मेथेन (Methane) : परिचय, निर्माण की विधियां, गुण सूत्र - CH4 निर्माण की विधियाँ सोडा लाइम एक भाग कॉस्टिक सोडा तथा तीन भाग बुझे हुए चूने को गर्म करके बनाया जाता है। इसमें NaOH तथा CaO होते हैं। NaOH अभिक्रिया में भाग लेता है तथा CaO अभिक्रिया के लिये प्रयुक्त काँच के उपकरण को NaOH द्वारा खराब होने से बचाता है। इस विधि से प्राप्त मेथेन गैस को पानी के ऊपर एकत्रित करते हैं। इसमें एथिलीन और हाइड्रोजन गैस अशुद्धियों के रूप में उपस्थित रहती है। अशुद्धियों को दूर करने के लिये अशुद्ध गैस को पोटैशियम परमैगनेट के विलयन में से प्रवाहित करते हैं। इस प्रकार शुद्ध मेथेन गैस प्राप्त हो जाती है।
3. ऐलुमिनियम कार्बाइड से - ऐलुमिनियम कार्बाइड पर जल या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से कमरे के ताप पर ही मेथेन गैस प्राप्त हो जाती है। इसे जल के ऊपर एकत्रित कर लेते हैं। इसमें हाइड्रोजन गैस अशुद्धि के रूप में उपस्थित रहती है। Al4C3 + 12H2O → 3CH4 + 4Al(OH)3 ऐलुमिनियम मेथेन कार्बाइड भौतिक गुण (Physical
Properties)
रासायनिक गुण (Chemical Properties) CH + 2O2 → CO2 + 2H2O CH4 + Cl2 → HCI + CH3CI (मेथिल क्लोराइड ) CH3Cl + Cl2 → HCl + CH2Cl2
(डाइ-क्लोरो मेथेन) CHCI3 + Cl2 → HCl + CCI4 (कार्बन टेट्रा-क्लोराइड) 3. नाइट्रिक अम्ल से अभिक्रिया : 400°C पर नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करके यह नाइट्रोमेथेन बनाती है। इस अभिक्रिया में मेथेन का एक हाइड्रोजन परमाणु एक नाइट्रो समूह द्वारा विस्थापित हो जाता है। अतः यह अभिक्रिया भी मेथेन की विस्थापन अभिक्रियाओं का एक उदाहरण है। 4. नियन्त्रित ऑक्सीकरण : 200-400°C. व 100-150 वायुमण्डलीय दाब पर तथा MoO3 की उपस्थिति में ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके यह मेथिल ऐल्कोहॉल (CH3OH) बनाती है। 2CH4 + 2O2 → 2CH3OH 2CH4 + 2O3 → 2HCHO + 2H2O + O2
CH 4 →1000°C → C +2H2 उपयोग (Uses)
|