ग्वालियर। भारत में हालांकि मुद्रा का सफर तो हजारों साल पुराना है, लेकिन पहला करेंसी नोट 1770 में 'बैंक ऑफ हिन्दुस्तान' नाम से एक निजी बैंक ने सबसे पहले बैंक नोट के रूप में जारी किया था। इसके बाद 1770 से 1935 के बीच कई निजी बैंकों ने बैंक नोट जारी किए थे। हालांकि मुद्रा को रुपया नाम सबसे पहले शेरशाह सूरी ने दिया था। बैंक नोट से शुरू हुआ था देश में करेंसी नोट का चलन.... Show नकली होने की अफवाह में इन दिनों 10 रुपए का सिक्का बाजार से गायब हो रहा है, इस पर dainikbhaksr.com पर प्रस्तुत है, देश में करेंसी नोट के सफर पर रोचक जानकारी....
- शुरू में निजी बैंकों द्वारा बैंकनोट जारी किये जाने के क्रम में भी रुपया कहने का अर्थ सोने, चांदी के सिक्कों से ही था।
भारतीय रुपये (र्) को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान - भारत सरकार ने भारतीय रुपये को एक चिह्न् देने और इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के मकसद से एक प्रतियोगिता की घोषणा की गई थी। - इसमें नागरिकों से रुपये के चिह्न् के डिजाइन का प्रारूप भेजने को कहा गया था। केंद्रीय बजट, 2010 के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा था कि प्रस्तावित चिन्ह भारतीय संस्कृति को प्रकट करेगा। - इसके तहत सरकार को तीन हजार से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए, इनकी जांच का जिम्मा विशेषज्ञों को दिया गया, तकरीबन सभी आवेदनों की जांच-पड़ताल की गयी,और अंतिम रूप से पांच आवेदनों को चुना गया। - इन 5 आवेदनों में से IIT गुवाहाटी के डी.उदय कुमार के डिजाइन को चुना गया। - 24 जून 2010 को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई, लेकिन डियान को स्अंवीकार करने के लिए अंतिम फैसला 15 जुलाई, 2010 की कैबिनेट बैठक में लिया गया। - रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर की अध्यक्षता में गठित एक उच्चस्तरीय समिति ने भी भारतीय संस्कृति और भारतीय भाषाओं के साथ ही आधुनिक युग के बेहतर सामंजस्य वाले इस प्रतीक को अंतिम रूप से चयनित किये जाने की सिफारिश की थी। 1- बीसवीं सदी के शुरुआती सालों में हमारा रुपया- अदन, कतर, युगांडा, ओमान, कुवैत, बहरीन, केन्या, मॉरीशस जैसे देशों की मुद्रा हुआ करता था। 2- हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा नोट पर अन्य 15 भाषाओं में भी रुपया लिखा होता है जो नोट की पिछली तरफ होता है। 3- अगर आपके पास कटा-फटा नोट है या फिर फटे हुए नोट का 51 प्रतिशत हिस्सा है तो आप इस नोट को बैंक में नए नोट से बदल सकते हैं। 4- अगर आपको यह जानना है कि काई सिक्का देश में कहां ढाला गया है, तो इसके लिए आपको उस पर छपे हुए वर्ष के नीचे खास निशान देखने की जरूरत है। - अगर डॉट है तो दिल्ली, डायमंड निशान है तो मुंबई, स्टार बना है तो हैदराबाद और अगर कोई निशान नहीं है तो सिक्का कोलकाता में ढाला गया है। कागजी मुद्रा शुरू करने वाला पहला देश कौन सा था?सही उत्तर चीन है। कागज मुद्रा का उपयोग करने वाला पहला देश चीन है।
कागजी मुद्रा की शुरुआत कब हुई?भारत की सबसे पहली कागजी मुद्रा 1770 में कलकत्ता के बैंक ऑफ हिंदोस्तान ने जारी की थी। भारतीय रूपये का मुद्रा के रूप में चलने का इतिहास कब से आरम्भ हुआ था ? जनवरी 1938 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे पहला नोट पांच रुपए का जारी किया था।
भारत में सर्वप्रथम कागजी मुद्रा का प्रयोग कब हुआ?भारत की सबसे पहली कागजी मुद्रा कलकत्ता के बैंक ऑफ हिंदोस्तान ने 1770 में जारी की थी.
भारत की सबसे पहली मुद्रा कौन सी थी?भारत में नोटों की शुरुआत 1770 में हुई थी उस समय पहली बार रुपये को नोटों के रूप में छापा गया था। भारत देश में पहली बार नोटों को बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान के द्वारा छापे गए थे। 1770 में बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान ने पहली बार कोलकाता में नोट छापे थे।
|