वर्तमान युग में किसी को पेमेंट करना बोहोत ही आसान है। मगर, इस से पहले के समय में किसी को पैसा भेजना यानि कि पेमेंट करना बोहोत ही कठिन था। और, पेमेंट करने का उपाय भी बोहोत कम था। मगर, आज के डिजिटल युग में बोहोत सारे पेमेंट मेथड का प्रचलन रहेने की वजह से किसी को फंड ट्रांसफर करना बोहोत आसान हो गया है। और, ऐसे कुछ महत्वपूर्ण पेमेंट मेथड है RTGS, NEFT, UPI, IMPS आदि और, इन सारे प्रक्रियाओं के अलावा भी फंड ट्रांसफर के और एक अनोखा प्रक्रिया है मोबाइल बैंकिंग। Show
और, इन सारे प्रक्रिया के तहत money transfer करने के लिए बैंक जाने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। घर बैठे ही ऑनलाइन के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किया जा सकता है। और, इस प्रक्रिया को net banking कहते है। इस net banking के ज़माने में भी पैसा भेजने का पुराना एक मेथड का प्रचलन है और यह है DD। यह DD का मतलब है डिमांड ड्राफ्ट। यह है एक negotiable instrument। साधारण रूप में कॉलेज में फीस जमा देने के विषय में, सरकारि संगस्था, ऑफिस में, इसके अलावा किसी भी बड़ी अमाउंट की खरीदारी में पेमेंट करने के लिए यह डिमांड ड्राफ्ट का इस्तेमाल होता है। तो क्या आप DD के विषय में विस्तार से जानते है। क्या आप जानते है डिमांड ड्राफ्ट (DD) क्या है? DD की फुल फॉर्म। डिमांड ड्राफ्ट कैसे बनाए। चेक और डीडी में क्या फर्क ह। DD के फायदे नुकसान आदि। यदि नहीं तो यह पोस्ट आप सभी के लिए बोहोत उपियोगि होने वाला है। पेज का इंडेक्स
आज इस Online युग में net banking मे बोहोत सारी प्रक्रियाएं उपलब्ध है जैसे IMPS, RTGS, NEFT, UPI आदि। और, पैसे ट्रांसफर करने की इन सारे प्रक्रिया का प्रचलन रहेते हुए बर्तमान समय में भी पैसा ट्रांसफर करने का एक पुराना मेथड DD का प्रचलन बरकरार है। परन्तु, यह DD यानिकि डिमांड ड्राफ्ट का इस्तेमाल बोहोत कम पैमाने में होता है। और, इसका एक मात्र कारण है DD के विषय में अज्ञानता। शायद आपको भी DD के विषय में अच्छे से जानकारी नहीं है। इसीलिए सबसे पहले यह सवाल आता हे कि डिमांड ड्राफ्ट यानि कि DD क्या है? अब इसके उत्तर मे बता दें कि DD यानिकि डिमांड ड्राफ्ट है negotiable instrument यानिकि परक्राम्य प्रपत्र। यह डिमांड ड्राफ्ट है एक बैंक अकाउंट से दूसरे बैंक अकाउंट में आसानी से पैसा स्थानांतरन करने का पुराना और सुरक्षित प्रक्रिया। इस प्रक्रिया के तहत जिस व्यक्ति या फिर कंपनी के नाम पर यह डिमांड ड्राफ्ट(DD) बनवाई जाती है, ट्रांसफर किया हुआ पैसा सीधा उस व्यक्ति या फिर कंपनी के बैंक अकाउंट में ही जमा होता है। डिमांड ड्राफ्ट का पैसा encash करवाने के लिए जिसके नाम पर DD payable यानिकि देय है उस व्यक्ति या फिर कंपनी को डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के कारण के तौर पर बैंक में एप्लीकेबल डॉक्युमेंट्स दर्शाना होगा। तब डिमांड ड्राफ्ट encash हो पाएगा। आप लोगों की जानकारी के और एक बात आवश्यक है यह DD issue होने के तारीख से लेके तिन महीने तक वैध रहेता है। DD की फूलफॉर्मअब तक इस पोस्ट के द्वारा DD क्या है के विषय में आपने जानकारी प्राप्त किया है। अब DD है शॉर्ट फॉर्म इसकी फुलफॉर्म के बारे में बता दें। DD की फूल फॉर्म है Demand Draft (डिमांड ड्राफ्ट), इस प्रक्रिया में बैंक में शुल्क देना पड़ता है, जिसके बदले में बैंक यह ड्राफ्ट तैयार कर देता है। और, इसे बनवाने वाला ब्यक्ति या संगस्था भुगतान के जगह पर इसे जमा कर देता है। लाभार्थी द्वारा निर्धारित बैंक ब्रांच में ही इसे जमा करना पड़ता है। इसमें लाभार्थी को डिमांड ड्राफ्ट द्वारा पेमेंट करने के बाद, यह पेमेंट किया गया का पैसा उसे निर्धारित बैंक ब्रांच में जाके विथड्रॉ करना होता है। डिमांड ड्राफ्ट कैसे बनाएDD (Demand Draft) सुरक्षित रूप से फंड ट्रांसफर करने का एक माध्यम है। आकार के हिसाब से यह डिमांड ड्राफ्ट एक कागज का पन्ना है। जिसे बनवाने के लिए हमे बैंक जाना पड़ता है। अब इस विषय में आप सभी सोच रहे होंगे कि DD बनवाने के लिए बैंक में अकाउंट यानिकि खाता होना आवश्यक है। इसमें बता दें कि डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के लिए बैंक में खाता होना ज़रूरी नहीं है। मगर, इसमें कुछ शुल्क बैंक में देना पड़ता है। इस शुल्क के बदले में बैंक डिमांड ड्राफ्ट तैयार कर देता है। यह तो आप पहले ही जान गए है। अब प्रश्न आता है कि यह डिमांड ड्राफ्ट कैसे बनाए। इसके उत्तर में बता दें कि डिमांड ड्राफ्ट offline और online दोनों माध्यमों के तहत ही बनाया जा सकता है। और यह दोनों प्रक्रिया के बारे में हमने नीचे विस्तार से वर्णन किया है। Offline डिमांड ड्राफ्ट बनाने की प्रक्रियापहले जब नेट बैंकिंग का प्रचलन नहीं था तब ऑफलाइन के माध्यम से यानिकि बैंक में जा के डिमांड ड्राफ्ट बनवाया जाता था। परन्तु, आज इस नेट बैंकिंग की ज़माने में भी ज़्यादातर ग्राहक बैंक में जा के यानिकि ऑफलाइन ही DD बनवाना पसंद करते है। क्यों की यह प्रक्रिया बोहोत आसान है। Offline में डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के लिए आपको बैंक जाना आवश्यक है। अब offline डिमांड ड्राफ्ट बनाने के लिए आपको कुछ आसान प्रक्रिया का पालन करना होगा। और, इन सारे प्रक्रिया के बारे में हमने नीचे बताया है। जैसे
इसमें एक बात का ध्यान देना जरूरी है कि यदि आपका बैंक में अकाउंट है तब आप चेक के द्वारा भी स्थानांतरण राशि भेज सकते है। मगर, यदि आपका बैंक अकाउंट नहीं है तब आप नगद पैसा ही जमा कर सकते है। ऊपर में बर्णन किए गए सारे नि़योमों का सम्पूर्ण रूप से पालन करने के बाद, अंत में बैंक कैशियर आपको Demand Draft बना के देगा। और, इस डिमांड ड्राफ्ट का दो हिस्सा होता है जिसका एक हिस्सा आपके पास रहेगा स्लिप के रूप में। और, दूसरा हिस्सा DD के लिए किए गए फॉर्म के साथ जोड़ कर उसे भेज दिया जाएगा। Online माध्यम से डिमांड ड्राफ्ट बनाने की प्रक्रियाOffline में डिमांड ड्राफ्ट बनवाने की नियोमों के विषय में आपने जानकारी प्राप्त किया है। अब जान लेते है online के माध्यम से डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के लिए भी जिन सारे नियमों का पालन करना पड़ता है, उन सारे नियमों के विषय में। जैसे
यहां एक बात का जानकारी रहेना आवश्यक है कि यदि आप Collecting Personal में क्लिक करते है तब आपको बैंक मे जाके डिमांड ड्राफ्ट कलेक्ट करना होगा। यदि, आप courier पर क्लिक करते है तब आपको DD by post मिलेगा और इस के लिए आपको अतिरिक्त 50 रुपया चार्ज देना पड़ेगा।
ऐसे ही आप आसानी से ऑनलाइन के माध्यम से डिमांड ड्राफ्ट बनवा सकते है। मगर, एक ज़रूरी बात है कि यदि आप ऊपर में बताए गए प्रक्रिया के तहत collecting personal में क्लिक करते है तब आपको इस प्रक्रिया के तहत एक स्लिप मिलेगा जिसे प्रूफ के तौर पर आपको बैंक में लेके जाना होगा और, वहां उसे दिखाने से आप आसानी से Demand Draft प्राप्त कर पाएंगे। ध्यान दें “Demand Draft के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करने के विषय में यदि आप ₹50,000 से ज़्यादा भुगतान करना चाह रहे है, तब आपको अपनी PAN कार्ड की डिटेल्स देनी होगी।” “डिमांड ड्राफ्ट के लिए निर्धारित शुल्क विभिन्न बैंक के लिए बिभिन्न होता है।” “Online के माध्यम से डिमांड ड्राफ्ट बनवाने की प्रक्रिया सभी बैंकों में एक ही जैसा है।” चेक और डीडी मे क्या फर्क हैफंड ट्रांसफर की बात की जाए तब सबसे पहले चेक की बात ही हमारे ज़हन मे आता है। परन्तु, बर्तमान समय में फंड ट्रांसफर करने की माध्यम में से चेक के तुलना में डिमांड ड्राफ्ट का ही इस्तेमाल होता है। और, यह डिमांड ड्राफ्ट के बिषय में जानकारी तो आप इस पोस्ट के द्वारा पहले ही प्राप्त किए है। फिर भी बोहोत सारे लोगों को चेक और डिमांड ड्राफ्ट एक ही जैसा लगता है। क्यों की चेक और डिमांड ड्राफ्ट दोनों ही एक कागज का पन्ना है जिसे बैंक में जमा देना पड़ता है और दोनों के जरिए ही पैसा ट्रांसफर होता है। परन्तु, फिर भी बता दे कि चेक और DD में अंतर है। जैसे बैंक में यदि अकाउंट नहीं है तब चेक खारिज कर दिया जाता है। दूसरी तरफ, बैंक में एकाउंट नहीं होते हुए भी डिमांड ड्राफ्ट खारिज नहीं होता है। ऐसे ही और भी अंतर है चेक और डीडी में। अब चेक और डीडी में क्या फर्क है इसके बारे में हमने नीचे वर्णन किया है।
DD के फायदाडिमांड ड्राफ्ट के कुछ महत्वपूर्ण फायदा है
DD के नुक़सानअब तक इस पोस्ट में डिमांड ड्राफ्ट के सुविधाओं के विषय में आपने पड़ा। मगर, यह डीडी का कुछ नुक़सान भी है। जैसे, डिमांड ड्राफ्ट का एक बड़ा नुकसान यह है कि यदि यह डिमांड ड्राफ्ट खो जाता है, चोरी हो जाता है, या बदल जाता है, और राशि गलत व्यक्ति के पास चला जाता है, तब बैंक खोए हुए राशि को बदलने के लिए जिम्मेदार नहीं होता है। और, ऐसे मामलों में बहुत सारा पैसा खो जाने का डर भी रहेता है, खासकर जब से बैंक ड्राफ्ट आमतौर पर बड़ी खरीदारी के लिए उपयोग किए जाने लगे है। डीडी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न उत्तर-1. Negotiable Instrument क्या है? नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट है कुछ विशिष्ट तरह का दस्तावेज जो Business और financial transaction से संबंधित होता है। 2. डिमांड ड्राफ्ट कितने प्रकार के होते है? डिमांड ड्राफ्ट दोनों प्रकार के होते है जैसे एक है साइट डीडी और, दूसरा है टाइम डीडी। सारांश आज के इस पोस्ट पर हमने DD क्या है, कैसे बनवाए, इसके फायदे व नुकसान के बारे में पूरे विस्तार में बताया है। हमें उम्मीद है आज के ईस ब्लॉग पोस्ट को पढ़कर आप जरूर जान गए होंगे DD क्या है, कैसे बनवाए, इसके फायदे व नुकसान के विषय में। यदि इस पोस्ट को पढ़कर आपके मन में DD क्या है, कैसे बनवाए, इसके फायदे व नुकसान से संबंधित कोई सवाल है, तो आप बेजिजक नीचे कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके हमें पूछ सकते हैं। अगर आपको लगे की यह पोस्ट आप सभी के लिए उपयोगी है, तब आप LogicalDost के और भी कई पोस्ट को पढ़ सकते हैं। आपके काम की अन्य पोस्ट:-
डीडी का मतलब क्या होता है हिंदी में?डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) कैशलेस ट्रांजेक्शन का एक माध्यम है। इसे किसी भी बैंक से बनवाया जा सकता है। डीडी जिस व्यक्ति के नाम पर बनाया जाता है उसी के अकाउंट में यह ट्रांसफर होता है। डीडी की एक और खास बात यह है कि डीडी बनवाने वाले का उस बैंक में अकाउंट होना जरूरी नहीं है।
DD बनवाने में कितना खर्चा आता है?जब कोई ग्राहक डिमांड ड्राफ्ट बनवाने के लिए किसी बैंक में जाता है, तो उसे बैंक को शुल्क देना होता है, जिसे केवल डिमांड ड्राफ्ट शुल्क के रूप में जाना जाता है।
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डिमांड ड्राफ्ट शुल्क. डीडी कैसे भरी जाती है?डिमांड ड्राफ्ट का फॉर्म बैंक से लिया जा सकता है या ऑनलाइन भरा जा सकता है। आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों को भरने की आवश्यकता है जैसे कि आपके ड्राफ्ट के लिए भुगतान करने का तरीका (चेक या नगद), लाभार्थी का नाम, ड्राफ्ट को इनकैश करने का स्थान, चेक नंबर, आपका बैंक अकाउंट नंबर, हस्ताक्षर, आदि।
डीडी और चेक में क्या अंतर है?चेक और DD दोनों से ही किसी बैंक खाते में पैसे भेजे जा सकते हैं. चेक के लिए चेकबुक होती है, जो ग्राहक के बैंक खाते पर जारी होती है. लेकिन DD बैंक में जाकर ही बनवाया जा सकता है. DD बनवाने के लिए ग्राहक का बैंक में खाता होना जरूरी नहीं है.
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