नवजात शिशु को गैस क्यों बनती है - navajaat shishu ko gais kyon banatee hai

अगर आप अभी हाल ही में मां बनी हैं, तो हर रोज आप एक नए अनुभव से गुजर रही होंगी। इन्हीं में से एक है बेबी का रोना। आप अनुभव करेंगी कि हर बार बेबी के रोने का तरीका अलग होता है। और यह लिंक होता है उसे होने वाली समस्या के साथ। कई बार बेबी के लगातार रोने की वजह उसका पेट फूलना यानी ब्लोटिंग भी हो सकती है। आइए जानें क्या है इसका कारण और आप इससे कैसे बेबी को बचा सकती हैं। 

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नवजात शिशुओं का मां को विशेष ध्यान रखना पड़ता है। कई बार मां अपने नवजात शिशु का पेट फूलने (Bloating) से अत्यधिक चिंतित हो जाती है। हालांकि, ब्लोटिंग का कारण पता चल जाए, तो उसका सही उपचार किया जा सकता है। 

क्या हैं शिशुओं में पेट फूलने के कारण 

आपको बता दें शिशु को जल्दीबाजी में स्तनपान कराने या ज्यादा दूध पिलाने के कारण ब्लोटिंग की समस्या आ सकती है। दरअसल, दूध में लैक्टोज नामक तत्व पाया जाता है। इसी कारण नवजात को पेट में कब्ज की समस्या आ जाती है। जिससे कई बार बच्चे को मल त्यागने में भी परेशानी आती है। 

लखनऊ के डफर‍िन हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग व‍िशेषज्ञ डॉ. सलमान खान, शिशुओं को होने वाली ब्लोटिंग के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। उनके सुझावों को अमल करके आप भी ब्लोटिंग की समस्या आने पर अपने बच्चे की अच्छे से देखभाल कर सकते हैं।  

शिशुओं में पेट फूलने के लक्षण (Symptoms of stomach bloating in newborns) 

डॉ. खान का कहना हैं कि शिशुओं में ब्लोटिंग की समस्या आने पर बच्चा दूध पिलाने के बाद भी रोता रहता है। ऐसे में तुरंत अपने बेबी का पेट चेक करें और पता लगाए कि पेट पहले से ज्यादा फूला हुआ तो नहीं है। कई बार शिशु ब्लोटिंग या कब्ज होने पर दूध नहीं पीने से मना करता है। अगर, आपका बच्चा बार-बार दूध निकाल रहा है, तो समझ जाएं कि उसे दूध नहीं पच पा रहा है। इसके अलावा डकार और हिचकी भी इसके लक्षण हो सकते हैं। 

ज्यादा दूध पिलाने के कारण ब्लोटिंग की समस्या आ सकती है। चित्र: शटरस्टॉक

क्या हैं शिशुओं में ब्लोटिंग का कारण? (Causes of stomach bloating in newborns) 

नवजात में ब्लोटिंग का सबसे बड़ा कारण कब्ज है। कब्ज के कारण पेट में गैस बनती है और बच्चे का पेट फूल जाता है। दरअसल, कब्ज के कारण पेट में ऑक्सीजन, कॉर्बनडाइऑक्‍साइड, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन जैसी गैस बन जाती है। जिससे शिशु का पेट फूल जाता है और वह जोर से रोने लगता है। 

इसी तरह शिशु को जल्दबाजी में दूध पिलाने के कारण भी ब्लोटिंग की प्रॉब्लम हो जाती है। बता दें कि वयस्कों की तरह शिशुओं का पाचन तंत्र मजबूत नहीं होता है। ऐसे में उसे रुककर स्तनपान कराना चाहिए। अत्यधिक मात्रा में दूध पीने से पेट में लैक्टोज की मात्रा बढ़ जाती है। इस कारण भी ब्लोटिंग की समस्या आती है। यदि आपका बच्चा स्तनपान के बावजूद रो रहा है तो हो सकता है कि ब्लोटिंग के कारण उसका पेट दर्द कर रहा हो।  

यहां हैं कुछ घरेलू उपाय जो शिशुओं को ब्लोटिंग की समस्‍या से निजात दिला सकते हैं  (How to prevent stomach bloating in newborns) 

  1. यदि शिशु का पेट फूल गया हो, तो उसकी नाभि में हींग लगा दें। इससे ब्लोटिंग से निजात मिल जाएगी। 
  2. आपको लग रहा है कि आपके बच्चे का पेट फूला हुआ है तो धीमे-धीमे और हल्के हाथों से मसाज करें। 
  3. स्तनपान कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखकर आप शिशु को इस समस्या से बचा सकते हैं। जैसे स्तनपान के बाद शिशु की पीठ थपथपाये। इससे ब्लोटिंग की समस्या नहीं आएगी। 
  4. गैस से निजात दिलाने में डकार बेहद आवश्यक फैक्टर है। इसके लिए स्तनपान के बाद शिशु को कंधे पर लेकर थोड़ी देर घुमाये। इससे शिशु को डकार लेने में मदद मिलेगी।  

अंत में…

अपने नवजात शिशु में ब्लोटिंग की समस्या के दौरान पेरेंट्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे बुखार, उल्टी और दस्त की समस्या तो नहीं है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। 

शिशु जब दूध पीने के बाद आसानी से डकार नहीं ले पाते या पेट में गैस बन जाती है, तो वे बेचैनी महसूस करने लगते हैं। ऐसे में आप कुछ बातों पर गौर करके जान सकते हैं कि आपका बच्चा गैस बनने से परेशान है। इसे दूर करने के लिए आप नीचे बताए गए लक्षणों और उपायों को अपना सकते हैं।

Gas Problem in Newborn Baby in Hindi: मां का दूध पीने वाले शिशुओं में अक्सर गैस की समस्या (Gas Problem in Newborn Baby) होती है। कई बार दूध पीने के बाद वे सही से डकार नहीं ले पाते हैं, जिससे उन्हें तकलीफ होने लगती है। वे बेचैन रहते हैं, रोते हैं। गैस होने की समस्या शिशुओं (Baby Care) में कॉमन है, लेकिन बार-बार ऐसा होना उनकी सेहत के लिए सही नहीं होता है। कई बार बच्चे आसानी से गैस पास करते हैं, लेकिन जब गैस पास सही से नहीं होता है या डकार नहीं आती, तो वे रातभर बेचैनी महसूस करते हैं। शिशु के पेट में दर्द भी शुरू हो सकता है। ऐसे में आप कुछ बातों पर गौर करके जान सकते हैं कि आपका बच्चा गैस बनने से परेशान है। इसे दूर करने के लिए आप नीचे बताए गए लक्षणों और उपायों को अपना सकते हैं।

शिशुओं में गैस बनने के लक्षण (Common Symptoms of Gas in Baby)

बच्चे दिन भर में 10-20 बार गैस पास (bacho ke pet me gas) कर सकते हैं। दरअसल, शिशु दिन भर में कई बार अपनी मां का दूध पीते हैं। एक से दो साल के बच्चे कुछ खाते-पीते भी हैं, जो गैस बनने का कारण हो सकता है। छोटे बच्चे कई बार छोटी-मोटी चीजें खाते भी रहते हैं। कुछ आसानी से पच जाते हैं, तो किसी भोजन को पचने में समय लगता है। ऐसे में पेट में गैस फॉर्म हो सकता है। जब यह गैस शरीर से बाहर नहीं निकलता है, तो वे परेशान होते हैं, पेट दर्द से खीजते हैं। ऐसा शिशु के पाचन क्रिया में परेशानी होने से भी होता है। गैस बनने के लक्षणों को इन बातों से पहचानें-

  • गैस पास नहीं कर पा रहा हो, पेट टाइट या फूला हुआ (symptoms of gas in a baby in Hindi) हो। असहज महसूस कर रहा हो।
  • बच्चा अपना पैर ऊपर-नीचे कर रहा हो, तो उसे गैस की समस्या है।
  • लगातार रो रहा हो, नींद ना आती हो, बेचैन महसूस करे।
  •  गैस पास करते समय या तुरंत बाद रोना।

1. दूध पिलाते वक्त सिर को रखें ऊंचा

बोतल से दूध पिलाते हैं, तो शिशु (Gas Problem in Newborn Baby in Hindi) का सिर पेट से थोड़ा ऊपर रखें। ऐसा करने से दूध पीने के दौरान बनने वाला गैस ऊपर की तरफ आ जाएगा। वह आसानी से डकार लेकर गैस बाहर निकल सकता है। बोतल को भी ऊपर ही रखना चाहिए, ताकि उसमें बुलबुले नहीं बन पाएं।

2. दूध पिलाने के बाद दिलाएं डकार

लगातार शिशु का पेट दर्द कर रहा है, तो उसके पेट को छूकर देखें। बहुत आधिक टाइट तो नहीं है पेट। गैस का दर्द कम करने के लिए जैसे ही बच्चे को कुछ खिलाएं, उसे सबसे पहले डकार भी कराएं। अगर उसके बाद भी उसे परेशानी हो, तो उसे पीठ के बल लिटाकर दोबारा प्रयास करें।

3. डॉक्टर से तुरंत करें बात

2-3 दिन से बच्चा परेशान है, लगातार रो रहा है तो डॉक्टर से तुरंत मिलें। शिशुओं को खट्टे फलों का जूस ना पिआएं। इनमें ऐल्कोहल, शुगर आदि अधिक होते हैं, जिस शिशु नहीं डाइजेस्ट कर सकता है।

4. बच्चे को गुनगुने पानी से नहलाएं 

बच्चे का पेट फूला नजर आए, तो उसे पीठ के बल लिटाकर उसकी मालिश करें। बच्चे के पैरों को चलाएं। उसे गुनगुने पानी से नहलाएं। इससे भी पेट में बना गैस बाहर निकलने में आसानी होती है।

नवजात शिशु के पेट में गैस होने पर क्या करें?

हींग लगाएं- शिशु को पेट में दर्द और गैस की समस्या होने पर हींग का इस्तेमाल करें. ... .
बोतल चेक करें- कई बार हम बच्चे को जल्दी और ज्यादा मात्रा में दूध पिलाने के चक्कर में बोतल का छेद मोटा कर देते हैं. ... .
पेट के बल लिटा दें- अगर बच्चे को पेट में गैस हो रही है तो उसे पेट के बल लिटा दें..

1 महीने के बच्चे के पेट में गैस बन जाए तो क्या करें?

शिशु के पेट की मालिश करें शिशु के पेट पर हल्के हाथों से मालिश करना उसे आराम देने के साथ-साथ गैस बाहर निकालने में भी मदद कर सकता है। और कुछ नहीं तो इससे उसके पेट को आराम मिलेगा। आप अपने शिशु को अपने घुटनों पर आड़ा करके लिटा सकती हैं, उसका पेट नीचे की तरफ होना चाहिए और आप उसकी पीठ को मलें।

नवजात शिशु का पेट क्यों फूल जाता है?

अगर आप अपने बच्‍चे को हेल्‍दी रखने की मंशा से ज्‍यादा दूध पिलाती हैं या ऐसी चीजें खिला रही हैं जिसमें लैक्‍टोज होता है तो बच्‍चे का पेट फूल सकता है। इस स्थिति में बच्‍चे का पेट फूलता है और पेट में दर्द भी होता है। अगर बच्‍चा बहुत हैवी डाइट ले रहा है तब भी पेट फूल सकता है

नवजात शिशु 1 दिन में कितनी बार पॉटी करता है?

हां, यह एकदम सामान्य है। कुछ शिशु हर बार दूध पीने के बाद मल कर देते हैं और वहीं कुछ शिशु दो से तीन दिन में मलत्याग करते हैं। दूध पीने के बाद हर बार मलत्याग करना वास्तव में इस बात का अच्छा संकेत है कि आपका शिशु पर्याप्त दूध पी रहा है। जब आपके शिशु का पेट भर जाता है, तो दूध उसके पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।