विष्णु जी की पूजा क्यों नहीं होती? - vishnu jee kee pooja kyon nahin hotee?

विषयसूची

  • 1 विष्णु भगवान की पूजा क्यों नहीं होती है?
  • 2 भगवान ब्रह्मा की पूजा क्यों नहीं की जाती?
  • 3 ब्रह्म मुहूर्त में उठकर क्या करना चाहिए?
  • 4 ऐसा कौन सा देवता है जिसकी पूजा नहीं होती?
  • 5 ब्रह्मा जी ने अपनी पुत्री से विवाह क्यों किया?
  • 6 सरस्वती जी के पति कौन है?
  • 7 ब्रह्म मुहूर्त कितने बजे शुरू होता है?
  • 8 ब्रह्म मुहूर्त में उठने से क्या लाभ होता है?

विष्णु भगवान की पूजा क्यों नहीं होती है?

इसे सुनेंरोकेंदूसरा कारण : प्रमुख देवता होने पर भी इनकी पूजा बहुत कम होती है। दूसरा कारण यह की ब्रह्मांड की थाह लेने के लिए जब भगवान शिव ने विष्णु और ब्रह्मा को भेजा तो ब्रह्मा ने वापस लौटकर शिव से असत्य वचन कहा था। तीसरा कारण : जगत पिता ब्रह्माजी की काया कांतिमय और मनमोहक थी।

भगवान ब्रह्मा की पूजा क्यों नहीं की जाती?

इसे सुनेंरोकेंब्रह्माजी की पूजा करना वर्जित क्यों माना गया है‌? दरअसल देवी सावित्री के श्राप के कारण ही ब्रह्माजी की पूजा वर्जित मानी गई है। – पुराणों के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी हाथ में कमल का फूल लिए हुए अपने वाहन हंस पर सवार होकर अग्नि यज्ञ के लिए उचित स्थान की तलाश कर रहे थे। – तभी एक जगह पर उनके हाथ से कमल का फूल गिर गया।

ब्रह्म काल क्या होता है?

इसे सुनेंरोकेंयानी सुब‍ह के 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का जो समय होता है उसे ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर क्या करना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। प्राचीन काल में लोग और ऋषि मुनि सदैव ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ईश्वर का वंदन किया करते थे। घरों में भी बड़े बुजुर्ग लोग सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कर ईश्वर का नाम जपने बैठने जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में उठने को कहते हैं।

ऐसा कौन सा देवता है जिसकी पूजा नहीं होती?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: Sri devi ki puja nahi hoti hai.

शिवजी ने ब्रह्मा जी को श्राप क्यों दिया?

इसे सुनेंरोकेंलेकिन क्या आप जानते हैं सृष्टि की रचना के दौरान भगवान ब्रह्मा को शिव ने श्राप दिया था. उनके द्वारा किए गए एक कृत्य को भगवान शिव सहन नहीं कर सके थे. शिवमहापुराण में वर्णित कहानी के अनुसार जब सृष्टि की रचना करने का समय आया तो त्रिदेवों ने अपने कार्यो को बांट लिया.

ब्रह्मा जी ने अपनी पुत्री से विवाह क्यों किया?

इसे सुनेंरोकेंसरस्वती पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्मा ने सीधे अपने वीर्य से सरस्वती को जन्म दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती की कोई मां नहीं केवल पिता, ब्रह्मा थे। स्वयं ब्रह्मा भी सरस्वती के आकर्षण से खुद को बचाकर नहीं रख पाए और उन्हें अपनी अर्धांगिनी बनाने पर विचार करने लगे।

सरस्वती जी के पति कौन है?

इसे सुनेंरोकेंसरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया। इस दौरान ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा। इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ। इस पुत्र को स्वयंभू मनु के नाम से जाना गया।

ब्रह्म मुहूर्त कितने बजे तक होता है?

इसे सुनेंरोकेंमुहूर्त यानी अनुकूल समय। रात्रि का अंतिम प्रहर अर्थात प्रात: 4 से 5.30 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहा गया है।

ब्रह्म मुहूर्त कितने बजे शुरू होता है?

इसे सुनेंरोकेंसूर्योदय के डेढ़ घण्टा पहले का मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त (ब्राह्ममुहूर्त) कहलाता है। सही-सही कहा जाय तो सूर्योदय के २ मुहूर्त पहले, या सूर्योदय के ४ घटिका पहले का मुहूर्त। १ मुहूर्त की अवधि ४८ मिनट होती है। अतः सूर्योदय के ९६ मिनट पूर्व का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है।

ब्रह्म मुहूर्त में उठने से क्या लाभ होता है?

इसे सुनेंरोकेंशास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त निद्रा त्यागने के लिए सर्वोत्तम है व इस समय उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस वक्त जागकर अपने इष्ट देव या भगवान की पूजा, ध्यान , अध्ययन और पवित्र कर्म करना बहुत शुभ होता है एवं इस काल में की गई ईश्वर की पूजा का फल भी शीघ्र प्राप्त होता है।

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माता सावित्री के श्राप के कारण नहीं की जाती ब्रह्मा जी की पूजा, पुष्कर में है एक मात्र मंदिर

धर्म डेस्क. हिंदू ग्रंथों और पुराणों के अनुसार ब्रह्मा, विष्णु और महेश को सृष्टि का निर्माता, पालनकर्ता और संहारक माना जाता हैं। लेकिन आप के मन में ये सवाल कई बार आता होगा कि विष्णु और महेश (शिव जी) के तो दुनियाभर में कई मंदिर हैं और लोग घर में भी इनकी स्थापना कर इनकी पूजा करते हैं। लेकिन ब्रह्मा की पूजा कभी नहीं की जाती। और उनका केवल एक ही मंदिर है, जो पुष्कर में है। ब्रह्माजी की पूजा करना वर्जित क्यों माना गया है‌? दरअसल देवी सावित्री के श्राप के कारण ही ब्रह्माजी की पूजा वर्जित मानी गई है।

देवी सावित्री ने दिया था श्राप 

- पुराणों के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी हाथ में कमल का फूल लिए हुए अपने वाहन हंस पर सवार होकर अग्नि यज्ञ के लिए उचित स्थान की तलाश कर रहे थे।

- तभी एक जगह पर उनके हाथ से कमल का फूल गिर गया। फूल के धरती पर गिरते ही धरती पर एक झरना बन गया और उस झरने से 3 सरोवर बन गए।

- जिन जगहों पर वो तीन झरने बने उन्हें ब्रह्म पुष्कर, विष्णु पुष्कर और शिव पुष्कर के नाम से जाना जाता है। यह देखकर ब्रह्मा जी ने इसी जगह यज्ञ करने का निर्णय लिया।

कर लिया था दूसरा विवाह

- यज्ञ में ब्रह्मा जी के साथ उनकी पत्नी का होना जरुरी था। भगवान ब्रह्मा की पत्नी सावित्री वहां नहीं थी और शुभ मुहूर्त निकला जा रहा था।

- इस कारण ब्रह्मा जी ने उसी समय वहां मौजूद एक सुदंर स्त्री के विवाह करके उसके साथ यज्ञ संपन्न कर लिया।

- जब यह बात देवी सावित्री को पता चली। इससे नाराज होकर उन्होंने ब्रह्मा जी को यह श्राप दे दिया कि जिसने सृष्टि की रचना की पूरी सृष्टि में उसी की कहीं पूजा नहीं की जाएगी।

- पुष्कर को छोड़ कर पूरे विश्व में भगवान ब्रह्मा का कहीं मंदिर नहीं होगा। इसी श्राप की वजह से ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर पुष्कर में है।

ब्रह्मा जी ने यहीं रचा था ब्रह्माण

- पद्म पुराण के अनुसार ब्रह्माजी पुष्कर के इस स्थान पर दस हजार सालों तक रहे थे। इस दौरान उन्होंने सृष्टि की रचना की।

- इसके बाद उन्होंने पांच दिनों तक यज्ञ किया था। उसी यज्ञ के दौरान सावित्री पहुंच गई थीं। आज भी श्रद्धालु केवल दूर से ही ब्रह्मा जी से करते हैं।

देवी सावित्री हैं विराजमान

- पुराण के अनुसार गुस्सा कम होने के बाद सावित्री पुष्कर के पास मौजूद पहाड़ियों पर जाकर तपस्या करने चलीं गईं थीं।

- मान्यताओं के अनुसार सावित्री देवी मंदिर में रहकर भक्तों का कल्याण करती हैं।

विष्णु भगवान की पूजा क्यों नहीं होती है?

ब्रह्मा (Brahma), विष्णु (Vishnu) और महेश (Mahesh) यानी भगवान शिव (Lord Shiv). ब्रह्मदेव को संसार का रचनाकार माना जाता है, विष्णु को पालनहार और महेश यानी शिव को संहारक. लेकिन हैरानी की बात है कि जिन्होंने सृष्टि की रचना की, उसका निर्माण किया उनकी संसार में पूजा नहीं की जाती.

हम ब्रह्म की पूजा क्यों नहीं करते?

ब्रह्माजी की पूजा करना वर्जित क्यों माना गया है‌? दरअसल देवी सावित्री के श्राप के कारण ही ब्रह्माजी की पूजा वर्जित मानी गई है। - पुराणों के अनुसार एक बार ब्रह्मा जी हाथ में कमल का फूल लिए हुए अपने वाहन हंस पर सवार होकर अग्नि यज्ञ के लिए उचित स्थान की तलाश कर रहे थे। - तभी एक जगह पर उनके हाथ से कमल का फूल गिर गया।

कौन से भगवान की पूजा नहीं होती?

इन त्रिदेवों में से भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा पूरी दुनिया में होती है, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा संसार में कहीं नहीं होती है।

ब्रह्मा जी ने अपनी बेटी से शादी क्यों की?

ब्रह्मा का अपनी ही बेटी के साथ विवाह करने की इस घटना का उल्लेख सरस्वती पुराण में वर्णित है। सरस्वती पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना करते समय ब्रह्मा ने सीधे अपने वीर्य से सरस्वती को जन्म दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती की कोई मां नहीं केवल पिता, ब्रह्मा थे।