जनसंख्या के ग्रामीण - नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए । Show आवास केआधार पर जनसंख्या को दो वर्गों में बाँटा गया है
ग्रामीण तथा नगरीय जनसंख्या की अपनी अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं तथा इनको अपने अलग-अलग व्यवसाय, संरचना, जीवन-पद्धति आदि के आधार पर पहचाना जा सकता है। गांव के लोग साधारण, सामाजिक संबंधों से ओत-प्रोत तथा अधिकतर कृषि - कार्यों में संलग्न रहते हैं। उनके आचार-विचार तथा सांसारिक दृष्टिकोण नगर में रहने वाले लोगों से भिन्न होते हैं। इसके विपरीत, नगरों में रहने वाले लोग उद्योग तथा व्यापार में संलग्न रहते हैं । इनके आपसी सामाजिक संबंध औपचारिक होते हैं तथा विश्व में नगरीय जनसंख्या में वृद्धि के प्रमुख कारण हैं -
Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 3 जनसंख्या संघटन Important Questions and Answers. बहुविकल्पीय प्रश्न: प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न: निम्न में स्तम्भ 'अ' को स्तम्भ 'ब' से सुमेलित कीजिए: प्रश्न 1. स्तम्भ अ (जनसंख्या की विशेषता) स्तम्भ ब (सम्बन्ध) (i) स्त्री - पुरुष अनुपात (अ) 15 - 59 वर्ष (ii) बाल आयु वर्ग (ब) आस्ट्रेलिया (iii) कार्यशील जनसंख्या (स) प्राथमिक क्रियाकलाप (iv) शुंडाकार पिरामिड़ (द) 0 - 14 वर्ष (v) कृषि (य) लिंगानुपात उत्तर: स्तम्भ अ (जनसंख्या की विशेषता) स्तम्भ ब (सम्बन्ध) (i) स्त्री-पुरुष अनुपात (य) लिंगानुपात (ii) बाल आयु वर्ग (द) 0 - 14 वर्ष (iii) कार्यशील जनसंख्या (स) प्राथमिक क्रियाकलाप (iv) शुंडाकार पिरामिड़ (अ) 15 - 59 वर्ष (v) कृषि (ब) आस्ट्रेलिया
निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. सत्य - असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न: निम्न में से सत्य - असत्य कथनों की पहचान कीजिए: प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न: प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. प्रश्न 16. प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22.
प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29.
प्रश्न 30. प्रश्न 31. प्रश्न 32. प्रश्न 33. लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1): प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11.
लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2): प्रश्न 1.
प्रश्न 2. सामान्यतः एशिया महाद्वीप में लिंग अनुपात निम्न है। इस महाद्वीप के चीन, भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब व अफगानिस्तान जैसे देशों में लिंग अनुपात और भी निम्न है अर्थात् स्त्रियों के लिए प्रतिकूल है। वहीं दूसरी तरफ रूस सहित यूरोप महाद्वीप के एक बड़े भाग में पुरुषों की संख्या स्त्रियों की तुलना में कम है। यूरोप के अनेक देशों में स्त्रियों की बेहतर स्थिति एवं भूतकाल में विश्व के विभिन्न भागों में अत्यधिक संख्या में पुरुष प्रधान उत्प्रवास होने के कारण पुरुषों की संख्या में कमी पायी जाती है जिसके कारण यूरोपीय महाद्वीप के अधिकांश देशों में लिंग अनुपात स्त्रियों के लिए अनुकूल है। प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थक एवं पंचमक क्रियाओं में कार्यशील जनसंख्या का अनुपात किसी राष्ट्र के आर्थिक विकास के स्तरों का एक अच्छा सूचक होता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि केवल उद्योगों एवं अवसंरचना से युक्त एक विकसित अर्थव्यवस्था ही द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुर्थक क्षेत्रों में अधिक कर्मियों को समायोजित कर सकती है। यदि अर्थव्यवस्था अभी भी आदिम अवस्था में है, तब प्राथमिक क्रियाओं में कार्यरत लोगों का अनुपात अधिक होगा, क्योंकि इसमें मात्र प्राकृतिक संसाधनों का ही विदोहन किया जाता है। निबन्धात्मक प्रश्न: प्रश्न 1. 1. लिंग संघटन: किसी भी देश की महत्त्वपूर्ण जनांकिकी विशेषता उसमें निवास करने वाले स्त्रियों और पुरुषों की संख्या होती है। जनसंख्या में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंग अनुपात कहा जाता है। लिंग अनुपात किसी भी देश में स्त्रियों की स्थिति के सम्बन्ध में महत्त्वपूर्ण सूचना होती है। जिन देशों अथवा प्रदेशों में स्त्रियों के प्रति भेदभाव होते हैं वहाँ पर लिंग अनुपात निश्चित रूप से स्त्रियों के प्रतिकूल मिलता है। इन क्षेत्रों में कन्या भ्रूण हत्या और कन्या शिशु हत्या के अतिरिक्त स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा की प्रथा प्रचलित है। जिसका एक कारण इन क्षेत्रों में स्त्रियों के सामाजिक - आर्थिक स्तर का निम्न होना भी है। औसतन विश्व में 1000 स्त्रियों के पीछे 1020 पुरुष हैं। यूरोप के लैटविया देश में विश्व का उच्चतम लिंग अनुपात दर्ज किया गया है। इसके विपरीत एशिया के संयुक्त अरब अमीरात में निम्नतम लिंग अनुपात दर्ज किया गया है। लिंग अनुपात के विश्व प्रतिरूप से विश्व के विकसित देशों में कोई भिन्न अंतर नहीं दिखाई पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सूचीबद्ध 139 देशों में लिंग अनुपात स्त्रियों के लिए अनुकूल है जबकि शेष 72 देशों में यह उनके लिए प्रतिकूल है। सामान्यतः एशिया महाद्वीप में लिंग अनुपात की स्थिति अच्छी नहीं है। इस महाद्वीप में लिंग अनुपात निम्न है। एशिया महाद्वीप के चीन, भारत, सऊदी अरब, पाकिस्तान एवं अफगानिस्तान जैसे देशों में लिंग अनुपात और भी निम्न है। वहीं दूसरी ओर रूस सहित यूरोपीय महाद्वीप के एक बड़े भाग में पुरुष अल्प संख्या में हैं। यहाँ लिंग अनुपात स्त्रियों के अनुकूल है। यूरोप के अनेक देशों में पुरुष जनसंख्या की कमी, वहाँ स्त्रियों की बेहतर स्थिति एवं भूतकाल में विश्व के विभिन्न भागों में अत्यधिक पुरुष उत्प्रवास के कारण हैं। 2. आयु संरचना: यह जनसंख्या संघटन का एक महत्त्वपूर्ण घटक है। यह विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है। सामान्यतः जनसंख्या को तीन प्रमुख आयु समूहों में विभाजित किया जाता है। ये हैं-बाल आयु वर्ग (0 - 14), प्रौढ़ आयु वर्ग/वयस्क (15 - 59) एवं वृद्ध आयु वर्ग (60 या इससे अधिक वर्ष)। जब किसी देश में बच्चों की संख्या अधिक होती है तो निर्भर जनसंख्या का अनुपात बढ़ जाता है। इसके विपरीत 15 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में अधिक जनसंख्या होने पर कार्यशील जनसंख्या अधिक हो जाती है। 60 वर्ष से अधिक आयु वाली जनसंख्या का एक बड़ा अनुपात उस वृद्ध जनसंख्या को प्रदर्शित करता है, जिसे स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाओं के लिए अधिक खर्च की आवश्यकता होती है। 3. साक्षरता: किसी देश की कुल जनसंख्या में साक्षर जनसंख्या का अनुपात उस देश के सामाजिक-आर्थिक विकास का सूचक माना जाता है। साक्षर जनसंख्या के अनुपात से लोगों के रहन-सहन के स्तर, महिलाओं की सामाजिक स्थिति, शैक्षणिक सुविधाओं की उपलब्धता तथा प्रशासनिक नीतियों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। वस्तुतः आर्थिक विकास का स्तर साक्षरता का कारण एवं परिणाम दोनों ही है। भारत में साक्षरता दर 7 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या पर ज्ञात की जाती है। 7 वर्ष से अधिक आयु की कुल जनसंख्या में उस जनसंख्या का प्रतिशत है जो पढ़ सकता है, लिख सकता है तथा जिसमें समझ के साथ अंकगणितीय गणना करने की योग्यता होती है। 4. व्यावसायिक संरचना: कार्यशील जनसंख्या विभिन्न प्रकार की सेवाओं एवं उत्पादन कार्यों में संलग्न मिलती है। कार्यशील जनसंख्या निम्नलिखित पांच क्षेत्रों में कार्यरत मिलती है।
उक्त पाँचों क्षेत्रों में संलग्न कार्यशील जनसंख्या का अनुपात किसी देश के आर्थिक विकास के स्तर का एक उत्तम सूचक है। आदिम अर्थव्यवस्था वाले देशों की अधिकांश कार्यशील जनसंख्या प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत मिलती है जबकि एक विकसित अर्थव्यवस्था वाले देश की कार्यशील जनसंख्या का अधिकांश भाग द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थक एवं पंचमक क्षेत्रों में कार्यरत मिलता है। प्रश्न 2. जनसंख्या पिरामिड के प्रकार - जनसंख्या पिरामिड के निम्नलिखित तीन प्रकार होते हैं: (ii) स्थिर जनसंख्या का पिरामिड: यह पिरामिड उन विकसित देशों की आयु-लिंग संरचना को प्रदर्शित करता है जिनमें जन्म दर तथा मृत्यु दर लगभग समान होती है जिसके परिणामस्वरूप जनसंख्या स्थिर हो जाती है। यह पिरामिड घंटी के आकार वाला होता है जो शीर्ष की ओर शुंडाकार होता जाता है। नीचे दिए गए आरेख में ऑस्ट्रेलिया देश के आयु-लिंग पिरामिड को प्रदर्शित किया गया है। (iii) ह्रासमान जनसंख्या का पिरामिड: यह पिरामिड उन विकसित देशों की आयु-लिंग संरचना को प्रदर्शित करता है जिनमें जनसंख्या की जन्म दरें तथा मृत्यु दरें निम्न मिलती हैं जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि ऋणात्मक होती है। इस संदर्भ में आगे दिए आरेख से जापान के आयु-लिंग पिरामिड को प्रदर्शित किया गया है जिसका आधार संकीर्ण होता है तथा शीर्ष शुंडाकार होता है। प्रश्न 3. जनसंख्या विस्तार वाला पिरामिड: स्थिर जनसंख्या पिरामिड ह्रासमान जनसंख्या पिरामिड (1) इस पिरामिड में उच्च जन्मदर मिलती है। जिसके कारण निम्न आयु वर्गों में अधिक जनसंख्या पायी जाती है। इसमें जन्म दर एवं मृत्यु दर लगभग समान मिलने से स्थिर जनसंख्या को दर्शाया जाता है। इसमें जन्म दर की तुलना में मृत्यु दर अधिक पायी जाती है। (2) यह पिरामिड त्रिभुजाकार होता है। यह पिरामिड घंटी के आकार को दर्शाता है। जिसके कारण उच्च आयु वर्ग के लोगों की बाहुल्यता दृष्टिगत होती है। (3) यह विश्व के अल्प - विकसित राष्ट्रों में मिलता है। यह विश्व के मुख्यतः विकासशील राष्ट्रों के स्वरूप को दर्शाता है। यह संकीर्ण आधार एवं शीर्ष शुंडाकार स्वरूप को दर्शाता है। यह विकसित राष्ट्रों के स्वरूप को दर्शाता है। चौड़ा आधार तथा पतला होता सिर्फ आकृति वाला पिरामिड क्या दर्शाता है?पिरामिड का चौड़ा आधार तथा पतला शीर्ष बढ़ते जन्म-दर तथा उच्च मृत्यु-दर को प्रदर्शित करता है। पिरामिड का पतला आधार और पतला शीर्ष घटते हुए जन्म-दर तथा निम्न मृत्यु-दर को प्रदर्शित करता है।
पिरामिड से क्या तात्पर्य है?मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फैरो (सम्राट) गणों के लिए बनाए गए स्मारक स्थल हैं, जिनमें राजाओं के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है। इन शवों को ममी कहा जाता है। उनके शवों के साथ खाद्यान, पेय पदार्थ, वस्त्र, गहनें, बर्तन, वाद्य यंत्र, हथियार, जानवर एवं कभी-कभी तो सेवक सेविकाओं को भी दफना दिया जाता था।
जनसंख्या पिरामिड के माध्यम से क्या दिखाया जाता है?जनसंख्या पिरामिड एक देश की जनसंख्या की आयु व लिंग संरचना को दर्शाता है। बच्चों की संख्या(15 वर्ष से नीचे) और जन्म स्तर निचले भाग दर्शाया जाता है। ऊपर का अकार वृद्ध लोगों (65 वर्ष से अधिक) और मृतकों की संख्या की संख्या को दर्शाता है।
आयु का घंटी नंबर पिरामिड क्या प्रदर्शित करता है?Explanation: यह एक प्रकार का रेखा चित्र है जिससे किसी क्षेत्र की जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों के पुरुष और स्त्रियों की संख्या को व्यक्त करने के लिए किया जाता है इसकी रचना बहुत दंड आरेख के माध्यम से किया जाता है आयु लिंग पिरामिड को जनसंख्या पिरामिड भी कहते हैं।
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