Show
हरिभूमि महिलाओं में बच्चेदानी खराब होने के कारण, लक्षण और उपचार
अगर आप कई बार कोशिश करने के बाद भी कंसीव करने में परेशानी महसूस कर रही हैं, इसके साथ पेट के निचले हिस्से और कमर में दर्द होना, पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग होना, शारिरीक कमजोरी भी फील करती हैं, तो ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह पर गर्भाशय संबंधी कुछ टेस्ट करवाना उपयोगी हो सकता है। ऐसे में आज हम आपको महिलाओं में बच्चेदानी की समस्या को पहचानने के लिए उसके कारण, लक्षण और उपचार बता रहे हैं। महिलाओं के शरीर में गर्भाशय वो जगह होती है, जहां स्पर्म धीरे-धीरे शिशु के रुप में आकार लेता है। ये 7.5 सेमी लम्बा, 5 सेमी चौड़ा तथा इसकी मोटाई 2.5 सेमी की होती है। गर्भाशय का चौड़ा भाग ऊपर की तरफ होता है और फंडस कहलाता है जबकि पतला भाग नीचे की तरफ होता है इस्थमस कहा जाता है। Bachchedani ka size kitna hona chahiye ? किसी भी महिला के लिए गर्भधारण करने के लिए एक बच्चेदानी का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यही वह अंग है जो प्रजनन के दौरान गर्भधारण करने के लिए उत्तरदायित्व निभाता है ऐसे में एक महिला को गर्भ धारण करने के लिए बच्चेदानी का साइज कितना होना चाहिए | यह भी बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यदि बच्चेदानी का आकार छोटा है तो गर्भधारण करने में दिक्कत होती है यदि बहुत बड़ा है तो भी गर्भधारण करने में समस्या है ऐसे में गर्भधारण करने के लिए बच्चेदानी का साइज भी पूर्ण रूप से सही होना जरूरी है । गर्भधारण करने के बाद यूट्रस का साइज बदल जाता है एक स्त्री 9 महीने गर्भ धारण करती है ऐसे में हर महीने गर्भाशय का भी साइज बदलता रहता है क्योंकि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है वैसे वैसे गर्भाशय का साइज भी फैलता रहता है ऐसे में यदि किसी भी महिला का गर्भाशय साइड में छोटा या बड़ा हो जाता है तो प्रेगनेंसी के बाद काफी दिक्कत होती हैं । गर्भ धारण करने से पहले महिलाओं की गर्भाशय की लंबाई चौड़ाई लगभग 8 सेंटीमीटर और 5 सेंटीमीटर होती है जिसकी औसतन आयतन 80 और 200 मिलीलीटर होता है | यह गुदा और मूत्राशय के मध्य पेल्विस के नीचे स्थित होता है। आइए जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय यानी यूट्रस में क्या बदलाव आते हैं किस प्रकार से इनका साइज बढ़ता है | यूट्रेस का साइज कितना होता है ? What is the size of the uterus ?गर्भधारण करने के बाद जैसे-जैसे गर्व बढ़ता है गर्भाशय का आकार और आकृति में बदलाव प्रारंभ हो जाता है गर्भधारण करने के बाद गर्भाशय लगभग 500 से 1000 * चौड़ा हो जाता है और हर तिमाही यूट्रस में बदलाव दिखाई देने लगता है | पहली तिमाही में गर्भाशय का आकार कितना होता है ? size of the uterus in the first trimesterगर्भधारण करने के लिए 12 हफ्ते में गर्भाशय का साइज छोटा ही रहता है इसके बाद जब गर्भाशय में गर्भ बड़ा होने लगता है तो गर्भाशय का आकार बढ़ना प्रारंभ हो जाता है मूत्राशय पर दबाव बढ़ने लगता है महिला को बार बार पेशाब की समस्या उत्पन्न होती है| यदि किसी भी महिला को जुड़वा संतान है तो यूट्रस ज्यादा तेजी से खिंचाव महसूस करता है जिसकी वजह से मूत्राशय पर भी अधिक दबाव पड़ता है इस दौरान गर्भाशय की साइज बढ़ने लगती है |
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में गर्भाशय का आकार कितना होता है ? Uterine size in the second trimesterगर्भावस्था के दौरान दूसरी तिमाही में गर्भाशय पपीते के आकार का हो जाता है गर्भाशय ऊपर की ओर बढ़ने लगता है |12 हिस्से के बाहर विकसित हो जाता है गर्भधारण की दूसरी तिमाही में लिगामेंट और युटेरस के आसपास की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है जिससे शरीर में दर्द ऐंठन शुरुआत हो जाती है। महिला को कभी कभी काफी दर्द उत्पन्न होता है और पेट में दर्द महसूस होता रहता है। गर्भावस्था की तीसरी तिमाही गर्भाशय का आकार कितना होता है ? third trimester uterus sizeगर्भावस्था के अंतिम तिमाही में गर्भाशय का आकर तरबूज के समान बड़ा हो जाता है गर्भाशय प्यूबिक क्षेत्र से पसलियों तक फैल जाता है पेट में बहुत बड़ा आकार बन जाता है महिला को चलने फिरने में उठने बैठने में दिक्कत महसूस होने लगती हैं क्योंकि गर्भाशय पूरी तरह से आकार में फैल चुका होता है जिससे वह किसी भी प्रकार के भारी भरकम कार्य करने में दिक्कत होती है | डिलीवरी के बाद गर्भाशय का आकार कितना होता है ? Uterus size after deliveryडिलीवरी के बाद गर्भाशय वापस अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है परंतु अपनी पूर्व स्थिति को प्राप्त करने के लिए गर्भाशय को कम से कम 6 से 8 सप्ताह का समय लग जाता है उसके बाद गर्भाशय पूरी तरह से अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है |
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भाशय के कार्य क्या है ? function of uterusगर्भावस्था के दौरान गर्भाशय गर्भ में कई प्रकार के कार्य करता है बच्चे के पोषण के लिए और विकास के लिए प्लेसेंटा का निर्माण करता है और पोषण देने के लिए रक्त वाहिकाओं का विकास करता है डिलीवरी के दौरान बच्चे को बाहर आने के लिए संकुचन प्रक्रिया करता है तथा प्रसव के बाद उन्हें गर्भधारण और मासिक के लिए तैयार होता है। यूट्रेस का सामान्य साइज क्या है ? normal size of uterusप्यूबर्टी से पहले यूट्रेस लगभग 3.5 सेमी लंबा होता है और इसकी थिकनेस 1.4 सेमी होती है। प्यूबर्टी के बाद यूट्रेस की लंबाई 5 और 8 सेमी होती है और चौडाई 3.5 सेमी होती है। इसकी थिकनेस 1.5 और 3 सेमी तक होती है। प्रेगनेंसी के नौवें महीने में यूट्रेस की लंबाई 38 सेमी और चौडाई 24 से 26 सेमी होता है। महिला के बच्चेदानी कितनी होती है?गर्भाशय स्त्री जननांग है। यह 7.5 सेमी लम्बी, 5 सेमी चौड़ी तथा इसकी दीवार 2.5 सेमी मोटी होती है।
बच्चेदानी निकालने के बाद क्या होता है?Women health: क्या होता है जब महिला के शरीर से निकालना पड़ता है यूट्रस, क्या-क्या होते हैं Side effects. संक्रमण का खतरा ... . दर्द का अहसास होना ... . आसपास के अंगों में चोट लगना ... . एनीमिया की संभावना ... . जल्दी मीनोपॉज आना ... . योनि को होता है नुकसान ... . कैंसर का रिस्क बढ़ाए ... . दर्दनाक सेक्स. क्या पुरुषों में बच्चेदानी होती है?पीएमडीएस से पीड़ित पुरुष में सामान्य पुरुष प्रजनन अंग और सामान्य पुरुष बाहरी जननांग होते हैं. लेकिन उनके शरीर में गर्भाशय और फ़ैलोपियन ट्यूब (महिला प्रजनन अंग) भी होते हैं. गर्भाशय और फ़ैलोपियन ट्यूब एक संरचना से विकसित होते हैं जिसे म्यूलेरियन डक्ट (वाहिनी) कहा जाता है.
|