प्रश्न 3: कर्नल ने सवार पर नजर रखने के लिए क्यों कहा? Show
उत्तर: कर्नल को यह आशंका थी कि कहीं सवार कोई गड़बड़ न कर दे। इसलिए उसने सवार पर नजर रखने के लिए कहा। प्रश्न 4: सवार ने क्यों कहा कि वजीर अली की गिरफ्तारी बहुत मुश्किल है? उत्तर: सवार ने कहा कि वजीर अली एक जाँबाज सिपाही है, इसलिए उसे पकड़ना बहुत मुश्किल है। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर २५ – ३० शब्दों में लिखिए:प्रश्न 5: वजीर अली के अफसाने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी? उत्तर: वजीर अली के दिल में अंग्रेजों के लिए बहुत नफरत थी। वह अवध से अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने में लगभग कामयाब हो गया था। इसलिए उसके अफसाने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद आ जाती थी। प्रश्न 6: सआदत अली कौन था? उसने वजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा? उत्तर: सआदत अली आसिफउद्दौला का भाई था, लेकिन अपने भाई का दुश्मन भी था। आसिफउद्दौला का कोई वारिस नहीं होता तो सआदत अली गद्दी पर बैठ सकता था। लेकिन वजीर अली के जन्म लेने से उसकी इस उम्मीद पर पानी फिर गया था। इसलिए वजीर अली की पैदाइश को वह अपनी मौत समझ रहा था। प्रश्न 7: सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था? उत्तर: सआदत अली आराम से अंग्रेजों के हाथ की कठपुतली बन गया था। वह एक तय वजीफे के बदले में अपनी जायदाद अंग्रेजों को सौंप चुका था। इसलिए कर्नल ने उसे अवध के तख्त पर बिठाया था। प्रश्न 8: कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफाजत कैसे की? उत्तर: कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली आजमगढ़ की तरफ भागा। वहाँ आजमगढ़ के शासकों ने उसे घाघरा तक भागने में मदद की। फिर वह पास के जंगलों में छुप गया। इस तरह वजीर अली ने अपनी हिफाजत की। प्रश्न 9: सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का बक्का रह गया? उत्तर: वह सवार बड़ी ही निडरता से कर्नल के पास आया और कारतूस मांग कर चला गया। जाते-जाते जब उसने अपना परिचय वजीर अली के रूप में दिया तो कर्नल को उसके दुस्साहस पर ताज्जुब हुआ। इसलिए कर्नल हक्का बक्का रह गया। Jharkhand Board JAC Class 10 Hindi Solutions Sparsh Chapter 17 कारतूस Textbook Exercise Questions and Answers. JAC Class 10 Hindi कारतूस Textbook Questions and Answersमौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. लिखित – (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. (ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए – प्रश्न 1. प्रश्न 2. भाषा-अध्ययन – प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. योग्यता-विस्तार – प्रश्न 1. प्रश्न 2. परियोजना-कार्य – प्रश्न 1. प्रश्न 2. JAC Class 10 Hindi कारतूस Important Questions and Answersनिबंधात्मक प्रश्न – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. लघु उत्तरीय प्रश्न – प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. कारतूस Summary in Hindiलेखक-परिचय : जीवन-हबीब तनवीर का जन्म सन 1923 में छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में हुआ था। इन्होंने सन 1944 में नागपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इनकी नाट्य-क्षेत्र में विशेष रुचि थी। ये नाट्य लेखन का अध्ययन करने ब्रिटेन भी गए। बाद में दिल्ली लौटकर इन्होंने नाट्यमंच की स्थापना की। हबीब तनवीर एक नाटककार, कवि, पत्रकार, नाट्य निर्देशक तथा अभिनेता के रूप में काफ़ी प्रसिद्ध रहे। लोकनाट्य के क्षेत्र में इनका कार्य महत्वपूर्ण एवं प्रशंसनीय रहा है। हबीब तनवीर को अनेक पुरस्कारों, फेलोशिप तथा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। रचनाएँ-हबीब तनवीर मुख्य रूप से नाटककार हैं। इनकी प्रसिद्ध रचनाओं में आगरा बाजार, चरनदास चोर, देख रहे हैं नैन तथा हिरमा की अमर कहानी हैं। इन्होंने कई रचनाओं का हिंदी में अनुवाद भी किया है। इसके साथ-साथ हबीब तनवीर ने बसंत ऋतु का सपना, शाजापुर की शांति बाई, मिट्टी की गाड़ी तथा मुद्राराक्षस जैसे नाटकों का आधुनिक रूपांतर भी किया। भाषा-शैली-हबीब तनवीर की भाषा उर्दू-फ़ारसी मिश्रित हिंदी है। इनकी भाषा में सरलता, सरसता और सहजता सर्वत्र विद्यमान है। चित्रात्मकता, प्रभावोत्यादकता तथा रोचकता इनकी भाषा-शैली के अन्य गुण हैं। प्रस्तुत एकांकी ‘कारतूस’ में भी इनकी उर्दू फ़ारसी मिश्रित हिंदी के दर्शन होते हैं। कहीं-कहीं तो पूरे वाक्य ही उर्दू-फ़ारसी में आ गए हैं। ऐसे स्थानों पर साधारण पाठक को थोड़ी कठिनाई अवश्य हुई है; जैसे वज़ीर अली का यह कथन-‘दीवार हमगोश दारद तन्हाई। इसके अतिरिक्त एकांकी की भाषा में सामान्य बोलचाल के शब्दों का अधिक प्रयोग हुआ है। उदाहरणस्वरूप-‘वजीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर-जनरल उसे कलकत्ता (कोलकाता) में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उल्टा उसे बुरा-भला सुना दिया।’ हबीब तनवीर की शैली संवादात्मक है, जो पात्रों के मनोभावों को व्यक्त करने में पूर्णतः सक्षम है। इनकी शैली में नाटकीयता, चित्रात्मकता तथा स्पष्टता साफ़ दिखाई देती है। पाठ का सार : ‘कारतूस’ हबीब तनवीर द्वारा रचित एक श्रेष्ठ एकांकी है। इस एकांकी में उन्होंने हिंदुस्तान के सन 1799 के वातावरण को सजीव कर दिया है। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस समय तक हिंदुस्तान पर अपना काफ़ी अधिकार जमा लिया था। इस एकांकी में वज़ीर अली नामक पात्र के माध्यम से लेखक ने तत्कालीन हिंदुस्तानी वीरों की वीरता का सुंदर चित्रण किया है। एकांकी का आरंभ ईस्ट इंडिया कंपनी की एक बटालियन के कर्नल कालिंज और उसके लेफ्टीनेंट की बातचीत से होता है। कर्नल एक लेफ्टीनेंट और कुछ सिपाहियों के साथ वजीर अली नामक एक वीर हिंदुस्तानी को गिरफ्तार करने के लिए गोरखपुर के जंगल में खेमा लगाए हुए है। कर्नल लेफ्टीनेंट को बताता है कि वज़ीर अली रॉबिनहुड के समान वीर एवं साहसी है। वह अंग्रेजों से घृणा करता है और उन्हें हिंदुस्तान से बाहर निकालना चाहता है। ईस्ट इंडिया कंपनी वज़ीर अली को अवध के नवाब पद से हटाकर उसके स्थान पर सआदत अली को अवध का नवाब बना देती है। सआदत अली ऐशो-आराम पसंद करने वाला व्यक्ति है। वह अंग्रेज़ी सरकार की अंधीनता स्वीकार कर लेता है और अपनी आधी जायदाद व दस लाख रुपये ब्रिटिश सरकार को दे देता है। कर्नल लेफ़्टीनेंट को बताता है कि वज़ीर अली बहुत खतरनाक आदमी है। वह अफ़गानिस्तान के शासक से मिलकर अंग्रेज़ी सरकार की जड़ें हिलाना चाहता है। उसने ईस्ट इंडिया कंपनी के वकील को भी मार डाला था। वह बहुत ही निडर और साहसी है। अंग्रेज़ी सरकार उसे गिरफ्तार करना चाहती है, किंतु किसी भी तरह से वह उसे पकड़ नहीं पा रही। कर्नल बताता है कि वज़ीर अली की योजना हिंदुस्तान पर अफ़गानी हमला करवाकर अंग्रेजों की शक्ति कमज़ोर करना, अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाकर अवध का नवाब पद हासिल करना और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से बाहर निकालना है। कर्नल कालिंज और लेफ़्टीनेंट इस प्रकार की बातें कर ही रहे थे कि तभी उन्हें दूर से किसी घुड़सवार के आने की आवाज़ सुनाई देती है। कर्नल अपने सिपाहियों को उस सवार पर नज़र रखने का आदेश देता है। थोड़ी ही देर में वह घुड़सवार कर्नल और लेफ्टीनेंट के समीप आकर खड़ा हो जाता है। घुड़सवार कर्नल कालिंज से मिलने की इच्छा प्रकट करता है। उसे कर्नल तक पहुँचाया जाता है। घुड़सवार कर्नल से कहता है कि वह उससे अकेले में कुछ बात करना चाहता है। कर्नल सिपाही और लेफ़्टीनेंट को बाहर भेज देता है। घुड़सवार कर्नल से पूछता है कि उसने जंगल में खेमा क्यों लगाया हुआ है और वह क्या चाहता है ? कर्नल उसे बताता है कि वह वज़ीर अली को पकड़ना चाहता है। घुड़सवार कर्नल से कुछ कारतूस माँगता है और कहता है कि उसे ये कारतूस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए चाहिए। कर्नल उसे दस कारतूस दे देता है। कर्नल जब उससे उसका नाम पूछता है, तो वह अपना नाम वज्तीर अली बताता है। कर्नल उसका नाम सुनते ही हक्काबक्का रह जाता है। वह उसकी दिलेरी देखकर सन्नाटे में आ जाता है। वज़ीर अली कारतूस लेकर घोड़े पर सवार होकर चला जाता है। उसके जाने के बाद लेप़्टीनेंट अंदर आकर कर्नल से पूछता है कि वह कौन था, तो कर्नल के मुख से यही निकलता है-‘ एक जाँबाज़ सिपाही’। कठिन शब्दों के अर्थ : खेमा – डेरा/अस्थायी पड़ाव, अंदरूनी – भीतरी, खतरनाक – भयंकर, अफ़साने (अफ़साना) – कहानियाँ, कारनामे (कारनामा) – ऐसे काम जो याद रहें, खिलाफ़ – विरुद्ध, नफ़रत – घृणा, असर – प्रभाव, हकमत – शासन, तकरीबन – लगभग, कामयाब में, उम्मीद – आशा, पैदाइश – जन्म, तख्त – सिंहासन, मसलेहत – रहस्य, ऐश-पसंद – भोग-विलास पसंद करने वाला, मुसीबत – धन-दौलत, जायदाद, हमला – आक्रमण, जाँबाज – जान की बाजी लगाने वाला, दमखम – शक्ति और दृढ़ता, जाती तौर से – व्यक्तिगत रूप से, सलाना – वार्षिक, वजीफ़ा – परवरिश के लिए दी जाने वाली राशि, मुकर्रर – तय करना, तलब किया – याद किया, परवाह – चिंता, काम तमाम करना – मार देना, हुकमराँ – शासक, हिफाज़त – सुरक्षा, स्कीम – योजना, मुमकिन – संभव, गर्द – धूल, मसरूफ – व्यस्त, काफ़िला – एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में। जाने वाले यात्रियों का समूह, शुब्हा – संदेह, गुंजाइश – संभावना, करीब – समीप, खामोश – चुप, तन्हाई – एकांत, राजेदिल – दिल की बात, दीवार हमगोश दारद तनहाई – दीवारों के भी कान होते हैं, राज की बात तनहाई में कही जाती है, मकाम – पड़ाव, हुक्म – आदेश, लावलश्कर – सेना का बड़ा समूह और युद्ध-सामग्री, कारतूस = पीतल आदि की एक नली जिसमें बारूद भरा रहता है, हक्का-बक्का रह जाना = हैरान होना ख कारतूस एकांकी में वजीर अली से कौन तंग आ चुका था और क्यों?जंगलों में अपने थोड़े से आदमियों के साथ भटक रहा था फिर भी वह फौज़ के हाथ नहीं आ रहा था। प्रश्न 2. वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे? वज़ीर अली से सिपाही इसलिए तंग आ चुके थे क्योंकि जिस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए जंगल में हफ्तों से खेमा डाल रखा था, उसको पकड़ना तो दूर, उसका कहीं पता नहीं चल पा रहा था।
ख वजीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे? Answer: वज़ीर अली ने कई बरसों से अंग्रेज़ों की आँख में धूल झोंककर उनकी नाक में दम कर रखा था। इसलिए वे वज़ीर अली से तंग आ चुके थे।
वज़ीर अली ने कंपनी के वकील की हत्या क्यों की?वज़ीर अली को उसके नवाबी पद से हटा दिया गया और बनारस भेज दिया गया। फिर कुछ महिनों बाद उन्हें कलकत्ता बुलाया तो वज़ीर अली ने कंपनी के वकील,जो कि बनारस में रहता था, उससे शिकायत की परन्तु उसने शिकायत सुनने की जगह वज़ीर अली को खूप खरी-खोटी सुनाई। इस पर वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने वकील का कत्ल कर दिया।
वजीर अली की तुलना रॉबिनहुड से क्यों की गई है तर्क सहित अपने विचार लिखिए?उत्तर:- रॉबिनहुड की ही तरह वज़ीर अली भी साहसी, बहादुर और चकमा देने में माहिर था। वह कई दिनों से अंग्रेजों को चकमा दे रहा था और उनकी पकड़ में ही नहीं आ रहा था। कंपनी के वकील को उसने उसके घर में जाकर मार दिया था। इसलिए कर्नल को वज़ीर अली के बहादुरी भरे अफ़साने सुनकर रॉबिनहुड की याद आ जाती थी।
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