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दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां रात 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज छिपता (The Midnight Sun in Norway) है और महज 40 मिनट के अंतराल पर फिर से उग आता हैNorway sun नई दिल्ली: हमारी दुनिया में कई जगह ऐसी है जो अजीबोगरीब रहस्यो से भरी पड़ी है। जहां पर कुछ ना कुछ ऐसी चीजें घटित होती है जो हैरान कर जाती है जिस तरह से एक जगह ऐसी है जहां पर दिन काफी बड़ा और रात महज 40 मिनिट की होती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस जगह पर सूर्य शाम को नही बल्कि रात के 12 बजकर 43 मिनट पर (The Midnight Sun in Norway) ढलता है और महज 40 मिनट के बाद फिर से निकल आता है। 40 Minutes Night: यूरोप का ये देश अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. यहां 40 मिनट की रात होने के चलते इसे 'कंट्री ऑफ मिडनाइट सन' भी कहा जाता है.हैमरफेस्ट में 40 मिनट की होती है रात (Norway 40 Minute Night) प्रतीकात्मक तस्वीर Why Norway Has Only 40 Minutes Night: दुनिया में एक ऐसा स्थान है, जहां केवल 40 मिनट की ही रात होती है. ये सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है लेकिन बिलकुल सच है. इस जगह पर रात के 12:43 बजे सूरज ढलता है लेकिन फिर 40 मिनट बाद ही उजाला हो जाता है. ऐसा उत्तरी नार्वे के हैमरफेस्ट शहर में देखने को मिलता है (Norway 40 Minute Night). जहां सूरज आधी रात को ढलता है और महज 40 मिनट बाद ही पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देने लगती है. ये सिलसिला एक या दो दिन नहीं बल्कि पूरे ढाई महीने तक चलता है, इसलिए इसे ‘कंट्री ऑफ मिडनाइट सन’ भी कहते हैं. यूरोपीय देश नार्वे दुनियाभर में अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. इसके अलावा यह दुनिया के अमीर देशों में भी शुमार है. नार्वे के लोग भी अपने सेहत को लेकर काफी गंभीर रहते हैं (Which Country Only 40 Minutes Night). इस देश की सबसे बड़ी खूबी यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को माना जाता है. ये देश आर्कटिक सर्कल के अंदर आता है, जिसके चलते यहां मई से जुलाई के बीच 76 दिनों तक सूरज अस्त नहीं होता है. क्यों होती है इतनी छोटी रात?वहीं 40 मिनट की रात के पीछे का कारण एक खगोलीय घटना है. 21 जून और 22 दिसंबर को सूरज की रोशनी धरती के सभी भागों में समान रूप से नहीं फैलती है. धरती अपने तल से 66 किलोमीटर का कोण बनाते हुए घूमती है. जिसके चलते पृथ्वी का अक्ष सीधा ना होकर 23 डिग्री तक झुक जाता है (Which Country Only 40 Minutes Night). इसी के कारण दिन और रात के समय में अंतर हो जाता है. नार्वे में 40 मिनट की रात का संबंध 21 जून वाली स्थिति से है. बेहद खूबसूरत है हैमरफेस्टये वो समय होता है, जब धरती का पूरा हिस्सा 66 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 90 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक सूर्य के प्रकाश में रहता है और यही कारण है कि सूर्य केवल 40 मिनट के लिए अस्त होता है (Hammerfest Night). हैमरफेस्ट की अन्य खूबियों की बात करें, तो यह एक बेहद ही खूबसूरत स्थान भी है. यहां के लोग सामान्य और स्वस्थ जीवन जीने में रुचि रखते हैं. नार्वे की प्राकृतिक सुंदरता देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं. यह भी पढ़ें- NASA ने 60 साल पहले महिला होने की दी थी ‘सजा’, अब 82 की उम्र में अंतरिक्ष की सैर कर इतिहास रचेंगी Wally Funk यह भी पढ़ें- Space Travel में जेफ बोजेस से आगे निकले रिचर्ड ब्रेनसन, पहले करेंगे अंतरिक्ष की यात्रा, जानें कौन होंगे बाकी ट्रैवलर्स क्या आापको पता है सबसे कम समय के लिए रात कहां होती है? अगर नहीं पता तो चलिए हम आपको बताते हैं विदेश में बसे इस बेहद खूबसूरत शहर के बारे में। क्या आपको पता है कि दुनिया में ऐसी जगहों की कमी नहीं है, जहां सब कुछ एक समान नहीं होता। दुनियाभर में कई ऐसे देश हैं, जो अपनी किसी खास खूबी की वजह से विश्वभर में फेमस हैं। दिनभर के भागदौड़ के बाद सुकून की नींद लेना सबको पसंद होता है और ऐसे में नींद के आगे आठ से नौ घंटे की रात भी छोटी लगने लगती है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक जगह ऐसी भी है, जहां सिर्फ चालीस मिनट की ही रात होती है। दरअसल, साल के कुछ महीनों में यहां ऐसा दुर्लभ नजारा देखने को मिलता है। ये शहर बेहद खूबसूरत है और अगर आप इसके बारे में और भी ज्यादा जानकारी चाहते हैं तो इस स्टोरी को पूरा जरूर पढ़ें। आपको यह जानकर आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन यह सच है। तो चलिए जानते हैं इस शहर के बारे में। कौन सा शहर है जहां सिर्फ 40 मिनट होती है रात?यह शहर है नॉर्वे का हेमरफेस्ट, जहां रात बारह बजे होती है। यहां सूरज रात 12 बजकर 43 मिनट पर छिपता है और महज चालीस मिनट के अंतराल पर उग आता है और रात करीब डेढ़ बजे चिड़िया चहचहाने लगती हैं। यहां ऐसा एक-दो दिन नहीं होता, बल्कि यहां ऐसा ढाई महीने तक होता है, जब सूरज छिपता ही नहीं है। इसलिए इसे 'कंट्री ऑफ मिडनाइट सन' भी कहा जाता है। मई से जुलाई के बीच करीब 76 दिनों तक यहां सूरज नहीं डूबता। बता दें कि नॉर्वे आर्कटिक सर्कल के अंदर आता है। Recommended Video
आपको बता दें पूर्व दिशा में नार्वे की सीमा स्वीडन से लगी हुई है, वहीं अगर उत्तर की बात करें तो इस देश की सीमा फिनलैण्ड और रूस के बॉर्डर से लगी हुई है। नॉर्वे सिर्फ इस वजह से ही फेमस नहीं है बल्कि यह अपनी सुंदर वादियों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है, यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। आपको बता दें कि यह मुल्क दुनिया के अमीर मुल्कों में शुमार हैं। यहां के लोग अपनी सेहत को लेकर बेहद सजग हैं और हेल्दी खाना पसंद करते हैं। इसे जरूर पढ़ें: इन रेलवे स्टेशनों के मजेदार नाम सुनकर आप हो जाएंगी हैरान, जानें किन राज्यों में हैं स्थित वैज्ञानिक और खगोलीय कारणों से ऐसा होता हैअंतरिक्ष में सूर्य स्थिर है और पृथ्वी अपनी कक्षा पर 365 दिनों में उसका एक चक्कर पूरा करती है। साथ ही, वह अपने अक्ष यानी धुरी पर चौबीस घंटे में एक चक्कर पूरा करती है। पृथ्वी की सूरज की इसी परिक्रमा के कारण दिन और रात होते हैं। वहीं, हमेशा दिन और रात की अवधि बराबर नहीं होती। कभी दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं, तो कभी दिन छोटे और रातें बड़ी हो जाती हैं। दरअसल यह पृथ्वी के अक्ष के झुकाव के कारण होता है। बता दें कि पृथ्वी का कोई वास्तविक अक्ष नहीं होता, जब पृथ्वी घूमती है, तो एक उत्तर और दूसरा दक्षिण में, ऐसे दो बिंदु बनते हैं, जिन्हें एक सीधी रेखा से जोड़ दिया जाए तो एक धुरी बनती है। पृथ्वी अपने तल से 66 डिग्री का कोण बनाते हुए घूमती है, इस वजह से इसका अक्ष सीधा ना होकर तेईस डिग्री तक झुका हुआ है। अक्ष के झुकाव की वजह से ही दिन और रात छोटे-बड़े होते हैं। इक्कीस जून और बाईस दिसंबर ऐसी दो तारीखें हैं, जब सूरज की रोशनी पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण धरती में समान भागों में नहीं फैलती। लिहाजा दिन और रात के समय में फर्क आ जाता है। नॉर्वे में मिडनाइट सन की स्थिति भी इक्कीस जून जैसी स्थिति है। इस समय 66 डिग्री उत्तर अक्षांश से 90 डिग्री उत्तर अक्षांश तक का धरती का पूरा हिस्सा सूर्य की रोशनी में रहता है। इसका मतलब यह है कि यहां दिन ज्यादा समय रहता है और रात कम होती है। इसी वजह से नॉर्वे में यह विचित्र घटना होती है। इसे जरूर पढ़ें: मध्यप्रदेश में खदान की खुदाई के दौरान मिला बेशकीमती हीरा, जानें क्या है इसकी खासियत अगर नॉर्वे जाने का मौका मिले तो मई से जुलाई में जाएं और इस अनोखी घटना को अनुभव करें। वैसे नॉर्थ पोल के पास के लगभग सभी देशों में आपको ऐसी अनोखी घटनाएं देखने को मिलेंगी तो ध्यान रखें। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो जुड़ी रहिए हमारे साथ। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए पढ़ती रहिए हरजिंदगी। Photo courtesy- (freepik.com, i.ytimg.com) क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। नॉर्वे में 40 मिनट की रात क्यों होती है?नॉर्वे में 40 मिनट की रात 21 जून वाली स्थिति से होती है। इस समय 66 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 90 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक का धरती का पूरा हिस्सा सूरज की रोशनी में रहता है। जिससे सूरज सिर्फ 40 मिनट के लिए ही डूबता है।
नार्वे में दिन रात कैसे होते हैं?पृथ्वी के झुकाव की वजह से नॉर्वे की जमीन का पूरा हिस्सा सूरज की रोशनी में रहता है। इसका मतलब ये है कि यहां 24 घंटे दिन रहता है, रात होती ही नहीं. इसी वजह से नॉर्वे में ये विचित्र घटना होती है और आप आधी रात के वक्त भी यहां सूरज उगता देख सकते हैं।
कौन सा देश है जहां 6 महीने रात 6 महीने दिन होता है?लेकिन अंटार्कटिका एक ऐसी जगह है जहां सिर्फ 2 ही मौसम होते हैं. सर्दी और गर्मी. इसके साथ ही यहां पर 24 घंटे में दिन और रात में कोई तब्दीली नहीं आती है. बल्कि यहां पर साल के 6 महीने अंधेरे में डूबे रहते हैं, और बाकी 6 महीने उजाला यानी दिन रहता है.
नार्वे में लोग कब सोते हैं?आपको बता दें कि यहां नार्वे में गर्मियों में सूर्य मई के मध्य से जुलाई के अंत तक कभी नहीं अस्त होता है. इस समय के दौरान यहां रात में भी काफी उजाला रहता है. सबसे बड़ी खास बात यह है कि सर्दियों के दो महीनों में यहां सूर्य के दर्शन ही नहीं हो पाते हैं, इसका मतलब ये है कि यहां पूरी तरह रात रहती है.
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