, पवन, आदि तल संतुलन के कारकों द्वारा ढोये पदार्थों के जमाव से बने मैदानों को निक्षेपण द्वारा बने मैदान कहते हैं। निक्षेपण द्वारा बने मैदानों के प्रकार हैं-जलोढ़ मैदान, सरोवरी मैदान, हिमानी कृत मैदान और लोयस मैदान । पढ़ना: चारकोल फेस मास्क क्या होता है? पठार और पहाड़ में क्या अंतर है? इसे सुनेंरोकेंAnswer: पहाड़ और पठार के बीच मुख्य अंतर यह है कि पर्वत एक ऊंचा, नुकीला संरचना है जबकि एक पठार एक ऊंचा क्षेत्र वाला एक ऊंचा क्षेत्र है। पर्वत की तुलना में एक पठार आम तौर पर ऊंचाई में कम होता है, हालांकि कुछ पहाड़ों की तुलना में पठार अधिक होते हैं। पहाड़ और पहाड़ में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंपर्वत या पहाड़ आसपास की भूमि से ऊँचा वह भाग होता है जो समुद्रतल से कम से कम 2000 फ़ीट या 600 मीटर ऊँचा हो वहीँ एक पहाड़ी आसपास की भूमि की तुलना में ऊँचा वह भाग होती है जिसकी ऊंचाई 2000 से कम होती है। पर्वतों का एक क्रम क्या कहलाता है?इसे सुनेंरोकें(i) समतल भूमि वाले विस्तृत क्षेत्र को मैदान (plain) कहते हैं। (ii) हिमालय एवं आल्प्स युवा मोड़दार (young fold) पर्वतों के उदाहरण हैं। (iii) पठारी (plateaus) क्षेत्रों में खनिजों की प्रचुरता होती है। (iv) पर्वत श्रृंखला (Range) पर्वतों का एक क्रम है। Bihar Board Class 6th Social Science Geography Chapter 4 पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप Book answers and solutions are one of the most important study materials for any student. 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उत्तर-
प्रश्न 3. प्रश्न (i) अपरदन मूलक मैदान वे मैदान जिनकी रचना में अपरदन की क्रिया का प्रमुख स्थान होता है। अपरदन मूलक मैदान कहलाते हैं। निक्षेपण मूलक मैदान निक्षेपण का क्रिया के द्वारा नदियों हिमानी वायु तथा सागरीय तरंगों से जो मैदान बनते हैं उन्हें निक्षेपण के मैदान कहते हैं। रचनात्मक मैदान का निर्माण पृथ्वी के आंतरिक हलचलों के द्वारा होता है। मैदानी क्षेत्रों में जीवन-यापन के लिए भोजन, जल, आवास परिवहन की सुविधाएँ आसानी से हो सकती है। यहाँ सड़क मार्ग, रेलमार्ग एवं अन्य सुविधाएँ आसानी से प्रदन की जा सकती हैं। बिहार का अधिकतर भाग गंगा नदी के दोनों तरफ मैदानी भाग के रूप में फैला हुआ है। इसमें कृषि कार्य होता है। ऐसे मैदानी क्षेत्र अन्न उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। मैदानी क्षेत्र पश्चिम में पंजाब से लेकर पूरब में आसाम तक ये इलाके सतलज, गंगा और ब्रह्मपुत्र का मैदान कहलाते हैं। ये सभी क्षेत्र कृषि के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। प्रश्न (ii) प्रश्न (iii) वन क्षेत्र घटे हैं, इन क्षेत्रों में भी भूजल का स्तर गिर गया है जिससे जल-संकट की समस्या उत्पन्न हो गया है। इसी प्रकार अगर हम प्रकृति को दोहन होने से नहीं बचाएँगे तो हमें भविष्य में जल की समस्या प्रकृति भूमि की समस्या का, वायु प्रदूषण की समस्या का सामाना करना पड़ेगा। प्रश्न (iv) प्रश्न (v)
Bihar Board Class 6 Social Science पृथ्वी के प्रमुख स्थल रुप Notesपाठ का सारांश
1. वलित पर्वत – इनकी सतह उबड़-खाबड़ एवं शिखर शंक्वाकार होती है। जैसे-भारत का हिमालय पर्वत एवं अरावली पर्वत।। 2. भ्रंशोत्थ पर्वत – पृथ्वी के आंतरिक हलचलों के कारण पृथ्वी पर दरारें पड़ जाती हैं। दो दरारों के बीच का भाग ऊपर उठ जाता है। इस ऊँचे उठे भाग को भ्रंशोत्थ पर्वत कहा जाता है। सतपुड़ा पर्वत इसका उदाहरण है। 3. ज्वालामुखी पर्वत – ज्वालामुखी से निकले लावा एवं अन्य पदार्थों के ठंडा होकर जम जाने से जिन पर्वतों का निर्माण होता है उसे ज्वालामुखी पर्वत कहते हैं। इटली का विसुवियस पर्वत इसका उदाहरण है। भारत में ज्वालामुखी पर्वत नहीं पाये जाते हैं। कम ऊँचाई के पर्वतों को पहाड कहा जाता है।
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